दोस्तो इस लेख में एकांत का पर्यायवाची शब्द ekant ka paryayvachi shabd या एकांत का समानार्थी शब्द ekaant ka samanarthi shabd के बारे में बताया गया है । इसके अलावा एकांत के बारे में बहुत कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है तो लेख को देखे ।
शब्द {shabd} | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द { paryayvachi shabd samanarthi shabd} |
एकान्त | वीरान, अकेला, निर्जन, शान्त, इकन्त, विथावान, एकाकी, जनशून्य, शून्य, निभृत, सूनसान, तनहा, निराला, सूना, एकान्त स्थल, एकान्तवास, अकेलापन । |
ekant | veerana, akela, nirjan, shant, ekant, vatavaran, ekaki, janashoony, shoonya, nibhrt, soona saan, tanha, nirala, soona, ekant sthal, ekant vaas, akelaapan . |
Solitude | Desolated, lonely, desolate, quiet, lonely, desolate, lonely, massless, void, emptied, deserted, lonely, wacky, deserted, lonely place, solitude, solitude, alone, lone, only, single, solitary. |
1. वीरान (Veeran)
2. अकेला (Akela)
3. निर्जन (Nirjan)
4. शान्त (Shant)
5. इकन्त (Ekant)
6. विथावान (Vithavan)
7. एकाकी (Ekaki)
8. जनशून्य (Janashoonya)
9. शून्य (Shoonya)
10. निभृत (Nibhrit)
11. सूनसान (Sunsaan)
12. तनहा (Tanha)
13. निराला (Nirala)
14. सूना (Soona)
15. एकान्त स्थल (Ekant Sthal)
16. एकान्तवास (Ekantvaas)
17. अकेलापन (Akelaapan)
दोस्तो एकान्त नाम से ही समझ में आता है की इसका अर्थ अकेला होता है । यानि जब कोई अकेला रहता है तो उसे एकान्त में रहना कहा जाता है ।
अगर किसी बच्चे का नाम एकान्त होता है तो वह अकेला रहने के जैसा व्यवाहर कर सकता है क्योकी नाम का अर्थ अकेला रहना होता है । मगर इसे अनेक अर्थों मे समझा जा सकता है जैसे –
एकांत एक वह अवस्था होती है जिसमें मनुष्य दूसरो के सम्पर्क में नही रहता है यानि लोगो के सम्पर्क में कमी की अवस्था को एकांत में रहना कहा जाता है । हालाकी एकांत की अवस्थाओ के जीतने लाभ होते है उतनी हानी भी होती है । इसे इस तरह से समझा जा सकता है की एकांत की अवस्था में सकारात्मक और नकारात्मक दोनो प्रकार के प्रभाव पडते है ।
क्योकी व्यक्ति दूसरो के सम्पर्क ने नही रहता है तो वह अपने आप की समस्याओ को जान जान कर परेशान हो सकता है इसी के विपरित कुछ लोग दूसरो के सम्पर्क में न रह कर यानि एकांत की अवस्था में अपना ध्यान एकत्रित करने मे सफल हो चुके है । संक्षिप्त में कहे तो एकांत वह अवस्था है जिसमें मनुष्य केवल अपने अलवा किसी को देखता तक नही है ।
मनुष्य अपने जीवन में अनेक तरह की समस्याओ से झूझता रहता है जिसके कारण से उसे लगता है की मेरा इस दुनिया में कोई नही है और वह इसी सोच के कारण से अकेला रहने लग जाता है । इस तरह से अकेला रहने को ही एकांत में रहना कहा जा सकता है । हालाकी इस तरह से एकांत मे रहना मनुष्य के लिए कोई जरूरी नही होता है । अगर वह चाहता है तो एकांत मे रह सकता है वरना नही । मगर कुछ कारण ऐसे होते है जिनके चलते मुनष्य को एकांत मे रहना जरूरी भी होता है जैसे –
किसी प्रकार के मंत्रो का जाप करने के लिए भी एकांत की जरूरी होती है ।
अत एकात मनुष्य के लिए जरूरी होता है मगर यह अकेलेपन से भिन्न होता है । यहां पर एकांत में रह कर किसी प्रकार की बिमारी का पालन करते रहना यह सही नही होता है । बल्की अकेला रह कर अपने जीवन को सुधारने के कार्यो को करने के लिए एकांत जरूरी होता है ।
दोस्तो एकांत मे रहने के कारण से बहुत से ऐसे प्रभाव है जो मनुष्य के स्वास्थ्य को नुकसान पहुचाने का काम करते है । जिसके कारण से मनुष्य को सलाह तक भी दी जाती है की एकांत में अधिक समय नही गुजारना चाहिए । मगर यह लोगो के लिए ही होता है जो एकांत मे रह कर बिमारी को पालने का काम करते है । इस तरह से कुछ महत्वपूर्ण प्रभाव जो है
दोस्तो देखा जाता है की जब मनुष्य लंबे समय तक एकांत मे रहने लग जाता है तो वह चिंता को अपने जीवन में पालने का काम करता है । यानि उस व्यक्ति में चिंता की बढोतरी होने लग जाती है ।
यह चिंता किसी भी प्रकार की हो कसती है । यहां तक की छोटी सी बात की इतनी अधिक चिंता हो जाती है की मनुष्य बिमार तक हो जाती है । इस कारण से कहा जाता है की जो व्यक्ति चिंता करते है उन्हे एकांत मे अधिक समय नही गुजारना चाहिए ।
लंबे समय तक एकांत मे रहने के कारण से कुछ मनुष्यों मे किसी प्रकार का भ्रम पैदा हो जाता है जिस तरह से उनके पास कोई है और वह उनसे बाते कर रहा है। इस स्थिती में व्यक्ति मानता है की उसके पास कोई व्यक्ति रहता है जो उसकी हर बात मानता है और वह उससे बाते करता है । यह सब लंबे समय से एकांत मे रहने के कारण से हुआ है ।
यह देखा गया है जो व्यक्ति लंबे समय तक एकांत मे रहते है उनका व्यवाहर खराब हो जाता है । इस तरह से व्यवाहर में परिवर्तन के कारण से क्रोध और मारपीट करने की भावना जाग्रित हो जाती है ।
इसका सबसे अच्छा उदहारण कैदियो में देखा गया है यानि जब कैदियो को लंबे समय तक एकांत मे रखा जाता है और फिर उन्हे अन्य लोगो के समाने लाया जाता है तो वे अपने आप को असहज महसुस करते है और दूसरो पर क्रौध के साथ हमला तक कर देते है । इसके अलावा ऐसा भी हो सकता है की क्रोध के कारण से अपने आप को भी नुकसान पहुचा सकते है ।
कुछ लोगो में देखा गया है खासकर कैदियो में की जब वे जैल से रिहा होते है तो अन्य लोगो के बिच में अपने आप को सही नही समझते है और लोगो के साथ सही तरह से समय नही गुजार पाते है । इस कारण से वे हमेशा ही उन लोगो से बच कर निकलना चाहते है और जब भी एकांत मे रहने का समय मिलता है तो बहुत अधिक खुश भी होते है ।
इस तरह के कारणो के कारण से एकांत मे रहना कभी कभी नकारात्मक प्रभाव भी पैदा कर सकता है । हालाकी सकारात्मक प्रभावो की बात हमने पहले कर ली है ।
दोसतो एकांत के अंदर मानव जो होता है वह अकेला रहता है और आपको पता होगा की मानव के लिए यह उस स्थिति से निधारित होगा जिसके कारण से उसे एकांत रहना पड़ रहा है ।
जैसे की दुखो के अंदर अगर एकांत में रहा गया तो फिर क्या होता है की उस व्यक्ति के दुख और अधिक बढ जाते है । मगर उसी के विपरित अगर मानव अपने जीवन में सफल होने के लिए एकांत में रहता है तो यह मानव के लिए फायदेमंद हो सकता है ।
तो कहने का मतलब है की मानव एकांत में क्यो रहता है यह बताएगा की मानव के लिए एकांत उपयोगी है की नही ।
इस तरह से इस लेख में हमने जान लिया है की इस एकांत का पर्यायवाची शब्द क्या है और इसके अलावा एकांत के बारे में बहुत कुछ जानकारी हासिल कर ली है ।
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