20+ गंगा के पर्यायवाची शब्दो की लिस्ट, List of 20+ synonyms of river Ganges
दोस्तो इस लेंख में हम गंगा का पर्यायवाची शब्द ganga ka paryayvachi shabd या गंगा का समानार्थी शब्द ganga ka samanarthi shabd के बारे मे बात करेगे । इसके अलावा गंगा नदी के सम्पूर्ण जीवन के बारे मे यहां पर बताया गया है की गंगा नदी का जन्म कैसे हुआ और भी महत्वपूर्ण बाते । तो लेख को देखे ।
गंगा का पर्यायवाची शब्द या गंगा का समानार्थी शब्द [ganga ka paryayvachi shabd /ganga ka samanarthi shabd]
शब्द {shabd} | पर्यायवाची शब्द / समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd} |
गंगा | देवनदी, भागीरथी, मन्दाकिनी, सुरसरि, अमरतरंगिनी, देवापगा, त्रुवनन्दा, भीष्मसू, त्रिपथगा, सुरध्वनि, नदीश्वरी, मंदाकिनी, हरमौलिबिहारिणी, ध्रुवनंदा, त्रिस्त्रोता, सुरापगा, नदीश्वरी, अलकनन्दा, अध्त्रगा, जाहन्वी, विष्णुपदी । |
गंगा संस्कृत में | गङ्गा ; बांग्ला:, संथाली: । |
Ganga in hindi | Devanadi, Bhagirathi, Mandakini, Surasari, Amartarangini, Devapaga, Truvananda, Bhishmasu, Tripathaga, Surdhvani, Nadeshwari, Mandakini, Harmoulibiharini, Dhruvananda, Tristrota, Surapaga, Nadeshwari, Alaknanda, Adhtraga, Jhanvi, Vishnupadi. |
Ganga in English | god river , Bhagirathi, Mandakini, sursari , amartarangini, Devapaga , truvananda, Bhishmasu, triphaga, Surdhwani, Nadeshwari, Mandakini, Harmoulibiharini, Dhruvananda, Tristrota, Surapaga, nadeshwari, Alaknanda, Adhatraga, Jahnavi, Vishnupadi. |
20+ गंगा के पर्यायवाची शब्दो की लिस्ट, List of 20+ synonyms of river Ganges
आपने एक लिस्ट दी है जिसमें नदियों के नाम हैं। ये सभी नदियाँ भारतीय जलवायु और भूगोल में महत्वपूर्ण हैं। यहाँ वे नदियाँ हैं जिनके नाम आपने दिए हैं:
1. देवनदी (Devanadi)
2. भागीरथी (Bhagirathi)
3. मन्दाकिनी (Mandakini)
4. सुरसरि (Surasari)
5. अमरतरंगिनी (Amaratangini)
6. देवापगा (Devapaga)
7. त्रुवनन्दा (Truvananda)
8. भीष्मसू (Bhishmasu)
9. त्रिपथगा (Tripathaga)
10. सुरध्वनि (Suradhvani)
11. नदीश्वरी (Nadishvari)
12. मंदाकिनी (Mandakini)
13. हरमौलिबिहारिणी (Harmaulibiharini)
14. ध्रुवनंदा (Dhruvananda)
15. त्रिस्त्रोता (Tristroti)
16. सुरापगा (Surapaga)
17. नदीश्वरी (Nadishvari, repeated)
18. अलकनन्दा (Alakananda)
19. अध्त्रगा (Adhatraga)
20. जाहन्वी (Jahnvi)
21. विष्णुपदी (Vishnupadi)
गंगा का अर्थ हिंदी में // Meaning of Ganga in Hindi
गंगा शब्द का अर्थ एक नदी से होता है जो की भारत में है यह भारत की सबसे पवित्र नदी है और यहां पर लोगो की मान्यता भी बहुत रहती है । माना जाता है की इस नदी को भगीरथ ने लाया था । जिसके कारण से ही इस नदी को भागिरथी भी कहा जाता है । इसके अलावा गंगा नदी के कुछ सामन्य अर्थ और भी है जैसे –
- भारत की एक प्रसिद्ध एवं पवित्र नदी ।
- जिस नदी को भागीरथ ने लाया था यानि भागीरथी ।
- वह नदी जो गंगोत्री हिमनद से निकलती है यानि गंगा नदी ।
- गंगा नदी को भिष्म की मां भी कहा जाता है ।
- हिंदु धर्म की सबसे बडी पवित्र देवनदी ।
इस तरह से गंगा नदी का अर्थ एक नदी से होता है जो की भारत में है इस नदी को सबसे पवित्र रूप में देखा जाता है और इसके साथ ही हिंदू धर्म की बहुत सी भावनाए जुडी हुई है ।
गंगा नदी के पार्यायवाची शब्दो के वाक्य में प्रयोग, Use of synonyms of river Ganges in a sentence
- राहुल की मां ने उससे कहा की कल तुम्हारी दादी मेरे श्वपन मे आई थी और गंगा जाने की बात कर रही थी तो हमको कुछ ही दिनो में उन्हे गंगा नदी लेकर जाना होगा ।
- जब सुरेश की मां मर गई तो गाव के लोग कहने लगे की इन्हें गंगा कब लेकर जारहे हो ।
- कल एक साधु बाबा आया था जो गाव के लोगो को ज्ञान देते हुए कहा की जो लोग मरने के अंतिम समय पर होते है उन्हे गंगा का पानी पिलाया जाता है ।
- एक साधु बाबा ने प्रताबसिंह को कहा की जो तुमने पाप किए है उन्हे मिटाने के लिए गंगा नदी मे नहाना होगा ।
- शिक्षक ने अपने सभी विधाथियों को कहा की आपमे से सबसे अधिक समझदार गंगा है ।
- गंगा का रिश्ता लेकर आए व्यक्तियो ने जब गाव के लोगो से गंगा के बारे मे जाना तो सभी ने कहा की गंगा बिलकुल गंगानदी के अनुसार ही सबसे अनमोल है । उसके जैसा गाव में कोई नही मिलेगा आपको ।
गंगा नदी के बारे मे रोचक तथ्य // interesting facts about ganga river in hindi
- गंगा नदी को भारत की सबसे पवित्र नदी के रूप में जानी जाती है इसके अलावा गंगा नदी की लंबाई 1569 मील है ।
- हिंदू धर्म में गंगा नदी – हिंदू धर्म के लोगो का मानना है की गंगा नदी भारत की ही नही बल्की दुनिया की एक ऐसी नदी है जो सबसे पवित्र है और इस नदी का पानी इतना अधिक पवित्र होता है की जो भी कोई व्यक्ति इसमें स्नान कर लेता है उसके पापा नष्ट हो जाते है । साथ ही हिंदू धर्म का मानना है की जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसके शरीर के कुछ हिस्सो को गंगा नदी मे प्रवाहित करने के कारण से मरने वाले व्यक्ति की आत्मा को शांति प्राप्त होती है । इसके अलावा माना जाता है की गंगा नदी स्वयं भगवान शिव की जटाओ से होकर निकली है । इसी कारण से बहुत से शिव भग्त गंगा नदी मे स्नान करने के लिए भी जाते है ।
- हिंमालय के दक्षिण ढलान वाले क्षेत्र में गंगोत्री ग्लेशियर है जिससे ही गंगा नदी का पानी प्रवाहित होता हुआ भारत के हिस्सो मे जाता है ।
- गंगा नदी में पहले डॉल्फिन नामक मछली पाई जाती थी जो आज लुप्त हो गई है इसका सबसे बडा कारण गंगा नदी का प्रदूषण होना है ।
- आपको जान कर हैरानी होगी परन्तु सत्य है हिंदू इस नदी को एक देवी के रूप मे देखते है । और गंगा मैया कह कर पुकारते है ।
- भारत मे राष्ट्रीय नदी के रूप में गंगा नदी ही घोषित हुई है ।
- 16वीं तथा 17वीं शताब्दी की बात करे तो गंगा नदी को एक अलग ही रूप मे देखा जाता था क्योकी उस समय गंगा नदी का पानी घने वृषों से घटा हुआ बताया जाता है ।
- सुन्दरवन नामक एक डेल्टा है जो की गंगा नदी के उपर बना हुआ है । इस नदी के उपर बने सुन्दरवन मे बहुत से जीव रहते है । जिनमे से टाईगर भी एक है ।
- जैसा की हमने बताया की हिंदू धर्म गंगा नदी को एक देवी के रूप मे पूजते है इसके अलावा हिंदू धर्म यह भी मानता है की इस देवी का आगमन स्वर्ग से हुआ है । यह स्वर्ग वही है जहां पर विभिन्न देवी देवताओ का वास बताया जाता है और वहां का राजा इंद्र को कहा जाता है ।
- आपने देखा होगा की हिंदू धर्म के लोग गंगा नदी के पानी को अपने घर मे रखते है और आपको जान कर हैरानी होगी की वह पानी कभी भी खराब नही होता उसमे किसी प्रकार का जीव तक प्रवेश नही करता है । इसके अलावा वह पानी कभी भी सडता तक नही है । इन सब तथ्यो से ज्ञात होता की गंगा नदी का पानी हमेशा ही एक जैसा रहता है ।
- गंगा नदी का पानी कभी भी सडता नही है जब इस बारे मे वैज्ञानिको ने पता लगाया तो वैज्ञानिको ने देखा की इस पानी में कुछ छोटे छोटे जीव है । जब इन जीवो का अध्ययन किया गया तो पता चला की ये मानव और अन्य जीवो को कोई नुकसान नही पहुचाते है बल्की ये गंगा नदी के पानी को खराब नही होने देते है और वर्षों तक एक जैसा ही बनाए रखने में मदद करते है ।
- घर में गंगा जल रखने के भी अनेक कारण होते है जिनमे से किसी व्यक्ति कें अंतिम दिनो मे यानि उसके मरने के समय अगर उसे गंगाजल पिला दिया जाए तो उसके प्राण आराम से चले जाते है इसके अलावा उस व्यक्ति की आत्मा को शांति प्राप्त होती है और वह स्वर्ग को प्राप्त होता है । यह सब हिंदू धर्म के लोगो का ही मानना है ।
- इसके अलावा हिंदू धर्म के लोग गंगा नदी के पानी का उपयोग विभिन्न प्रकार के पूजा पाठ में भी करते है क्योकी उनका मानना है की गंगा नदी के पानी का उपयोग करने से पूजा पाठ करने से घर की सुद्धि होती है ।
गंगा की उत्पत्ति कैसे हुई // Origin of Ganga in hindi
गंगा की उत्पत्ति के विषय मे तीन प्रकार की मान्यताओं को देखने को मिलता है जिनमे से ब्रह्मा जी ने गंगा की उत्पत्ति की या ब्रह्मा जी से गंगा की उत्पत्ति हुई मान्यता सबसे अधिक है । मगर इसके अलावा भी पौराणिक कथाओ मे बताया जाता है की गंगा की उत्पत्ति शिव और विष्णु से जुडी है ।
ब्रह्माजी कें कंठ मण्डल से गंगा की उत्पत्ति, Origin of Ganga from the throat of Brahmaji
इस कथा के बारे में वामन पुराण में बताया जाता है की एक बार ब्रह्माजी विष्णु के चरणो को धोना चाहते थे और एक दिन ब्रह्माजी को मोका मिल गया क्योकी विष्णु जी ने एक बार वामन रूप धारण कर रखा था और उसी समय विष्णु ने अपना वह पैर आकाश की और उठा दिया ब्रह्मा जी ने मोके का फायदा उठाया और विष्णु के पैर को धो दिया ।
अब पैर को धोने के बाद मे जो जल बचा वह ब्रह्मा जी ने स्वयं ही अपने कंठ मे उतार लिया । मगर वह जल कंठ मे ही रह गया और उस जल के बाहर निकलने के कारण से एक पानी की धारा के रूप में नदी का जन्म हो गया । यह पानी की नदी और कुछ नही बल्की गंगा ही थी । इस तरह से ब्रह्मा जी के कंठ मण्डल से गंगा की उत्पत्ति हुई थी ।
गंगा पर्वतों के राजा हिमवान के घर से जन्म, Born from the house of Himavan, the king of the Ganga Mountains
पर्वतों का राजा हिमवान है और उसकी की पूत्री माता पार्वती है । हिमवान की पूत्री एक और थी जिसका नाम गंगा था । यह गंगा गंगा नदी ही है । पौराणिक कथा के अनुसार बताया जाता है की जब ब्रह्मा जी ने कंठ मण्डल से गंगा की उत्पत्ति कर दी तो वह गंगा को हिमवान के पास लेकर चले गए और हिमवान को गंगा दे दिया । हिमवान ने गंगा को स्वीकार किया और अपनी पुत्री के रूप मे देखा । इस तरह से हिमवान के घर में गंगा का जन्म हो गया । और यही कारण है की गंगा को पार्वती की बहन बताया जाता है ।
गंगा की उत्पत्ति स्वयं विष्णु द्वारा, Origin of Ganga by Vishnu himself
गंगा मां की उत्पत्ति ब्रह्मा के द्वारा तो बताई जाती है मगर वामन पूराण कहता है की जब विष्णु जी के पैरो को धोया गया जल कंठ मण्डल मे प्रवेश करता है उसी से गंगा का जन्म होता है । क्योकी यह विष्णु के पैरो से धोया गया तो गंगा की उत्पत्ति विष्णु ने ही की है यह बताया जाता है । अब रही बात हिमवान के घर गंगा का जन्म तो यह बात सत्य है क्योकी जब वामन रूप मे विष्णु ने अपना पैर उपर उठाया तो हिमवान के एक पर्वत मे कुछ छेद हो गए जिससे गंगा निकल आई । इस तरह से हिमवान के घर गंगा का जन्म हो गया जो की विष्णु के द्वारा हुआ था ।
गंगा नदी के जल से प्राप्त होता है मोक्ष, Salvation is attained by the water of the river Ganges.
हिंदूओ का मानना है की गंगा का जल इतना अधिक पवित्र होता है की मरने के बाद भी अगर किसी व्यक्ति को वह जल छू लेता है तो उस व्यक्ति या आत्मा को मोक्ष प्राप्त हो जाता है। यही कारण है की हिंदू धर्म के लोग जब कोई व्यक्ति मरने के अंतिम चरणो मे होता है तो उसे जल पिलाया जाता है । यह बात सत्य है क्योकी इसका प्रमाण भी दिया जाता है जो की आज नही बल्की वर्तमान समय से है और इसका प्रमाण गंगा नदी को पृथ्वी पर लाने से जूडा है ।
गंगा नदी को पृथ्वी पर कैसे व क्यो लाया गया, How and why the river Ganges was brought to earth
गंगा नदी की पवित्रता के कारण से मोक्ष प्राप्त होता है यही कारण रहा की गंगा नदी को धरती यानि पृथ्वी पर लाया गया था ।
पौराणिक कथा के अनुसार, सगर नामक एक राजा हुआ करता था जो जादूई तरीके से अनेक पुत्रो को प्राप्त करने मे सफल हो गया । सगर राजा को इस तरीके से कुल 60,000 पुत्रो की प्राप्ती हुई । यह देख कर सगर बहुत ही खुश था क्योकी वह सोचता था कि कितनी भी बडी विपत्ति क्यो न आ जाए मेरे सभी पुत्र नष्ट नही होगे ।
मगर सगर का यह सपना पूरा न हो सका क्योकी एक बार सगर ने अपने राज्य की खुशहाली के लिए एक अनुष्ठान का आयोजन किया । उस अनुष्ठान मे एक हिरण के बच्चे यानि अश्व को अहम हिस्से के रूप मे लाया गया था । मगर इंद्र देव ने उसे जान बूझ कर चुरा लिया । जिसकी खोज मे सगर ने अपने सभी पुत्रो यानि 60,000 पुत्रो को लगा दिया ।
अश्व को ढूंढते हुए सभी पूत्र कपिल ऋषि के पास चले गए । उस समय कपिल ऋषि तपस्या कर रहे थे मगर उन 60,000 पुत्रो ने उस अश्व को उन्ही के पास देख कर उन्हे तपस्या से जगा दिया । जो की उनके लिए अच्छा नही था क्योकी तप मे लिन कपिल ऋषि को कई वर्षो के बाद मे जगाया गया जो की उनकी तपस्या नष्ट होने का कारण था ।
यह सब देख कर कपिल ऋषि ने सभी 60000 पुत्रो का भष्म कर दिया । जिसके कारण से उनकी आत्माओ को शांति नही मिल सकी और आत्मा भटकने लगी थी । यही कारण था की गंगा को धरती पर लाना पडा । क्योकी उनकी आत्मा को शांति या मोक्ष प्राप्त हो सके ।
इस कार्य में सगर के एक वंशज भगीरथ का योगदान रहा था क्योकी उन्होने 60,000 पुत्रो को मोक्ष दिलाने के लिए गंगा को धरती पर लाने के लिए ठान लिया था ।
भगीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए ब्रह्मा का किया तप, Bhagirath did Brahma’s penance to bring Ganga to earth
भगीरथ ने गंगा को धरती पर लाने के लिए ब्रह्माजी के तप के लिए बैठ गए । इस तप मे अधिक समय बित गया मगर फिर भी भागिरथ ने तप को नही छोडा । जिसके कारण से ब्रह्मा जी खुश हो गए और भागिरथ का मनचाह वरदान मागने को कहा । भागिरथ का एक ही वरदान मागना था जो गंगा को पृथ्वी पर लाने का था । यह जब भागिरथ ने ब्रह्मा से कहा तो ब्रह्मा जी ने वरदान दे दिया और गंगा को पृथ्वी पर भेज दिया । इस तरह से गंगा पृथ्वी पर आई थी ।
क्या गंगा नदी मानव के लिए उपयोगी है, Is the river Ganga useful for humans
जी हां, गंगा नदी जो होती है वह एक माता के रूप में मानी जाती है और हिंदू धर्म में गंगा नदी का एक पवित्र उचतम स्थान माना जाता है । और पुराणो में भी गंगा को एक देवी बताया गया है।
क्योकी हमारे लिए एक देवी का मतलब भगवान से होता है तो इसका मतलब हुआ की गंगा मानव के लिए उपयोगी है।
दूसरा की गंगा नदी का जो पानी होता है वह मानव के लिए कई तरह से मदद करता है । कुछ कथाओ के अनुसार गंगा नदी जो होती है वह मानव के पापो को नष्ट करने का काम करती है और मोक्ष प्राप्ति की और लेकर जाती है । तो इन सब बातो से कहा जा सकता है की गंगा नदी मानव के लिए उपयोगी है ।