दोस्तो इस लेंख में हम गंगा का पर्यायवाची शब्द ganga ka paryayvachi shabd या गंगा का समानार्थी शब्द ganga ka samanarthi shabd के बारे मे बात करेगे । इसके अलावा गंगा नदी के सम्पूर्ण जीवन के बारे मे यहां पर बताया गया है की गंगा नदी का जन्म कैसे हुआ और भी महत्वपूर्ण बाते । तो लेख को देखे ।
शब्द {shabd} | पर्यायवाची शब्द / समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd} |
गंगा | देवनदी, भागीरथी, मन्दाकिनी, सुरसरि, अमरतरंगिनी, देवापगा, त्रुवनन्दा, भीष्मसू, त्रिपथगा, सुरध्वनि, नदीश्वरी, मंदाकिनी, हरमौलिबिहारिणी, ध्रुवनंदा, त्रिस्त्रोता, सुरापगा, नदीश्वरी, अलकनन्दा, अध्त्रगा, जाहन्वी, विष्णुपदी । |
गंगा संस्कृत में | गङ्गा ; बांग्ला:, संथाली: । |
Ganga in hindi | Devanadi, Bhagirathi, Mandakini, Surasari, Amartarangini, Devapaga, Truvananda, Bhishmasu, Tripathaga, Surdhvani, Nadeshwari, Mandakini, Harmoulibiharini, Dhruvananda, Tristrota, Surapaga, Nadeshwari, Alaknanda, Adhtraga, Jhanvi, Vishnupadi. |
Ganga in English | god river , Bhagirathi, Mandakini, sursari , amartarangini, Devapaga , truvananda, Bhishmasu, triphaga, Surdhwani, Nadeshwari, Mandakini, Harmoulibiharini, Dhruvananda, Tristrota, Surapaga, nadeshwari, Alaknanda, Adhatraga, Jahnavi, Vishnupadi. |
आपने एक लिस्ट दी है जिसमें नदियों के नाम हैं। ये सभी नदियाँ भारतीय जलवायु और भूगोल में महत्वपूर्ण हैं। यहाँ वे नदियाँ हैं जिनके नाम आपने दिए हैं:
1. देवनदी (Devanadi)
2. भागीरथी (Bhagirathi)
3. मन्दाकिनी (Mandakini)
4. सुरसरि (Surasari)
5. अमरतरंगिनी (Amaratangini)
6. देवापगा (Devapaga)
7. त्रुवनन्दा (Truvananda)
8. भीष्मसू (Bhishmasu)
9. त्रिपथगा (Tripathaga)
10. सुरध्वनि (Suradhvani)
11. नदीश्वरी (Nadishvari)
12. मंदाकिनी (Mandakini)
13. हरमौलिबिहारिणी (Harmaulibiharini)
14. ध्रुवनंदा (Dhruvananda)
15. त्रिस्त्रोता (Tristroti)
16. सुरापगा (Surapaga)
17. नदीश्वरी (Nadishvari, repeated)
18. अलकनन्दा (Alakananda)
19. अध्त्रगा (Adhatraga)
20. जाहन्वी (Jahnvi)
21. विष्णुपदी (Vishnupadi)
गंगा शब्द का अर्थ एक नदी से होता है जो की भारत में है यह भारत की सबसे पवित्र नदी है और यहां पर लोगो की मान्यता भी बहुत रहती है । माना जाता है की इस नदी को भगीरथ ने लाया था । जिसके कारण से ही इस नदी को भागिरथी भी कहा जाता है । इसके अलावा गंगा नदी के कुछ सामन्य अर्थ और भी है जैसे –
इस तरह से गंगा नदी का अर्थ एक नदी से होता है जो की भारत में है इस नदी को सबसे पवित्र रूप में देखा जाता है और इसके साथ ही हिंदू धर्म की बहुत सी भावनाए जुडी हुई है ।
गंगा की उत्पत्ति के विषय मे तीन प्रकार की मान्यताओं को देखने को मिलता है जिनमे से ब्रह्मा जी ने गंगा की उत्पत्ति की या ब्रह्मा जी से गंगा की उत्पत्ति हुई मान्यता सबसे अधिक है । मगर इसके अलावा भी पौराणिक कथाओ मे बताया जाता है की गंगा की उत्पत्ति शिव और विष्णु से जुडी है ।
इस कथा के बारे में वामन पुराण में बताया जाता है की एक बार ब्रह्माजी विष्णु के चरणो को धोना चाहते थे और एक दिन ब्रह्माजी को मोका मिल गया क्योकी विष्णु जी ने एक बार वामन रूप धारण कर रखा था और उसी समय विष्णु ने अपना वह पैर आकाश की और उठा दिया ब्रह्मा जी ने मोके का फायदा उठाया और विष्णु के पैर को धो दिया ।
अब पैर को धोने के बाद मे जो जल बचा वह ब्रह्मा जी ने स्वयं ही अपने कंठ मे उतार लिया । मगर वह जल कंठ मे ही रह गया और उस जल के बाहर निकलने के कारण से एक पानी की धारा के रूप में नदी का जन्म हो गया । यह पानी की नदी और कुछ नही बल्की गंगा ही थी । इस तरह से ब्रह्मा जी के कंठ मण्डल से गंगा की उत्पत्ति हुई थी ।
पर्वतों का राजा हिमवान है और उसकी की पूत्री माता पार्वती है । हिमवान की पूत्री एक और थी जिसका नाम गंगा था । यह गंगा गंगा नदी ही है । पौराणिक कथा के अनुसार बताया जाता है की जब ब्रह्मा जी ने कंठ मण्डल से गंगा की उत्पत्ति कर दी तो वह गंगा को हिमवान के पास लेकर चले गए और हिमवान को गंगा दे दिया । हिमवान ने गंगा को स्वीकार किया और अपनी पुत्री के रूप मे देखा । इस तरह से हिमवान के घर में गंगा का जन्म हो गया । और यही कारण है की गंगा को पार्वती की बहन बताया जाता है ।
गंगा मां की उत्पत्ति ब्रह्मा के द्वारा तो बताई जाती है मगर वामन पूराण कहता है की जब विष्णु जी के पैरो को धोया गया जल कंठ मण्डल मे प्रवेश करता है उसी से गंगा का जन्म होता है । क्योकी यह विष्णु के पैरो से धोया गया तो गंगा की उत्पत्ति विष्णु ने ही की है यह बताया जाता है । अब रही बात हिमवान के घर गंगा का जन्म तो यह बात सत्य है क्योकी जब वामन रूप मे विष्णु ने अपना पैर उपर उठाया तो हिमवान के एक पर्वत मे कुछ छेद हो गए जिससे गंगा निकल आई । इस तरह से हिमवान के घर गंगा का जन्म हो गया जो की विष्णु के द्वारा हुआ था ।
हिंदूओ का मानना है की गंगा का जल इतना अधिक पवित्र होता है की मरने के बाद भी अगर किसी व्यक्ति को वह जल छू लेता है तो उस व्यक्ति या आत्मा को मोक्ष प्राप्त हो जाता है। यही कारण है की हिंदू धर्म के लोग जब कोई व्यक्ति मरने के अंतिम चरणो मे होता है तो उसे जल पिलाया जाता है । यह बात सत्य है क्योकी इसका प्रमाण भी दिया जाता है जो की आज नही बल्की वर्तमान समय से है और इसका प्रमाण गंगा नदी को पृथ्वी पर लाने से जूडा है ।
गंगा नदी की पवित्रता के कारण से मोक्ष प्राप्त होता है यही कारण रहा की गंगा नदी को धरती यानि पृथ्वी पर लाया गया था ।
पौराणिक कथा के अनुसार, सगर नामक एक राजा हुआ करता था जो जादूई तरीके से अनेक पुत्रो को प्राप्त करने मे सफल हो गया । सगर राजा को इस तरीके से कुल 60,000 पुत्रो की प्राप्ती हुई । यह देख कर सगर बहुत ही खुश था क्योकी वह सोचता था कि कितनी भी बडी विपत्ति क्यो न आ जाए मेरे सभी पुत्र नष्ट नही होगे ।
मगर सगर का यह सपना पूरा न हो सका क्योकी एक बार सगर ने अपने राज्य की खुशहाली के लिए एक अनुष्ठान का आयोजन किया । उस अनुष्ठान मे एक हिरण के बच्चे यानि अश्व को अहम हिस्से के रूप मे लाया गया था । मगर इंद्र देव ने उसे जान बूझ कर चुरा लिया । जिसकी खोज मे सगर ने अपने सभी पुत्रो यानि 60,000 पुत्रो को लगा दिया ।
अश्व को ढूंढते हुए सभी पूत्र कपिल ऋषि के पास चले गए । उस समय कपिल ऋषि तपस्या कर रहे थे मगर उन 60,000 पुत्रो ने उस अश्व को उन्ही के पास देख कर उन्हे तपस्या से जगा दिया । जो की उनके लिए अच्छा नही था क्योकी तप मे लिन कपिल ऋषि को कई वर्षो के बाद मे जगाया गया जो की उनकी तपस्या नष्ट होने का कारण था ।
यह सब देख कर कपिल ऋषि ने सभी 60000 पुत्रो का भष्म कर दिया । जिसके कारण से उनकी आत्माओ को शांति नही मिल सकी और आत्मा भटकने लगी थी । यही कारण था की गंगा को धरती पर लाना पडा । क्योकी उनकी आत्मा को शांति या मोक्ष प्राप्त हो सके ।
इस कार्य में सगर के एक वंशज भगीरथ का योगदान रहा था क्योकी उन्होने 60,000 पुत्रो को मोक्ष दिलाने के लिए गंगा को धरती पर लाने के लिए ठान लिया था ।
भगीरथ ने गंगा को धरती पर लाने के लिए ब्रह्माजी के तप के लिए बैठ गए । इस तप मे अधिक समय बित गया मगर फिर भी भागिरथ ने तप को नही छोडा । जिसके कारण से ब्रह्मा जी खुश हो गए और भागिरथ का मनचाह वरदान मागने को कहा । भागिरथ का एक ही वरदान मागना था जो गंगा को पृथ्वी पर लाने का था । यह जब भागिरथ ने ब्रह्मा से कहा तो ब्रह्मा जी ने वरदान दे दिया और गंगा को पृथ्वी पर भेज दिया । इस तरह से गंगा पृथ्वी पर आई थी ।
जी हां, गंगा नदी जो होती है वह एक माता के रूप में मानी जाती है और हिंदू धर्म में गंगा नदी का एक पवित्र उचतम स्थान माना जाता है । और पुराणो में भी गंगा को एक देवी बताया गया है।
क्योकी हमारे लिए एक देवी का मतलब भगवान से होता है तो इसका मतलब हुआ की गंगा मानव के लिए उपयोगी है।
दूसरा की गंगा नदी का जो पानी होता है वह मानव के लिए कई तरह से मदद करता है । कुछ कथाओ के अनुसार गंगा नदी जो होती है वह मानव के पापो को नष्ट करने का काम करती है और मोक्ष प्राप्ति की और लेकर जाती है । तो इन सब बातो से कहा जा सकता है की गंगा नदी मानव के लिए उपयोगी है ।
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