गरल का विलोम शब्द या गरल का विलोम , गरल का उल्टा क्या होता है ? Garal ka vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
गरल | सुधा, अमृत |
Garal | Sudha, Amrit |
गरल का विलोम शब्द होता है सुधा जिसको हम अमृत कहतें हैं। गरल का मतलब होता है जहर । दोस्तों जीवन के अंदर जहर कई तरीके से होता है। एक तो जहर वह होता है जिसको पीने से इंसान की मौत हो जाती है। जिसका प्रयोग हम खेतों के अंदर कीटो को मारने और चूहों को मारने के लिए करते हैं। और दूसरा जहर वह होता है जोकि वाणी के अंदर होता है। जिसको हम वाणी का जहर कह सकते हैं। वाणी का जहर आम जहर से भी बहुत अधिक खतरनाक होता है। वाणी का जहर का मतलब होता है आजकल के लोग वाणी से जहर उगलते हैं । यही कारण है कि भाई भाई भी आपस मे लड़ रहे हैं।
आपको पता है कि भाई भाई आपस मे क्यों लड़ रहे हैं ? इसका कारण भी वाणी का जहर ही होता है। हर इंसान कड़वे वचन ही बोलता है। और आपको पता ही है कि आज के लोग सहन करना नहीं सीखें तो झगड़ा होना तय होता है।
एक बार न्यूज के अंदर आया था कि दो लोगों ने अपने चाचा को गोली मार दिया था। इसका कारण जमीन का विवाद बताया जा रहा था। अब आप ही बताइए की यह भी वाणी के जहर से ही हुआ ना । हमारे देश के अंदर अनेक तरह के दंगे होते हैं इसका कारण भी वाणी का जहर ही होता है। कुछ लोग अपने मुंह से अनाप शनाप बक देते हैं और
उसके बाद दंगे शूरू हो जाते हैं। और हमारी स्कूली शिक्षा होती है ऐसी है कि उसके अंदर नैतिकता को कहीं पर भी नहीं रखा जाता है। कहीं पर भी यह नहीं बताया जाता है कि बच्चे को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए । मैं कॉलेज किया हूं। टीचर बस क्लाश के अंदर आते हैं ओर उसके बाद फोरमल्टी करके चले जाते हैं उनको किसी चीज से मतलब नहीं होता है। क्योंकि उनकी तनख्वाह तो सरकार दे ही रही है। और यदि किसी वजह से वेतन नहीं मिलता है तो उसके बाद वे धरने पर बैठ जाते हैं।
इसके अलावा कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सीखाते ही नफरत हैं । बच्चे को जन्म से ही दूसरे लोगों से घृणा करना सीखाया जाता है । जिसका परिणाम क्या होगा आप समझ सकते हैं। एक खेत है और उसके अंदर यदि आप बेकार के बीज बोते हैं तो उसके अंदर से बेकार का ही तो पौधा उगेगा ।
इसी तरीके से यदि आप बच्चे को कुछ सीखाते हैं और उसके अंदर जहर भरते हैं तो बड़ा होने के बाद वह वही जहर को उगलेगा । आजकल कुछ माता पिता अपने मां बाप को भला बुरा कहते हैं। बच्चा उसको देखता रहता है और बड़ा होने के बाद वह भी यही करता है। वह अपने माता पिता को भला बुरा कहता है तब उनको माता पिता को बुरा लगता है लेकिन क्या हो सकता है। माता पिता ने भी यही सीखाया है। दोस्तों यदि आप किसी को गलत चीज सीखाते हैं तो आप उससे अच्छे की उम्मीद ही कैसे कर सकते है? यदि आप गलत करते हैं तो आपके साथ भी गलत ही होगा ।
इसलिए अपने बच्चे को सही शिक्षा देंगे तो आपको कभी भी वह परेशानी के अंदर नहीं डालेगा । लेकिन यदि आप उसे गलत शिक्षा देंगे तो आप खुद इससे परेशान हो सकते हैं।
दोस्तों वैसे तो सुधा किसी लड़की का नाम होता है। इसका अर्थ होता है अमृत । दोस्तों आजकल अमृत की चर्चा कम ही होती है। पहले यह माना जाता था कि अमृत पीनें के बाद इंसान अमर हो जाता है। और इसी अमृत की खोज करने के लिए लोग हिमालय की कंदराओं के अंदर भटकते थे लेकिन आज तक इस तरह का कोई भी पदार्थ नहीं मिला है जिसको पिकर इंसान अमर हो जाए । हालांकि वैज्ञानिक इंसानों को अमर करने के लिए बहुत कुछ प्रयास कर रहे हैं लेकिन आज भी ऐसा कोई तरीका नहीं बन पाया जिसकी मदद से इंसान अमर हो जाए। हालांकि इस धरती पर कुछ इस तरह के जीव भी होते हैं जो कभी भी मरते नहीं हैं।
जब तक कि उनको कोई दूसरा मार नहीं देता है। इस तरह के जीवों की संख्या बहुत ही कम है लेकिन यह पाये जरूर ही जाते हैं।
वैसे भी इंसान अमर होकर करेगा ही क्या क्योंकि धरती पर पहले से ही बहुत अधिक इंसान हो चुके हैं। अधिक इंसानों का होना इस धरती के लिए और अधिक खतरा हो जाएगा । कारण यह है कि वे तरह तरह से इस धरती को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते रहेंगे । आज को अनेक तरह की बीमारियां चली हुई हैं। उनमे से अधिकतर तो इंसानों की गलतियों की वजह से ही हुई हैं। कैंसर को ही आप ले सकते हैं। जोकि एक बहुत ही भयंकर बीमारी हैं। यह भी इंसान की गलतियों की वजह से हुई हैं।
इंसान खेत के अंदर अनेक प्रकार की रसायनिक खादों को डालने लगा है जिसका मानव और जंतुओं पर बुरा असर पड़ता है। दवाओं की मदद से तैयार की जाने वाली चीजों का हम सेवन करते हैं । इसका परिणाम कैंसर जैसे रोग हमको देखने को मिलते हैं। और बाजार के अंदर अधिकतर चीजें जोकि आप खरीदते हैं वह मिलावटी होती हैं।
उनको बनाने मे नकली चीजों का यूज किया जाता है। अब मान भी ले कि किसी को अमृत मिल गया और उसके बाद उसने उस अमृत को पिलिया तो वह अमर तो हो गया लेकिन अब उसे कैंसर जैसी बीमारी हो गई । अब वह मर सकता नहीं है क्योंकि उसने अमृत पिया है। लेकिन दर्द से तड़ता रहेगा । कुछ फायदा नहीं होगा । अब आप कोर्ट के बारे मे तो आप जानते ही हैं वह आपको सुसाइड की इजाजत नहीं देगा तो आप मर सकते नहीं हैं। लेकिन अब आपका क्या होगा । इसलिए अमृत किसी काम का नहीं है। इंसान यदि सही समय पर मर जाए तो एक शरीर से तो उसका पीछा छूट ही जाएगा । शरीर ही तो दुखका कारण होता है।
अमृत पिकार आप अपने शरीर को अमर करना चाहते हैं लेकिन असल मे आप खुद तो वैसे भी नहीं मरने वाले हैं। आपकी उर्जा कभी भी नष्ट नहीं होती है। क्योंकि आप ऐसी ही चीज से बने हुए हैं जोकि कभी भी नष्ट नहीं होती है। ऐसी स्थिति मे जो लेाग सुसाइड कर लेते हैं अपनी किसी मानसिक परेशानी के चलते तो वे काफी पछताते हैं बाद मे क्योंकि हम मर तो वैसे भी नहीं सकते हैं जिस विचार को लेकर मरते हैं मरने के बाद वही विचार बना रहता है। इसलिए अमृत यदि किसी को मिल भी गया और किसी ने उसको पी भी लिया तो कोई फायदा नहीं होने वाला है।
गरल का विलोम शब्द क्या है Garal ka vilom shabd kya hai ?
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