गर्मी का पर्यायवाची शब्द या गरमी का सामनार्थी शब्द (garmi ka paryayvachi shabd / garmi ka samanarthi shabd) के बारे में इस लेंख में जानेगे । इसके अलावा इस लेंख में हम गर्मी से जुडी महत्वपूर्ण रोचक जानकारीयो के बारे में बडे ही विस्तार से जानेगे तो लेख को आराम से देख सकते है ।
शब्द | पर्यायवाची शब्द या सामनार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
गर्मी | ग्रीष्म, उष्मक, निदाघ, ऊष्मा, उष्मागम, तेज, उष्णागम, तप, ताप, तपन, तपाक, गरमी, ग्रीष्म ऋतु। |
गर्मी in Hindi | Garmi, greeshm, ushmak, nidaagh, ooshma, ushmaagam, tej, ushnaagam, tap, taap, tapan, tapaak, garamee, greeshm rtu. |
गर्मी in english | heat, summer. |
दोस्तो गर्मी का अर्थ ग्रीष्म ऋतु से होता है क्योकी यह प्रकृति की एक अवस्था है तब सूर्य की रोशनी के कारण से अधिक गर्मी उत्पन्न होने लग जाती है । या यह कह सकते है की सूर्य के तेज के कारण से एक उर्जा उत्पन्न होती है जो की गर्मी होने का अनुभव कराती है । जिस तरह से अग्नि से एक तरह की उर्जा निकलती है जिसके कारण से गर्मी होने का अनुभव होता है । एक शब्द में कहे तो गर्मी का अर्थ है –
इसके अलावा गर्मी शब्द का अर्थ एक तरह के रोग के लिए भी लिया जाता है जो की हाथी और घोडे की प्रजातियो में देखने को मिलता है । हालाकी गर्मी का अर्थ सूर्य के तेज से निकलने वाली उष्मा या अग्नि जैसी अवस्थाओ से उत्पन्न होने वाले तेज के लिए किया जाता है ।
दोस्तो गर्मी उस उर्जा को कहा जाता है जो की मनुष्य के शरीर को गर्म कर देती है जिसके कारण से पसिना निकलने लग जाता है । इसे ऐसे भी समझ सकते है की वह अवस्था जिसमें किसी धातु को पिघलाने के लिए ताप दिया जाता है और ताप के कारण से धातु गर्म हो जता है और गर्म होने के कारण से वह पिघल जाता है ।
क्योकी ताप से एक उर्जा निकली जो की धातु को गर्म करने का काम करती है और यही उर्जा गर्मी है। जो की धातु को पूरी तरह से पिघलाने का काम करती है ।
इसके अलावा वह प्रक्रिया जिसमे सूर्य की रोशनी के कारण से पृथ्वी पूरी तरह से तप उठती है गर्मी कहलाती है ।
इस तरह से गर्मी उत्पन्न होती है । जो की अनेक जीवो को नुकसान पहुंचाती है । और यह भी होता है की किसी स्थान पर अधिक गर्मी होने के कारण से उस स्थान मे आग लग जाती है क्योकी गर्मी अधिक होने का अर्थ ताप अधिक होना होता है और ताप अधिक होता है वहा आग लग सकती है ।
दोस्तो गर्मी के नाम से ही सूर्य की बात होती है क्योकी सूर्य के रोशनी के कारण से ही ताप होता है और ताप के कारण से ही गर्मी होती है । मगर पृथ्वी पर वर्तमान मे ऐसे उपकरण है जीनके कारण से कुछ समय के लिए गर्मी की जा सकती है हालाकी यह एक साथ बहुत स्थान पर लागू नही होता है और इस तरह से गर्मी रहने का समय निश्चित होता है ।
इस तरह की गर्मी को भौतिक गर्मी कह सकते है । मगर सूर्य में इतनी अधिक गर्मी है जो की कई करोडो वर्षो तक खत्म नही होगी । इस तरह की गर्मी को प्राकृति गर्मी कहा जाता है । इसके अलावा मानव के शरीर में भी गर्मी उत्पन्न होती है । इस तरह से गर्मी निम्न प्रकार की होती है-
इस तरह की गर्मी में वह उपकरण शामिल किए गए है जो की मानव ने अपनी सुविधा के लिए बनाए है जैसे हिटर जो की कुछ समय के लिए गर्मी उत्पन्न करता है। इस तरह के उपकरणो को घरो से लेकर वाहनो तक में उपयोग किया जाता है । इस तरह के उपकरणो का उपयोग कर कर गर्मी उत्पन्न की जा कसती है । इस तरह की गर्मी मानव के उपयोग के लिए बनाई गई है ।
इस तरह की गर्मी में कई तरह की गर्मी सामिल की जा कसती है जैसे सूर्य की गर्मी । सूर्य की गर्मी का मुख्य कारण इसकी किरणो का होता है जो की पृथ्वी पर समय समय पर आती रहती है और लगातार बहुत प्रकाश आने के कारण से पृथ्वी गर्म होने लग जाता है जिसके कारण से पृथ्वी पर गर्मी होती है ।
क्योकी सूर्य के प्रकाश में बहुत ही अधिक ताप होता है जो की किसी स्थान से सर्दी को दूर कर कर उस स्थान को गर्म कर देता है जिसके कारण से गर्मी होती है । सूर्य के इस तरह से गर्मी पडने का समय बदलता रहता है । क्योकी कभी किसी स्थान पर अधिक गर्मी होती है तो कभी कम ।
जैसे मार्च के बाद में गर्मी होती है मगर दिसम्बर में गर्मी बहुत ही कम हो जाती है इसके विपरित सर्दी बहुत ही अधिक होती है । इस तरह से गर्मी सूर्य के द्वारा फैलती है ।
दोस्तो आपने देखा होगा की जब भी किसी कार्य को किया जाता है तो शरीर में एक उर्जा उत्पन्न हो जाती है और शरीर गर्म होने लग जाता है । जिस तरह से दोड़ने के कारण से पहले शर्दी लगती है मगर कुछ समय के बाद मे पसिना आने लग जाता है और जब दोड कर रूका जाता है तो गर्मी लगती है और शरीर गर्म हो जाता है । इस तरह की गर्मी को मानव के शरीर से उत्पन्न होने वाली गर्मी कहा जाता है ।
इसके अलावा भी बहुत से ऐसे प्रदार्थ भी है जिनके जलने के कारण से गर्मी होती है । इस तरह के प्रदार्थो को अन्य श्रेणी में रख सकते है ।
दोस्तो गर्मी के बढने का कारण मुख्य रूप से सूर्य ही होता है और सूर्य की रोशनी एक मात्र ऐसा कारण होता है जो की मार्च के बाद में गर्मी को बढाने का काम करता है । क्योकी जब मार्च आती है तो सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध की और जाने लगता है जिसके कारण से दिन बडे होने लग जाते है । और यही कारण होता है की गर्मी अधिक बढने लग जाती है क्योकी जब दिन बडे होते है तो सूर्य की रोशनी काफी देर तक पृथ्वी पर बनी रहती है जिसके कारण से गर्मी अधिक होती है ।
समय के साथ साथ अप्रेल के महिने मे गर्मी और अधिक बढ जाती है । इसी के साथ जब जून का महिना आता है तो सबसे अधिक गर्मी पडती है । इसका कारण सूर्य ही होता है क्योकी दिन अधिक लम्बे होने लग जाते है । इस तरह से दिनो के लंबे होने का कारण सूर्य होता है और सूर्य के कारण से ही मार्च के बाद में गर्मी पडती है ।
दोस्तो मनुष्य गर्मी को सहने में बडा ही सक्षम होता है इसके मुकाबले बहुत से जीव इस तरह की गर्मी को सहन नही कर सकते है और अधिक गर्मी होने के कारण से उनकी मृत्यु भी हो जाती है । जिस तरह से मेंढक और छिपकली जैसे जीव न तो अधिक गर्मी को सहन कर सकते है और न ही अधिक ठंड को सहन कर सकते है ।
इसके मुकाबले मनुष्य गर्मी को भी अधिक क्षमता तक सहन कर सकते है तो ठंड को भी । हालाकी वैज्ञानिको ने जब प्रयोग किए तो सामने आया की मनुष्य 100 से 160 डिग्री से. तक की गर्मी को सहन कर सकता है और वह इसमे सक्षम होता है।
इस तरह के प्रयोग मे मनुष्य को पहले 0 डीग्री ठंड के साथ साथ अधिक गर्मी देनी शुरू की जाती है और धिरे धिरे गर्मी की सख्या को बढाया जाता है और इस तरह से जब गर्मी 50 डीग्री सें. तक पहुंच जाता है तो मनुष्य इसे बडे ही आराम से सहन कर सकता है । धिरे धिरे जब गर्मी को ओर अधिक बढाया गया तो नतीजा देखने लायक था क्योकी वह इसे भी सहन करता जा रहा था ।
ब्लैकडेन तथा चेंटरी नामक इस प्रयोग को कर रहे थे और इस प्रयोग को करते हुए बाद में बताया की मनुष्य कम से कम 100 डीग्री से. तापकान को सहन कर सकते है अगर इससे अधिक ताप दिया जाए तो वह इसे भी सहन कर सकता है । क्योकी मनुष्य अपने शरीर की गर्मी का उपयोग बाहर की गर्मी को खत्म करने के लिए करता है ।
जैसे गर्म हवा की गर्मी को नष्ट करने के लिए मनुष्य अपने शरीर की गर्मी को पसीने के रूप मे बहार निकालता है जिसके कारण से हवा की गर्मी जैसे ही शरीर से टकरात है वह पसीने के साथ नष्ट हो जाती है । इस तरह से मनुष्य गर्मी को सहन कर सकता है ।
इस तरह से हमने इस लेख मे गर्मी के पर्यायवाची शब्द या गर्मी के समानार्थी शब्द के बारे मे जाना है । साथ ही हमने जाना की गर्मी क्या होती है । अगर लेख पसंद आया तो कमेंट करे ।
क्या आपने गर्मी को सहन किया है अगर हां तो अधिक से अधिक कितने डिग्री सें.? बताना न भूले ।
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