गुरूड पुराण का सच , गरुड़ पुराण की सच्चाई के बारे मे हम आपको बता रहे हैं। दोस्तों आपने गरूड पुराण के बारे मे तो सुना ही होगा । गरूड पुराण के अंदर 19 हजार श्लोक हैं। और इसके अंदर आत्मा की गति और दूसरे जन्मों के बारे मे बताया गया है। हालांकि मैंने गरूड पुराण को पुरा अच्छी तरह से पढ़ा है। और सिर्फ पढ़ा ही नहीं है। इसको रियल लाइफ के अंदर भी देखने की कोशिश की है। आज मैं आपको यह बताने वाला हूं कि गरूड पुराण सच मे होता है ? या सिर्फ यह बातें काफी हद तक काल्पनिक ही हैं। इनके लिए हम रियल घटनाओं का संदर्भ लेने का प्रयास करेंगे ।
आमतौर पर यह बताया गया है , कि जब किसी इंसान की मौत हो जाती है , तो फिर 13 दिन तक आत्मा घर के अंदर ही रहती है। गरूड पुराण के अंदर यह बताया गया है। और इन दिनों गरूड पुराण को सुनने का विधान भी है। हालांकि हर किसी की इसको सुनने की हिम्मत नहीं होती है। अब आप पूछेंगे कि उनकी हिम्मत क्यों नहीं होती है ? तो इसका कारण है कि उनके कर्म ही इतने घटिया होते हैं , कि हिम्मत कैसे होगी ? असल मे गरूड पुराण के बारे मे मेरी राय तो यही है , कि हर इंसान को इस पुराण को एक बार पढ़ना चाहिए । यह जीवन के बाद मौत के बाद क्या होता है इसके बारे मे अच्छी तरह से बताया गया है। आप जीवन भर फालतू चीजों के अंदर लगे रहते हैं। जैसे कि धन संग्रह वैरगह करना लेकिन इन सब चीजों का मौत के बाद कोई रोल नहीं रह जाता है। गरुण पुराण में भगवान विष्णु अपने वाहन गरुड़ से बात करते हैं। इसके अंदर मौत स्वर्ग और नर्क यमलोक आदि के बारे मे विस्तार से वर्णन मिलता है।
दोस्तों यदि आपने अभी तक गरूड़ पुराण को पढ़ा नहीं है । तो आप पढ़ सकते हैं । यह आपको नेट के उपर आसानी से मिल जाएगा । और वहां से आप डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं। और यदि आप डाउनलोड करके नहीं पढ़ सकते हैं , तो आपको यह आसानी से ऑनलाइन भी मिल जाएगा , तो आप इसको वहां से भी पढ़ सकते हैं। कोई समस्या नहीं होगी । अब बात करते हैं कि यह कितना सच है ? तो इसकी पूरी सच्चाई हम नहीं बता सकते हैं। यदि आपको इसकी पूरी सच्चाई के बारे मे जानना है , तो वो आपको सिद्ध महात्मा ही बता सकते हैं। यह उनके अनुभव की चीजें होती हैं। एक आम इंसान बस कुतर्क कर सकता है। लेकिन इसके बारे मे हमारे सामने कुछ चीजें आई हैं , जोकि यह साबित करती हैं , कि कुछ हद तक गरूड पुराण सत्य है।
दोस्तों गरूड पुराण के अंदर यह लिखा है , कि मरने के बाद पानी इंसान को लेने के लिए यमदूत आते हैं , और उसको पास मे पकड़ कर लेकर जाते हैं , तो कुछ हद तक मुझे यह सत्य प्रतीत होता है। इसकी एक रियल घटना आपको हम बताते हैं। हमारे घर के पास मे एक इंसान था , जिसकी मौत होने वाली थी ।अपनी मौत के कुछ दिन पहले उसने बताया था , कि उसने दो यमदूत को देखा था । और वे काफी अधिक भयानक थे ।और उनको देखकर वह बूरी तरह से डर गया था । इसके कुछ ही दिनों बाद उसकी मौत हो गई थी । हालांकि वह इंसान काफी अधिक पापी था और जानवरों की हत्या करने का काम करता था ।
इसी तरह की एक दूसरी घटना हुई । न्यूज के अनुसार एक बुजुर्ग इंसान की मौत हो गई और मौत हो जाने के कुछ समय बाद ही वह फिर से जिंदा हुआ । आपको बतादें कि यह घटना अखबारों के अंदर भी आई थी। तो उसने बताया कि उसको लेने के लिए यमदूत आए थे । और लेजाकर उसको काफी अधिक प्रताड़ित किया ।
यह तो बस दो घटनाएं हैं । इसके अलावा भी कई सारी घटनाएं प्रकाश मे आई थी। इससे एक बात तो साबित होती है , कि गरूड पुराण के अंदर जो यमदूत आने के बारे मे बातें की गई हैं । वह सच साबित हो रही हैं।
दोस्तों गरूड पुराण के अंदर इस बात का उल्लेख किया गया है , कि यह दूत हर किसी को लेने के लिए नहीं आते हैं , वे असल मे पापी इंसान को दिखाई देते हैं। जो इंसान पानी नहीं होता है। उसको यमदूत नहीं दिखाई देते हैं। मेरा एक बाबा था । उसकी मौत से पहले उसके बाप और काका दिखाई दिये थे । और आने के लिए बोल रहे थे । उसने किसी तरह के यमदूत देखने का दावा नहीं किया । हालांकि वह इंसान कभी भी बुरा नहीं था । और किसी की भी बुराई नहीं करता था । अपनी खाने वाला था । इसकी तरह की एक अन्य घटना के अंदर यमदूत नहीं दिखे । उस इंसान की अब मौत हो चुकी है। मरने से पहले उसने बताया था कि उसने अपने पहले मर चुके परिवार जनों को देखा था । इससे यह साबित हो गया कि हर इंसान को यम दूत लेने के लिए नहीं आते हैं।
दोस्तों गरूड पुराण के अंदर इस बात का उल्लेख मिलता है , कि मरने के बाद चौराहे पर जो पिंड दिया जाता है , वह पिंड भूतों के लिए होता है , ताकि वे संतुष्ट रहे । जबकि कई मर चुकी पवित्र आत्माओं से पता चला है , कि आप अपनी आंखों से देख नहीं सकते हैं। इतने अधिक भूत प्रेत गलियों के अंदर घूमते हैं। हालांकि यह बात सच है , कि मरने वाले लोग जिंदा लोगों की तुलना मे काफी अधिक होते हैं। तो यह भी एक तरह से सत्य है।
दोस्तों गरूड पुराण के अनुसार आत्मा बारह दिन घर मे रहती है। यह बात भी पूरी तरह से सच साबित हो चुकी है। पूर्व जन्म की घटना से ।दोस्तों वैसे तो आपके सामने पीछले जन्म की कई सारी घटनाएं आती रहती हैं। लेकिन इसी तरह की एक घटना के अंदर एक बच्चे का जन्म हुआ । बच्चा जब थोड़ा बड़ा हुआ तो उसको अपना पीछला जन्म याद आ गया । और उसने बताया कि वह एक्सीडेंट के अंदर मर गया था । और बाद मे वह लाश की छाती पर बैठकर घर आया था । घर मे 12 दिन रहने के बाद वह घर से दूर चला गया था । और बाद मे उसने 9 साल तक शरीर की तलाश की जब शरीर मिला तो उसने फिर से जन्म लिया । तो इस घटना से यह भी साबित हो जाता है , कि इंसान का पीछला जन्म भी होता है। जैसा कि गरूड़ पुराण के अंदर उल्लेख मिलता है। इसके अलावा इंसान की आत्मा मरने के 12 दिन तक घर मे रहती है। यह भी साबित हो जाता है।कहने का मतलब यही है , कि गरूड़ पुराण का यह कथन भी काफी सत्य हो गया । इसके अलावा भी और भी बहुत सारे कथन होते हैं , जोकि रियल धरातल पर सत्य बैठते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
दोस्तों गरूड़ पुराण के अनुसार आत्मा अजर और अमर है। जिस प्रकार से हम पुराने कपड़ों को फेंक देते हैं। और नए कपड़ों को धारण कर लेते हैं। उसी तरह से आत्मा करती है। वह पुराने शरीर को फेंक देती है। और उसके बदले नए शरीर को धारण कर लेती है। और यह बात साबित हो चुकी है। पुर्न्जन्म के बारे मे अनेक बाते हैं । और अनेक रियल घटनाएं भी मौजूद हैं। तो इसके अंदर कोई शक नहीं है , कि आत्मा अजर और अमर है , इसका कभी भी विनाश नहीं होता है। और इसका कोई विनाश कर भी नहीं सकता है।
दोस्तों गरूड पुराण के अंदर यह एक बता कही गई है , कि इंसान मरने के बाद पशु के रूप मे भी जन्म ले सकता है। हालांकि बहुत से लोगों को यह बात गले नहीं उतरेगी । लेकिन मुझे इसका लॉजिक सही लगता है , तो आपको भी बताना जरूरी समझता हूं । असल मे एक जगह पर बताया गया है , कि भोजन का लोभी या अधिक भोजन का स्वाद लेकर खाने वाला सूअर होता है। तो यहां पर गरूड पुराण के अनुसार , हर जीवन के अंदर एक गुण प्रदान होता है। और जब वही गुण किसी इंसान के अंदर प्रधान हो जाता है , तो उसको उसी तरह की योनी मिलने के चांस हो जाते हैं।
इसके अलावा मांस की चोरी के बारे मे यहां पर बताया गया है। असल मे जब किसी इंसान को मांस की चोरी की आदत होती है। ऐसे कई लोग हो सकते हैं , तो उसके बारे मे यह कहा जाता है कि वह गीद होता है। क्योंकि गीद के अंदर मांस की चोरी का गुण होता है। इसी प्रकार से कई जानवरों के अंदर गुण प्रदान होता है।
इसके अलावा जिस इंसान का स्वभाव मर्यादित नहीं होता है । उसका जन्म हाथी के रूप मे होता है। असल मे हाथी का स्वाभाव अमर्यादित होने पर वह काफी बड़ी परेशानी पैदा कर सकता है। तो आप समझ गए होंगे लॉजिक को तो मुझे लगता है कि गरूड पुराण के अंदर लिखी गई यह बात भी सत्य है।
दोस्तों गरूड़ पुराण के अंदर यह बताया गया है कि जो इंसान अच्छा कर्म करता है , वह स्वर्ग चला जाता है। और जो खराब करता है वह नर्क जाता है। तो यह बात भी सच है। लॉजिकली रूप से इसका मतलब यह है कि यदि हम अच्छी यादें बनाते हैं , तो मरने के बाद यह यादें हमें कभी भी परेशान नहीं करेंगी । लेकिन यदि हम बुरी यादें बनाते हैं , तो यही यादें हमें काफी परेशान करना शूरू कर देती हैं। और यादें ही स्वर्ग और नर्क का रस्ता तय करती हैं। असल मे स्वर्ग और नर्क हमारी यादों के अंदर होता है। अब तय आपको करना है , कि आप अच्छी यादें अपने अंदर लेते हैं , या फिर बुरी यादें अपने अंदर लेते हैं।
दोस्तों गरूड पुराण के अंदर एक बात और का भी उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार पापी लोगों की दुर्गति होती है। अब आप पूछेंगे कि दुर्गति कैसे होती है ? तो एक कहानी आपको बताते हैं , जोकि रियल मे ही एक घटना है। अखबारों के अंदर यह प्रकाशित हो चुकी है। इस घटना के अनुसार हिमालय के आस पास पहाड़ियों के अंदर एक ट्रेक्टर पलट गया था । और कंडर उस ट्रेक्टर के नीचे दब गया ड्राइवर उसको निकाल नहीं सकता था । तो वह पास के गांव मे गया तो उसे पैदल जाने मे 7 दिन लग गए । इतने मे कंडक्टर मर गया । और मरकर प्रेत बन गया । अब मरने के बाद वह वहां पर आने जाने वाले लोगों से पानी मांगता है। उसको बहुत अधिक प्यास लगती है। उसके जीवन मे काफी खराब कर्म किये थे । अब उसकी आत्मा को शांति नहीं मिल रही है। तो कुल मिलाकर बहुत से लोगों के साथ इसी तरह से होता है।
कहने का मतलब यही है , कि यह बात सत्य है कि यदि आप बुरे कर्म करते हैं , तो उसके बाद आपकी दुर्गति होना तय होता है। आप इस बात को समझ सकते हैं। और इसके अंदर कोई भी शक नहीं है। लेकिन यदि आप अच्छे कर्म करते हैं , तो कभी भी आपकी दुर्गति नहीं हो सकती है।
दोस्तों आपने देखा होगा कि बहुत से लोग गरूड पुराण को झुठलाने की कोशिश करते हैं। लेकिन हमने कभी इसको झुठलाने की कोशिश नहीं की । और असल मे इसको वो लोग झूठलाने की कोशिश करते हैं कि उनके कर्म ही इतने घटिया होते हैं , कि इस पुराण को पढ़कर उनकी हालत पतली हो जाती है। यदि आप सत्य के पथ पर चलने वाले हैं। तो आपको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि गरूड पुराण क्या कहता है ? आप पहले से ही सही हैं आपको स्वीकार करने मे कोई परेशानी नहीं होगी । लेकिन यदि आप पहले से ही गलत हैं , तो आप इसको कैसे स्वीकार कर सकते हैं।
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