गायत्री का पर्यायवाची शब्द और गायत्री का जीवन
दोस्तो इस लेख में हम गायत्री का पर्यायवाची शब्द gayatri ka paryayvachi shabd या गायत्री का समानार्थी शब्द gayatri ka samanarthi shabd के बारे मे जानेगे इसके अलावा हम जानेगे की गायत्री कोन थी और इसका जन्म कैसे हुआ । इसके साथ ही गायत्री के रोचक तथ्यो पर भी बात करेगे तो इस लेख को आराम से देखे ।
गायत्री का पर्यायवाची शब्द / गायत्री का समानार्थी शब्द {gayatri ka paryayvachi shabd / gayatri ka samanarthi shabd}
शब्द {shabd} | पर्यायवाची शब्द / समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd} |
गायत्री | वेदमाता, सवित्री, ब्रह्मी, ब्रह्मवीज । |
gayatri | Vedmata, Savitri, Brahmi, Brahmavija. |
gayatri | Vedmata, Savitri, Brahmi, Brahmavija. |
गायत्री कौन है who is gayatri –
गायत्री और कोई नही बल्की सृष्टी रचियता ब्रह्मा की पत्नी और चारो वेदो की रचियता गायत्री है । वेदो की रचना करने के कारण से पता चलता है की इनमे ज्ञान बहुत है जिसके कारण से ये ज्ञान माता के रूप में जानी जाती है । यहां तक की माता लक्ष्मी जो है वह स्वयं गायत्री का अवतार है ।
गायत्री का हिंदी मे अर्थ Meaning of gayatri in hindi –
- हिंदू धर्म की एक देवी।
- वैदिक मंत्रों और धुनों की देवी ।
- सभी धार्मिक ग्रंथों की लेखिका ।
- वेदों की माता ।
- ब्रह्मा की पत्नी देवी गायत्री ।
- जिसका वर्णन श्री गायत्री सहस्रनामस्तोत्र शास्त्र मे किया गया है ।
- जिसका संशोधन एक ऋषि ने किया था यानि महर्षि विश्वामित्र ने किया था ।
- एक ऐसी देवी जो सर्व सिद्धी दात्री है ।
- जिसके लिए गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है ।
गयात्री का पर्यायवाची शब्द के वाक्य में प्रयोग, Use of Gayatri in a sentence with synonyms
- महेश तांत्रिक बाबा को कहने लगा की तुम लोग आज जिन मंत्र पर उछल रहे हो वह हमारी देवी गायात्री ने लिखे थे ।
- कल एक साधू बाबा आया था वह न जाने महेश को क्या कह कर चला गया कल से ही गायत्री देवी की पूजा करने मे लगा है ।
- राजवीर को वर्ष बित गया मगर उसने गायत्री देवी की पूजा करनी नही छोडी तभी उसके घर मे सुख शांति छाई है ।
- सुरेखा जब स्कुल से अपने घर आई तो अपनी मां से कहने लगी की मां आज हमारे गुरूजी ने हमे गायत्री देवी का गायत्री मंत्र सिखाया था ।
- बिजली जब भी स्कुल जाती है तो गायत्री देवी के समाने खडी होगर गायत्री मंत्र का जाप करती है ।
- पिताजी ने अपनी बेटी पूजा को कहा की बेटी अगर तुम्हे स्कुल मे बताया ज्ञान याद नही रहता तो गायत्री देवी के सामने खडी होकर प्राथना करो सब याद रहेगा ।
गायत्री के बारे मे रोचक तथ्य, interesting facts about gayatri
- आपको जान कर हैरानी होगी की गायत्री देवी का संशोधन किया गया था और यह काम महर्षि विश्वामित्र ने किया था ।
- देवी देवताओ में सबसे अधिक ज्ञान इन्ही के पास है क्योकी ये सर्व सिद्धी दात्री है ।
- अनेक बार यह प्रशन सामने आता है की ग्रथो को आखिर लिखा किसने तो सभी धार्मिक ग्रंथों की लेखिका और कोई नही बल्की यही माता गायत्री देवी है । इसी कारण से इन्हे वदो की माता के नाम से जाना जाता है।
- गायत्री देवी की प्राथना करने के लिए एक मंत्र का जाप होता है और वह मंत्र इन्ही के नाम पर गायत्री मंत्र है ।
- गायत्री का गायत्री मंत्र का जाप हर किसी को करना चाहिए क्योकी वैज्ञानिक भी इस बात को मानते है की इस मंत्र का जाप करने के कारण से मनुष्य का मन शांत रहता है क्योकी मंत्र को जाप करने कुछ ऐसी उर्जा उत्पन्न होती है जो मन मे चल रही हलचल को समाप्त करने का काम करती है और जीवन को खुशी प्रदान करती है ।
- वेदो को लिखने वाली माता गायत्री ने कुल चार वेदो की रचना की और इन चारो वेदो मे गायत्री मंत्र के बारे मे भी लिखा गया है । और बताया गया है की अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन मे गायत्री माता को याद करते हुए गायत्री मंत्र का जाप करता है तो उसके पास सकारात्मक ऊर्जा की बढोतरी होती है ।
गायत्री माता की उत्पत्ती कैसे हुई, How Gayatri Mata originated
गायत्री माता की उत्पत्ती हुई थी बल्की उनका जन्म नही हुआ । और यह उत्पत्ती स्वयं ब्रह्मा ने की पोराणिक कथाओ के अनुसार बताया जाता है की एक बार ब्रह्माजी किसी यज्ञ मे गए हुए थे । तब यज्ञ को शुरू होने मे कुछ समय था मगर तभी ब्रह्माजी को याद आया की अगर यज्ञ में पत्नी साथ होती है तो यज्ञ सफल होता है और पत्नी साथ न होने पर यज्ञ अधुरा होता है ।
यह सोच कर ब्रह्मा ने अपने नेत्र बंद कर लिए और कुछ समय के लिए ध्यान मग्न हो गए और फिर एक मंत्र का जाप करते हुए गायत्री माता की उत्पत्ति कर दी । इसके बाद मे ब्रह्माजी ने उसे गायत्री नाम दिया और उसे बताया की उसकी उत्पत्ती क्यो हुई है ।
बताते हुए ब्रह्मा ने कहा की किसी कारण वंश माता सावत्रि इस यज्ञ मे सामिल नही हो सकती है जिसके कारण से तुम्हे मेरी पत्नी के रूप मे यज्ञ मे बैठना है । इस तरह से ब्रह्मा ने फिर यज्ञ पूरा किया । इस तरह से माता सावित्री का जन्म ब्रह्मा ने किया था मगर यह उत्पत्ति मानी जाती है न की जन्म ।
महर्षि विश्वामित्र मे किया गायत्री मे संशोधन, Maharishi Vishwamitra amended Gayatri
कहते है की जब ब्रह्माजी ने गायत्री की उत्पत्ति की तो गायत्री माता एक साधारण स्त्री के रूप मे थी । उसके पास किसी प्रकार की शक्ति मौजूद नही थी । जिसके कारण से गायत्री को केवल देवी देवती ही जानते थे । मगर एक बार महर्षि विश्वामित्र ने तप करते हुए गायत्री के बारे मे चारो और तक फैला दिया गया ।
क्योकी गायत्री की उत्पत्ति के समय गायत्री मंत्र की भी उत्पत्ती हुई थी तो विश्वामीत्र ने इस मंत्र को इतना फैला दिया की हर कोई गायत्री माता को जानने लगा था । इस तरह से फिर गायत्री माता मे संशोधन हुआ था और विश्वामित्र को गायत्री मे संशोधन करने वाले के रूप मे जाना जाने लगा ।
क्या है गायत्री मंत्र, what is gayatri mantra
गायत्री मंत्र माता गायत्री के लिए एक प्रकार का मंत्र होता है जो की वेदो का महत्वपूर्ण मंत्र है । यह मंत्र इतना बडा है की इसे ॐ के बाराबर भी माना जाए तो कोई गलत नही है । क्योकी मंत्र मे इतनी चमतकारी शक्ति मोजुद है जो ॐ के बराबर इस मंत्र को पहुंचाती है ।
क्योकि मंत्र का जाप करने के कारण से माता गायत्री की आराधना होती है जिसके कारण से ही से गायत्री मंत्र कहा जाता है । इस मंत्र को एक नाम और से जाना जाता है यानि माता सावित्री मंत्र । क्योकी गायत्री का रूप ही सावित्री है इसी कारण से ऐसा कहा जाता है । कहा जाता है की जो मनुष्य इस मंत्र को समझ लेता है उसे निश्चित ही अपने आराधय ईश्वर प्राप्त हो जाते है ।
इसके अलावा वेदो मे बताया गया है की मंत्र इतना प्रभावशाली है की इसका निरन्तर जाप करने से किसी प्रकार की समस्या तक नही आती है । मंत्र की उत्पत्ति का कारण ऋग्वेद को माना जाता है ।
माता गायत्री की पूजा के लिए काम मे लिया जाता है गायत्री मंत्र
बताया जाता है की वेदो की रचना करने वाली और कोई नही बल्की माता गायत्री ही है और उन ही वेदो मे गायत्री मंत्र का भी उल्लेख किया गया है । इसके अलावा गायत्री मंत्र का पाठ करने पर गायत्री या सावित्री की पूजा या आराधना होती है ।
जिसके कारण से गायत्री मंत्र का पाठ किया जाता है । इसके अलावा गायत्री मंत्र को ॐ के बराबर माना जाता है जिसके कारण से पता चलता है की गायत्री भी बहुत उच्च तरह की देवी है । क्योकी गायत्री मंत्र गायत्री माता का ही है । गायत्री मंत्र के जाप करने के कारण से मनुष्य के आस पास की जो नेगीटिव उर्जा होती है वह नष्ट हो जाती है और उसकी जगह सकारात्मक उर्जा का विकाश होता है । जिसके कारण से मनुष्य खुश मय जीवन जीने लग जाता है ।
माता गायत्री की सवारी क्या है, what is the ride of mata gayatri
देवी देवताओ में हर किसी के पास अपना वाहन या सवारी होता है जिस पर वे विराजमान होकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते है । मगर चोका देने वाली बात तो यह है की सभी के पास पशु पक्षी का ही वाहन है । इसी तरह से माता गायत्री का भी वाहन है जो माता गायत्री की सवारी के रूप में काम आता है । माता गायत्री का वाहन एक हंस होता है ।
मगर इसके अलावा इन्हे कमल पर भी देखा जा सकता है । इसका कारण यह है की भगवान ब्रह्मा की पत्नी होने के कारण इनके पास कमल हो सकता है । मगर असल मे सवारी या वाहन हंस ही है ।
गायत्री माता के पति कौन है, who is the husband of gayatri mata
गायत्री माता वेदो की देवी कही जाने वाली है और बताया जाता है की इन्होने ही वेद लिखे थे । गायत्री माता का विवाह सृष्टी मे जीवो को जन्म देने वाले स्वयं ब्रह्मा के साथ हुआ था । जिसके कारण से ब्रह्माजी गायत्री माता के पति है । क्योकी एक बार यज्ञ के समय ब्रह्मा को लगा की पत्नी अगर यज्ञ मे साथ होगी तो यज्ञ शुभ रहेगा ।
इसी कारण से ब्रह्मा ने गायत्री को उत्पन्न करते हुए उसके साथ विवाह कर लिया । इसके बाद मे गायत्री माता को ब्रह्मा की पत्नी कहा जाने लगा यानि ब्रह्मा गायत्री के पति है ।
गायत्री माता की आराधना करने से क्या लाभ प्राप्त होता है, What are the benefits of worshiping Gayatri Mata?
माता गायत्री ब्रह्मदेव की पत्नी है और उसी ने वेदो की रचना की है । जिसके कारण से पता चलता है की गायत्री माता बहुत ही ज्ञानी है । इस कारण से जो कोई भी माता गायत्री की पूजा करता है उसे ज्ञान हासिल होता है जिसके कारण से वह समय के इस चक्र में सही रास्ते पर चलते रहने के लिए रास्ता प्रदान करती है और सही गलत का बोध करवाती है ।
जिसके कारण से मनुष्य अपने जीवन को सही तरह से जी सके । इसके अलावा बताया जाता है की जो व्यक्ति माता गायत्री की पूजा करता है उसकी मन की मनोकामना पूरी तरह से सफल हो जाती है । मगर पूजा के साथ साथ गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत ही जरूरी होता है ।
अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से बिमार पडा है तो वह भी ठिक हो सकता है क्योकी गायत्री माता सुख देवी भी है । और किसी प्रकार की विपत्ती से रक्षा करने का काम करती है । गायत्री देवी की आराधना से केवल इतना ही नही प्राप्त किया जा कसता बल्की आज मनुष्य को जीस चीज की सबसे अधिक जरूरत है वह भी पूरी की जा सकती है ।
यानि धन की कमी भी आराम से पूरी होती है । आराधना करने वाले के साथ कुछ इस तरह से होने लग जाता है की उसे धन प्राप्त होता रहे । इस कारण से कहा जाता है की गायत्री माता की आराधना करने पर बहुत कुछ प्राप्त किया जा सकता है ।
गायत्री माता का निवास स्थान कहा है, Where is the abode of Gayatri Mata?
सभी देवी देवताओ का एक रहने का स्थान होता है जिसे निवास स्थान कहा जाता है और माता गायत्री का निवास स्थान तपलोक से बारह करोड़ योजन ऊपर बताया जाता है जिसे सत्यलोक के नाम से जानते है । यही पर माता गायत्री रहती है । इस लोक मे हमेशा सत्य होता है जिसके कारण से ही इसे सत्य लोक कहा जाता है ।
क्या गायत्री मानव के लिए उपयोगी है, Where is the abode of Gayatri Mata?
जी हां, दोस्तो आपने माता गायत्री के बारे में सुना है असल में यह एक देवी के रूप मे मानी जाती है । और देवी होने के कारण से आपको भी पता है की हिंदू धर्म में इनका काफी बड़ा महत्व माना जाता है ।
अगर आपने गायत्री मंत्र के बारे में सुना है तो यह भी इनसे ही जुड़ा है और आपको पता होगा की मंत्र का कितना अधिक महत्व होता है और मंत्र कितना उपयोगी होता है ।
तो इस बात का मतलब होता है की गायत्री मानव के लिए उपयोगी है ।
इस तरह से हमने इस लेख मे गायत्री के बारे मे बहुत कुछ जान लिया है । मगर लेख मे विशेष रूप से गायत्री का पर्यायवाची शब्द gayatri ka paryayvachi shabd ही है । जो आपको पूरी तरह से समझ मे आ गया है । फिर भी अगर कोई प्रशन है तो कमेंट बॉक्स मे पूछ सकते है ।