गीला का विलोम शब्द या गीला का विलोम , गीला का क्या होता है ? Geela ka vilom shabd ,Geela ka vilom shabd kya hai
शब्द | विलोम शब्द |
गीला | सूखा |
Geela | Sukha |
गीला का विलोम शब्द होता है शुष्क । गीला का मतलब होता है जब हम पानी से या फिर किसी और चीज से भीग जाते हैं तो उसको गीला के नाम से जाना जाता है। वैसे गीला तभी होता है जब पानी से हम भीग जाते हैं। और बारिश जब होती है और हम खेत मे काम कर रहे होते हैं तो फिर भीग जाते हैं इसका मतलब यही है कि हम गीले हो जाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । गीले का मतलब आप समझ चुके हैं। हालांकि गीला कपड़ा तो आप रोज ही करते हैं। क्योंकि कपड़े को आप जब धोते हैं उसके मेल को बाहर निकालते हैं तो इससे पहले उसे गीला करना पड़ता है। और उसके बाद सूखाना पड़ता है।
गीला कपड़ा करना जरूरी होता है। क्योंकि हम सभी लोग इतने अधिक पैसा वाले नहीं हैं कि कपड़े धोने की जरूरत ही ना पड़े । असल मे हम लोग काफी अधिक गरीब हैं तो हमको अपने कपड़े गीले करने की जरूरत होगी । आप इस बात को समझ सकते हैं। भारत के अंदर काफी अधिक गरीबी है। इसके बारे मे आप जानते ही हैं।
इसी प्रकार से गीला तब होता है जब बारिश का मौसम होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।गीला कुछ भी हो सकता है। आप नहाते हैं तो उसके बाद आप अपने शरीर को गीला करते हैं और उसके बाद एक तौलिया की मदद से अपने गीले शरीर को पौंछते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इस तरह से आपको पता होना चाहिए कि गीला क्या होता है। हालांकि गीला होने के बारे मे लगभग सभी इंसानों को अच्छी तरह से पता है। जब किसान खेत के अंदर काम करते हैं तो वहां पर वे सभी काफी अधिक गीला हो जाते हैं क्योंकि तेज धूप के अंदर काम करने की वजह से उनको काफी अधिक पसीना आता है
जिसकी वजह से वे गीला हो जाते हैं और उसके बाद ही खेत के अंदर अनाज होता है। लेकिन उसके बाद भी बिचौलिया उनको सही कीमत नहीं देते हैं तो उन बेचारों को काफी कम कीमत पर ही अनाज बेचना पड़ता है आप इस बात को समझ सकते हैं। तो उनके गीला होने का फायदा नहीं होता है।
हमारे पास मे ही एक किसान ने एक बार तरिया की खेती की थी। वैसे मार्केट के अंदर तरिया 20 रूपये किलो तक बिगता है लेकिन उस किसान को थोक के अंदर अपने तरिया को 9 रूपये किलो तक बेच कर आना होता था। अब आप समझ सकते हैं कि बिचौलिया बिना कुछ किये ही कितना पैसा कमाते हैं। जबकि मेहनत किसान करता है। और उसका मजा बिचौलिया लूटते हैं। आप देख सकते हैं कि देश के अंदर कितनी अधिक महंगाई है। इतनी महंगाई ऐसे ही नहीं है। यह सब महंगाई बिचौलियों की वजह से ही है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । यदि बिचौलिया नहीं होंगे तो माल की सही कीमत किसानों को मिलेगी । और सब को कम कीमत पर माल भी मिल जाएगा । तो आप समझ सकते हैं कि बिचौलियों ने इस देश का क्या हाल कर चुका है।
दोस्तों सूखे के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं सूखे का मतलब होता है जहां पर पानी नहीं बरसता है वहां पर सूखा पड़ जाता है। हालांकि आजकल सूखा काफी कम ही रहता है। हालांकि कुछ ऐसी जगहें होती हैं जहां पर आज भी सूखा पड़ता है। अधिकतर उन जगहों पर सूखा पड़ता है।
जहां पर पेड़ पौधे काफी कम होते हैं। लेकिन जिन स्थानों पर पेड़ पौधे काफी अधिक होते हैं वहां पर सूखा नहीं पड़ता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । वैसे आपको बतादें कि आज पूरी दुनिया की जनसंख्या काफी अधिक हो चुकी है। और इतनी जनसंख्या के लिए काफी अधिक खाने की जरूरत होती है। और यदि सूखा एक साल भी पड़ जाता है तो उसके बाद अनाज की कीमतें आसमान छूने लग जाती हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । हालांकि इन सालों के अंदर मैंने अकाल और सूखे को नहीं देखा । मतलब अकाल और सूखा पड़ता ही नहीं है। हमारे यहां तो अधिकतर केस के अंदर बारिश आती ही रहती है।
इसके अलावा यदि सूख पड़ भी जाता है तो अधिक समस्या नहीं होती है क्योंकि अनाज का इतना अधिक स्टॉक रखा जाता है कि यदि एक बार सूखा पड़ भी जाए तो कुछ खास नहीं हो पाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । क्योकि सरकार के पास काफी अधिक अनाज का स्टॉक होता है। लेकिन पहले ऐसा नहीं था।
ऐसा नहीं है कि पहले लोग खेती नहीं करते थे ।असल मे खेती तो लोग करते थे लेकिन खेती पर कई तरह के प्रकोप भी होते थे । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जैसे कि टिडिया आ जाती थी और उन टिडियों की वजह से सारा खेत खाली हो जाता था। उस समय उनको मारने के लिए कुछ दवाएं भी उपलब्ध नहीं थी। लेकिन आजकल
विज्ञान इतनी अधिक तरक्की कर चुका है कि यदि फसल के अंदर किसी भी तरह का कीड़ा वैगहर लग जाता है तो उसके बाद तुरंत ही इसकी दवा मार्केट के अंदर जाकर हम ले आते हैं और उस दवा का उपयोग करने लग जाते हैं जिससे कि फसल को कीड़ों से बचाया जा सकता है। यही कारण है कि अच्छा उत्पादन होता है।
इसके अलावा सूखे का असर इसलिए भी नहीं होता है क्योंकि आजकल हर खेत के अंदर कुए हैं। यदि सूख पड़ता भी है तो उसके बाद खेत के अंदर फसलों के लिए कुंओ से पानी निकाला जाता है और उसके बाद उत्पादन को बढ़ाया जाता है। जिसकी वजह से भी सूखा असर नहीं करता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना
चाहिए । वैसे सूख पड़ना वहां पर रहने वाले पशुओं के लिए सबसे अधिक हानिकारक होता है क्योंकि आवारा पशुओं के पास खाने पीने के लिए कुछ भी नहीं होता है। अब यदि सूख पड़ेगा तो पशु क्या खाएंगे। ऐसी स्थिति के अंदर आप समझ सकते हैं कि उन पशुओं की मौत तक हो जाएगी ।
इस वजह से सूख पड़ना किसी के हित मे नहीं होता है। एक तो वैसे ही महंगाई काफी अधिक हो चुकी है। इसके अलावा भी यदि सूखा पड़ता है तो उसके बाद महंगाई और अधिक हो जाएगी इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
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