गृह पर्यायवाची शब्द या गृह का समानार्थी शब्द (grh ka paryayvachi shabd / grh ka samanarthi shabd) के बारे में इस लेख में हम जानेगे । इसके साथ ही गृह से जुडी विभिन्न प्रकार की जानकारी के बारे में चर्चा करेगे तो लेख को देख ।
शब्द (shabd) | गृह का पर्यायवाची शब्द या गृह का समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
गृह | घर, आलय, बसेरा, भवन, आगार, जन्मभूमि, मकान, शाला, वेश्म, ओक, आवास, हवेली, आयतन, निकेत, मन्दिर, निलय, गेह, सदन, आश्रप्रद, साघप, शाला, आवस, निघान, निशान्त, निवेश, वास, शिविर, धाम, डेरा, विश्रपद, वस्य, शरन, निवास, असन, परिव, वासस्थान, अयन, हस्थान, आश्रय, कुटुंब । |
गृह in Hindi | Ghara, alaya, basera, bhavana, agara, janmabhūmi, makana, sala, vesma, oka, avasa, haveli, ayatana, niketa, mandira, nilaya, geha, sadana, asraprada, saghapa, sala, avasa, nighana, nisanta, nivesa, vasa, sivira, dhama, dera, visrapada, vasya, sarana, nivasa, asana, pariva, vasasthana, ayana, hasthana, asraya, kuṭumba. |
गृह in English | house, home, Building, premises, dwelling, mansion, Edifice. |
हिंदी भाषा में गृह शब्द का अर्थ एक ऐसे स्थान से होता है जहां पर मनुष्य रहता है और उसे घर या भवन के नाम से जानता है । जिसके कारण से गृह को इन अर्थो के रूप में जाना जा सकता है –
इस तरह से घर शब्द कें अर्थ इसके पर्यायवाची शब्द ही होते है ।
दोस्तो लंदन के लीवरपूल स्ट्रीट के पास एक ऐसा घर है जो की बिना दरवाजे के बना हुआ है । यानि वहां पर किसी भी प्रकार का दरवाजा नही है । और उस घर में केवल एक ही कमरा है और इसका किराया सुन कर आप चौक उठोगे क्योकी इस मकान का किराया 50 हजार से भी अधिक है और वह भी एक महिने का ।
अब आप सोच रहे होगे की भला इस घर की इतनी अधिक किमत क्यो है । तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की यहां पर कमरे में वह सब समान मौजूद है जिसकी आपको जरूरत होती है । और इस घर में अंदर जाने के लिए एक अलमारी है जिसका उपयोग दरवाजे के रूप में होता है ।
दोस्तो क्या आपने सोचा है की कभी हम घर में रात को सोते है और दिन में उठे तो हमे ऐसा कुछ दिखे जो चौका दे यानि हम जमीन पर सो रहे है और घर का बाकी का फनीचर उपर की और लटका हुआ है और देखने में ऐसा लगे की वह हमारे उपर आ गिरेगा ।
जी हां दोस्तो यह घटना सच है क्योकी ताइवान के हुआसान क्रिएटिव पार्क में एक ऐसा ही गृह बन चुका है जो दिखने में पूरा का पूरा उल्टा है । यानि वहां पर जो भी फनीचर है वह उल्हा लटका हुआ है और जब कोई व्यक्ति अंदर जाता है तो उसे वह सब अपने उपर गिर जाएगा ऐसा देखने को मिलता है ।
अगर इस घर को बाहर से देखा जाता है तो देखने में ऐसा लगता है की मानो बडा भुकंप आ गया हो और घर को उल्टा कर दिया हो । मगर फिर भी फनीचर जैसा कुछ निचे गिर ही जाएगे । मगर उस घर में टॉयलेट सिट के साथ साथ सब उल्टा है भला ऐसे टॉयलेट में टॉयलेट कैसे किया जाएगा । इस घर की छत उपर की और नही है बल्की वह तो जमीन पर ही बनी हुई है ।
दुनिया के ऑस्ट्रेलिया में एक ऐसा विचित्र घर बना हुआ है जहां पर लोगो के शवो की खोपडी इस तरह से सजी हुई है की मानो वह घर पूरा का पूरा भूतिया हो । इस घर को बोन हाउस के नाम से जाना जाता है और बताया जाता है की यहां पर बहुत से लोगो की खोपडी है और इनकी कुल सख्या लगभग 1200 के करीब हो जाती है ।
इस घर की छत पर हाथ व पैरो की विभिन्न प्रकार की हडिया भी लटकी हुई है । और एक अलग ही प्रकार की डिजाईन बना दि गई की मानो इस घर को पूरा का पूरा सजाया गया हो । आपको जान कर हैरारी जरूर होगी की इस गृह में जीतनी भी खोपडी रखी हुई है उन्हे पहचाना जा सकता है की यह किस व्यक्ति की खोपडी है । क्योकी इन खोपडियो पर उस व्यक्ति का नाम लिखा होता है ।
मनुष्य ने आज से नही बल्की प्राचीन समय से एक ऐसे स्थान को बनाया हुआ है जहां पर वह रहता है । और उस स्थान पर कुटिया से लेकर मकान तक बनते जा रहे है । इस तरह से एक आश्रय बन जाता है ताकी वह कठिन समस्याओ से भी बच सके । और यह आश्रय प्राचीन समय में एक कुटिया के रूप में होता था और आज मकान के रूप में है । इसे ही गृह कहा जाता है ।
जिसे एक अन्य नाम से भी जाना जाता है जो है घर । इस घर में मनुष्य अपने पूरे परिवार के साथ रहता है । और अपने परिवार की सुख व दुख में सहयोगी बनने का काम करता है । इस तरह के गृह होने के कारण से जो समस्या आती है जैसे तेज वर्षा आंधी आदी से आसानी से बचा जा सकता है ।
दोस्तो प्राचीन समय से ही जो लोग बाहर से आते थे उन्हे निवास स्थान की जरूरत होती थी और इसके लिए वे ऐसे स्थान की तलाश में रहते ही थे । जिनकी यह इच्छा पूरी बडे साहुकार या राजा महाराजा के द्वारा की जाती थी । क्योकी वे एक तरह के आवास बनाए रखते थे जो की लोगो के विश्राम के लिए होते थे ।
जैसे वर्तमान में आप लोगो ने देखा होगा की शहरो में कुछ ऐसे स्थान होते है जो की आवास स्थान के रूप में जाने जाते है और वहां पर कोई भी व्यक्ति बडी आराम से रह सकता है । जिसके लिए किसी प्रकार का पैसा तक खर्च नही होता है । मगर कुछ ऐसे कारण भी हो गए है की वर्तमान में घर के कारण से पैसे तक कमाए जाने लगे है ।
दोस्तो वर्तमान में शिक्षा का दोर है जिसके कारण से विद्यार्थी से लेकर एक नोकरी करने वाला अपने निवास स्थाना या अपने घर से दूर चला जाता है । जहां पर उसे रहने के लिए किसी प्रकार का आवास तक नही मिलता है । मगर कुछ लोग उनकी इस समस्या को दूर कर देते और उन्हे रहने के लिए आवास प्रदान करते है ।
मगर अब उन्हे जो घर मिलता है उनका किराया लगता है । जितने दिनो तक वह उस घर में रहता है उस हिसाब से घर के मालिक को कुछ पैसे देने होते है । ताकी घर का मालीक खुश हो सके और उन्हे आसानी से रहने दे सके । इस तरह से घर को देने को ही घर किराए पर देना कहा जाता है ।
जैसे आज शहरो में बडे बडे हॉटल भी खुले हुए है जहां पर रहने के अलावा खाने पिने की आवश्यकता को भी पूरा किया जाता है । मगर इसके लिए खर्चा अधिक होता है । जिसके कारण से वे ज्यादातर किराए पर घर को ही लेते है । इस तरह से कहा जा सकता है की यह एक ऐसा बिजनेश होता है जिसमें अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है ।
दोस्तो क्योकी जो वस्तु कुछ समय के लिए दी जाती है और उसके बदले पैसे मिलते है तो यह एक तरह का बिजनेश ही होता है । और ऐसा ही आज के दोर में हो रहा है । यानि लोग कुछ दिनो से लेकर महिनो तक घर को किराए पर लेते है और ऐसे बिजनेश को बढावा देते है ।
जिसके कारण से हर कोई इस तरह के बिजनेश में अच्छा मुनाफा कमा सकता है । हालाकी यह सब करने के लिए उस व्यक्ति के पास अच्छे पैसे होने चाहिए या उसके पास बहुत से घर होने चाहिए ताकी वह उन्हे किराए पर दे सके और अपना बिजनेश शुरू कर सके ।
दोस्तो अगर आज हम अपने दादा पडतादाओ की बात भी करे तो सुनने को मिला है की हम जीस गाव में रहे है उस गाव में कुछ ही लोगो के पास पक्का घर था यानि वर्तमान की तरह का घर था । तो आज के बहुत समय पहले ऐसा घर होना बहुत ही नामुमकिन है ।
क्योकी जब पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति हुई तो एक आदिवासी के रूप मे मनुष्य था ऐसा बताया जाता है । और उस समय आदिवासियो के पास कोई घर नही था बल्की वे ऐसे ही जंगलो में पेड पौधो पर रहा करते थे । दूसरा उस समय बडे खतरनाक जानवर हुआ करते थे जो मनुष्य को देखने मात्र नष्ट करने पर उतर जाते थे ।
तो भला उस समय कोई अपने घर मैं कैस रह सकता था । यानि उस समय गृह नही था बल्की लोग छिप कर रहा करते थे । जैसे जैसे समय बिता तो लोग एक कुटिया बना कर रहने लगे थे जो काफी अधिक अजीब लगती थी । यानि हम गुरूओ के आश्रम के बारे मे सुनते है वैसा तक नही था । उस कुटिया को ही उन लोगो का घर कहा जाता था ।
अब बात करते है और अधिक समय बित जाने की तो फिर कुटिया को अच्छी तरह से बना कर उनमें रहा करते थे और राजा महाराजाओ के जो बेटे हुआ करते थे वे इसी तरह की कुटिया में शिक्षा लेते थे । इस कारण से वह उनका गृह था । और वर्तमान की तरह घर बनने में काफी अधिक समय लग गया था ।
क्योकी आज जो घर है उसमें तरह तरह के पत्थरो का उपयोग हो रहा है और इससे पहले लोगो के पास मिट्टी के घर हुआ करते थे । जैसा की आज हम दुर्ग और किले को देखते है । वे सभी इसी तरह की मिट्टी से बनते होते है और उन्हे राजा महाराजाओ का घर ही कहा जाता था । जिसे आज हम दुर्ग के नाम से जानते है ।
इस तरह से इस लेख में गृह शब्द के पर्यायवाची शब्दो के बारे में बडी ही विस्तार से जान लिया है अगर लेख पसंद आया तो कमेंट करे ।
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