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गुनाह का विलोम शब्द क्या gunah ka vilom shabd kya hai ?

गुनाह का विलोम शब्द या गुनाह का विलोम , गुनाह का उल्टा क्या होता है ? gunah ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
गुनाह‌‌‌निर्दोष
gunahagunah

‌‌‌ गुनाह का विलोम शब्द क्या है।

गुनाह का विलोम शब्द निर्दोष होता है। दोस्तों गुनाह के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। किसी भी प्रकार से कानून का उल्ल्घंन करना गुनाह होता है। वैसे देखा जाए तो गुनाह आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं। पहला होता है कानूनी गुनाह जिसके अंदर हम किसी देश के कानून का उल्ल्घंन करते हैं ।

‌‌‌तो उसके बाद हमे सजा हो सकती है। कारण यह है कि यह उस देश के कानून के खिलाफ होता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसी प्रकार से दोस्तों गुनाह किसी भी तरह से नहीं करना चाहिए । यदि आप कानून तोड़ते हैं तो वह गुनाह होता है। आमतौर पर इसप्रकार के गुनाह इंसानों के द्धारा बनाया जाता है।

‌‌‌हर देश का कानून अलग अलग होता है। इस वजह से वहां के गुनाह भी अलग अलग हो जाते हैं। तो यदि आप किसी नये देश के अंदर जाते हैं तो उसके बाद वहां के कानून के बारे मे आपको पता होना चाहिए कि जैसे कूछ देशों के अंदर आप रोड़ पर कचरा नहीं फेंक सकते हैं। लेकिन भारत के अंदर यह सब करना अपराध या गुनाह नहीं है।

‌‌‌इसी प्रकार से एक होता है नैचुरल गुनाह इसका मतलब यह होता है। कि यदि आप किसी के साथ भी मन कर्म और वचन से गलत करते हैं तो वह भी गुनाह ही होता है। आप बुरी चीजों के संगत रहते हैं तो वह भी गुनाह होता है। आप किसी भी चीछ खास कर बुरी चीजों से चिपकते हैं तो वह भी गुनाह के अंदर ही आता है। आप समझ सकते हैं।

‌‌‌और इस तरह का गुनाह यदि कोई करता है तो उसके बाद इसकी सजा भी उनको मिलती है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । और यह सजा कई जन्मों तक मिलती रह सकती है। इस बात को भी आपको समझ लेना चाहिए । जैसे कि यदि कोई किसी को मार देता है और अपने जीवन के अंदर बहुत सारे बुरे कर्म करता है तो उसके बाद उसे ‌‌‌ मरने के बाद नीच योनियां मिलती हैं और उन नीच योनियों के अंदर अपने कर्मों की सजा भुगतनी होती है। आपको इसके बारे मे भी पता होना चाहिए । खैर जो इंसान अच्छे कर्म करते हैं और गुनाह नहीं करते हैं उनको अपने कर्मों का फल तो भुगतना ही होता है। लेकिन आमतौर पर अच्छे कर्मों का फल भुगतना होता है या ‌‌‌ उनको सिर्फ अच्छा फल मिलता है। आमतौर पर उनको बुरा फल नहीं मिलता है। यदि आप किसी धतरी पर अच्छा अनाज बोते हैं तो उसके उपर अच्छा ही उगेगा लेकिन यदि आप खराब अनाज को बो देते हैं तो उसके बाद अनाज कैसे उगेगा आप भी इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

‌‌‌इसलिए आपको किसी भी तरह का गुनाह करने से कम से कम तब तक बचना ही जाए जब तक कि आपको इसकी जरूरत नहीं हो । कई बार जीवन को सही तरीके से चलाने के लिए भी गुनाह करना पड़ता है। जैसे कि आपके घर के अंदर सांप घुस गया आप उसे पकड़ नहीं सकते हैं। लेकिन यदि आप उसे नहीं मारेंगे तो फिर हो सकता है कि वह ‌‌‌ आपको डस ले ऐसी स्थिति के अंदर आपको अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि गुनाह करना क्यों जरूरी है और इसके प्रभाव से आप किस तरह से बच सकते हैं।

‌‌‌निर्दोष का का अर्थ और मतलब

दोस्तों निर्दोष के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। निर्दोष का मतलब होता है बिना दोष के । या जिसका कोई दोष नहीं है उसके लिए निर्दोष के नाम से जाना जाता है। आपने किसी तरह का गुनाह किया ही नहीं है तो आप बेगुनाह हैं या निर्दोष हैं। दोस्तों भले ही भारत के ‌‌‌ अंदर अच्छी अच्छी अदालते मौजूद हैं लेकिन कई बार अदालतों से भी गलती हो जाती है और किसी निर्दोष को सजा मिल जाती है। जो बेगुनाह होता है उसे सजा मिल जाती है और जो गुनाहगार होता है। वह खुले मे घूमता रहता है। कई लोग अपनी आपबीती इसके बारे मे बताते हैं।

‌‌‌यदि आपके उपर किसी तरह का इल्जाम लगता है तो आपको उसको गलत साबित करने के लिए कोर्ट मे गवाह और सबूत पेश करने होते हैं। लेकिन यदि आपके पास गवाह या सबूत नहीं होते हैं तो आप अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर सकते हैं । जैसे कि आप किसी रोड़ पर एक्सीडेंट हुए इंसान को हॉस्पीटल के अंदर लेकर जाते हैं।

‌‌‌और वहां पर जाने के बाद उसकी मौत हो जाती है। तो पुलिस सबसे पहले आपसे ही पूछताछ करती है। क्योंकि उनको लगता है कि आप भी विक्टम हो सकते हैं। लेकिन यदि पुलिस को आपके खिलाफ किसी तरह का सबूत मिल जाता है तो आपको भी बलि का बकरा बनाया जा सकता है। यही कारण है कि कोई किसी की मदद नहीं करना

‌‌‌चाहता है। कुछ साल पहले एक घटना हुई । हमारा जानकार एक बाइक लेकर कहीं पर जा रहा था रस्ते मे उसका एक्सीडेंट हो गया रात का समय था तो वह अकेला ही था। उसके बाद पास से ही कार गुजरी उसने कार को रूकवाया और अस्पताल के लिए कहा पहले तो कार वाले ने मना कर दिया ।

‌‌‌क्योंकि उसने कह दिया कि वह पुलिस के लफड़े के अंदर नहीं पड़ना चाहता था तो उसके बाद किसी तरह से उस इंसान ने कार वाले को मना लिया । खैर इस मामले के अंदर विक्टम जिंदा था तो वह अपना बयान दे सकता था। लेकिन यदि विक्टम मर जाता तो फिर क्या हो सकता था ? आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

‌‌‌इसलिए दोस्तों यदि आप किसी गुनाहगार के साथ भी रहते हैं तो फिर पुलिस आपतक आ सकती है। क्योंकि पुलिस को यह लगता है कि आप उसके गुनाह के अंदर शामिल हो सकते हैं। यह बात अलग है कि आपने गुनाह किया ही नहीं हो । लेकिन कम से कम आपको पुलिस के लफड़े के अंदर फंसना पड़ सकता है।

‌‌‌हालांकि गुनाह करने वाला कितना भी शातिर किस्म का क्योंना हो । वह एक ना एक दिन पकड़ा ही जाता है। लेकिन यदि उसके बदले मे कोई निर्दोष बलि चढ़ जाता है तो उसका समय और पैसा फालतू के अंदर ही बरबाद हो जाता है आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

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