जीत का विलोम शब्द क्या है Jeet ka vilom shabd kya hai ?
जीत का विलोम शब्द या जीत का विलोम , जीत का क्या होता है ? Jeet ka vilom shabd , Jeet ka vilom shabd kya hai
शब्द | विलोम शब्द |
जीत | हार |
Jeet | Haar |
जीत का विलोम शब्द और अर्थ
दोस्तों जीत का विलोम शब्द होता है हार । और जीत का मतलब होता है विजय को प्राप्त करना या हाशिल कर लेना। जीवन के अंदर जीत और हार तो लगी ही रहती है। आप जीवन के अंदर कुछ चीजों को पाने का प्रयास करते हैं।
कई बार आप उनको पाने मे सफल होते हैं तो कई बार असफल होते हैं। क्योंकि जीत और हार तो हमेशा लगी ही रहती है। जीत होने पर हम काफी खुश होते हैं लेकिन हार होने पर दुखी हो जाते हैं। जीत लेकिन हर किसी को नशीब नहीं होती है। यहां पर हर चीज के लिए संघर्ष होता है और इस संघर्ष के अंदर कुछ ही लोग विजय होते हैं।
जीत आपके लिए खुशी का मौका होता है। और आप जीत के लिए ही तो प्रयत्न करते हैं। जीवन के अंदर कई तरह की समस्याएं आती हैं। आपको पता ही होगा कि हर समस्या के लिए आपको लड़ना पड़ता है। जैसे कि आप बीमार हो गए तो आपका शरीर इस बीमारी से लड़ रहा होता है। और जब आपका शरीर इस बीमारी के कीटाणू को नष्ट कर देता है तो उसके बाद आपका शरीर जीत जाता है। खैर आपको पता होना चाहिए कि शरीर भी हर बार नहीं जीत ता है। कई बार ऐसा भी समय आता है जब हमारा शरीर हार जाता है और हमारा शरीर मर जाता है।
इसी तरीके से जीवन के अंदर संघर्ष भी होता है आप इसको देख सकतें हैं जैसे कि आप नौकरी के लिए प्रयास करते हैं तो आपको काफी मेहनत करनी होती है। और आजकल तो हालत ही खराब हो चुकी है। सरकारी नौकरी वैगरह को प्राप्त करने के लिए आपकी मेहनत भी काम नहीं आती है।
इसका कारण यह है कि आजकल बहुत अधिक धांधली चलती है। सरकारी नौकरी के लिए पहले से ही सेंटिंग हो जाती है और उनको ही बाद मे लिया जाता है। और आजकल बेरोजगारी काफी अधिक बढ़ ही चुकी है। इसके बारे मे आप काफी अच्छी तरह से जानते ही है।
यदि आप जीवन कें अंदर जीतना चाहते हैं तो बस आपको कर्म करते जाना होगा फल की इच्छा ना करें ।फल की इच्छा करना आपके लिए सही नहीं होगा । यदि आप फल की इच्छा करते हैं तो कभी भी अच्छा से सफल नहीं हो सकते हैं। लेकिन आजकल के लोग अधिकतर ऐसे ही हैं जोकि फल को जल्दी ही पाना चाहते हैं। यदि आप फल के बारे मे ही सोचने लगोगे तो फिर आप सही तरीके से काम पर ध्यान नहीं दे पाएंगे । और उसके बाद आप हार जाएंगे ।
यदि आप जीवन के अंदर जीतना चाहते हैं तो आपको हर काम फल पाने की इच्छा से नहीं करना होगा । आपके हाथ मे बस काम करना होता है। उसका फल पाना आपके हाथ मे नहीं होता है। यदि आप काम अच्छे से करेंगे तो आपको जीत भी हाशिल होगी और फल भी मिलेगा।
जीवन के अंदर यदि आप जीतना चाहते हैं तो दूसरो से हटकर काम करें। जो दूसरे करते हैं वह कभी नहीं करना है। यदि आप लीक से हटकर चलते हैं तो ही आप सक्सेस होते हैं। अन्यथा कोई फायदा नहीं होगा आप मेहनत करते ही रह जाएंगे । लेकिन भारत के अंदर देखादेखी अधिक चलती है। अधिकतर लोग वैसा ही करने का प्रयास करते हैं जैसा कि उन्होंने दूसरों को करते हुए देखा है।
हार का अर्थ और मतलब
दोस्तों हार का अर्थ होता है असफलता मिलना । जब हम किसी तरह का काम करते हैं और उस काम के अंदर जब हम सफल नहीं हो पाते हैं तो हम उसके लिए असफलता मिलना कहा जाता है।
वैसे आपको यह बतादें कि असफलता को कोई भी पसंद नहीं करता है। हम सभी असफलता को दूर भगाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि असफलता हमकों मिले ही नहीं । वरन हमको मिलें तो सफलता ही मिले ।
लेकिन कुछ लोग होते हैं जोकि हार से भी प्यार करते हैं। क्योंकि उनको यह लगता है कि वे काम बस करते जाएं । उन्हें खुद के अंदर बदलाव करना अच्छी तरह से आता है और वे इस बदलाव के दम पर खुद को सही कर पाते हैं। इस दुनिया के अंदर यदि आप इतिहास को उठाकर देखोंगे तो आपको पता चलेगा कि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जोकि सफलता हाशिल करने के लिए कई बार हार का सामना करते हैं तब उनको सफलता मिलती है। लेकिन वे हार के अंदर भी अपना फायदा देखते हैं। आप यह पूछ सकते हैं कि हार मे भी ऐसा क्या फायदा हो सकता है ? तो हार से भी हम बहुत कुछ सीखते हैं।
जब किसी काम के अंदर असफल हो जाते हैं तो एक समझदार इंसान असफलता या हार का रोना नहीं रोते हैं वरन वे यह देखते हैं कि क्या कारण था जिसकी वजह से वे हार गए थे । और उन समस्याओं को दूर करने का प्रयास करते हैं।
ऐसा नहीं होता है कि आप हार गए और बैठ गए । यदि आप अपनी हार के कारण को सही तरीके से नहीं जान पाएंगे तब तक आप कभी भी सफल नहीं हो पाएंगे । आपको जीतने के लिए अपने हार के कारणों को खोजना होगा और उसके बाद उन कारणों को दूर करना होगा ।
यदि आप सोचते हैं कि आप बिना हार के कारणों को जाने ही जीत जाएंगे तो यह संभव हो सकता है। एक बार की बात है हम लोग एक इंजिनियरिंग की परीक्षा दे रहे थे तो एक सहपाठी जो हमारे पास ही बैठा था। और मैंने उसकी परीक्षा मे काफी मदद की थी।
लेकिन उसके बाद भी वह कुछ सब्जेक्ट के अंदर फैल हो गया । लेकिन अगली बार भी वह मेरे पास ही आया । उसके बाद परीक्षा मे मैंने उसकी काफी मदद की तो फिर वह पास हो गया । दोस्तों जीत के लिए आपको मेहनत तो करनी ही होगी यह अलग बात है कि आप किस तरह से मेहनत करते हैं।
कुछ लोग पढ़ने के लिए काफी मेहनत करते हैं तो इसके वपरित कुछ लोग अलग ही तरीके को अपनाते हैं वे मेहनत कम करते हैं लेकिन परीक्षा मे पास होने के लिए चिटिंग के नए नए तरीके लेकर आते हैं। यह अलग बात है कि उनमे से बहुत से लोग चिटिंग करके पास ही हो जाते हैं और उनको कोई भी पकड़ ही नहीं पाता है।
और वैसे भी आजकल कोई भी सफल होने के लिए सीधा तरीका नहीं अपनाता है। आजकल हर कोई सफल होने के लिए ढेडा तरीका ही अपनाते हैं।
अब यह आपके उपर निर्भर करता है कि आप कौनसा तरीका अपनाते हैं। यदि आप सही तरीका अपनाते हैं तो हो सकता है कि आपको सफल होने मे समय लग जाए और खास कर जैसे यदि आपको नौकरी लगना है तो इसके अंदर सही तरीका काम नहीं करेगा ।
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