जमींदार का पर्यायवाची शब्द या जमींदार का समानार्थी शब्द (jimmedar ka paryayvachi shabd ya landlord synonyms in hindi) के बारे में आज हम इस लेख में जानने वाले है । तो अगर आप भी यह जानना चाहते है की जमींदार कौन है और इसके पर्यायवाची क्या होते है तो आपको बता देते हैकी लेख आपके लिए काफी उपयोगी होने वाला है ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd ya samanarthi shabd) |
जमींदार | भूमिया, जमीनदार, मिल्क, भूमिपति, मिल्की, भूमिदेव, भू अधिप, भूप, राजा, मलिक, भूमिपाल, भूमिया । |
जमींदार in Hindi | bhoomiya, jameendaar, mil, bhoomipati, miltee, bhoomidev, bhoo adhip, bhoop, raaja, malik, bhoomipaal, bhoomiya . |
जमींदार in English | landlord, squirearch, land owner, zeminder. |
दोस्तो जमींदार का अर्थ होता है ज़मीन का मालिक। यानि एक ऐसा व्यक्ति जिसका किसी जमीन पर अधिकार होता है तो वह उस जमीन का मालिक होता है । तो इस तरह से जो जमीन का मालिक है वह जमीदार होता है । जैसे की आप अपने खेत के मालिक हो तो आप जमीदार हो । और इसी तरह से जो कोई जमीन का मालिक होता है वह जमीदार होता है ।
इस तरह से दोस्तो आपको बता देते है की जमीदार वह होता है जो की किसी विशेष प्रकार की भूमी का मालिक होता है । जैसे की आप अपने पर ही बात लेकर देख सकते हो । आपके पास एक खेते है और उसका जो मालिक है जैसे आपके दादा या आपके पीता तो वह जमींदार होते है ।
आज के समय में लगभग सभी के पास जमींन होगी । तो आपको बता दे की आप सभी जमींदार होते है । क्योकी जमींदार का मतलब होता है जमीन का मालिक या भूमि । चाहे किसी भी तरह की भूमी हो अगर कोई उसका मालिक होता है तो वह जमींदार होता है । जैसे की आपके पास एक खेत है तो आप जमींदार होते है और यह आपको जानकारी होनी चाहिए ।
वैसे आपको बता दे की जमीदार का मतलब जमीन का मालिक होना होता है और जमीन का मालिक वह होता है जिसके पास जमीन होती है । आपको बता दे की आपको पास अपने दादाओ के पास से या फिर अभी से जमीन की सख्या है तो आप एक जमीदार होते है । वैसे जमीदार जो होते है वे डेवलपर या बिल्डर नही होते है और इस बारे में पता होना चाहिए ।
जमींदार को किसान के रूप में भी जाना जाता है । वैसे इसका उपयोग ज्यादातर हरियाणा में होता है क्योकी वहां पर जिसके पास जमीन है और वह खेती करता है यानि एक किसान होता है तो उसे जमींदार ही कहते है । वैसे आपको बता दे की एक दुकानदार जो होता है वह जमीदार नही होता है । वैसे आज के युग की बात करे तो आपको पता होगा की बहुत से जमीदार ऐसे होते है जो की अपनी भुमी को किराए पर दे देते है और इसके बदले में पैसे लेते है । तो इस तरह से भी जमीदार होते है ।
कई जमींदार ऐसे होते है जो की अपनी जीमन का उपयोग कर कर कड़ी मेहनत के साथ साथ खेती करते है और धन अर्जित करने का काम करते है । इस तरह के बहुत सारे जमीदार आपको भारत के अंदर देखने को मिल जाएगे । आपको बता दे की इस तरह के जमीदार को हम कामयाब जमीदार के रूप में जानते है और इस बारे में आपको पता होना चाहिए
जमींदार को अपने काम में सफल होने के लिए कोई सीढी नही चढना होता है बल्की उसे काफी समस्याओ का सामना करना होता है और जब ताकर वह जीवन में सफल हो पता है । वैसे समस्या की अगर बात करे तो वह सामने जमीदार है या फिर कोई और इस बारे में देखती नही है ।
जमींदार हमेशा जमीन को लेते रहते है । मतलब जमींदार खेती करने के लिए या फिर किसी अन्य कारण से जीमन की खरीददारी करते है और यह बात आपको पता होनी चाहिए । आपको बता दे की जमीदार सफल बनने के लिए काफी मेहनत करते है और तब जाकर वे एक सफल जमीदार बन पाते है ।
कड़ी मेहनत, परिश्रम और रचनात्मकता के माध्यम से, कई जमींदार आज जीवन में सफल हो गए है और उनकी सफलता के कारण से ही आज वे दुनिया में एक अलग नाम से जाने जाते है । आपके आस पास जमीदार है तो आप इस बात को समझ सकते है ।
भारत में अधिकांश खेतों में फसल बोने का कार्य होता रहता है और यह आपको पता है। मगर आपको बता दे की इसक कार्य को एक जमींदार भी करते हैं। वे फसल बोलते है और उनकी साथ कड़ी मेहनत कर कर उन्हे पका कर अन्न पैदा करने का काम करते है इस कारण से उन्हे अन्नदाता भी कहा जा सकता है ।
जमींदार जो होते है वे ऐसे होते है जिनके पास काफी संख्या में बहुत सारे मजदुर काम करते है क्योकी वे जीवन में सफल हारे चुके है और अपने काम को आगे बढाने के लिए मजदुरो की जरूरत होती है । और आपको पता है की यह जमीदार कैसे करते है ।
जमींदार के पास काम करने वाले अनेक तरह के श्रमिक होते है और उनको कभी कभी चोट भी लग जाती है जिसके कारण से वे उनका इलाज भी करवा देते है और यह एक अच्छा काम है । मेरे अनुसार आपको बता दू की जमीदार को ऐसा ही होना चाहिए जो की अपने मजदूरो को अपना समझ कर काम करवाता है ।
जमीदार हमेशा अपने मजदूरो की शिकायतो को सुनने के लिए तैयार रहते है और उनकी समस्याओ को ठिक करने का काम करते है और यह बात आपको पता होनी चाहिए । आपको पता होगा की जो जमीदार होते है वे एक तरह से मालिक होते है और अपने काम के बॉस कहे जाते है ।
वैसे पहले क्या होता था की जो जमींदार होते थे वे मजदूरो को अपने पास काम करवाने के लिए उन्हे कर्जा दे देते थे और फिर उनसे जीवन भर काम करवाया जाता था । तो ऐसे ही आज किसी न किसी कारण से कुछ मजदूर ऐसे है जो की काम करने के लिए मजबूर हो गए है और यह बात आपको पता होनी चाहिए ।
वैसे हाल ही के दिनो में हमारे यहां पर आस पास में एक शोध किया गया था जिसमें यह पता लगाया गया था की जो मजदूर जमीदार के पास काम कर रहे है वे किसी न किसी तरह से मजबूर तो नही है । मगर आपको जान कर हैरानी होगी की सच में यह पता चला की कुछ मजदूर काम करने के लिए जमीदार के पास मजबूर है ।
अगर आप किसी तरह की नोकरी पाना चाहते हो तो कभी भी जमीदार के पास काम नही करना क्योकी वहां पर आपको मेहनत तो काफी अधिक करनी होगी और इससे आपका शरीर पूरा का पूरा थक जाता है ।
जमींदारी व्यवस्था मुगल और ब्रिटिश काल के दौरान भारतीय समाज के अंदर चलती आ रही है और कहा जाता है की यह आज एक महत्वपूर्ण प्रथा के रूप में जानी जाने लगी है । हालाकी इस बात में कितनी सच्चाई है इस बारे में तो हम आपको नही बता सकते है मगर सच में ऐसा होता है की यह एक प्रथा के रूप में आज जानी जाती है जिस ज़मींदारी प्रथा कहते है । आपको बता दे की इस प्रथा के अंदर जमीदारो को एक स्थान पर इकट्ठा किया गया और फिर उन्हे आदेश के रूप में काम दिया गया की जो भी इस प्रथा का पालन करता है या फिर प्रथा को अपनाता है वही जीमदारो के रूप में जाना जाएगा । और इस तरह से यह प्रथा शुरू हो गई ।
आपको बता दे की इस प्राणली में जमीदार के लिए काफी अधिक कुछ किया गया था और प्रणाली ने जमींदार परिवारों को शक्ति और विशेषाधिकार बनाए थे जो की जमीदार के लिए काफी अधिक उपयोगी साबित हो गए थे । आपको बता दे की भारत में जब अंग्रेजो की यह जो प्राणाली थी इसे फिर सरकारी के रूप में बदल दिया गया था और
इसे एक और नाम से जाना जाता है मतलब जमीदारी प्रथा ।
आपको बता दे की जमींदारी व्यवस्था भारत में भूमि के प्रबंधन का एक अत्यंत असमान और अनुचित तरीका था। और यही कारण रहा था की आज तक इस जमीदारी प्रथा को काफी अधिक अपनाया जा रहा है । इसके अलावा अगर लो नही चाहते है तो भी उन्हे किसी न किसी तरह से काम पर रख लिया गया था और उनसे काम करवाया जाने लगा था ।
भारतीय जमींदार अपने किसानों पर शासन करने के रूप में इस प्रथा में जाने लगे थे । बहुत से किसान ऐसे थे जो की मजबूर थे और स्वतंत्र नही थे क्योकी उन पर जमीदार का अधिकार बना हुआ था । मगर जब भारत स्वतंत्र हुआ तो इस प्रथा को भी तोड़ दिया गया ओर किसानो को आजाद कर दिया गया था । उस दिन किसान काफी खुश थे ।
आपको बता दे की राजपूत को भी जमीदार के रूप में जाना जाता है कहते है की पहले जो थे वे राजपूत थे और उनका ही इस भारत पर राज होता था और वे एक तरह से जमीदार ही थे और इस बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए । आपको बता दे की भारत पर जब से देश के आजाद हुआ था उस समय के बाद में राजपूत ने जमीदार का पद फिर से अपना लिया मगर इस बारे किसानो को मजबूर करने की जो योजना अंग्रेजो की थी उससे सभी आजाद थे ।
इस तरह से जमीदार के रूप में राजपूत एक सफल भूमिधर बन गए थे और धन कमा कर अपने जीवन में सफल बनत जा रहे थे । जिस किसान को धन की जरूरत होती तो वह जमीदार के पास जाकर काम करता और बदले मे धन ले लेता था तो इस तरह से जमीदारी चल रही थी ।
अगर आपको पता नही है तो आपको बता दे की 02/10/1951 को जमींदारी प्रथा को समाप्त कर दिया गया। और इसके बाद में भारत के जो किसान थे उनके पास एक अपनी जमीन आ गई थी और अब राजपूतो ने भी किसानो को जमीन दान कर दी थी और हमारे यहां पर भी ऐसा ही हुआ था ।
इसके बाद में किसान जो थे वे अपनी जमीन के मालिक बन गए थे और इस तरह से वे स्वयं अब जमीदार बन गए थे और आज आपको पता ही है की हम सभी जमीदार है क्योकी हमारे पास भी एक अच्छी भुमी है ।
इस तरह से पहले जमींदारी प्रथा हुआ करती थी । हालाकी आपको बता दे की ऐसा पूरे भारत में था । हमारे यहां पर भी राजपूत जो थे वे जमीदारी प्रथा के सदस्य रहे थे । और एक बार एक राजपुत ने जमीन को दान दिया था और इस तरह हमारे आसपास रहने वालो को भी एक अच्छी जमीन मिल गई थी । इस तरह से दोस्तो हमने इस लेख में जमीदार के पर्यायवाची शब्द jimmedar ka paryayvachi shabd या जमींदार के समानार्थी शब्द jimmedar ka paryayvachi shabd के बारे में जाना है । अगर लेखर अच्छा लगा तो कमेंट में बताना ।
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