jyada puja karta hai vah dukhi kyon rahata hai- अक्सर यह बात काफी हद तक सच है , कि जो इंसान अधिक पूजा पाठ करता है । वह अधिक दुखी रहता है। एक बार क्वोरा पर भी किसी ने यही सवाल किया था , कि जब दुखी रहना ही है , तो फिर पूजा पाठ करने का क्या फायदा ? असल मे इस सवाल का जवाब देना इतना आसान नहीं है। मगर कुछ चीजें हैं , जोकि हम आपको जरूर बताना चाहेंगे । आप समझते हैं , कि भगवान आपको भौतिक सुख दें । मगर भगवान बहुत ही दुरदर्शी होते हैं। यदि आप पूजा पाठ कर रहे हैं , तो दुख मे भी पूजा पाठ करें । और सुख मे भी पूजा पाठ करें । बस किसी भी हालत मे पूजा पाठ ना छोड़ें । तभी आपको सुख मिलेगा । यदि आप दूसरों को देखकर पूजा पाठ छोड़ देंगे , कि वो तो ऐसे ही सुखी हैं , तो यह आपके लिए समस्या बन सकता है। अब जानते हैं , कि अधिक पूजा पाठ करने वाले दुखी क्यों रहते हैं ?
अक्सर यह माना जाता है , कि पूजा पाठ करने वाले सभी लोग दुखी रहते हैं। मगर ऐसा नहीं है। बहुत कम लोग हैं , जोकि पूजा पाठ करते हुए भी दुखी रहते हैं। इसलिए यह नहीं माना जा सकता है , कि सभी लोग यदि दुखी रहेंगे , तो कोई पूजा पाठ नहीं करेगा । अनेक लोगों के काम सिद्ध होते हैं। इसलिए आपको यह नहीं मानना चाहिए ।
दोस्तों भगवान ने गीता के अंदर कहा था कि कर्म का फल भोगे बिना कर्मों का क्षय नहीं हो सकता है। इसलिए यदि आप पूजा पाठ करते हुए भी दुखी हैं , तो इसका एक कारण यह भी हो सकता है , कि इसके पीछे आपके पूर्व जन्म के कर्म भी हो सकते हैं। और इसकी वजह से आपको दुख का सामना करना पड़ सकता है। मगर फिर भी भगवान आपके कष्टों को कम करने का प्रयास करते हैं। यदि आप पूजा पाठ छोड़ देंगे , तो पहले की तुलना मे और अधिक दुखी हो जाएंगे ।
हमारी समस्या यह है , कि हम भौतिक चीजों के बारे मे भौतिक सुख के बारे मे अधिक सोचते हैं। लेकिन भगवान के साथ ऐसा नहीं है। याद रखें आपका किया गया पूजा पाठ व्यर्थ कभी भी नहीं जाता है। यदि आप पूजा पाठ कर रहे हैं , तो भले ही भौतिक जगत मे आपको कुछ भी नहीं मिले । लेकिन आपको यहां पर सदा नहीं रहना है। पूजा के फल के बारे मे हम आपको एक रियल घटना बताते हैं। रणराम नामक एक इंसान था , जिसकी उम्र 30 साल थी । वह काफी पूजा पाठ के अंदर रूचि रखता था । और इस इंसान को हम पर्सनली जानते हैं। एक बार वह कलर कर रहा था , तो छत से उसका पैर फिसल गया और उसकी मौत हो गई । उसके बाद उसकी आत्मा जब शरीर से अलग हुई , तो उसे कुछ समझ नहीं आया । और बाद मे गुरू गोरखनाथ उसको लेने के लिए आए । और अपने लोक के अंदर लेकर चले गए । आज वह भूत प्रेत की योनी मे नहीं देव योनी मे है। जबकि यहां पर सक्सेस पाने वाले सुखी लोग प्रेत योनियों के अंदर घूमते हैं। इसलिए याद रखें पूजा पाठ का फल कभी भी व्यर्थ नहीं जाता है।
यदि आप अपने घर मे पूजा पाठ कर रहे हैं। और दुख दर्द समाप्त नहीं हो रहे हैं। तो इसका मतलब यह है , कि आप पूजा पाठ ही गलत कर रहे हैं। असल मे कई बार क्या होता है , कि हमें पता नहीं होता है , हम नए नए किसी ऐसे भगवान की पूजा पाठ करने लग जाते हैं। जोकि खुद प्रेत योनी के अंदर वास करता है। आजकल तरह तरह के भगवान पैदा हो चुके हैं। तो इस तरह के लोग आपको कभी भी खुश नहीं कर पाएंगे । क्योंकि वे खुद भी दुखी हैं। इसके अलावा घर के अंदर प्रेतों का वास होने की दशा मे कभी भी आप खुश नहीं रह सकते हैं। आपको यह समझना होगा । इसलिए अपने घर के बारे मे समय समय पर पता करते रहना चाहिए ।
दोस्तों सोने के बारे मे एक पुरानी कहावत यह है , कि सोना को जितना आप आग के अंदर तपाते हैं। उतना ही वह शुद्ध होता जाता है। यह बात इंसानों पर भी लागू होती है। जब आप पूजा पाठ करते हैं। और दुख भोगते हैं , तो धीरे धीरे आपको यह पता चल जाता है , कि इस जीवन के अंदर कुछ भी नहीं रखा है। यहां पर जो कुछ भी है , सब कुछ मोह माया है। और फिर आप आगे की तैयारी करने लग जाते हैं। संभव है कि आप पूरे तैयार एक जन्म मे नहीं हो सकते हैं। लेकिन आपको फायदा जरूर मिलता है। इस भौतिक जगत से आप जितना अधिक मोह रखेंगे । आपको उतने ही अधिक दुखों का सामना करना पड़ेगा । जिस इंसान के पास सब कुछ है , वह भगवान के भजन कैसे करेगा। वह तो बस इस भौतिक जगत के अंदर फंसा रह जाएगा । जोकि कुछ समय के लिए आपको सुख दे सकता है। मगर हमेशा के लिए नहीं दे सकता है।
यदि आप पुराणों की कहानियों के बारे मे पढ़ेंगे तो आपको कई बार ऐसी कहानियां मिल जाएंगी । जिसके अंदर भक्तों की परीक्षा भगवान लेते हैं। यदि आप सच्चे भक्त हैं , तो हो सकता है , कि आपके जीवन के अंदर कुछ समय के लिए दुख आ जाएं । मगर हमेशा दुख आपके जीवन मे नहीं रहने वाले हैं। और जल्दी ही आपके जीवन के अंदर सुख आएंगे । यदि आप दुखों को भोगने के बाद भी भगवान मे विश्वास रखते हैं। और वैसे ही पूजा पाठ करते हैं , तो भगवान आपको सभी तरह के दुखों से मुक्त कर देते हैं।
श्रद्धा भाव से पूजा करना जरूरी होता है। यदि आप श्रद्धा भाव से पूजा नहीं करते हैं। तो इस तरह की पूजा करने से आपको किसी भी तरह का कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। इसलिए जब भी पूजा करें । श्रद्धा भाव के साथ और विश्वास के साथ करें । यदि ऐसा नहीं करते हैं। तो आपके जीवन मे दुख समाप्त नहीं होंगे।
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