कब्र का विलोम शब्द या कब्र का विलोम , कब्र का क्या होता है ? kabr ka vilom shabd , kabr ka vilom shabd kya hai
शब्द | विलोम शब्द |
कब्र | बिना कब्र के या चिता |
kabr | Chita |
दोस्तों यदि हम बात करें कब्र के विलोम शब्द की तो कब्र का विलोम शब्द होता है बिना कब्र के । आमतौर पर कब्र का उल्टा चिता ही होता है। जैसे सड़क और कच्चा रस्ता । जैसे मैदान पहाड़ । दोस्तों अब यदि बात करें कब्र की तो दुनिया के अंदर कई धर्म इस तरह के होते हैं।जिसके अंदर इंसान के मरने के बाद उसको सीधे ही जलाया नहीं जाता है। वरन उसके मरने के बाद एक गडडा खोदा जाता है और उसके बाद उसी गढढे के अंदर इंसान को दफना दिया जाता है। इसी को हम कब्र के नाम से जानते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । हालांकि आजकल कब्र के उपर एक चबुतरा बना दिया जाता है और उसके बाद उसके उपर उस इंसान का नाम लिख दिया जाता है। जिसकी मौत हुई थी। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और फिर होता यह है कि जब भी कोई उस नाम को देखता है तो यह पता चल जाता है कि अमुक इंसान की मौत कब हुई थी। वैसे देखा जाए तो डेड बॉडी को जलाना एक अच्छा विचार हो सकता है। लेकिन भारत के अंदर कई साधु संत होते हैं उनकी डेड बॉडी को नहीं जलाया जाता है वरन उनकी डेड बॉडी को जमीन के अंदर दफनाया ही जाता है।इसके पीछे एक मान्यता होती है कि साधु संत अपने जीवन के अंदर सब कुछ कर चुके होते हैं उनके अंदर किसी भी तरह की
की कोई वासना शेष नहीं होती है। ऐसी स्थिति के अंदर उसके शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। और वे वैसे भी किसी को दुख नहीं देते हैं। लेकिन एक जो प्रेत होता है। यदि आप उसकी बॉडी को दफना देते हैं तो उसके बाद वह हजारों सालों तक अपने मरे हुए शरीर के पास ही भटकता रहता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । क्योंकि उसे यह लगता है कि उसका जो शरीर होता है वह अभी भी मौजूद है। ऐसी स्थिति के अंदर वह दूसरे शरीर की तलास नहीं कर पाता है। एक तरह से देखा जाए तो इस तरह का इंसान काफी अधिक पीड़ा मे होता है लेकिन उसको भी उसकी मदद करने वाला नहीं होता है।
यदि आपने एक अच्छा जीवन जीया है तो फिर शरीर को दफनाना आपके लिए काफी उपयोगी हो सकता है। लेकिन यदि आपने अच्छा जीवन नहीं जिया है। आपने अपने जीवन के अंदर सारे काम गलत ही कीयें हैं तो अपने कर्मों की सजा को भुगतन के लिए आपको तैयार रहना होगा और आपको नीच योनियों के अंदर जन्म लेना होगा ।
आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप सही काम को करें । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
अपने जीवन मे अच्छे कर्म करें तभी आपको कुछ फायदा मिल सकता है। इसके बारे मे आप समझ सकते हैं।
दोस्तों जब कोई इंसान जब मर जाता है तो उसको दफनाया जाता है। लेकिन यदि किसी इंसान को मरने के बाद दफनाया नहीं जाता है। तो उसके बाद उसकी चिता लगाई जाती है। दोस्तों चिता आमतौर पर हिंदु धर्म के अंदर अधिकतर केस के अंदर प्रयोग की जाती है। इसके अंदर होता यह है कि जब कोई इंसान मर जाता है तो सबसे पहले लड़की लाई जाती हैं और उन लकड़ी पर मरे हुए इंसान को लिटाया जाता है और उसके बाद उसके उपर और आस पास लकड़ी से ढ़का जाता है फिर आग लगादी जाती है। इसी को हम चिता कहते हैं।
आमतौर पर हिंदु धर्म के अंदर माना जाता है कि यदि कोई इंसान मर जाता है तो उसकी बॉडी को जितना जल्दी हो सके जला देना चाहिए । क्योंकि एक अज्ञानी इंसान को यह पता नहीं होता है कि वह बॉडी से अलग है तो वह मरने के बाद फिर से बॉडी के अंदर घुसने की कोशिश करता है। वह इसके लिए काफी अधिक प्रयास करता लेकिन क्योंकि बॉडी आत्मा को संभाल नहीं पाती है। ऐसी स्थिति के अंदर इंसान उसके अंदर प्रवेश नहीं कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जब आप बॉडी को जला देते हैं तो उस आत्मा के लिए फिर से प्रवेश करने का कोई भी मार्ग नहीं बच पाता है। ऐसी स्थिति के अंदर यह माना जाता है कि वह आत्मा 12 दिन तक घर मे ही रहती है। लेकिन उसके बाद वह घर मे नहीं रहती है। वरन कहीं पर चली जाती है। अनेक लोक लोकांतर होते हैं तो वह वहां पर जाकर अपने कर्मों का फल भोगती है। और उसके बाद जब वह अपने सारे कर्मों का फल भोग लेती है तो फिर से धरती पर आती है
और उसके बाद जन्म लेती है। इस प्रोसेस के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही होंगे और समझ सकते हैं। दोस्तों बॉडी को जलाना काफी जरूरी होता है। यदि आप उस इंसान की बॉडी को नहीं जलाते हैं तो उसके बाद यदि वह इंसान प्रेतयोनी के अंदर चला गया है तो फिर यह स्थिति उस इंसान के लिए काफी अधिक पिड़ा दायक हो सकती है। क्योंकि बॉडी नहीं जलाई गई है तो वह उसके पास हजारों सालों तक बैठा रहता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
दोस्तों बॉडी को जलाना हर बार जरूरी नहीं होता है। लेकिन यदि आप यह कर देते हैं तो अच्छा होता है। उसके सारे कर्म संस्कार होते हैं उनको यदि आप अच्छे से करते हैं तो उस इंसान को शांति मिल जाती है और उसके बाद अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए उसकी आत्मा भटकेगी नहीं और उसे शांति मिल जाएगी । इस तरह से आप कर सकते हैं। और यही आपके लिए अच्छा होगा यदि आपका कोई प्रिय मर चुका है तो उसके सभी कर्मकांड अच्छे से करवाएं । यही आपका कर्तव्य भी बनता है।
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