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कामदेव का पर्यायवाची शब्द

कामदेव का पर्यायवाची शब्द या कामदेव के समानार्थी शब्द (kamdev ka paryayvachi shabd / kamdev ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में बडे ही विस्तार से जानेगे  इसके साथ ही कामदेव से जुडी विभिन्न तरह की जानकारी जानेगे  तो लेख को आराम से देखे 

कामदेव का पर्यायवाची शब्द या कामदेव के समानार्थी शब्द (kamdev ka paryayvachi shabd / kamdev ka samanarthi shabd)

शब्दपर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd /  samanarthi shabd)
कामदेवभ्रामक, भृड़्ग, मोहन, मोहक, मोह, मोहवद्र्धन, मदन, मैन, मयान, मन्मथ, मार, कन्दर्प, मीनकेतन, दर्पक, अनड़्ग, काम, शम्बरारि, मनसिज, कुसुमेषु, अनन्यज, पुष्पघन्वा, रतिपति, मकरध्वज, आत्मभू, अतनु, कुसुमसर, मन्थि, नवरंगी, मनोमव, मनजात, मकरकेतु, स्मर, हरि, विरहविदार, पुष्पचाप, कुसुमायुघ, ब्रह्मसू, विश्वकेतु, कामद, कान्त, ‌‌‌कान्तिमान्, कामग, कामचार, कामी, कामुक, कामवद्र्धन, रम, रमण, रतिप्रिय, रममाणु, नन्दक, नन्दन, नन्दी, रतिसखा, खेलक, विलास
कामदेवbhraamak, bhrdg, mohan, mohak, moh, mohavadrdhan, madan, main, mayaan, manmath, maar, kandarp, Meenketan, Darpak, Anaga, Kama, Shambarari, Manasij, Kusumeshu, Ananyaj, Pushpaghanva, ratipati, makaradhvaj, aatmabhoo, atanu, kusumasar, manthi, navarangee, manomav, manajaat, makaraketu, smar, hari, virahavidaar, pushpachaap, kusumaayugh, brahmasoo, vishvaketu, kaamad, kaant, kaamag, kaamachaar, kaamee, kaamuk, kaamavadrdhan, ram, raman, ratipriy, ramamaanu, nandak, nandan, nandee, ratisukh, khel, vilaas .
कामदेवcupid, madan, blind god, kamadev.
अधिक‌‌‌महत्वपूर्णरागवृंत, अनंग, कंदर्प, मनमथ, मनसिजा, मदन, रतिकांत, पुष्पवान, पुष्पधंव, मदन, समरहरि, चित्तहर ,विष्णुनन्दन ,लक्ष्मीनन्दन , मनोज

कामदेव का अर्थ हिंदी में // Meaning of kamdev in hindi

हिंदू पूराणो में बताया जाता है की कामदेव एक तरह के देव होते है । जिन्हे प्रेम और काम का देव भी कहा जाता है । ‌‌‌जिनकी पत्नी का नाम माता रति है । इनके माता पिता भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी है । इस तरह से कामदेव एक तरह के देव है जिनका अनेक तरह से अर्थ बताया जा सकता ‌‌‌है ।

  • एक ऐसा देव जो की प्रेम और काम के प्रतिक के रूप में जाना जाता है ।
  • जिनका विवाह माता रति के साथ हुआ है वे देव ।
  • जिनके माता पिता माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु है यानि विष्णुनन्दन ।
  • जो किसी भी व्यक्ति को मोहने की ताक्त रखते हो यानि मोहक ।
  • एक ऐसा देव जीसकी सवारी तोता होता है
  • ‌‌‌एक ऐसा देव जिसका अस्त्र गन्ने का धनुष और पुष्पों का तीर होता है ।

इस तरह से कामदेव के अर्थ होते है 

‌‌‌कामदेव शब्द के वाक्य में प्रयोग // use of the word cupid in a sentence in Hindi

  • महेश कल से कामदेव की ‌‌‌पूजा कर रहा है ताकी उसे सुंदर बना दिया जाए ।
  • किशन को तीर बाजी का बहुत ही शौक है मगर वह कामदेव की तरह गन्ने का धनुष और पुष्पों का तीर रखता है ।
  • शिव के क्रोध के कारण से कामदेव भष्म हो गए थे ।
  • भाई साहब तोते को इतना क्यो कष्ट दे रहे हो ‌‌‌यह तो भगवान कामदेव की सवारी है ।

कामदेव के पर्यायवाची शब्द का वाक्य में प्रयोग // kamdev ka paryayvachi shabd ka vakya mein prayog

  • मैंने कल रात सपने में एक पुरूष को तोते पर बैठे देखा लगता है की वे विष्णुनन्दन थे ।
  • महेश ने किशोर से कहा की लक्ष्मीनन्दन की सवारी हाथी और तोता है ।
  • जब रतिकांत को शिव ने भष्म कर दिया तो रति ने भी माता पार्वती ‌‌‌को श्राप दे दिया की तुम्हारी कोख में कभी कोई संतान नही होगी ।

‌‌‌कामदेव से जुडे रोचक तथ्य // Interesting facts about Cupid in Hindi

  • ‌‌‌क्या आपको मालूम है की हिंदू ग्रंथो में कामदेव को एक देव के रूप में जाना जाता है जो की प्रेम और काम के देव होते है ।
  • क्या आपको मालूम है की कामदेव का विवाह हो चुका था और उनकी पत्नी का नाम रति था ।
  • क्या आपको मालूम है की कामदेव के माता पिता का नाम माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु है ।
  • क्या ‌‌‌आपको मालूम है की कामदेव जीस किसी पक्षी की सवारी कर कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते है वह तोता होता है।
  • कुछ ग्रंथो में तो यह भी बताया गया है की कामदेव का वाहन तोता के अलावा हाथी भी है ।
  • कामदेव का अस्त्र धनुष होता है मगर आपको जान कर हैरानी होगी की कामदेव का धनुष गन्ने का बना होता है और ‌‌‌जो धनुष पर तीर लगा होता है वह पुष्पों का बना होता है ।
  • क्या आपको मालूम है की कामदेव का मंत्र काम गायत्री के नाम से जाना जाता है ।
  • क्या आपको मालूम है की जब भी कामदेव अपने धनुष से तीर को छोडते है तो आवाज नही होती है क्योकी तीर कमान से छोडा जाता है ।
  • क्या आपको मालूम है की एक बार कामदेव ने शिव व पार्वती मे प्रेम ‌‌‌बनाने के लिए अपने काम का उपयोग किया था जिसके कारण से शिव ने उन्हे भष्म कर दिया ।

‌‌‌कामदेव कोन है // who is cupid in Hindi

‌‌‌यह हिंदू धर्म के देव होते है जो की मुख्य रूप से काम और प्रेम के देव के रूप में जाने जाते है । दूसरे रूप में कामदेव भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पुत्र होता है । उसी तरह से कामदेव की पत्नी का नाम माता रति होता है ।

कामदेव वे ही होते है जो की अपनी कामना से किसी ‌‌‌मे भी प्रेम कामना जगा सकते ‌‌‌है । जीस तरह से तारकासुर राक्षस का वध करने के लिए कामदेव ने शिव में कामना जगाने का प्रयत्न किया था जिसके कारण से शिव ने उन्हे भ्रष्म कर दिया था ।

यह कामदेव वही होते है । इसी तरह से कामदेव कामना भावना के रूप में जाने जाते थे । इनका रूप बडा ही सुंदर होता है ।  ‌‌‌हिंदू पुरार्णों में इनका बडा वर्णन किया गया है । यह कामदेव वही होते है जिन्हे विष्णुनन्दन, लक्ष्मीनन्दन के नाम से जाना जाता है ।

इनके अस्त्र की बात करे तो इकना अस्त्र गन्ने का धनुष और पुष्पों का तीर होता है । पुराणो में यह भी जीक्र है की कामदेव का जो वाहन होता है वह तोता होता है। इसके साथ ‌‌‌ही कुछ ग्रंथो में बताया जाता है की कामदेव का वाहन हाथी भी होता है ।

कामदेव के अस्त्र किस तरह का होता है

दोस्तो कामदेव काम और प्रेम के देव होते है । मगर वही पर इनके पास एक अस्त्र भी होता है जो की एक विशेष प्रकार का बना होता है । इनके पास जो अस्त्र होता है वह गन्ने का बना होता है ।

कुछ ग्रंथो में कामदेव के इस अस्त्र का एक अर्थ होता है और बताया जाता है की मनुष्य ‌‌‌अपने भौतिक जीवन में जीस तरह से कर्म करता है और उसे लगता है की कर्म करना उसके लिए जरूरी होता है उसी तरह से उसे अपने इस जीवन से मुक्त पानी भी जरूरी होती है । या

नि यह धनुष मोक्ष का महत्व बताता है । इस धनुष पर जो बाण चढता है वह भी एक विषेश प्रकार का बना होता है और यह बाण फुलो का बना होता है। ‌‌‌कामदेव का जो यह तीर होता है यह भी एक विशेष प्रकार का बना होता है और इसमें तीन तरह के कोने होते है जो की तीन दिशाओ की और सकेंत करते है।

पुराणो में बताया जाता है की कामदेव के तीर के तीन कोने तीन तरह के देवो से जुडे होते है जो की शिव, विष्णु और ब्रहमा होते है । क्योकी इन तीनो देवो का एक अलग ही ‌‌‌काम होता है और इनका अलग ही महत्व होता है ।

उसी तरह से कामदेव के तीर के तीनो ‌‌‌कोनो का महत्व होता है । क्योकी भगवान शिव हमेंशा ही ध्यान करते नजर आते है और पुराणो में भगवान शिव मोक्ष प्राप्ती के बारे में बताते है । उसी तरह से जो कामदेव का तीर शिव के अधिन होता है वह मोक्ष को ‌‌‌दर्शाता है ।

उसी तरह से हमारे प्रिय भगवान विष्णु का काम सृष्टी का पालन करना होता है और इन्हे पालनहार के नाम से जाना जाता है । क्योकी कामदेव के तीर का एक कोन विष्णु से जुडा होता है तो यह सृष्टी में जीवन यापन करने के लिए जीवो का पेट भरने का सकेंत करता है । या यह भी कह सकते है की यह कोना ‌‌‌पालन हार के रूप में जाना जाता है ।

उसी तरह से कामदेव का तीसरा कोना जो होता है वह भगवान ब्रह्मा से जुडा होता है । क्योकी भगवान ब्रह्मा का काम सृष्टी का निर्माण करने का होता है उसी तरह से यह कोना भी सृष्टी निर्माण में सहायता निभाने का काम करता है । ‌‌‌इस तरह से कामदेव का तीर बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण होता है और इसका एक अलग ही महत्व होता है ।

‌‌‌कामदेव का वाहन या सवारी क्या होती है

दोस्तो ऐसा माना जाता है की सभी देवो के पास सवारी होता है और यह जानवारो को ही अपनी सवारी बनाते है । इसी तरह से कामदेव की सवारी के रूप में तोते को जाना जाता है ।

इस बारे मे कुछ पुराणो में भी जीक्र होता है की कामदेव की सवारी तोता है और यह इसी पर सवारी करते है। ‌‌‌क्योक आपको मालूम है की हिंदू धर्म में अनेक तरह के पुराण और ग्रंथ होते है जिनमें से ही कुछ ग्रंथो में बताया जाता है की कमादेव का वाहन या सवारी हाथी भी होता है ।

अत: कामदेव के वाहन दो तरह के हो जाते है एक तो तोता और दूसरा हाथी।

‌‌‌कामदेव को भस्म क्यो होना पडा था

दोस्तो कामदेव के भस्म होने के पिछे का कारण कामदेव स्वयं ही थे क्योकी उन्होने शिव पर अपना काम तीर चला दिया था जिसके कारण से शिव को क्रोध आ गया और उन्होने कामदेव को भस्म कर दिया था ।

दरसल कथा कुछ इस तरह की होती है की

एक बार तारकासुर नामक राक्षस ‌‌‌तप करते हुए यह वरदान पा लेता है की उसे केवल शिव का पुत्र ही मार सकता है । और यह वरदान पाने के बाद में तारकासुर ने देवताओ के साथ झगडा करना शुरू कर दिया था और उन्हे काफी अधिक परेशान कर दिया था । क्योकी तारकासुर को वरदान प्राप्त था ‌‌‌और शिव का कोई पुत्र नही था । जिसके कारण से कोई भी देव उसका कुछ नही बिगाड पा रहे थे ।

मगर शिव के ‌‌‌अभी तक कोई संतान भी नही थी जिसके कारण से तारकासुर का अंत नही हो सकता था । इस परेशानी का समाधान करने के लिए देवता कामदेव के पास गए और सभी ने कामदेव से इसका हल करने के लिए शिव पर काम तीर चालाने की विनती की । ‌‌‌

मगर शिव पर तीर चलाना आसान नही था क्योकी कामदेव को मालूम था की उन्हे क्रोध आ सकता है । मगर देवताओ की मदद करने के लिए कामदेव ने यह करने को तैयार हो गए थे ।

और अपनी पत्नी रति के साथ कमादेव शिव के पास जा पहुंचे थे । उस समय शिव अपने ध्यान में मगन थे । मगर कामदेव ने अपना तीर शिव पर चला दिया ‌‌‌। दरसल कामदेव का तीर आवाज नही करता था जिसके कारण से शिव को इस बारे में पता नही चल पाया था मगर जैसे ही शिव को काम तीर लगा तो उन्हे क्रोध आ गया और उन्होने कामदेव को ऐसा करने के लिए भ्रष्म कर दिया था ।

‌‌‌इस तरह से कामदेव शिव की तीसरी आंख के क्रोध से भ्रष्म हुए थे । मगर यह कह सकते है की कामदेव अपनी गलती के कारण से ही भ्रष्म हुए थे ।

‌‌‌कामदेव का जन्म कृष्ण के घर में

दोस्तो एक कथा के अनुसार बताया जाता है की जब कामदेव को शिव ने भ्रष्म किया था तो माता रति के विलाप को देख कर शिव ने कामदेव को एक नए जन्म के रूप में अवतार लेने का वरदान दिया था ।

दरसल शिव ने कहा था की एक समय ऐसा आएगा जब धरती पर भगवान विष्णु के अवतार ‌‌‌श्री कृष्ण के घर में उनकी पत्नी रूकमणी के गर्भ में एक पुत्र का जन्म होगा । और यह शंभरासुर का वध करेगा । साथ ही रति से कहा की यह पुत्र और कोई नही होगा बल्की यह स्वयं कामदेव ही होगे । इसी वरदान के कारण से कामदेव का जन्म भगवान कृष्ण के घर में हुआ था । और उस जन्म में कामदेव का नाम प्रद्युम्न ‌‌‌था ।

माता रति का विवाह कृष्ण के पुत्र से

दोस्तो एक कथा यह भी होती है जिसमें बताया जाता है की माता रति का विवाह कृष्ण के पुत्र से होता है । दरसल कृष्ण का जो पुत्र होता है उसका नाम प्रद्युम्न था । और यह कोई और नही बल्की माता रति का ही पति कामदेव था । जो की कृष्ण के घर में जन्म लेता ‌‌‌है । और बादमें माता रति ने कृष्ण के इस पुत्र से विवाह कर लिया था ।

पोराणिक कथा के अनुसर

एक बार शंभरासुर नामक राक्षस हुआ करता था जिसका अंत करने के लिए ही कामदेव का कृष्ण के पुत्र के रूप में जन्म हुआ था । शंभरासुर ने एक बार कृष्ण के इस पुत्र का अपहरण कर लिया था और वह जा रहा था ‌‌‌। और उसे एक नदी दिखाई दी जिसमें कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न को फैंक दिया था ।

शंभरासुर ने सोचा की ‌‌‌बच्चा है जो की नदी में डूब कर मर जाएगा । मगर ऐसा नही हुआ दरसल नदी में विशाल मछली हुआ करती थी जिसने प्रद्युम्न को खा लिया था और तभी उस मछली को पकड लिया गया और वह रसोई घर में पहुंच गई थी । ‌‌‌वहां पर माता रति थी और उन्होने मछली में से कामदेव के रूप प्रद्युम्न को निकाल लिया और फिर उसका पालन पोषण करने लगी थी ।

तब माता रति ‌‌‌ने प्रद्युम्न को एक मां की तरह पालन कर रही थी और जब प्रद्युम्न बडा हुआ था तो माता रति ने उन्हे पिछले जन्म के बारे में बता दिया और प्रद्युम्न ‌‌‌को याद दिला दिया की वह पिछले जन्म में कामदेव थे । यह सब याद आने के कारण से माता रति और प्रद्युम्न ने एक दुसरे से विवाह कर लिया था ।

इस तरह से कृष्ण के पुत्र और माता रति का विवाह हो गया था ।

‌‌‌इस तरह से हमने इस लेख में कामदेव के पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द के बारे मे जान लिया है ।

‌‌‌क्या आपने कामदेव के बारे में अच्छी तरह से ज्ञान हासिल कर लिया है बतान न भूले ।

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