कटु का विलोम शब्द या कटु का विलोम , कटु का क्या होता है ? Katu ka vilom shabd , Katu ka vilom shabd kya hai
शब्द | विलोम शब्द |
कटु | मधुर |
Katu | Madhur |
कटु का विलोम शब्द होता है मधुर । यदि आप किसी से कटु वचन बोल रहे हैं तो यह अच्छी बात नहीं है।खैर आपको कटु वचनों के बारे मे अधिक बताने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसका कारण यह है कि आज हर कोई कटु वचनों का शिकार हो ही जाता है। हालांकि वह इनका शिकार होना नहीं चाहता है लेकिन उसके बाद भी हो जाता है।अक्सर जो लोग खुद का धंधा करते हैं उनको कभी कभी कस्टमर कटु वचन बोल देता है तो घर जाने पर बीवी भी कटु वचन बोल देती है। जो दूसरों के सामने शैर होते हैं घर मे आकर चूहे हो जाते हैं। तो दोस्तों कटु वचन तो अब हर जगह पर घूम रहे हैं।
और यदि कोई कंपनी मे काम करता है तो उसकी हालत तों वैसे ही काफी खराब रहती है कारण यह है कि कंपनी मे बॉस उसको नहीं छोड़ता है। और खूब पेलता है । यह सिलसिला तो चलता ही रहता है। अब बेचारा बॉस के सामने बोलेगा तो नौकरी चली जाएगी ।
इसलिए अब कटु वचन लगभग हर जगह पर हो चुके हैं।आपको बहुत ही कम जगह ऐसी बचेंगी जहां पर आपको कटुवचन नहीं मिलेंगे बाकि सब जगहों पर आपको कटुवचन ही मिलेंगे ।
अब आपके दिमाग मे यह आता होगा कि लोग कटु वचन क्यों बोलते हैं? तो इसका कारण यह है कि लोग एक मशीन बनकर रह गए हैं उनको सीखाया नहीं जा रहा है कि उनको क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं बोलना चाहिए । उनको सही चीजें नहीं बताएंगे तो आप जानते ही हैं कि वे गलत चीजों को बहुत ही जल्दी सीख जाएंगे । यदि आप अपने बच्चों को स्कूल मे भेजते हैं पढ़ने के लिए तो आपको पता ही होगा कि वहां पर उनको यह नहीं बताया जाता है कि क्या बोलना है। बस रहिम का दोहा पढ़ा दिया जाता है वह किताबी ज्ञान होता है जिसको जीवन मे उतारने पर जोर नहीं दिया जाता है। इस बात पर जोर दिया जाता है कि क्लाश मे जो अच्छे नंबर लेकर आयगा उसका नाम होगा ।क्योंकि बच्चे के दिमाग के अंदर शूरू से यही डाला जाता है कि उसे पढ़ लिखकर नौकरी ही करनी है यदि वह नौकरी नहीं कर पाया तो सफल नहीं हो पाएगा । और उसके बाद इस तरह का बच्चा बड़ा होकर कटु वचन नहीं बोलेगा तो क्या उसके मन मे अमृत झरेगा ।
एक बच्चे को वचन प्रवचन से कोई भी लेना देना नहीं होता है।उसे सिर्फ एक ही बात से मतलब होता है और वह है नौकरी । और उस नौकरी को पाने के लिए वह साम दाम दंड भेद जितना कुछ वह कर सकता है वह करता है।
कुछ दिन पहले एक विडियो आया था ,जिसमे एक सेनिक अपने दूसरे साथियों को गोली से भून देता है क्योंकि वे उसकी पत्नी के बारे मे अंटशंट बोल रहे थे ।एक जमाना था जब दूसरी स्त्री के बारे मे सोचना भी पाप समझा जाता था। अब उन जवानों ने सीखा ही यही और उनके उपर के अफशर भी ऐसे ही होंगे तो क्या हुआ । हो सकता है कि आप हंसी कर रहे हैं लेकिन अगले को वह कटु वचन लग सकते हैं तो इससे भी सावधान रहना चाहिए ।
मधुरता का मतलब होता है मजेदार । वैसे मधुरता के बारे मे हर कोई काफी अच्छी तरह से जानता ही है। क्योंकि हर कोई मधुरता से खाना मधुरता से रहना और मधुर बोलना तो नहीं लेकिन सुनना पसंद करता है। वैसे यदि हम आज के संदर्भ मे देखें तो आपको यह पता चलेगा कि मधुर बोलना तो कोई भी नहीं चाहता है लेकिन मधुर सुनना हर कोई पसंद करता है। यदि आप भी मधुर सुनना पसंद करते हैं तो हम भी आपके जैसे ही है। दोस्तों आज का जमाना ही ऐसा हो चुका है कि हर कोई दोगली नीति पर काम करता है।
कलयुग का समय यही हो चुका है। हर इंसान सरकारी नौकरी चाहता है लेकिन अपने बच्चों को पराइवेट स्कूल के अंदर पढ़ा रहा है।खैर आप सिस्टम को अच्छी तरह से समझ रहे हैं। क्या बात है कि लोग पहले से अधिक मीठा खा रहे हैं लेकिन उनकी जुबान से कड़वाहट ही निकलती है। भाई भाई से दगा कर देता है। खैर मधुरता तो हकीकत मे दिल के अंदर होती है।आप क्या खा रहे हैं ? आप क्या नहीं खा रहे हैं ? मधुरता इस बात पर निर्भर नहीं करती है। जिन लोगों के विचार अच्छे होते हैं उनके दिलों से आप मधुरता ही निकलती देखोगे। वे लोग बिना किसी कारण से किसी के गले नहीं पड़ते हैं।
लेकिन जिन लोगों के दिमाग मे कूड़ा भरा हुआ है उनके दिमाग से अच्छी चीजें कैसे निकल सकती हैं ? इस बारे मे तो आप भी बहुत ही अच्छी तरह से जानते ही हैं। मधुरता निकलनें का यह मतलब नहीं है कि इस तरह के लोग कायर होते हैं। यह लोग जरूरत पड़ने पर लड़ते भी हैं ।
देखिए ऐसा नहीं है कि इस संसार मे यदि जीना है तो मधुरता से ही काम चल जाएगा ।आपको कुछ जगह पर गुस्सा भी करना होगा । और लड़ना भी होगा वरना यदि आप मधुरता करते रह जाएंगे तो कोई आपकी नहीं सुनेगा । और अब तो वैसे देखा जाए तो मधुरता वाले लोगों की सुनने वाले बहुत ही कम बचे हैं जोकि इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं।
यदि आप दूसरों से मधुरता चाहते हैं तो आपको पहले खुद मधुर बनना होगा । यदि आप खुद मधुर नहीं हैं तो फिर आप दूसरों से मधुरता की आसा नहीं कर सकते हैं पहले खुद मधुर बनें उसके बाद दूसरों से इसकी अपेक्षा करें नहीं तो फिर इस तरह की अपेक्षा करना दोगलापन होगा ।
खैर मधुरता आप अपने जीवन के अंदर किस तरह से ला सकते हैं इस पर आपको विचार करना होगा यदि आप ला सकते हैं तो कोशिश करें । लेकिन मधुरता लाने का एक ही उपाय है कि आपको धर्म की सही शिक्षा लेनी होगी । यदि आप सही से सब कुछ जान गए तो आपके अंदर मधुरता अपने आप ही आ जाएगी । उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा यदि आपका कोई सवाल है तो हमें बताएं । हम आपके सवाल का समाधान करेंगे।
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