खेत का पर्यायवाची शब्द या खेत का समानार्थी शब्द (khet ka paryayvachi shabd / khet ka samanarthi shabd) के बारे में इस लेख में हम जानेगे । इसके साथ ही हम खेत से जुडी विभिन्न तरह की जानकारी हासिल करेगे जो महत्वपूर्ण है ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
खेत | क्षेत्र, भूमि, मैदान, जोताई, जुताई, फ़ार्म, कृषि क्षेत्र, कृषि भूमि । |
खेत in hindi | kshetr, bhoomi, maidaan, jotaee, jutaee, faarm, krshi kshetr, krshi bhoomi . |
खेत in English | field, land, field, tillage, tillage, farm, agricultural field, agricultural land. |
दोस्तो आज संसार के जीस भी कोने में मनुष्य रहता हो उसे खाने के लिए अन्न की जरूरत पडती ही है और यह अन्न और कही से नही बल्की खेतो में पैदा होता है । यानि खेत का अर्थ होता है फ़सल उत्पन्न करने हेतु ज़मीन एवं क्षेत्र ।
इसे दूसरे शब्दो में इस तरह से समझा जा सकता है की वह क्षेत्र जो भूमि का उपजाऊ क्षेत्र में सामिल होता है और उस क्षेत्र में भौजन के लिए जरूरत की फसलो का उत्पादन ही प्रथम लक्ष्य होता है उस भूमि को खेत कहा जाता है ।
अगर संक्षिप्त में बात करे तो खेत शब्द का अर्थ होता है –
खेत भूमी के उस भाग को कहा जाता है जो की फसल उत्पादन करने में काम आता है यानि जिससे किसी प्रकार के अन्न को पैदा किया जाता है या फसल का उत्पादन होता है। जैसे गेंहू, बाजरा, चावल, सरसो आदी का उत्पादन जीस स्थान पर होता है उसे खेत कहा जाता है।
दोस्तो यह वह जमीन होती है जिससे अन्न पैदा किया जाता है और मनुष्य अपना पेट भर सकता है । क्योकी आज संसार के हर कोने में पेट भरने के लिए अन्न का उपयोग होता है जो की आसमानो में नही बल्की जमीन पर ही उत्पन्न होता है और जमीन पर जीस जीस जगह उत्पन्न होता है उसे खेत कहते है । जैसे –
चावल एक ऐसी फसल है जिसका उपयोग लगभग दूनिया भर मे किया जाता है और इस अन्न को पैदा करने के लिए चावल की खेती की जाती है और इसके लिए इन्ही अन्न को खेतो में बोया जाता है जिसके बाद मे कडी मेहनत की जाती है और तब जाकर यह अन्न पैदा होता है ।
अन्न को पैदा करने के लिए जमीन की जरूरत होती है और यह जमीन खेत होता है । इसी तरह की विभिन्न प्रकार की फसलो के उत्पादन के लिए खेत का उपयोग किया जाता है ।
खेत में फसल पैदा करने को खेती करना कहा जाता है और अलग अलग प्रकार की फसल की खेती अलग तरह से होती है । और इन फसलो को बोने का समय भी अलग अलग होता है । हालाकी कुछ फसले ऐसी होती है जो की पूरे वर्ष कभी भी बोई जा सकती है और अच्छी फसल पैदा की जाती है ।
हालाकी वर्तमान में किटनाशको का प्रयोग कर कर फसल को लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है । मगर किटनाशको का प्रयोग करना हानिकारक होता है जो की मानव के लिए उपयुक्त नही है । मगर विभिन्न प्रकार की खेती करने के लिए निम्न तरीको का आजमाना भी जरूरी है –
यह वह प्रक्रिया है जिसमें खेत को आधुनिक तरीके या प्राचीन तरीके से जोता जाता है यानि जमीन को नरम बनाया जाता है और मिट्टी को उल्ट पुल्ट किया जाता है ।
इसके बाद में फसल बोने के लिए उसी फसल के बिजो को बाजार से लाकर जमीन मे बुवाई करनी होती है ताकी फसल उग सके और अच्छी तरह से पनप सके । अगर सही समय पर बिज बुवाई की जाती है तो फसल के लिए अच्छा रहता है और खेत में अच्छी उपज प्राप्त हो सकती है ।
बीज बुवाई करने के बादमें फसल को पानी की जरूरत पडती है जो की मानसुन या फिर आधुनिक तरीको से की जा सकती है । या यह भी कर सकते है की फसल बुवाई से पहले खेत मे अच्छी तरह से पानी की कमी पूरा की जाए यानि मानसुन से होने वाली वर्षा के बाद में खेती की जाए या आधुनिक तरीको से पानी की कमी को पुरा करते हुए खेती की जा सके । भारत में बहुत से राज्य ऐसे है जो की पानी की कमी के चलते मानसुन से होने वाली वर्षा के बाद ही बीज बुवाईकरते है ।
खेत में खेती करने के बाद का अगला चरण यही होता है और यह अलग अलग समय पर किया जाता है । इसे भी मुख्य रूप से दो रूपो में किया जा सकता है
A. दवाईयो का उपयोग करते हुए खरपतवारो को नष्ट करना – इस चरण में दवाईयो का उपयोग किया जाता है जिसके कारण से फसल के बिच में खडे अनावश्यक खरपतवार नष्ट हो सके । इसके लिए अलग अलग दवाईयो का उपयोग होता है और उनका समय भी अलग अलग होता है।
B. दूसरा चरण – इस चरण में खरपतवारो को नष्ट करने के लिए किसी भी प्रकार की दवाई का उपयोग नही किया जाता है बल्की प्राचीन तरीके को उपयोग में लेते हुए उस खरपतवार को उखाडा जाता है या उसे काट दिया जाता है । जिसके कारण से फसल में पानी भी अच्छी तरह से लगता है और फसल को किसी प्रकार का नुकसान नही होता बल्की फायदा ही होता है जिसके कारण से फसल जल्दी ग्रोथ करती है ।
दोस्तो अक्सर फसल पानी की कमी के कारण से नष्ट हो जाती है क्योकी बहुत से खेत ऐसे होते है जो मानसुन की वर्षा का फायदा नही उठा पाते है यानि उस खेत मे वर्षा की कमी रहती है जिसके कारण से फसल नष्ट होने लग जाती है ।
इस तरह से फसल को बचाने का एक ही उपाय रहता है और वह आधुनिक तरीके से पानी की कमी को दूर करना यानि कुवे, ट्यूबेल से पानी फसल में देना । ताकी फसल नष्ट होने से बच सके ।
इसके बाद में फसल पकने लग जाती है और जब फसल पक कर तैयार हो जाती है तो फसल कटाई की जाती है और अन्न वाली फसल को एक स्थान पर इकट्ठा कर कर उसे निकालने के लिए छोड दिया जाता है ।
यह वह चरण है जिसमें फसल में से अन्न को निकाला जाता है जिस तरह से आधुनिक युग में मसीनो का उपयोग करते हुए आसानी से फसल को निकाल लिया जाता है ओर खेत का काम पूरा हो जाता है । मगर प्राचीन समय में वही फसल निकालने के लिए कई दिनो का समय लगता था क्योकी फसल को पीट पीट कर निकाला जाता था ।
इस चरण में खेत मे बोई गई फसल का बचा हुआ काम किया जाता है जैसे अन्न को घर लेकर जाना और बचने वाले चारे को पशुओ के लिए उपयोग करना इसके साथ ही जो खेत मे खरपतवार है वहां पर पशुओ को लाकर छोडना ताकी पशु अपना पेट भर सके ।
खेत में खेती करते हुए अन्न पैदा किया जाता है इसके साथ ही अगर पशुओ का पालन किया जाता है तो पशुओ से भी विभिन्न प्रकार का लाभ प्राप्त किया जा कसता है । क्योकी खेत में खेती के साथ साथ यह काम बहुत ही आसान होता है यही कारण है की आज जीनके पास खेत है वे सभी पशुओ को रखते है और विभिन्न तरह से विभिन्न प्रकार के पशुओ का पालन किया जा सकता है जैसे – गाय, भेड़, बकरी, सूअर, और मुर्गी आदी ।
दोस्तो खेत मे फसल के साथ साथ पशुओ का होना एक लाभ का उपाय समझा जाता है । क्योकी खेत मे खेती करने के बाद में जो फसल होती है उससे चारा भी बनता है और खेत मे विभिन्न तरह के खरपतवार भी होते है जो पशुओ के न होने पर बेवजह नष्ट हो जाते है और इन पशुओ को यही चारा चाहिए और ये अपना पेट आराम से भर सकते है ।
जिसके कारण से पशुओ से भी लाभ प्राप्त किया जा सके । जैसे हम गाय का उदाहरण लेते है की गाय जब खेत में होने वाले चारे को खाती है तो गाय में दुध बनता है और वही दुध बेचने से लाभ प्राप्त किया जा सकता है । इसी तरह से बकरी पालन भी बहुत अच्छा रहता है क्योकी जब बकरीयो को पाला जाता है तो उन्हे भी खेत का वही चारा दिया जाता है और उसी तरह से दूध प्राप्त होता है ।
मगर इसमे बकरीयो का मास भी बिकता है जिसके कारण से बकरीयो के बच्चो बेच कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है । इसी कारण से खेत मे खेती के साथ साथ पशुपालन को दोहरा लाभ कहा गया है ।
इस तरह से आप खेत का पर्यायवाची शब्द के बारे में जान गए होगे ।
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