दोस्तों लोहे की कील से वशीकरण किया जा सकता है।कील का प्रयोग हम सभी करते हैं । यह दीवार के उपर कुछ चीजों को टांगने और अन्य प्रकार की लकड़ी की चीजों को बनाने मे किया जाता है। कील लगभग हर घर के अंदर मिल जाती है।आप कील की मदद से बहुत ही आसानी से वशीकरण कर सकते हैं।
इसके लिए आप छोटी या बड़ी किसी भी प्रकार की कील का उपयोग आप कर सकते हैं। नीचे हम कील से वशीकरण करने के कई तरीकों के बारे मे बता रहे हैं ,आपको जो तरीके अच्छे लगें आप उनका उपयोग कर सकते हैं।
कील से वशीकरण करने का यह एक बहुत ही प्रभावशाली तरीका होता है। इसके लिए आपको 7 लौहे की कील की आवश्यकता होगी ।इसके अलावा उस व्यक्ति का कपड़ा और बाल जिसको आप वश मे करना चाहते हैं। दोनों मे से कोई एक ले सकते हैं। बाल के 7 टुकड़े आपको लेने होंगे । यदि आपके पास बाल उपलब्ध नहीं है तो आप उस व्यक्ति के कपड़े के टुकड़े को ले सकते हैं। और उनके साथ टुकड़ कर लेने हैं।
उसके बाद शनिवार के दिन किसी शहद की शीशी के अंदर 7 किलों को डालदें और उन टुकड़ों को शीशी के चारो ओर लपेट दें । और उसके बाद इस काम को करने के बाद उस व्यक्ति का नाम 7 बार लें जिसको आप वश मे करना चाहते हैं। इस शीशी को कहीं पर छिपादें । घर के अंदर इसे 7 दिन तक ऐसे ही पड़ा रहने दें । फिर इसको लेजाकर किसी भी श्मसान के अंदर छुपादें । उसके बाद वह व्यक्ति अपने आप ही आपके वश मे हो जाएगा ।
दोस्तों यह वशीकरण थोड़ा कठिन है।सबसे पहले आपको एक दीपक लेना होगा उसके अंदर सरसों का तेल डालें और सिंदूर व कील डालें ।उसके बाद उसे जलादें ।
ॐ गिओ उउउ युयो भरि स्स्टि भ्रूयो निको स्वाहा
मंत्र को आप 220 बार जप करें । फिर आपने सिंदूर के साथ जो कील डाली है।उससे आपको एक सफेद कागज पर उस व्यक्ति का नाम लिखना है। जिसको आप वश मे करना चाहते हैं। उसके बाद अपने सिर के बाल को उस कागज के अंदर डाल कर रखदें । उसके कुछ दिन बीत जाने के बाद वह व्यक्ति अपने आप आपके वश मे हो जाएगा ।सारा प्रयोग पुरा होने के बाद इस कागज और बालों को कहीं पर जमीन के अंदर गाड आएं या पानी के अंदर बहादें ।
दोस्तों यह एक खतरनाख कील वशीकरण है। और इसका प्रयोग केवल सोच समझ कर ही करना चाहिए । इसके लिए आपको सबसे पहले एक पूतला तैयार करना होगा ,पूतला के तैयार करने के लिए आप चिकनी रेत का प्रयोग कर सकते हैं। सबसे पहले आपको एक पूतले के उपर चावल के दाने रखने होते हैं। उसके बाद उस पूतले के शरीर पर सिंदूर लगाएं और हर भाग पर फूल रखें ऐसा हो जाने के बाद एक फोटों ले जो उस व्यक्ति की होनी चाहिए जिसको आप वश मे करना चाहते हो । फिर उसके पीछे अपना नाम लिखें । उसके बाद चार कील लें और पूतले के दोनों हाथों पर दो कील गाड़दें । और उस फोटो को भी कील से गाडदें । फिर नीचे दिया गया मंत्र ॐ हूं ॐ हूं हीँ
ॐ हों हीं हां नम: दोनों 120 बार जप करें । काम पूरा होने के बाद पूतले को किसी सुन सान स्थान पर गाड़ आएं ।
दोस्तों इस कर्म को करने के लिए आपको कई चीजों की आवश्यकता होगी । जैसे मुर्गे का रक्त ,चौराहे की मिट्टी ,आटे का पेड़ा ,सिंदूर ,लोहे की कील ,उड़द की दाल ,मिट्टी का दीपक ,मिट्टी का पात्र आदि ।
शनिवार की रात को आपको यह काम करना है। इसके लिए रेत के बर्तन के अंदर चौराहे कि रेत लाकर भरलें । उसके बाद उस रेत के उपर सिंदूर से उस व्यक्ति का नाम लिखें जिसको आप वश मे करना चाहते हैं। फिर आटे के बने हुए पेड़े को उस सिंदूर के उपर स्थापित करें ।
उसके बाद मूर्गे के खून के अंदर उड़द की दाल को मिलाकर पेड़े पर डालदें ।उसके बाद आटे के पेड़े के पास एक दीपक जलाना होगा और फिर कील को दीपक के उपर से 21 बार घूमाएं और निम्न मंत्र का जाप करें ।ऐं ह्रीं श्रीं त्रीं भैरवाय फट स्वः
कम से कम 101 बार जप करना है। और उतनी ही कील लेनी हैं जितने की उस व्यक्ति के नाम के अक्षर होते हैं।
उसके बाद इस रेत के पात्र को रात के समय किसी भी चौराहे पर रखकर आ जाएं ऐसा करते समय आपको कोई देखना नहीं चाहिए । वरना आपका काम सिद्व नहीं होगा ।
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, मंगलवार के दिन और मृगशिरा नक्षत्र के दिन आप इस प्रयोग को कर सकते हैं। यह बहुत ही आसान उपाय है। इसके लिए आपको करना यह है कि कनेर की लकड़ी से बनी हुई 7 अंगुल लंबी एक कील लेकर उसको नीचे दिये गए मंत्र से अभिमंत्रित करना होता है।
ओं अमुक हूं हूं स्वाहा।
इसके लिए मंत्र को 120 बार बोलना होता है। मंत्र के अंदर अमुक के स्थान पर उस व्यक्ति का नाम लेना है। जिसको आप वश मे करना चाहते हो । उसके बाद जब सारा काम हो जाए तो इस कील को कहीं पर किसी भी जमीन मे गढ़डा खोद कर दबादें ।
इस विधि के अंदर आपको एक लोहे की कील , काला कपड़ा ,सिंदूर और नींबू ले आएं ।उसके बाद काले कपड़े के उपर लाल पेन से उस व्यक्ति का नाम लिखें जिसको आप वश मे करना चाहते हों ।
कपड़े को किसी पाटे के उपर बिछाकर कपड़े के चारों कोनो पर घी के दिये जलाएं ।ॐ नमोह आदिरुपए ( नाम) अकर्षणं कुरु कुरु स्वः मंत्र को 21 बार जप करें और उसके बाद नींबू को उस पर नीचोड़ दें । उसके बाद कपड़े को मोड़कर दक्षिण दिशा मे कील की मदद से लटकाएं । इस उपाय को आपको लगातार 14 दिन तक सेम तरीके से करना है। उसके बाद इन सब चीजों को किसी जगह पर जाकर बूर आना है।
सबसे पहले आपको 2 लौहे कील लेना है। एक कांच का गिलास लेना है और उसमे 7 नींबू निचोड़ लेना होगा । फिर उन कीलों को उस पानी के अंदर डालदेना होगा ।गिलास को अपने बाएं हाथ मे पकड़ें और नीचे दिये गए मंत्र को 300 बार उच्चारण करें और पानी के अंदर फूंक मारना है। उन कीलों को आपको निकाल लेना हैं। और उनमे से एक कील पीपल के पेड़ के उपर ठोक देना है। पीपल की जड़ के अंदर तिल का तेल से दीया जलाकर उस कील को दिये के अंदर डाल देना हैं। उसके बाद वह व्यक्ति आपके वश मे हो जाएगा ।
ओम क्रपावतीर्ण तं सोमनाथं शरण प्रपघ्घे
नाम
मं वशियम भवंति ।।
इस प्रयोग को आप कभी भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक नींबू लेना है और उसके उपर उस व्यक्ति का नाम लिखना है। जिसको आप वश मे करना चाहते हैं। उसके बाद चार लौहे की कील को नींबू के उपर गाड़ दें और इस नींबू को देवी के मंदिर मे रखदें ।
और देवी से काम सफल होने की प्रार्थना करें । आपको ध्यानदेना चाहिए कि आपका काम पूरी तरह से वैध होना चाहिए । जैसे यदि कोई पति अपनी पत्नी को वश मे करना चाहता है या पत्नी अपने पति को वश मे करना चाहती है तो यह प्रयोग कर सकती है।
इस तरीके से वशीकरण करने के लिए आपको सबसे पहले एक नींबू पर अपना और जिसको वश मे करना चाहते हैं। उसका नाम लिखना है। कपड़े पर नाम केवल सिंदूर से ही खिला है।उसके बाद नींबू पर दो स्वार्सि्तक के निशान बना लेने हैं। और दो लोहे की कील लेनी है । एक पीला कपड़ा लेना है।
उसके बाद तीन लौंग को नींबू के अंदर डाल देना देना है। और कील को दोनों नाम के अंदर डाल देना है।फिर इन सबको पीले कपड़े के अंदर लपेट कर नीचे दिया गया मंत्र 108 बार जप करना है।मंत्र जप पूरा होने के बाद इस पूरी गठरी को किसी भी नीम के पेड़ के उपर टांग आना है।इससे पहले आपको सच्चे दिल से उस व्यक्ति का नाम 7 बार लेना है । जिसको आप वश मे करना चाहते हैं।
यह काम आपको रात 12 बजे के बाद ही करना है। इसके लिए एक कील लेना है और उसके उपर काला धागा लपेटना है। और आसन पर बैठना है। पश्चिम दिशा के अंदर बैठना है। और कील को मूठी के अंदर पकड़ कर मंत्र को 251 बार जप करना है।
हे आदि शक्ति मम सर्व मनोकामना पूर्ण करिप्ये तथा
नाम और माता पिता का नाम
शरीर एवं आत्मा मम वसुं कुरू कुरू स्वाहा ।
उसके बाद रात को अपने तकिये के नीचे रखना है। और हर वक्त इसको अपने शरीर से टच मे रखना है।नहाने के बाद उसी मंत्र को 251 बार जप करना है। फिर कील को पीपल के पेड़ के अंदर ठोक देना है। और धागा अलग कर लेना है। काले धागे को कलाई पर बांध लेना है।
उसके बाद 11 दिन तक परिक्रमा करनी है और परिक्रमा करते समय इस मंत्र को 11 बार बोलना होता है। मंत्र है
ओम एम ही्र क्लिं चामुण्डाय सर्व तंत्र कर्म सफल करिष्यामी नमो नम:।।
और उस पीपल के पेड़ के अंदर जल अर्पित करना होगा ।और काम सफल होने के बाद पीपल के पेड़ से कील को निकाल लेना है और बहते पानी मे बहा देना होगा ।
नीम के पत्ते से वशीकरण करने का खतरनाख प्रयोग
धैर्य का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , धैर्य का उल्टा क्या होता है…
भलाई का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , भलाई का उल्टा क्या होता है…
चोर का विलोम शब्द, चोर शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, चोर का उल्टा Chor vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)चोर पुलिसChor police …
सजीव का विलोम शब्द या सजीव का विलोम , सजीव का उल्टा क्या होता है…
सुगंध का विलोम शब्द, सुगंध शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, सुगंध का उल्टा Sugandh vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)सुगंध दुर्गन्धSugandh Durgandh …
रोगी का विलोम शब्द, रोगी शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, रोगी का उल्टा Rogi ka…