किरण का पर्यायवाची शब्द या किरण का समानार्थी शब्द (kiran ka paryayvachi shabd / kiran ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में बडे ही विस्तार से जानने वाले है तो लेख को बडे ही आराम से देखे ।
किरण | किरण का पर्यायवाची शब्द या किरण का समानार्थी शब्द (kiran ka paryayvachi shabd / kiran ka samanarthi shabd) |
किरण | मरीचि, मयूख, अंशु, गो, अर्चि, कला, दीधिति, आलोक, रश्मि, दीप्ति, प्रभा, ज्योति, कर, घृणि, प्रद्योत । |
किरण in Hindi | Kiran, mareechi, mayookh, anshu, go, archi, kala, deedhiti, aalok, rashmi, deepti, prabha, jyoti, kar, ghrni, pradyot . |
किरण in english | glimmer, actino, gleam, keratoma, beam, ray, shaft, kiran. |
किरण एक तरह की प्रकाश की सुक्ष्म रेखा होती है जो की सूर्य, दिपक, चंद्रमा, तारा आदी से निकलती है किरण के नाम से जानते है ।
हिंदी भाषा में किरण को अनेक अर्थों के रूप में जाना जाता है जो है –
ब्रह्माण में उपस्थित सूर्य, चंद्रमा, तारा आदी में प्रकाश है और वह प्रशक हमारी पृथ्वी तक आता है । मगर यह प्रकाश पृथ्वी पर आने से पहले सूर्य, चंद्रमा और तारो से फैलता है और इसके फैलाव रश्मि के जरीय होता है । जिसे ही किरण कहा जाता है । यानि बहुत सी किरणे जब आपस में मिल जाती है तो प्रकाश बन जाता है । इस तरह से किरण की परिभाषा दे सकते है
प्रकाश की वह सुक्ष्म रेखा जो की सूर्य, चंद्रमा से निकलती है और पृथ्वी की और आती है किरण कहलाती है ।
जो प्रकाश की सुक्ष्म रेखा सूर्य से निकलती है उसे सूर्य किरण के नाम से जानते है और इसी तरह से जो चंद्रमा से निकलती है वह चंद्रमा किरण के नाम से जाना जाता है ।
अत: कहा जा सकता है की किरण एक तरह का प्रकाश ही होता है। और जो प्रकाश विभिन्न तरह के घटाक से निकलता है उनमें किरण होती है । क्योकी एक प्रकाश विभिन्न तरह की किरणो से मिलकर बना होता है ।
जैसे
दिवाली के समय मे दिपक जालाए जाते है जिसके कारण अधिक मात्रा में रोशनी होती है क्योकी प्रकाश फैलता है । क्योकी प्रकाश का सूक्ष्म भाग ही किरण होती है । जिसके कारण से कहा जा सकता है की दिपक से भी किरण होती है ।
उसी तरह से हम रात के समय में घर मे जलाए जाने वाले बल्ब से निकलने वाले प्रकाश के सुक्ष्म रेखा किरण कहा जा सकता है ।
इस तरह से हमारी पृथ्वी पर बहुत से ऐसे साधन है जिनसे प्रकाश निकलता है तो उनके लिए कहा जा सकता है की उनमें भी किरण होती है।
अन्त में कहा जा सकता है की प्रकाश की एक सुक्ष्म रेखा को ही किरण कहा जाता है ।
दोस्तो सूर्य हमारी पृथ्वी से 14,96,00,000 किलोमिटर दूर होने है । जिसके कारण से इसके प्रकाश का पूरा ज्ञान नही किया गया है । मगर बताया जाता है की अगर सूर्य के पास भी कोई जाता है तो वह जल कर राख बन जा सकता है । यह सब सूर्य के ताप के कारण से होता है ।
जो की किरण के रूप में चारो ओर फलता रहता है । इस तरह से सूर्य की किरणो के फैलने के कारण से केवल आसमान में ही नही बल्की पृथ्वी पर भी रोशनी हो जाती है और दिन रात होते देखा जा सकता है ।
इस तरह से दिन रात होना सूर्य की किरण पर आधारीत होता है । क्योकी जब सूर्य की किरण पृथ्वी पर आती है तो वहां पर दिन हो जाता है और जीस स्थान पर सूर्य की किरण नही आती है वहां पर रात होती है ।
मगर एक प्रशन सभी के मन में रहता है की जब सूर्य इतना अधिक दूर होता है तो सूर्य की किरण को पृथ्वी तक पहुंचने में कितना समय लग जाता है?
तो इस प्रशन का उत्तर होता है एक सूर्य की किरण को पृथ्वी तक आने में कुल में 8 मिनट एवं 16.6 सेकण्ड्स का समय लग जाता है । यानि जब सूर्य की एक किरण सूर्य से निकल कर पृथ्वी तक आती है तो अधिक दूर होने के कारण से 8 मिनट एवं 16.6 सेकण्ड्स लग जाते है ।
जीस तरह से सूर्य का प्रकश किरणो के रूप में चारो और फैलता है उसी तरह से चंद्रमा का प्रकाश भी किरणो के रूप में ही चारो फैलता है । और चंद्रमा पृथ्वी से कुल 384,403 किलोमिटर दूरी पर स्थित है । जिसके कारण से इसकी एक किरण को पृथ्वी पर पहुंचने में अधिक समय नही लगता है बल्की 1.3 सेकंड में एक किरण पृथ्वी तक पहुंच जाती है ।
हालाकी चंद्रमा में इतनी अधिक किरणे नही होती है की वह पूरी पृथ्वी पर को चमका सके । मगर जब सूर्य की किरणे पृथ्वी पर नही होती है तो चंद्रमा की किरणो के प्रभाव को देखा जा सकता है । क्योकी चंद्रमा की जो किरणे होती है उनके कारण से भी पृथ्वी पर रोशनी हो जाती है । अगर कभी चंद्रमा पूरा दिखाई देता है तो किरणे अधिक मात्रा में पृथ्वी पर आती है और पृथ्वी चमकने लग जाती है ।
जिस तरह से सूर्य, चंद्रमा में प्रकाश होता है उसी तरह से तारे में भी प्रकाश होता है जिसकी किरणे पृथ्वी तक आती भी है । जैसे रात के समय में आसमान में करोडो की सख्या में तारे देखे जा सकते है। तो यह केवल किरणो के कारण से ही दिखाई देते है ।
वही एक घटना भी देखी जाती है की तारे जो होते है वह हमे टिमटिमाते हुए ही दिखाई देती है । इसका मुल कारण कोई और नही बल्की तारो की किरणे ही होती है। जो की पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती है तो धूल के कणो और वायुमंडल की अनेक परतो को पार करती है जिसके कारण से विचलीत हो जाती है और हमे यह किरण हिलती हुई नजर आती है । जिसके कारण से ऐसा लगता है की तारे टिमटिमा रहे है । क्योकी किरण हिलती दिखाई दे रही है ।
इस तरह से अनेक तरह की किरणे होती है जो की हमारी इस पृथ्वी पर आती रहती है । इसके साथ ही हम रात को उपयोग करने वाले टॉर्च की रोशनी की किरण को भी सामील कर सकते है । क्योकी यह भी रोशनी फैलाती है जो की किरण के कारण से होता है ।
दोस्तो इस तरह से हमने किरण के पर्यायवाची शब्द या किरण के समानार्थी शब्द के बारे में जान लिया है ।
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