कृत्रिम का विलोम शब्द, कृत्रिम शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, कृत्रिम का उल्टा Kratrim ka vilom shabd
शब्द (word) | विलोम (vilom) |
कृत्रिम | प्राकृतिक, नैसर्गिक |
Kratrim | Prakratik, Naisargik |
Artificial | Natural |
कृत्रिम का मतलब होता है । इंसानों के द्धारा बनाया हुआ । या जिसको बनाने मे इंसानी दिमाग इस्तेमाल हुआ है वह सब कुछ कृत्रिम है। आप इस धरती पर मकान देख रहे हैं। गाड़ी जिसके उपर आप सवार होकर जाते हैं और आपके कपड़े और दवाइयां । यह सारे कृत्रिम हैं। इन सबकों हम इंसानों ने बनाया है । इसलिए इनको कृत्रिम कहा जाएगा ।वैसे आज की दुनिया के अंदर नैचुरल चीजे बहुत कम बंची हैं।
बहुत कुछ कृत्रिम होता जा रहा है। आपने देखा होगा कि आजकल रोबोट काम कर रहे हैं। अस्पताल मे भी रोबोट होते हैं। और सारा कार्य वही करते हैं। और कई फिल्मों के अंदर तो यहां तक दिखाया जाता है कि इंसान सिर्फ घरों के अंदर सोते हैं और उसके स्थान पर बस रोबोट काम करते हैं। इंसान काम करना छोड़ चुके हैं। हर इंसान का एक रोबोट होता है जिसको वह अपने मन की मदद से नियंत्रित करता है।
इसी प्रकार से आजकल कोरोना काफी कहर बरस रहा है।क्या आप जानते हैं कि कोरोना क्या है ? असल मे कोरोना इंसानों ने ही बनाया है और इससे एक इंसान दूसरे को मारना चाहता है। और वह दूसरे देशों पर कब्जा करना चाहता है। कोरोना भी कृत्रिम वायरस है । और आजकल यह भारत के अंदर बहुत अधिक कहर बरपा रहा है।
हालांकि कृत्रिम दुनिया बहुत अधिक खतरनाक हो चुकी है। और आने वाले दिनों के अंदर यह इतनी अधिक खतरनाक हो जाएगी कि कि इंसान बस नाम के रह जाएंगे। वैक्सीन और डोज की मदद से इंसान चलेंगे। यह काफी तेजी से हो रहा है। इंसान के दिमाग के अंदर चिप लगा दी जाएगी । इसी प्रकार के न जाने कितने प्रयोग चल रहे हैं। इंसानों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ा है। अब नई नई बीमारियां प्रकाश मे आ रही हैं जिनका नाम भी नहीं सुना था वे अब भारत के लोगों को हो रही हैं।
नैचुरल का मतलब होता है जो प्रकृति ने बनाया है। वह सब कुछ नैचुरल है। और आप खुद भी नैचुरल हैं आपके आस पास जो पेड़ देख रहे हैं वह भी नैचुरल हैं। और यह धरती भी नैचुरल है। वैसे आजकल नैचुरल चीजों का मिलना काफी कठिन होता जा रहा है। कारण यह है कि सब चीजों को नकली चीजों के अंदर बदला जा रहा है। और उसके स्थान पर कृत्रिम चीजों को लाया जा रहा है। आपने भी देखा होगा कि आज जो आप मार्केट से सब्जी खरीद रहे हैं।
उस सब्जी के अंदर काफी मात्रा मे कैमिकल होते हैं जो उसको तेजी से बड़ा बनाने का कार्य करते हैं। यही कारण है कि अब तेजी से कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। और दूसरी ऐसी ऐसी बीमारियां निकल कर आ रही हैं जिनका नाम भी नहीं सुना है। यह काफी घातक बीमारियां होती हैं।
इस जमाने की बात है । एक घर के अंदर राजेश और पंवार नाम के दो बच्चे थे । घरवाले काफी पैसे वाले थे । और घर मे किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी। बच्चे प़ढ़ाई के अंदर भी काफी अच्छे थे । दोनों के माता पिता को एक मीनट की भी फुर्सत नहीं मिल पाती थी। क्योंकि दोनों ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की फिराक मे रहते थे । और उनके लिए पैसे से बड़ी कोई चीज नहीं थी। राजेश और पंवार दोनों की देखरेख के लिए एक नौकरानी रख रखी थी। वही उनको सब कुछ बनाकर देती थी। और उनका सारा ध्यान नौकरानी ही रखती थी ।
नौकरानी ही उनको सुबह तैयार करती और खाना बनाकर देती थी।और शाम को भी वह उनको खाना बनाकर देती थी।शाम को राजेश और पंवार शाम को टीवी देखते थे । उसके अंदर बड़े बड़े लोगों को शराब और सिगरेट पीते भी देखते थे । एक दिन दोनो ने नश्चिय किया कि आज वे भी शराब और सिगरेट पीऐंगे। फिर एक दिन दोनों ने शराब और सीगरेट को चुपके से घर के अंदर लाये और खाना खाने के बाद दोनों भाइयों ने पहले शराब पी और फिर सिगरेट पी । उसके बाद बुरी तरह से चढ़ गई तो सो गए ।
वैसे भी पैसे वाले थे तो कृत्रिम दुनिया मे जी रहे थे ।अब दोनों रोजाना शाम को शराब और सीगरेट लेकर आते और अच्छी तरह से पीते । नौकरानी को भी एक दिन पता चलना ही था तो उसको जब पता चला तो नौकरानी ने उनकी मां को बताने की धमकी दी लेकिन लड़कों को कोई डर नहीं लगा क्योंकि उन्होंने मां को कभी जाना ही नहीं था।
और फिर एक दिन नौकरानी ने लड़कों की मां को खबर करदी ।गलत संगत का नाम सुनने के बाद मां भागी हुई आई और बोली …….राजेश और पंवार यहां पर आओ ?
दोनो आराम से पास आए ।
…….यह मैं क्या सुन रही हूं ? कि तुम शराब और सिगरेट पीते हो ?
…….हां पीते हैं क्या हुआ यह सब अमीरों का काम होता है
….. लेकिन तुम आजकल कुछ ज्यादा ही बक बक कर रहे हो । उनकी मां बोली
……तुमको क्या तुम तो कभी हमसे मिलने भी नहीं आई यदि तुमको इतनी ही फिक्र हो रही थी तो आई क्यों नहीं । हम किसी को नहीं जानते हैं। और उसके बाद दोनो लड़के चले गए ।
पंवार की मां को भी यह समझ आ चुका था कि उससे गलती हुई है। और यदि वह पहले ध्यान दे लेती तो ऐसा नहीं हो पाता । लेकिन अब बहुत अधिक देर हो चुकी थी। अब कुछ नहीं हो सकता था। उसके बाद वह भी वहीं पर लुढ़क गई और अपने बच्चों के बारे मे सोचने लगी ।
देखों आजकल के बच्चे कैसे हो गए हैं ?जिस तरीके से जीवन के अंदर चीजें कृत्रिम होती जा रही हैं ।उसी प्रकार से जीवन भी कृत्रिम होता जा रहा है। नैचर के नियमों की अब कोई कद्र नहीं करता है। सब अपनी मर्जी से काम करते हैं लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होगा । उल्टे नुकसान ही होगा ।चलो अब बच्चों को छोड़कर नहीं जाउंगी ।इनके पास ही रहूंगी । कुछ नहीं होगा मैं इनको सही करके ही दम लूंगी ।
मैं हमेशा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विचार से रोमांचित रहा हूं। मैंने इसके बारे में कई लेख पढ़े हैं, फिल्में देखी हैं और यहां तक कि वीडियो गेम भी खेले हैं। मुझे पता है कि एआई के कई अलग-अलग प्रकार हैं और मैं उन सभी के बारे में और जानने के लिए उत्साहित हूं। कुछ लोगों का मानना है कि एआई अंततः दुनिया पर कब्जा कर लेगा, जबकि अन्य का मानना है कि यह हमें अपने लक्ष्यों को बहुत तेजी से हासिल करने में मदद करेगा, जितना हम अपने दम पर कर सकते हैं। मैं इस बारे में अनिर्णीत हूं कि एआई अच्छी चीज है या बुरी चीज है, लेकिन मैं संभावनाओं से चकित हूं।
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