क्रोध का विलोम शब्द? krodh ka vilom shabd
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शब्द (word) | विलोम (vilom) |
क्रोध | क्षमा |
krodh | Kshama |
anger | Pardon |
क्रोध का विलोम शब्द और अर्थ Antonyms and Meaning of Anger
क्रोध एक मानव का भाव होता है। जिसका दूसरा नाम गुस्सा भी होता है। क्रोध का अर्थ है आपके अंदर किसी बात को लेकर मौजूद उत्तेजना । या आप जब किसी कार्य को होने से रोकना चाहते हैं तो क्रोध करते हैं। वैसे क्रोध को परिभाषित करना कठिन है लेकिन क्रोध के अंदर आपके हर्ट की गति बढ़ जाती है और आप खुद को असंतुलित महसूस करते हैं।जब आप क्रोधित होते हैं तो विवेक शून्य हो जाते हैं और कई बार क्रोध की वजह से ऐसे काम हो जाते हैं जो बेहद ही हानिकारक होते हैं। इसलिए क्रोध को पतन का कारण माना गया है। और क्रोध को त्याग करने के बारे मे कहा गया है।
क्रोध की वजह से बहुत कुछ गलत होता है लेकिन क्रोध को रोकना इतना आसान कार्य नहीं है।लेकिन उसके बाद भी यदि हम इसे रोकने का प्रयास करते हैं तो हम रोक सकते हैं। आमतौर पर इसके लिए आपको अभियास करना होगा तभी आप क्रोध को रोक पाएंगे ।
क्रोध इंसान के पतन का कारण होता है।यदि अबकि बार आपको कोई क्रोध आए तो बस उस क्रोध को देखते रहना और कुछ मत करना लेकिन आपको यह देखना होगा कि मुझे क्रोध आ रहा है । या आप यह भी कर सकते हैं कि जब भी आपको क्रोध आए आप उसे अपने मन के अंदर दबा दें और फिर जब आप अकेले हों तो उसे बाहर निकाले ।
इस प्रकार से आप धीरे धीरे क्रोध को दबाना सीख जाएंगे ।लेकिन बहुत से लोग गलती यह करते हैं कि वे क्रोध को दबाते नहीं हैं। और जिसके सामने आपको क्रोध आता है उसी के सामने प्रकट कर देते हैं। और तो और कुछ तो ऐसे इंसान भी होते हैं जोकि क्रोध आने पर चीजों को तोड़ने फोड़ने लग जाते हैं।
क्षमा का अर्थ The meaning of forgiveness
क्षमा का अर्थ होता है माफ कर देना । क्षमा ही इंसान का धर्म होता है। यदि कोई गलती करता है तो यदि गलती क्षमा करने लायक है तो हमे उसको क्षमा अवश्य ही कर देनी चाहिए । आपको यह भी याद रखना चाहिए कि क्षमा वही कर सकता है जोकि क्षमा करने योग्य है।
जैसे यदि आपकी पत्नी कोई गलती करती है और आप उसे मारने लगते हैं तो यह अच्छी बात नहीं है। आपका सबसे पहला काम है उसे समझाना और उसके बाद क्षमा कर देना ।
लेकिन आपको यह भी याद रखना चाहिए कि ।क्षमा उसी इंसान को करना चाहिए जो इसके योग्य है। यदि आप एक शेर जैसे गुणों वाले इंसान को आप क्षमा करेंगे तो वह मौका पाते ही आपके उपर ही हमला कर देगा ।इसलिए क्षमा उसी को करें जो इसके योग्य है।
क्रोध का परिणाम कहानी
प्राचीन काल के अंदर एक यशराज नामक एक राजा रहता था। वह राजा काफी क्रोधी था।और वह क्रोध के अंदर इतना अधिक अंधा हो जाता था कि उसे कुछ होश ही नहीं रहता था। एक बार की बात है।राज्य के अंदर 5 साधु आए ।और राजा के दरबार के अंदर आए और बोले ………महाराज क्या आप हम कुछ समय के लिए पनाह देंगे ।
…..हां क्यों नहीं हमारा महल है और उसके अंदर आप रह सकते हैं।
और उसके बाद संत महल के अंदर रहने लगे ।साधुओं ने सपने मे भी नहीं सोचा था कि उनके सर पर एक बड़ी मुश्बित आने वाली है। एक बार जब महल के अंदर चोरी हो गई तो राजा ने सब महल के अंदर रहने वाले लोगों को एकत्रित किया और कहा …..जिसने भी सोने के सिक्के चुराएं हैं वह खुद ही यदि बताता है और अपनी गलती को स्वीकार करता है तो उसे माफ कर दिया जाएगा ।
लेकिन सभा के अंदर कोई भी नहीं बोला ।उसके बाद राजा ने मंत्री से पूछा ……मंत्रीजी आपको किस पर शक है।आप खुल कर बताएं ?
….महाराज हमे तो इन पांच साधुओं पर शक है।
और उसके बाद कई ओर लोगों से राजा ने पूछा तो उन लोगों ने भी साधुओं का नाम लगा दिया । और राजा को भयंकर क्रोध आया ……अरे मैंने तुम लोगों को यहां पर रहने के लिए स्थान दिया और तुमने ही महल का सोना चुरा लिया । जल्दी बताओ यदि नहीं तो तुम सब मरोगे और राजा जोर से चिल्लाया
………लेकिन महाराज हमने आपके महल से कुछ भी नहीं चुराया आप चाहें तो तलासी ले सकते हैं।
……मुझे कुछ नहीं सुनना सैनिकों इन साधुओं को पकड़ो और 5 कोड़े लगाओ ।राजा का आदेश पाते ही सैनिकों ने वहीं पर सभी साधुओं के कोड़े मारे ।
…….राजन तुमने यह बहुत ही गलत किया । तुम्हारे पास कोई सबूत नहीं है कि हमने चोरी की । उसके बाद भी तुमने हमारे उपर कोड़े मारे । हम तुमको शाप देते हैं कि यही क्रोध जिसके वशीभूत तुमने हमें कोड़े मारे हैं तुम्हारे विनाश का कारण बनेगा ।