कुआँ का पर्यायवाची शब्द या कुंआ का समानार्थी शब्द kuaa ka paryayvachi shabd / kuan ka samanarthi shabd के बारे में आज हम इस लेख में जानेगे । इसके साथ ही कुआ से जुडी विभिन्न तरह की जानकारी हासिल करेगे तो लेख देखे ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
कुंआ | कूप, कुँवा, अन्घु, प्रहि, कूप, उदपान, निवान, निपान, दनार, इनारा, दन्दारा । |
कुंआ in hindi | koop, kunva, anghu, prahi, koop, udapaan, nivaan, nipaan, danaar, inaara, dandaara . |
कुंआ in English | the well, coupe, Folliculus, gastric follicle, well, |
हिंदी भाषा में कुआ का अर्थ जल प्राप्ती के लिए जमीन में खोद कर बनाई गई सरचना को कुंआ कहा जाता है । और इसके आकार व निर्माण के आधार पर अलग अलग नाम दिया जा सकता है ।
दुनिया में कुआ का उपयोग पानी के लिए किया जाता है और इसी पानी की कमी को दूर करने के लिए प्राचीन समय से आज तक कुए खुदते जा रहे है । इनमें से ही कुछ ऐसे कुए है जो की चौका कर रख देते है जो है –
क्या आपको मालूम है की पुर्तगाल में एक ऐसा कुआ स्थित है जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आते रहते है क्योकी उस कुवे में से एक ऐसा प्रकाश निकलता है जो बहुत ही तेज होता है हालाकी वहां पर प्रकाश निकरने का कोई अन्य कारण नही है बल्की माना जाता है की यह प्रकाश धरती से निकल रहा है जो की कुवे से होकर बाहर आ रहा है । इस रहस्यमय कुवे को देखने के लिए विदेश तक से लोग आते है।
दोस्तो कुआ की जब बात आती है तो इसकी गहराई के आधार पर कहा जाता है की कोनसा कुआ बडा है और कौनसा छोटा और इसी के आधार पर विश्व में सबसे बडा या गहरा कुआ रूस का बना हुआ है ।
आपको बता दे की बावडी एक तरह का कुआ होता है और भारत में जिसे चांद बावड़ी के नाम से जाना जाता है वह सबसे बडी बावडी है । जो की आभानेरी में स्थित है ।
दोस्तो दुनिया में कुछ भी अजीब हो सकता है और ऐसा ही एक कुआ है जिसके अंदर एक ऐसा पानी है जो हर वस्तु को पत्थर में बना देता है चाहे फिर वह लोहे की हो या कोई लकडी भी क्यो न हो । यह कुआ और कही नही बल्की ईग्लैंड के न्यर्जबरो में स्थित है ।
दोस्तो आपको जान कर हैरानी होगी मगर सत्य है की दुनिया में एक ऐसा कुआ भी बनाया गया है जिसमें एक बडा सुन्दर महल है और यह भारत के महारास्ट्र के सतारा जीले में बनाया गया है ।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की इस कुएं का निर्माण कराने वाले व्यक्ति वीरुभाई साहेव थे ।
मनुष्य के जीवन में जल भी एक महत्वपूर्ण घटक रहता है और इसकी पूर्ती होना भी जरूरी है । जिसे प्राप्त करने के लिए जमीन को खोदना पडता है और इस तरह से खोदी गई सरचना को कुआ कहा जाता है । जैसे प्राचीन समय में बावडी हुआ करती थी वे भी एक तरह के कुएं थे और जो ट्यूबवेल होती है वे भी कुएं है । क्योकी यह भी जमीन को खोद कर बनाई गई एक तरह की सरचंना होती है ।
इसे इस तरह से भी समझा जा सकता है की जब मनुष्य जल की खोज में जमीन को खोदता है और एक गहरी सरचना बनने के बाद में जल प्राप्त होता है ऐसी सरचना को कुआ कहा जाता है । ऐसी सरचना में जल भी प्राप्त होता है ।
कुएं को बनाने का मानव का प्रथम उदश्य यही होता है की वह समय समय पर उपयोग के अनुसार जल प्राप्त कर सके । और वर्तमान में सिचाई का एक मात्र तरीका बना हुआ है जिसके कारण से लगभग हर खेतो में इस तरह के कुए देखने को मिल जाते है । मगर वर्तमान में ऐसे कुए बनने लगे है जिनकी चोडाई अधिक नही होती बल्की पाइपो को देकर से ऐसे कुए बनाए जाने लगे है ।
जिसमें इन्ही के आकार की मोटर होती है और वे लाईटो के माध्यम से पानी को आसानी से बहार निकाल लेते है । हालाकी प्राचीन समय में ऐसा बिल्कुल नही था बल्की कुएं से पानी को निकालने के लिए बाल्टी या बर्तन का उपयोग किया जाता था जो एक सिल के आधार पर रस्सी से निकाले जाते थे ।
दोस्तो कुआ केवल पानी का नही होता बल्की कुछ देशो में पेंट्रोल भी निकलता है जिसके लिए कुए बनाए गए है और इन्हे भी कुआ कहा जाता है । इस तरह से कुए को दो प्रकार के बाटा जा सकता है जो है –
दोस्तो यह वह कुआ होता है जिससे पानी निकलता है और मानव पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए ही ऐसे कुए बनाता है । इसके अलावा सिचाई के लिए भी कुए बनाए जाते है और फसल पैदा की जाती है । इस तरह के पानी के कुए को भी अलग अलग प्रकारो में बाटा जा कसता है ।
इस तरह के कुओ का पानी प्राय कठोर होता है क्योकी इसमें नमक की मात्रा भी आ जाती है । साथ ही इस तरह के कुओ की खुदाई 30 फीट से अधिक नही होती है ।
जीन कुओ को प्राचीन समय में बनाया गया है या वे सभी कुए जिनकी गहराई 100 फीट तक या इससे अधिक होती है गहरे कुएं कहे जाते है । इस तरह के कुओ का पानी पूरी तरह से स्वच्छ होता है और इसका उपयोग पीने में लिया जा कसता है ।
इसे इस तरह से भी समझा जा सकता है की
जैसा की नाम से ही मालूम होता है की जो कुए गहरे होते है यानि जो सबसे अधिक गहरे मिलते है वे कुए गहरे कुएं कहे जाते है । क्योकी गहराई अधिक होने के कारण से पानी भूमी कें अंदर का प्राप्त होता है जो की पूरी तरह से स्वस्थ होता होता है और इस तरह के कुओ का पानी नष्ट नही होता है ।
इस तरह के कुओ का उपयोग गाव के लोगो के लिए होता है और आपने देखा होगा की इस तरह के कुए गहरे तो होते ही है मगर इसके साथ साथ ये बाहर भी बहुत अधिक निकले होते है । इसके अलावा इस तरह के कुओ से पानी निकालते समय किसी रस्सी का उपयोग किया जाता है । जैसे एक कहावत है रसरी आवत जावत सिल पर पडत निशान । यह कहावत इसी तरह के कुओ से जुडी होती है ।
क्योकी ऐसे कुए लगभग आपका देखा हुआ है ओर इस तरह के कुओ का उपयोग पानी पीने के लिए किया जाता है जिसके कारण से किसी गंदगी का उपयोग कर कर इस कुएं को खराब नही किया जा सकता है ।
अक्सर आपने सुना होगा की 100 फीट की दूरी होने पर ही गावो में कुए बनाने की परमिशन प्राप्त होती है और ये इसी तरह के कुओ पर लागू होता है । इस तरह के कुएं के पानी की बात करे तो यह पूरी तरह से अच्छा होता है और इसका उपयोग करना भी मानव जीवन के लिए लाभदायक होता है। यह मानव की जरूरत को देख कर ही गावों मे बनाया जाता है ।
वर्तमान में इस तरह के कुए पंचायत के निचे दिए गए है ।
इस तरह के कुएं वहां बनाया जाता है जहां पर पानी धरती में अधिक होते है और एक छोटे से छेद के कारण ही बाहर आ जाते है । इस तरह के कुओ को आर्टीजन कुएँ कहा जाते है । आजकल इस तरह के कुओ को देखने का मोका प्राप्त नही होता है ।
इस तरह के कुए वर्तमान में देखने को मिलते है और आपने ऐसे कुएं को देखा होगा। इस तरह के कुएं में कई तरह के अन्य कुओ को जोडा गया है मगर यह सभी एक ही तरह से बनते है जिसके कारण से एक ही श्रीणी में रखा जाता है । जैसे हैंडपम्प, ट्यूबवेल ।
वर्तमान में इस तरह के कुए बनाए जाते है । और इसका उपयोग मानव पीने के पानी के लिए करता है और इसके साथ साथ सिचाई करने का काम भी इसी तरह के कुएं से होता है ।
a. हैंडपम्प
इस तरह के कुएं ऐसे घरो के आसपास बनाए जाते है जाह पर किसी प्रकार के पानी की व्यवस्था न हो । इस तरह के कुओ से पानी हाथ से निकालना होता है क्योकी इसमें किसी तरह की मोटर नही लगी होती है और जीतना जरूरी हो उतना ही पानी निकलता है । वर्तमान में इस तरह के कुएं बंद होते जा रहे है यानि बहुत ही कम बनाए जा रहे है । इस तरह के कुए सरकार बनवाकर देती है और गरीबो की साहयता करती है ।
b. ट्यूबवेल
ये वे कुए होते है जो की मानव अपने उपयोग के लिए खेतो घरो में बनवाता है । वर्तमान में इनकी संख्या बढती जा रही है क्योकी हर कोई सिंचाई का साधन अपनाता जा रहा है जिसके कारण से पानी की जरूरत पडती है और इसी के उपयोग के लिए इन कुओ को बनाया जाता है । इस तरह के कुओ में लोहे के पाईप लगे होते है जिन्हे मशिन से खोद कर जमीन में बैठा दिया जाता है जैसे हैंडपम्प की खुदाई होती है वैसे ही । इससे पानी को निकालने के लिए मोटर की जरूरत होती है और फिर बिजली या सूर्य की रोशनी से उत्पन्न बिजली का उपयोग कर कर पानी निकाला जाता है ।
दोस्तो यह वह कुआ होता है जिसमें तेल रहता है और इन्हे तेल निकालने के लिए ही बनाए जाते है । पानी की जगह तेल बाहर आता है इन कुओ में । इस तरह के कुए कुछ ही देशो में देखने को मिलते है क्योकी तेल सभी जगहो पर नही निकलता है ।
इस तरह से हमने इस लेंख में कुआ के बारे में जाना है । जिसमें महत्वपूर्ण कुआ का पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द था ।
अगर आपने भी कभी किसी तरह का कुआ देखा है तो हमें कमेंट में बताए ।
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