लड़का का पर्यायवाची शब्द या लड़का का समानार्थी शब्द (ladka ka paryayvachi shabd ya ladke ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में काफी विस्तार से जानने वाले है । इसके साथ ही लड़का से जुड़ी विभिन्न तरह की जानकारी हासिल करेगे तो आप इस लेख को पूरा देखे ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd ya samanarthi shabd) |
लड़का | बेटा, किशोर, छोकरा, अंगज , बालक, लाल, छोकड़ा, पिसर, शिशु, बच्चा, छोरा, औलाद, आत्मज, पुत्र, लौंडा, पूत, सुत, फरजंद, तनय, सुवन । |
लड़का in Hindi | beta, kishor, chhokara, baalak, laal,chhokada, pisar, shishu, bachcha,chhora, aulaad, aatmaj, putr, launda, poot, sut, pharajand, tanay, suvan . |
लड़का in English | Boy |
दोस्तो लड़का का हिंदी में अर्थ होता है पुत्र । जैसे की माता पिता की जो संतान होती है वह एक तो स्त्री में होती है और एक नर में होती है । जब नर संतान छोटी अवस्था में होती है तो उसे लड़का कहा जाता है । मगर जैसे ही वह बड़ा हो जाता है तो उसे लड़का नही कहा जाता है बल्की तब आदमी कहा जाने लग जाता है ।
जिसके कारण से लड़का का मतलब छोटी उम्र का नर बालक होता है ।
हालाकी ऐसा नही है की इसे अन्य तरह से नही समझा जा सकता है एक लड़का के अर्थ को अनेक तरह से बताया जा सकता है जो है –
आज के समय में लड़को का जीवन आसान नही है । क्योकी वे अपने भविष्य की काफी चिंता करते है । और यही कारण है की वे अपने भविष्य को अच्छा बनाने के लिए दिन रात मेहनत करते है । कुछ अध्ययन मे समय देते है तो कुछ अपने अन्य कोर्यों को करते हुए आगे बढते है ।
मगर फिर भी लड़के खुश होते है । अगर वे खुश नही भी है तो दुसरो को इस बारे में आसानी से पता नही चलता है ।क्योकी लड़के अपने दुख को काफी समय तक छिपा सकते है ।
मगर सुख हो या दुख लड़को के चेहरे पर एक मुस्कान जरूर देखने को मिल जाती है । और आपको शायद यह नही मालूम होगा की लड़के एक दिन में कुल कितनी बार हंसते है । यह प्रशन आपको कुछ अच्छा नही लग सकता है । मगर बहुत से लड़के और लड़किया इस प्रशन का उत्तर जानना चाहती है ।
तो आप को बता दे की लड़के एक दिन में लगभग 15 बार हंसते है । हां यह बात अलग है की कभी खुशी का माहोल हो तो लड़के अधिक हंस लेते है । मगर एक साधारण लड़के की बात की जा रही है । चाहे फिर उसके लिए किसी भी तरह का समय क्यो न हो वह अपने समय में कुल 15 बार तो हंस ही लेता है ।
आज के समय में लड़के ही ऐसा वैसा भोजन करने लग जाते है की उनका शरीर का जो आकर होता है वह बिगड़ने लग जाता है । जिसके कारण से जैसे जैसे लड़के बड़े होते है वे इसी तरह का भौजन करते रहते है । और शरीर में काफी अधिक फैट जमा हो जाता है ।
जिसके कारण से मोटापा होना आम बात होती है । और यही कारण है की आज लोग समय समय पर बीमार हो रहे है । क्योकी जब वे लड़को की अवस्था में थे तो भोजन के सही समय का पता नही था और वे ऐसे ही खाना पीना करते रहते थे ।
लड़को की अवस्था ही ऐसी होती है की किसी भी तरह का भोजन जच जाता है । और किसी तरह का नुकसान नही होता है । मगर जब लड़के बड़े होते है तो ऐसी अनेक तरह की बीमारी सामने आती है जो की लड़के होने की अवस्था में गलत खान पान के कारण से हो रही थी ।
इस कारण से किसी भी लड़के को यह ध्यान रखना चाहिए की वह किसी भी तरह का काम करता हो मगर उसे भोजन सही समय पर करना चाहिए और वह भी सही तरह से ।
कुछ लड़को में क्या होता है की वे अध्ययन करने में इतने अधिक लगे रहते है की खाने के लिए उनके पास समय तक नही होता है । दिन के समय पढने बेठते है और शाम को तीन बजने के आस पास भोजन करते है ।तो यह गलत होता है ।
किसी भी तरह का काम करते हो मगर आपको दिन में तीन बार भोजन तो करना ही चाहिए ।
अगर आप दिन में तीन बार भोजन करते हो तो आपका स्वास्थ्य सही रहता है । हालाकी अब दुसरी बात यह होती है की इन तीन बार के समय में क्या क्या खाना चाहिए ।
तो दोस्तो आपको इससे पहले यह बता देते है की तीन बार भोजन करने के बारे में डॉक्ट्रस का क्या कहना है ।
दरसल डॉक्ट्रस कहते है की छ घंटो के समय अंतराल में भोजन करते रहना चाहिए । तो इस तरह से जब आप दिन के समय में सुबह 6 बजे भोजन करते हो तो फिर 12 बजे दुसरी बार भोजन करने का समय होता है । और उसी तरह से आप शाम को 6 बजे भोजन कर सकते हो ।
मगर जब आप सुबह पहली बार आठ बजे भोजन करते हो तो यह समय भी बदल जाता है । आप शाम को 10 बजे तक भोजन कर सकते हो । मगर इसका समय का निर्धारण आपको स्वयं को ही करना चाहिए । क्योकी आपको यह पता है की किस समय आप फ्री होते हो । और आपको किस समय पर भुख लगती है । मगर दिन में तीन बार और छ छ घंटो के समय अंराल पर भोजन करना चाहिए ।
आपको शायद यह पता हो सकता है की लड़किया अपने भविष्य की जीतनी चिंता करती है लड़के उससे अधिक करते है । और इसका क्या कारण है यह आप आसानी से समझ सकते हो ।
क्योकी आपको यह मालूम होगा की हमारे समाज में एक धारणा सी चली आ रही है की लड़कियो को घर का काम ही करना है औरलड़को को घर के बाहर जाकर कमा कर लाना होता है । और इसी धारणा के कारण से आज लड़के अपने भविष्य की चिंता करते है ।
क्योकी उनको मालूम है की आज के समय में धन कमाना आसान नही है । अरग वे भविष्य में कुछ अच्छा कर लेते है तो आसानीसे उनके पास धन हो सकता है वरना वे तगारी गैर गैर कर ही अपना पेट नही भर पाते है । आज सभी को मालूम हे की अगर वे सरकारी नोकरी लग जाएगे तो फिर बले बले है । क्योकी उनके पास महिने की तनख्वाह आती रहती है और फिर क्या चाहिए । मनुष्य को धन ही तो चाहिए ।
और इसी धन के कारण से लड़के लड़कियो की तुलना में अपने भविष्य की चिंता करते है । आज आप अपने आस पास देख सकते हो की जैसे ही सुबह के चार बजते है तो 10 वी 12 वी में अध्ययन करने वाल लड़के उठ जाते है और दोड़ने के लिए अपने घरो से निकल जाते है । तो ऐसा वे इस कारण से करते है क्योकी उनको अपने भविष्य की चिंता है ।
हालाकी कुछ लड़के ऐसे भी होते है की जैसे ही चार बजते है वे उठ जाते है और किताब लेकर पढाई करने लग जाते है । तो इससे भी समझा जा सकता है की लड़को को अपने भविष्य की चिंता है । हालाकी वर्तमान में ऐसा कम होने लगा है । क्योकी लड़के देर रात तक यानि रात के 2 बजे तक अध्ययन करते है ।
मगर ऐसा लड़किया काम करती है । हां ऐसा नही है की कोई भी लड़की ऐसा नही करती है । बल्की इस तरह से भविष्य की चिंता करने वाली लड़की कम होती है । और यही कारण है की कहा जाता है की लड़को को अपने भविष्य की चिंता अधिक रहती है ।
अगर हम एक लड़के के जीवन के बारे में आपको बताने लग जाएगे तो यह सब कम रहेगा । क्योकी आपको यह मालूम है की लड़को का जीवन कितना कठिन है । आपके आस पास ऐसे लड़के है जैसे की आपका भाई, आप स्वयं हो सकते हो और इस बारे में आपको पता है , आपके पिता जो दिन रात काम करते है, आपके चाचा, आपके आस पड़ोस के लड़के तो सभी को अपने भविष्य की चिंता जरूर होती है । हां कुछ लोग होते है जो की अपना जीवन मोज मस्ती के साथ गुजार रहे है । मगर कितने दिनो तक ऐसा चलेगा यह मालूम नही ।
इस तरह से दोस्तो लड़को के पर्यायवाची शब्दो के बारे में आपको मालूम चल गया होगा ।
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