लघु का विलोम शब्द क्या है Laghu ka vilom shabd kya hai ?
लघु का विलोम शब्द या लघु का विलोम , लघु का उल्टा क्या होता है ? Laghu ka vilom shabd Laghu ka vilom shabd kya hai
शब्द | विलोम शब्द |
लघु | गुरु, ज्येष्ठ, दीर्घ |
Laghu | Guru |
लघु का विलोम शब्द और अर्थ
दोस्तों यदि हम बात करें लघु की तो इसका मतलब होता है छोटा । लघु का विलोम शब्द होता है ज्येष्ठ । और लघु के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। लघु शब्द आपने कई बार सुना ही होगा । लघु बस या लघु जानवर । दोस्तों लघु का मतलब होता है साइज मे छोटा होना जैसे लघु चुहा ।
दोस्तों हम इंसानों की एक समस्या होती है। हम हर चीज को अपने से छोटा मानते हैं और हमको यही लगता है कि हर चीज हमसे छोटी ही है। लेकिन असल मे कोई भी चीज हमसे छोटी नहीं होती है। और जब तक हम हर चीज को अपने से छोटी के रूप मे मानते हैं तब तक हम किसी से प्यार कर ही नहीं सकते हैं।
क्योंकि तब हमारे अंदर अहंकार का भाव आ जाता है। और यह अहंकार का भाव ही होता है जोकि हमको सब चीजों से प्यार करने से रोकता है। असली बात तो यही है कि जिस भी चीज को हम छोटी समझते हैं। वह हमारे ही अंश से मिलकर बनी होती है। जो जीवन उर्जा हमारे अंदर काम कर रही है वह आपके अंदर भी काम कर हरी है।
और वही जो जीवन उर्जा है वह दूसरे के अंदर भी काम कर रही है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । खैर जीवन उर्जा सब एक ही तरह की है। भले ही दिखने के अंदर शरीर अलग अलग दिखाई देता है। लेकिन जब तक हम खुद को शरीर समझते रहेंगे हमे हर इंसान अपने से अलग नजर आएगा । और एक इंसान इंसान की तुलना हम कर के
हम खुद को बड़ा साबित करने मे लगे रहेंगे आपको इस बात को अच्छी तरह से समझना होगा । लघु इस दुनिया के अंदर कुछ भी नहीं होता है। बस कुछ ही इंसान हैं जोकि इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं लेकिन जो अज्ञानी होते हैं वे इस बात को कभी भी नहीं समझ सकते हैं। उनको अपने पैसों पर घमंड होता है। वे बस अपने माया के अंदर ही रहते हैं। उनको किसी भी तरह की चिंता नहीं होती है। वे बस माया के अंदर ही चलते रहते हैं। लेकिन आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। यह भी एक नैचर का हिस्सा है। उनके कर्म इतने अच्छे नहीं होते हैं कि वे इन सब बातों को समझ सकें। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
खैर जो भी हो यहां पर अहंकार किसी का नहीं चलता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । यदि आप भी अहंकार करते हैं तो आपका भी बुरा हाल होगा । क्योंकि अहंकार करना ही व्यर्थ है जिस भौतिक चीज से आप इतना प्यार करते हैं वह भौतिक चीज आपका साथ नहीं देने वाली है। वह तो एक ना एक दिन छूट ही जाएगी । यह पैसा मकान गाड़ी और बंगला कुछ भी आपके काम नहीं आने वाला है। यदि कोई बुरा कर्म करेगा तो उसे न जाने कहां कहां पर प्रेत बनकर भटकना होगा । यह नैचर का नियम है। यहां पर किसी भी तरह की दलील की कोई भी आवश्यकता नहीं होती है। यह बात आपको अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए । जितना जल्दी आप यह बात समझ लेते हैं आपके लिए यह उतना ही अच्छा होगा । आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए । यही आपके लिए जरूरी है। और यही आपके लिए काफी अधिक बेहतर होगा ।
ज्येष्ठ का अर्थ और मतलब
दोस्तों जयेष्ठ के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं । ज्येष्ठ का मतलब होता है जो बड़ा होता है उसको ज्येष्ठ कहा जाता है। मतलब बड़ा । इस तरह से दोस्तों बड़े का नाम तो आपने अच्छी तरह से सुना ही होगा । और आपको इसके बारे मे पता ही होगा ।
जब बात बड़े की होती है तो आपसे आपका भाई बड़ा है । इसी प्रकार से इस दुनिया के अंदर कुछ चीजें बड़ी होती हैं। दोस्तों यदि हम भौतिक चीजों की बात करें तो इस दुनिया के अंदर एक से बढ़कर एक भौतिक चीज काफी बड़ी है। आपको इसके बारे मे पता ही होगा । लेकिन इंसान के अंदर जो बडप्पन की भावना होती है वह अहंकार की वजह से होता है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए । खैर जो अहंकार होता है वह इंसान को लेकर डूब जाता है। इस दुनिया के अंदर बहुत सारे लोग ऐसे हैं जोकि खुद को काफी बड़ा समझते हैं। क्योंकि उनके पास बहुत अधिक पैसा हो जाता है। और पैसों के चलते यह काफी बड़ा महसूस करते हैं।
लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि इस दुनिया के अंदर कोई भी छोटा बड़ा नहीं होता है। असल मे हम सभी लोग एक ही उर्जा से मिलकर बने होते हैं। और वह जो उर्जा होती है वह सब के अंदर एक ही होती है। मरने के बाद भी हम सभी रहेंगे । वही उर्जा है जिसके होने से हमारा शरीर चलता है। इसके बारे मे आपको पता ही होगा । लेकिन बहुत से लोग अज्ञान के अंदर खुद को बड़ा समझने का प्रयास करते हैं और अपने से छोटे जीवों पर अत्याचार करते हैं। लेकिन असल मे यह काफी डेंजर हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए आप अपनी मैमोरी के अंदर जैसा डेटा भरते हैं सब कुछ वैसा ही होता है।
ऐसा तो है कि आप अपने बड़े बनने के चक्कर मे अपने से छोटे जीवों को नुकसान पहुंचाते हैं। यहां पर सभी को जीने का हक होता है। यदि आप अपने से छोटे जीव को सजा दे सकते हैं तो आपको यदि कोई सजा देता है तो फिर आपको उस सजा को झेलने के लिए तैयार रहना होगा ।
क्योंकि यही नैचर का नियम है। और यदि आप इस नैचर के नियम को फोलो करते हैं तो आपको यह सब भी मानना होगा । और आपको इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।
इस प्रकार से दोस्तों आपको यह समझना होगा कि आप जो कुछ भी बोते हैं वही उगेगा । यदि आप प्याज को बोते हैं तो प्याज ही उगेगा वहां पर सोना नहीं उग सकता है। यही आपके कर्मों के साथ होता है। यदि आप बुरे कर्म करते हैं तो उसके बाद आपके साथ बुरा ही होगा । नैचर यही नियम को मानता है। लेकिन आप किस नियम को मानते हैं इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ता है। बस आपको कर्मों को करने की आजादी है। आप चाहे जो कर्म कर सकते हैं। इसके अंदर नैचर किसी भी तरह की रूकावट नहीं बनता है। आपको इसके बारे मे तो अच्छी तरह से पता ही होना चाहिए । और यही आपके लिए भी सही होगा ।