दोस्तों प्राचीन काल की बात है। चार दोस्त जंगल से गुजर रहे थे ।
उन सब के अंदर राकू सबसे बुद्विमान था और पाकू , साकू और नाकू बहुत कम सोचते थे और
बुद्विमान भी नहीं थे ।जंगल के अंदर बहुत दूर चलने के बाद सबको प्यास लगी तो राकू
बोला की भाईयो बहुत अधिक प्यास लगी है। हम सब मिलकर पानी का कोई तालाब खोजते हैं। हम
मे से दो लोग सामने की तरफ जाएंगे और दूसरे दो लोग बाएं और जाएंगे ।
……. हां सही कहा ।दूसरे तीन दोस्त एक साथ बोले ।
उसके बाद पाकू और साकू एक तरफ निकल गए और नाकू औरराकू एक तरफ
निकल गए । कुछ दूर चलने के बाद नाकू को तालाब मिल गया और उसने पेड पर चढ़कर अपने दोस्तों
को आवाज दी । उन लोगों ने आवाज सुनी और उस आवाज की दिसा मे तालाब के पास आ गए ।तालाब
के पास काफी शांत माहौल था और वहां पर सब लोगों ने पानी पिया और ठंडे पानी के अंदर
स्नान भी किया । पास ही के पेड़ पर सेब लगए हुए थे । सब लोगों ने सेव तोड़े और आराम
से खाए ।
……….. भाई हम सब लोग कुछ समय के लिए यहीं पर आराम कर लेते
हैं । और उसके बाद चलेंगे ।
……. ठीक है। सब लोग बोले ।
उसके बाद वहीं पर पेंड की छांव के अंदर सब ने आराम किया । पता नहीं
कब उनकी आंख लग गई और शाम हो आई।राकू की जब आंख खुली तो बोला ………… अरे शाम
हो आई है । सब जल्दी उठो नहीं तो जंगल को पार नहीं कर पाएंगे और यहां पर बहुत अधिक
खतरा है।
उसके बाद सब उठे और तेजी से अपने स्थान की ओर चलने लगे ।कुछ ही
दूर वे चले थे कि उनको शेर की दहाड़ने की आवाज सुनाई दी।
साकू बोला ……….. भाई तुम लोगों ने शेर की आवाज को सुना ?
हां सुना ……. सब बोले
उसके बाद राकू ने कहा ……… हम सबको सावधान हो जाना चाहिए ।
शेर पास मे ही है और हम पर हमला कर सकता है।
उसके बाद सब तेजी से आगे बढ़ने लगे । लेकिन अचानक से शेर दहाड़ता
हुआ उसके पीछे आ गया । 4 दोस्त बुरी तरह से घबरा गए और तेजी से भागने लगे । शेर उनके
पीछे भाग रहा था। राकू समझदार था और यह जानता था कि यदि उसने जल्दी ही कुछ नहीं किया
तो शेर उनको मार देगा । वह एक ही छलांक के अंदर पेड़ पर चढ़ गया ।
अब शेर बाकी 3 दोस्तों के पीछे था। उनमे से एक साकू शेर को जल्दी
से चक्मा देकर कहीं पर छिप गया । लेकिन पाकु और नाकू शेर के आगे भागते रहे । कुछ ही
देर मे शेर ने उनको पकड़ लिया और पाकू की गर्दन मरोड़ डाली वह वहीं पर मर गया ।उसके
बाद नाकू को भी शेर ने मार डाला । वहीं पर शेर बैठ गया और उन दोनों को खाकर चला
गया । अब जंगल के अंदर राकू और साकू दो बचे थे । लेकिन दोनों इस बात से अंजान थे कि
कौन कहां है। लेकिन उसके बाद राकू ने पेड़ से उतर कर साकू को आवाज लगाई। साकू ने आवाज
को सुना और उस दिशा के अंदर आकर राकू को गले से लगा लिया और बोला
…….. भाई अगर जरासी भी देर हो जाती तो शेर उन दोनों की तरह ही
मेरा हाल कर देता ।
……. हां भाई समय की महिमा है। किसी भी काम को तय करने मे समय
नहीं लगाना चाहिए कि आपको क्या करना है? वरना समय ही तय करता है कि आपका क्या करना
है? शेर
भी एक समय ही था और जब उन दोनों को तय करने मौका था तब तो तय किया नहीं और जब शेर ने
उनको पकड़लिया उसके बाद शेर ने तय किया कि अब उनके साथ क्या किया जाए ।
असल जिंदगी के अंदर भी यही होता है। जब हम पालतू चीजों के अंदर समय
निकाल देते हैं और अपने जरूरी कार्य को पूरा नहीं करते । उसके बाद समय ही यह तय करता
है कि अब आपका क्या होना है? क्योंकि उस वक्त तक आपके पास से तय करने का अधिकार छिन
चुका होता है।