मन का पर्यायवाची शब्द या मन का समानार्थी शब्द (man ka paryayvachi shabd ya man ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में काफी विस्तार से जानने वाले है । अगर आप भी जानना चाहते है की मन का पर्यायवाची शब्द क्या होते है तो लेख को देखे ।
शब्द | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
मन | सोच, विचार, मत, ह्रदय, बुद्धि, चेतना, मनोबल, दिल, मानस, सोच, अंतःकरण, करण, राय, चित्त, इरादा । |
मन in Hindi | soch, vichaar, mat, hraday, buddhi, chetana, manobal, dil, maanas, soch, antahkaran, karan, raay, chitt, iraada . |
मन in English | mind, headpiece, nous, good sense |
दोस्तो मन का अर्थ होता है चेताना, विचार । यानि मन शरीर का वह हिस्सा है जो की किसी भी तरह के विचार को अपने नियत्रण में रेखता है । यानि मन वह होता है जो सोचने समझने का कार्य करता है । इस तरह से दोस्तो मन असल में मानव की ही एक तरह की सोच को कहा जाता जाता है । इस तरह से दोस्तो अगर हम मन को संक्षिप्त में समझाने का प्रयास करे तो कुछ इस तरह से समझाया जा सकता है –
मन मानव के शरीर का वह हिस्सा होता है जो सोचने समझने का कार्य करता है ।
मन एक तरह की मस्तिष्क की उस क्षमता होती है ।
मन वह होता है जो की सोच का कार्य करता है ।
मन वह होता है जिसके कारण किसी तरह का विचार होता है ।
मन हृदय को भी कहा जाता है ।
एक तरह की चेतना को भी मन कहा जाता है ।
अंत करण को भी मन कहा जाता है ।
इस तरह से दोस्तो विशेष रूप से मन को चेतना और बुद्धि से जोड़ा जाता है ।
आजकल के बच्चो का घर में मन नही लगता है ।
नही मैं विद्यालय अध्ययन करने के लिए जरूर जाउगा क्योकी यहां पर मेरा मन नही लग रहा है ।
आज तो स्कूल में बच्चे ही कम आए है मन तक नही लग रहा है ।
बच्चो की कम सख्या देख कर अध्यापको का स्कूल में मन नही लगा ।
अरे भाई आप भी बता दो की इस निर्णय पर आपका मत क्या है ।
मेरी चेतना का कहना है की अगर आप यह काम करोगे तो आपको जरूर नुकसान होगा ।
नही साहब मैं इस काम को नही कर पाउगा क्योकी मेरा इस कार्य में मनोबल नही है ।
किसन जी आपका लड़का पढाई में कम चित्त रखता रखता है ।
दोस्तो मन मानव की चेतना को कहा जाता है । और मानव की बुद्धि को विशेष रूप से मन कहा गया है । इस कारण से जो मानव की चेतना या बुद्धि है वही मन होता है ।
अगर मन को परिभाषित किया जाए तो कुछ इस तरह से कर सकते है –
मन मानव के शरीर का वह हिस्सा होता है जो की सोचने समझने, बुद्धि, निर्णय शक्ति, किसी तरह का भाव, एक तरह का व्यवाहर, एक तरह का चंतन आदी तरह के कार्य करता है मन होता है ।
आज के समय में मन को हृदय या दिल भी कहा जाता है । क्योकी जैसे कहते है की इस काम में मेरा मन नही लग रहा है तो ठिक वैसे ही यह भी कहा जाता है की इस काम में मेरा दिल नही लग रहा है । तो मन को हृदय या दिल से भी जोड़ा गया है ।
साथियो मन असल में एक शरीर का ही हिस्सा होता है । जो की मानव के व्यवाहर जैसे अनेक तरह के कार्यों पर काम करता है । तो चलिए आब कर लेते है मन के बारे में विस्तार से –
दोस्तो आपको यह तो पता है की मन की जब बात आती है तो चिंतन शक्ति का नाम भी आता है । आपकी जानकारी के लिए बता देते है की चिंतन वह होता है जिसे ध्यान, स्मरण करना भी कहते है ।
जैसे की ईश्वर का ध्यान करने के लिए काफी समय तक उनके अंदर खो जाते है । और किसी अन्य तरह का विचार पैदा नही होने देते है तो इस तरह से करने को मन को नियत्रित करना भी कहा जाता है । मगर यह जो चिंतन होता है वह मन ही होता है ।
अगर आपका मन शांत है ता आप अधिक समय तक चिंतन कर सकते है इससे पता यह चलता है की आपकी चिंतन शक्ति काफी अधिक है । आपने देखा होगा की साधू लोग एक स्थान पर बैठ कर ही हमारे बारे में बता देते है । तो यह उनकी इसी चिंतन शक्ति के कारण से होता है । ओर जिस व्यक्ति के पास यह चिंतन शक्ति होती है उनका मन शांत होता है ।
मन शांत होने से मतलब यह है की दुसरा किसी तरह का विचार मानव के मन में नही आता है । आपने यह देखा होगा की योगी लोग एक स्थान पर काफी समय तक बैठे रहते है और ध्यान में मग्न रहते है । तो इसका मतलब यह है की वे किसी तरह का चिंतन कर रहे है ।
और जो योगी जितना अधिक समय तक इसी तरह से बैठा रहता है उससे पता चलता है की उसकी चिंतन शक्ति उतनी ही अधिक होती है । इस तरह से दोस्तो चिंतन शक्ति को बताया गया है । ओर इसका नियत्रण और विकाश का कार्य मन ही करता है ।
दोस्तो मन के बारे में आपको इतना जरूर पता होना चाहिए की यह एक मस्तिष्क की क्षमता को कहा जाता है । जो की स्मरण-शक्ति को सक्षम बनाने का काम करती है ।
आपकी जानकारी के लिए बता देते है की स्मरण-शक्ति वह होती है जिसे याद रखने की क्षमता कहा जाता है । जैसे की आप कई वर्षों पहले अपनी नानी के पास गए थे । और नानी के साथ कुछ ऐसे पल बिताए थे जो की आपको याद है । तो इससे पता चलता है की आपकी स्मरण शक्ति काफी अच्छी है ।
वही पर यह भी होता है की जब अध्यापक आप सभी को कुछ पढा रहे होते है और दूसरे दिन फिर से आपसे पूछ लेते है की मैंने क्या पढाया है तो आप तुरन्त उसके बारे मे विस्तार से बात देते है तो यह भी आपकी स्मरण शक्ति होती है ।
इसे इस तरह से भी समझ सकते है की जब आप विद्यालय जाते है तो आप कुछ ऐसा देखते है या सुनते है जो की महत्वपूर्ण होता है । और आप काफी समय तक विद्यालय में रहने के बाद जब घर आते है तो आप वह बात अपने माता पिता को पूरी बता देते है तो इससे भी यह मालूम चलता है की आपकी स्मरण शक्ति अधिक होती है ।
क्योकी स्मरण शक्ति अच्छी होने के पिछे मन का ही महत्व होता है । मन के पास वह क्षमता होती है जो की स्मरण शक्ति को अच्छा बनाता रहता है । अत मन का अच्छा महत्व रहता है ।
दोस्तो अगर आप किसी तरह का निर्णय ले रहे हो तो वह निर्णय कितना सही होता है और कितना गलत होता है इसका काफी महत्व रहता है । मगर जब आपके पास एक अच्छा मन होता है । यानि एक शांत और अच्छी सोच वाला मन होता है तो आपकी यह जो निर्णय लेने की क्षमता है वह काफी अच्छी होगी ।
और अच्छी निर्णय शक्ति होने के कारण से जो भी निर्णय लिया जाता है वह भी एक अच्छा निर्णय होता है । आज के समय मे मानव यह जरूर चाहता है की उसके पास एक अच्छी निर्णय शक्ति हो तो इसके लिए उसे अपने मन पर कार्य करना होगा । अच्छा मन करना होगा और मन शांत होना चाहिए ।
अरग आपको नही मालूम है तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की आपकी बुद्धि को सक्षम बनाने के पिछे मन का बहुत बड़ा हाथ होता है । कहने का अर्थ है की मन के पास वह क्षमता है जिसके कारण से वह आपकी बुद्धि को अच्छा बना सकता है ।
और बुद्धि का अच्छा होने का मतलब यह है की आपके जीवन में बहुत कुछ ऐसा है जो की काफी अच्छा हो रहा है । अगर आप किसी तरह का काम करते है जिसमें बुद्धि की जरूरत होती है तो वह कार्य काफी आसानी से पूरा हो जाता है क्योकी आपके पास एक सक्षम बुद्धि है ।
दोस्तो आज के समय में आपके व्यवहार के कारण से ही आपको अच्छा या बुरा बताया जाता है । आपका व्यवाहर आज के समय में काफी महत्व रखता है । मगर एक अच्छा और सक्षम व्यवाहर होने के लिए मन की शक्ति का उपयोग किया जाता है । क्योकी मन अपनी शक्ति से आपके व्यवाहर को भी बनाने की क्षमता रखता है ।
आज के समय में हर कोई चाहता है की उसे एकाग्रता प्राप्त हो । मगर दोस्तो इसके लिए मन का शांत होना जरूरी है । आपने देखा होगा की योगी लो कई दिनो तक तप कर लेते है । कहने का अर्थ है की ध्यान कर लेते है । मगर जब हम करते है तो एक मिनट के अंदर अंदर हमारे मन मेंइतने विचार आ जाते है की हमे लगता है की हमने ध्यान किया ही नही ।
तो अगर ऐसा है तो एकाग्रता नही है । अगर आप 5 से 10 मिनट के लिए भी अपने विचारो को पूरी तरह से रोकने की क्षमत रखते हो तो इसका मतलब है की आपके पास कुछ एकाग्रता है । मगर पुरी तरह से एकाग्रता होने के लिए आपके पास मन शांत होना चाहिए । और यही कारण होता है की आज लोग अपने मन को शांत करने में लगे है ।
इस तरह से दोस्तो हमने इस लेख में मन के पर्यायवाची शब्द या मन के समानार्थी शब्दो के बारे में जान लिया है । अगर लेख पसंद आया तो कमेंट करना ।
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