मंद के विलोम शब्द Mand ka vilom shabd kya hai ?

मंद का विलोम शब्द या मंद का विलोम , मंद का उल्टा क्या होता है ? Mand ka vilom shabd , Mand ka vilom shabd kya hai

शब्दविलोम शब्द
मंद‌‌‌शीघ्र
MandTej, Tivra, Prakhar

‌‌‌मंद का विलोम शब्द और अर्थ

मंद के विलोम शब्द

दोस्तों मंद नाम के बारे मे तो आपने अच्छी तरह से सुना ही होगा । मंद का विलोम शब्द तेज होता है। और मंद का अर्थ धीमा होता है।जैसे मंद मंद गाड़ी चल रही है तो इसका अर्थ यह है कि धीमे धीमे गाड़ी चल रही है।

‌‌‌आपने वो खरगोश और कछुआ की तो कहानी सुनी ही होगी । इस कहानी के अंदर आता है कि एक बार एक खरगोश और कछुआ मे होड़ हुई या शर्त लगी कि जो सबसे पहले नदी के पास पहुंचेगा वह विजेता होगा। अब खरगोश को अपनी तेज चाल पर नाज था। ‌‌‌उसे इस बात का घमंड था कि वह अपनी तेज चाल से किसी को भी परास्त कर सकता है।बस उसके बाद दौड़ शूरू हुई ।

खरगोश तेजी से भागा और काफी दूर पार करने के बाद यह सोचकर आराम करने लगा कि कछुआ को वहां तक पहुंचने मे आधा दिन लग जाएगा तो क्योंना घास खाया जाए । तो खरगोश घास खाने लगा और फिर ‌‌‌खूब सारा घास खाया उसके बाद जब उसका पेट भर गया तो उसने सोचा थोड़ा सो जाता हूं। और इतने मे उसकी आंख लग गई। उधर कछुआ मंद मंद ही सही लेकिन अपनी गति से चल रहा था। वह कहीं पर भी रूका नहीं । हां वह हताश जरूर था कि खरगोश के सामने वह हार जाएगा ।

‌‌‌आधे दिन बीत जाने के बाद कछुआ नदी के किनारे पहुंचा उसने खरगोश को देखा लेकिन वह वहां पर नहीं मिला था। अब उधर जब खरगोश की आंख खुली तो खरगोश वहां से तेजी से भागा और कुछ ही समय मे ‌‌‌खरगोश भी नदी के किनारे पहुंच गया ।उसके बाद क्या था। खरगोश ने कछुआ को वहां पर पहले ही पाया । खरगोश अपने घमंड की वजह से हार गया । इस कहानी को बताने का मकसद यही है कि सिर्फ तेज गति ही मायेने नहीं रखती है। आप बस लगातार लगे रहो यह भी मायेने रखता है।

‌‌‌अक्सर लोग यह गलती करते हैं कि जब उनको कुछ आने लग जाता है तो घमंड करने लग जाते हैं। लेकिन एक दिन ऐसा भी आता है जब वही घमंड उनको डूबो देता है। खैर आपको यह समझना होगा कि यदि आप मंद गति से भी चलते हैं लेकिन यदि निरंतर ही चलते रहते हैं तो आपको एक दिन सक्सेस मिलता है। इसमे कोई भी शक नहीं है।

‌‌‌लेकिन यदि आप कुछ समय तेज गति से चलते हैं और उसके बाद अपनी गति को धीमा कर लेते हैं तो फिर आपको सक्सेस नहीं मिल पाएगा । बहुत से लोग यही करते हैं। वे जब काम को शूरू करते हैं तो बहुत ही तेजी से काम करते हैं लेकिन बाद मे काम करना ही बंद कर देते हैं। ‌‌‌यदि आपको सक्सेस पाना है तो गति कछुआ की तरह भले ही मंद हो चल जाएगा लेकिन निरंतरता बेहद ही जरूरी होती है। इसके बिना कुछ नहीं हो सकता है।

‌‌‌शीघ्र का अर्थ और मतलब

दोस्तों शीघ्र का नाम तो आपने सुना ही होगा। जब भी कोई काम करते हैं तो लोग हमे यही कहते हैं कि काम शीघ्रता से करो ।क्योंकि यदि आप शीघ्रता से काम नहीं करोगे तो फिर आप पिछड़ जाओगे । बचपन मे जब पढ़ाई किया करते थे तो माता पिता और टीचर कहते थे कि जल्दी से पढ़ो कल को ‌‌‌ नौकरी कैसे मिलेगी ?लेकिन उस वक्त पढ़ने का मन किसी का नहीं होता था।जीवन के अंदर शिघ्रता बहुत जरूरी होती है लेकिन कई बार हम शीघ्रता के अंदर कुछ ज्यादा ही शीघ्रता कर बैठते हैं और इसका परिणाम उल्टा हो जाता है।

‌‌‌यदि हम बात करें शीघ्रता की तो शीघ्रता कुछ चीजों मे जरूरी होती है। आपने एंबुलेस को देखा होगा । उसके अंदर शीघ्रता जरूरी होती है। क्योंकि उसके अंदर रोगी इंसान को यदि जल्दी ही ट्रिटमेंट नहीं मिलता है तो फिर उसकी मौत हो सकती है। लेकिन आजकल लोग बाइक चलाने मे या कार चलाने मे बहुत अधिक शिघ्रता ‌‌‌करते हैं जिसका परिणाम यह होता है कि जल्दी ही उपर पहुंच जाते हैं।यदि आप बाइक या कार चला रहे हैं तो शीघ्रता ना करें । क्योंकि यह खतरे से खाली नहीं होता है। और यदि आपको चोट लग जाती है तो यह चोट आपको जीवन भर हैरान करेगी । इसमे कोई शक नहीं है।

‌‌‌कुछ लोगों को तो मैंने देखा है ,जोकि बहुत ही शीघ्रता करते हैं एक बार हमारे यहां पर शादी थी और रात के अंदर बारात गई थी। लेकिन रात को एक ड्राइवर जो नशे मे था और किसी दूसरी गाड़ी मे अपनी गाड़ी को ठोक दिया । जिससे कि कई लोगों को चोटें आई।

‌‌‌और उसके बाद शादी मे जाने वाले लोग बिना वजह ही अस्पताल पहुंच गए और सारा मजा किरकिरा हो गया। सो इसलिए कोई भी काम करें तो उसे शांति और सकून से करें यही सही होगा । यदि आप किसी काम के अंदर भी लापरवाही करते हैं तो फिर समस्या होना तय है।

‌‌‌जैसे कि यदि आप एग्जाम दे रहे हैं और उसके अंदर आप लिखने मे जल्दबाजी कर रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि आप सही से नहीं लिख पाएंगे और कई बार जल्दबाजी के अंदर किसी दूसरे प्रश्न का उत्तर कहीं ओर लिखदेंगे । यह हमारे साथ तो हो चुका है।

‌‌‌इसलिए परीक्षा किसी भी तरह की क्योंना हो उसके अंदर लापरवाही नहीं करनी चाहिए । क्योंकि यदि आप लापरवाही करते हैं तो फिर काम सही नहीं होता है। आप अपना ही नुकसान करेंगे । कुछ लोग कई बार जल्दबाजी मे इतने अशांत हो जाते हैं कि पूछों मत ।

‌‌‌इसलिए अगली बार यदि आपको कोई बोली कि आपको काम शीघ्रता से करना है तो आपको यह कहना चाहिए कि काम तो शीघ्रता से करेंगे लेकिन सही तरीके से करेंगे । और शीघ्रता इतनी भी नहीं करेंगे कि हमे नुकसान हो जाए । इसलिए कई मामलों मे शीघ्रता जरूरी है लेकिन इतनी भी शिघ्रता जरूरी नहीं है कि आपका नुकसान हो ‌‌‌ जाए ।इस प्रकार से शीघ्रता और मंद दोनों एक दूसरे के विपरित शब्द हैं और दोनों का अपना महत्व है। इसमे कोई शक नहीं है।

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