दोस्तो मेघ का पर्यायवाची शब्द megh ka paryayvachi shabd या मेघ का समानार्थी शब्द megh ka samanarthi shabd के बारे में इस लेख में जानेगे इसके अलावा मेघ के बारे मे रोचक तथ्य व अनेक महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से जानेंगे तो लेख को देखे ।
शब्द {shabd} | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd} |
मेघ (सभी पर्यायवाची शब्द) | अभ्र, वारिवाह, घाराघर, मेघावली, जलमुच, मुदिर, घूमूयोनि, तड़ित्वान्, घन, जलघर, स्तनयित्नु, जलदान, बलाहक, अम्बुभृत्, जीमूत, वारिद, बदल, पर्जन्य, बादल, बद्दल, नीरद, वारिधर, पयोद, अम्बुद, पयोधर, सारंग, पुरजन, मेघमाला, यज्ञपुत्र, जगजीवन, असुर, घनमाला, अम्मोधर, व्योमधूम, घनाघन, वायुदारू, नमश्र्वर, कन्धर, कन्ध, गगनध्वज, वार्मुक, जीमूत, बनभुक्, अब्द, नमोगज, घनश्याम, मदयित्नु, कद, कन्द, गदामर, खतमाल, वातरथ, श्वेतनील, नाग, जलकरड़्क, पेचकमेक, ददुर्र, क्षीरद, तोयद, स्नेहवादी, स्नेहधर, पाथेद, गदाम्बर, गाड़व, वारिमसि, अद्रि, ग्रावा, गोत्र, वल, अश्न, पुरूमोज, बलिशान, अश्मा । |
मेघ के महत्वपूर्ण पर्यायवाची शब्द | अभ्र, पयोद, नीरद, वारिधर, बादल, अम्बुद, पयोधर, घनश्याम, मेघावली, मेघमाला आदी |
Megh in hindi | Abhra, Warivah, Gharaghar, Meghavali, Jalmuch, Mudir, Ghumuyoni, Taditvan, Ghan, Jalghar, Stanayitnu, Jaldan, Balahak, Ambubhrit, Jimut, Warid, Badal, Parjanya, Badal, Badar, Nirad, Waridhar, Payod, Ambud, Payodhar, Sarang, Purjan, Meghmala, Yajnaputra, Jagjivan, Asura, Ghanmala, Ammodhar, Vyomadhum, Ghanaghan, Vayudaru, Namashrwar, Kandhar, Kandha, Gagandhwaj, Warmuk, Jimut, Banbhuk, Abd, Namogaj, Ghanshyam, Madiyatnu, Kad, Kanda, Gada Khatmal, Vatarath, Svetanil, Nag, Jalkardak, Pechakmak, Dadurr, Kshirad, Toyad, Snehawadi, Snehadhar, Pathed, Gadambar, Gadav, Warimasi, Adri, Grava, Gotra, Val, Ashna, Purumoj, Balishan, Ashma. |
1. अभ्र – Abhra
2. वारिवाह – Varivaha
3. घाराघर – Ghara-Ghara
4. मेघावली – Meghavali
5. जलमुच – Jalamuch
6. मुदिर – Mudir
7. घूमूयोनि – Ghumuyoni
8. तड़ित्वान् – Taditvan
9. घन – Ghan
10. जलघर – Jalghar
11. स्तनयित्नु – Stanayitnu
12. जलदान – Jaldan
13. बलाहक – Balahak
14. अम्बुभृत् – Ambubhrut
15. जीमूत – Jimoot
16. वारिद – Varid
17. बदल – Badal
18. पर्जन्य – Parjanya
19. बादल – Badal
20. बद्दल – Baddal
21. नीरद – Nirad
22. वारिधर – Varidhar
23. पयोद – Payod
24. अम्बुद – Ambud
25. पयोधर – Payodhar
26. सारंग – Sarang
27. पुरजन – Purajan
28. मेघमाला – Meghamala
29. यज्ञपुत्र – Yajnaputra
30. जगजीवन – Jagajivan
31. असुर – Asur
32. घनमाला – Ghanamala
33. अम्मोधर – Ammodhar
34. व्योमधूम – Vyomadhoom
35. घनाघन – Ghanaghan
36. वायुदारू – Vayudaru
37. नमश्र्वर – Namashrvar
38. कन्धर – Kandhar
39. कन्ध – Kandh
40. गगनध्वज – Gagandhvaj
41. वार्मुक – Varmuk
42. जीमूत – Jimoot
43. बनभुक् – Banabhuk
44. अब्द – Abda
45. नमोगज – Namogaj
46. घनश्याम – Ghanashyam
47. मदयित्नु – Madayitnu
48. कद – Kad
49. कन्द – Kand
50. गदामर – Gadamar
51. खतमाल – Khatamal
52. वातरथ – Vatarath
53. श्वेतनील – Shvetaneel
54. नाग – Nag
55. जलकरड़्क – Jalakaradk
56. पेचकमेक – Pechakamek
57. ददुर्र – Dadurr
58. क्षीरद – Kshird
59. तोयद – Toyad
60. स्नेहवादी – Snehhavadi
61. स्नेहधर – Snehhadar
62. पाथेद – Pathed
63. गदाम्बर – Gadambar
64. गाड़व – Garv
65. वारिमसि – Varimasi
66. अद्रि – Adri
67. ग्रावा – Grava
68. गोत्र – Gotra
69. वल – Val
70. अश्न – Ashn
71. पुरूमोज – Purumoj
72. बलिशान – Balishan
73. अश्मा – Ashma
हिंदी भाषा में मेघ का अर्थ बादल होता है । इसके अलावा मेघ को अम्बुद, निरद, जलघर आदी के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ बादल होता है । क्योकी निरद और जलघर बादल को ही कहा जाता है अगर ये अर्थ मेघ के होते है तब भी मेघ का अर्थ बादल बन जाता है । अत मेघ का अर्थ बादल से है ।
मेघ बनने के लिए सूर्य के तापमान का सबसे अधिक योगदान रहता है क्योकी जब सूर्य का ताप पृथ्वी पर पडता है तो जो पृथ्वी पर पानी रहता है वह गर्म होता है । और पानी गर्म होने पर वह वाष्प के रूप मे वातावरण मे फैलने लग जाता है । और यही कारण है की जब पानी वाष्प के रूप मे परिवतित हो जाता है तो यह पृथ्वी पर न रह कर उपर की ओर उठने लग जाता है ।
यह पानी विभिन्न भागो से आता है जैसे महासागरो, नदियो, बांध आदी । यानि पृथ्वी का जो भी पानी गर्म होता है वह उपर उठने लग जाता है और जब वह वातावरण की उचाईयो पर जाता है तो वहां पर ठंडा होने लगता है । क्योकी वहा पर सूर्य का ताप इतना अधिक न होने के कारण से वायु बहुत ही ठंडी चलती है ।
क्योकी इतनी ठंडी वायु के कारण से जो पानी की वाष्प थी वह भी ठंडी हो जाती है और एक बुंद का आकर बना लेती है । यह बुंद 1 माइक्रोन जिनती छोटी होती है । इस तरह की अनेक बुंदे जब नजदिक आती है तो आपस मे मिल जाती है और यही कारण है की बादल यानि मेघों का निर्माण हो जाता है ।
क्योकी जब बादल या मेघ अधिक परत के होते है तो काले दिखाई देते है और कम परतो से बने होते है तो सफेद दिखाई देते है । यह सब बादल के निर्माण पर ही होता है ।
मेघ जब बनता है तो पानी की बुंदो से मिलकर बनता है और जब इन पानी की बुंदो की परत एक न होकर अनेक यानि अधिक होती है तो बादल घना व मोटा बन जाता है । जिसके कारण से जब इस बादल पर सूर्य के रोशनी पडती है तो वह पृथ्वी तक नही पहुंच पाती है जिससे बादल दिखने मे काले लगते है ।
क्योकी यह अनेक परतो से मिलकर बने होते है तो इन्हे वर्षा वाले बादल भी कहा जाता है । यही कारण है की इस तरह के बादलो या मेघो से अधिक तेज वर्षा होती है ।
मेघ बनते समय अनेक तरह की परत जुड कर मेघ बनता है मगर कभी कभी मेघ की परत मे कमी रहती है यानि कुछ ही परतो से मिल कर मेघ बन जाता है । जिसके कारण से वे सूर्य की रोशनी को रोक नही पाते है और वह अधिक मात्रा मे पृथ्वी तक पहुंच पाती है यही कारण है की बादल या मेघ दिखने मे सफेद होते है ।
क्योकी यह कुछ ही परतो से मिलकर बने होते है इस कारण से इनमे अधिक पानी भी नही होता और यही कारण है की इन्हे दिखावटी बादल या वर्षा न करने वाले मेघ कहते है ।
जैसा का हमने बाताया की हर तरह के मेघ वर्षा नही करते है क्योकी कुछ मेघ ऐसे होते है जिनमे पानी की मात्रा कम होती है तो कुछ मेघ ऐसे भी होते है जिनमे पानी की मात्रा अधिक होती है । अधिक पानी की मात्रा वाले बादल या मेघ अधिक बुंदो से जुड कर बनते है जिसके कारण से अनेक परतें बन जाती है और मेघ मोटे दिखाई देने लग जाते है ।
क्योकी बुंदो की अनेक परते है जिसके कारण से बादल काले भी दिखाई देते है । इस तरह के बादलों को देखने मात्र पता चल जाता है की वर्षा होगी ।
मेघों में पानी की बडी बडी बुंदे रहते रहती है और इन बुंदो के टूटने के कारण से ही वर्षा होती है । इसके अलावा बादल या मेघ अनेक परतो के रूप मे बने घने और मोटे होते है जिसके कारण से जब भी इन बुंदो पर किसी प्रकार का दबाव पडता है तो बादल की कुछ बुंदे टूट जाती है जिससे बुंदो मे जो पानी होता है वह पृथ्वी पर आ गिरता है । इस तरह से वर्षा हाने की प्रक्रिया दो रूपो मे हो सकती है –
दोस्तो जब बादल गर्म हवा के प्रभाव मे आते है तो बादल में समाहित पानी की बुंदो की हानि होती है और पानी की बुंदे नष्ट होने लग जाती है जिसके कारण से जो पानी होता है वह बुंदो से अलग हो कर पृथ्वी पर गिरने लग जाता है । धिरे धिरे करते हुए गर्म हवा पूरे बादल पर अपना प्रभाव दिखाने लग जाती है जिसके कारण से बादल मे समाहित पानी पूरा पृथ्वी पर आ जाता है ।
इस तरह से पानी पृथ्वी पर गिरने को मेघो से वर्षा होना कहा जाता है । मगर कभी कभी वायु इतनी अधिक गर्म होती है की कुछ ही समय में अपना प्रभाव पूरे बादल या मेघ पर दिखा देती है जिसके कारण से मेघ मे समाहित पानी पूरा का पूरा कुछ ही समय मे पृथ्वी पर आ गिरता है इस तरह से तेजी से पानी गिरने को मेघो का फटना कहा जाता है। क्योकी कुछ ही समय मे मेघो का सारा का सारा पानी पृथ्वी पर आ जाता है ।
मेघ अपने समय के अदंर हवा के साथ साथ इधर उधर गती करते रहते है और इस तरह से गति इतनी अधिक तेज होती है की एक स्थान से दूसरे स्थान मे मेघ को पहुंचने मे देर नही लगती है । यही कारण है की कुछ ही समय मे एक स्थान मे वर्षा की कुछ बुंदे पड कर दूर दूसरे स्थान मे मेघ चले चले जाते है ।
इस तरह से तेज गति करने के अलावा कभी कभी मार्ग मे कुछ अवरोध आ जाते है जैसे उच्चे पर्वत, तेज गर्म वायु, अन्य छोटे बडे मेघ । इन अवरोधो से अगर मेघ टकरा जाता है तो वर्षा होने लग जाती है ।
पहाडी इलाको मे अनेक तरह के पहाड देखने को मिलते है और जब बादल या मेघ इन पहाडो या पर्वतों से टकराते है तो बादल मे जो पानी होता है वह झडने लग जाता है और पृथ्वी पर आ गिरता है । इस तरह से वर्षा होती है ।
मगर कभी कभी पर्वत अधिक उच्चा होने के कारण से बादल इतना ज्यादा टकरा जाता है की पूरा का पूरा बादल ही नष्ट हो जाता है और जो पानी होता है वह कुछ ही मिनटो मे पृथ्वी पर गिर जाता है इस तरह से वर्षा तो होती है मगर इसे बादल फटना कहा जाता है ।
दोस्तो कभी कभी बादल एक दूसरे से टकराने के कारण से भी वर्षा करने लग जाते है क्योकी जिस तरह से दो वाहन टकराते है तो बहुत आवाज होती है और दोनो वाहनो का कचुम्बर बन जाता है ठिक वैसे ही मेघ के टकराने के कारण से जो पानी होता है वह निचे आ गिरता है । इस तरह से वर्षा होती है । मगर जब कुछ ही मिनटो मे अधिक पानी गिर जाता है तो इसे भी मेघ का फटना कहा जाता है ।
इस तरह से इस लेख में हमने जाना की मेघ का पर्यायवाची शब्द क्या होता है और मेघ का समानार्थी शब्द क्या होते है इसके अलावा मेघ के बारे मे बहुत कुछ जान लिया है ।
उम्मीद करते है लेख पंसद आया होगा कमेंट कर कर बताए ।
दोस्तों हम बात कर रहे हैं घर मे चारपाई के टूटने के बारे मे ।…
मौत तो हर घर मे होती है। और जो इंसान मर जाता है , वह…
Mota ka vilom shabd मोटा का विलोम शब्द, मोटा शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, मोटा का उल्टा mota…
नफ़रत का विलोम शब्द या नफ़रत का विलोम , नफ़रत का उल्टा क्या होता है…
दिवस का विलोम शब्द या दिवस का विलोम , दिवस का क्या होता है ? divas ka…
सदाचारी का विलोम शब्द या सदाचारी का विलोम , सदाचारी का क्या होता है ? sadachari ka…