मेहमान का विलोम शब्द mehman ka vilom shabd , मेहमान का विलोम
शब्द | मेहमान का विलोम शब्द |
मेहमान | मेजबान/आतिथ्य करनेवाला। |
mehman | Mejman |
Guest | Non Guest |
दोस्तों मेहमान का मतलब वैसे तो अलग अलग होता है। आमतौर पर मेहमान का मतलब होता है घर आया हुआ इंसान । मेहमान आमतौर पर उसे कहते हैं जो हमारा रिश्तेदार होता है और वह हमारे घर आता है तो उसके लिए मेहमान शब्द का प्रयोग किया जाता है।
हमारे घर के अंदर जब मेहमान आता है तो हम उसके स्वागत के लिए काफी कुछ करते हैं और क्योंकि हमारे यहां पर अतिथि को देवता के समान माना गया है। लेकिन अब समय बदल चुका है। अब अतिथि को देवता की तरह नहीं माना जाता है । वरन उसको शक की निगाह से देखा जाता है। खास कर अनजान इंसान को ।
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि अब लोगों का एक दूसरे पर विश्वास नहीं रह गया है।भाई भाई को दोखा देता है। यही वजह है कि आप चारो तरफ अशांति ही अशांति को देख रहे हैं।
दोस्तों मेजबान का मतलब होता है जो मेहमान नहीं है। या जो अतिथि का सत्कार और स्वागत करने के लिए है। जैसे हमारे घर कोई मेहमान आता है और हम खुद उसका स्वागत कर रहे हैं तो हम मेजबान कहलाते हैं।
वैसे दोस्तों आजकल के माहौल के अंदर मेजबान काफी कम ही होते हैं। इसका कारण यह है कि आजकल हर कोई मेहमान नवाजी को पसंद नहीं करता है।इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। सबसे पहला कारण तो यह होता है कि लोगों का ईगो आजकल काफी अधिक हो चुका है। इसके अलावा लोगों को समय भी अब पहले जितना नहीं बचा है।
पहले जब आज की तरह हाईस्पीड कारें और बाइक नहीं थी तो मेहमान उंटों के उपर आते थे और काफी लंबे समय तक रहते थे आज एक दिन भी कोईमेहमान रूक नहीं पाता है।
प्राचीन काल के अंदर मेहमान लंबी दूरी तय करने के लिए उंटों का इस्तेमाल करते थे और जिस भी गांव के अंदर रात हो जाती थी । उसी गांव के अंदर अपना लंगर डाल लेते थे । गांव वालों से यह बोलते थे कि उनको रात रात के लिए बासा चाहिए । और गांव वाले भी इसके लिए मना नहीं करते थे ।इसका कारण यह था कि पहले लोगों के अंदर आज के जितना लालच नहीं था। तो एक गांव के अंदर एक चोर एक उंट पर आया उस वक्त रात हो चुकी थी।
वह एक सुंदर से घर के आगे रूका । घर की सुंदरता देखकर उसे यह यकीन हो गया था कि इस घर के अंदर पैसा है।
………..अरे घरवालो रात रात सोने की ईजाजत मिलेगी क्या ?
अंदर से एक बूढ़ा व्यक्ति आया और बोला हां क्यों नहीं अंदर आ जाओ ।
चोर खुश हुआ और बोला ……..आपका धन्यवाद मेरा नाम सुखराम है। और आपका क्या नाम है ?
………..जी मेरा नाम राजवीर है।मैं इस घर का मालिक हूं । आप कहां से आए हो और कहां पर जा रहे हो ।
…….मैं बहुत दूर से आया हूं । पास के गांव रामसरो मे जा रहा हूं। अंधेरा हो गया तो सोचा यहां पर रात बितादूं ।
…….हां ठीक है। अभी खाना बन रहा है। खाना खाकर सो जाना और आराम करना और सुबह होते ही चले जाना ।
उसके बाद उस चोर को घरवालों को खाना दिया । वह खाना काफी स्वादिष्ट था । और उसने भरपेट खाना खाया और उसके बाद कुछ समय तक बातें कि और सो गया । रात को 12 बजे उसकी आंख खुली और देखा सब सो रहे थे ।वह उठा और इधर उधर सावधानी पूर्वक देखा । उसे कोई भी नहीं दिखाई दिया तो ।वह पास एक एक झोपड़े के अंदर गया । उसको ताला लगा हुआ था। उसने ताले को तोड़ा और अंदर दाखिल हो गया । उसके बाद अंदर एक संदुक को देखा ।
लेकिन उसने देखा कि तीन संदूक भी उसी प्रकार की वहां पर रखी हुई हैं। और हर संदूक काफी भारी थी। अब उसने सोचा कि क्योंना एक एक संदूक को तोड़ कर देखा जाए। वह ताले को तोड़ने की तरकीब जानता था तो उसने जैसे ही संदूक को तोड़ा ।उनके अंदर बहुत सारा सोना दिखा ।
उसने जल्दी जल्दी चारों पेटी को बाहर निकाला और उसके बाद उंट पर बांधा और चल निकला । वह घर से बाहर निकल चुका था और काफी दूर गांव से जा चुका था। उसके बाद दिन उग गया तो वह रूका और उसके मन मे यह विचार आया कि क्योंना अच्छे से देखा जाए कि कितना सोना है?
मेहमान चोर काफी खुश हुआ और उंट के नीचे उतरा उसके बाद उसने एक पेटी का ताला तोड़ा और फिर देखा तो उसके अंदर पत्थर भरे हुए थे । वह चोर काफी हताश हुआ । उसके बाद चोर ने दूसरी पेटी खोली लेकिन उसके अंदर भी पत्थर भरे हुए थे । इस प्रकार से सभी पेटी के अंदर पत्थर ही निकले चोर काफी हताश हो गया । अब सबसे पहले वाली पेटी को दुबारा खोला और चैक करके देखा कि इसके अंदर सोना है या कुछ और तो सब कुछ नकली था। वह वहीं पर सब डालकर रोने लगा ।
पेटी के अंदर एक खत पड़ा था । उसने उसको खोला तो उसके उपर यह लिखा था।
……क्यों मेहमान चोर तुम चोर हो तो मैं महाचोर हूं । पेटी को चूराके तू कुछ हाशिल नहीं कर पाया । लेकिन एक बात कहना चाहता हूं तेरे से ।मैंने तेरे को ऐसी दवा दी थी जो 8घंटे बाद असर करती है। अब 8 घंटे बाद तू बेहोश होने वाला है । मैं आउंगा और तेरे को पकड़ लूंगा । मैं जानता हूं तू यह खत पढ़ लेगा लेकिन तेरे पास इस दावा का तोड़ नहीं होगा । और कुछ ही समय के अंदर चोर बेहोश हो गया । जब उसकी आंख खुली तो उसने देखा कि गांव वाले उसके चारो ओर एकत्रित थे ।
चोर ने हाथ जोड़ दिया और बोला ……….मैं नहीं जानता था कि आप लोग मुझसे भी शातिर हैं। गलती हो गई अब बस एक बार माफ करदो । जिंदगी के अंदर चोरी दुबारा नहीं करूंगा । लेकिन गांव वालों ने उसको पांच कोड़े लगाए और उसके बाद जाने दिया ।चोर बेचारा हताश और निराश होकर वहां से चला आया और चोरी करना तक छोड़ दिया ।
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