मेढक का पर्यायवाची शब्द या मेढक का समानार्थी शब्द (mendhak ka paryayvachi shabd ya mendhak ka samanarthi shabd, frog synonyms in hindi) के बारे में आज हम इस लेख में जानने वाले है । हम जानेगे की मेढक का पर्यायवाची क्या है और आखिर मेढक कितने प्रकार के है । तो लेख आपके लिए उपयोगी होगा ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd ya samanarthi shabd) |
मेढक | मंडूक, भेक, दादुर, वर्षाप्रिय, दर्दुर । |
मेढक in Hindi | mandook, bhek, daadur, varshaapriy, dardur . |
मेढक in English | frog, paddle |
दोस्तो मेंढक का अर्थ होता है जल और थल पर रहने वाला एक उभयचर वर्ग का जंतु मेंढक होता है । इसका आकार छोटा होता है इसके साथ ही यह एक ऐसा जंतु होता है जिसका तापमान वातावरण के अनुसार बदलता है । यह अक्षर वर्षा के समय दिखाई दे सकते है । यह टर टर कर कर बोलते है । दोस्तो जो होते है यह काफी प्यारे जंतु होते है । ओर अक्षर विज्ञान के अध्ययन में इनका उपयोग होता है।
तो इस तरह से मेंढक एक तरह का जंतु होता है । जो की आकार में छोटा होता है और जल व थल दोनो स्थानो पर पाया जाता है ।
मेढक एक तरह का जंतु होता है जो की पानी में रहता है और इतना ही नही बल्की यह पानी के बाहर भी आसानी से रह सकता है ।मेंढक अक्षर वर्षा के समय दिखाई देते है । यह चार पैर वाला जानवर होता हे जो की दो तरह की साइज के होते है। यानि दो पैर जो की आगे की ओर होते है आकार में छोटे होते है वही पर पीछे की और जो पैर होते है वे आकार में बड़े होते हैऔर यह आपको पता होना जरूरी है ।
मेढक को रात और दिन के समय में दोनो समय ही देखा जा सकता है । आपको बात दे की मेंढक जो होते है वे ज्यादा बड़े नही होते है बल्की तीन मीटर तक ही बड़े होते है और यह छलाग लगाते हुए चलते रहते है । वैसे दुनिया में कई तरह के मेंढक देखने को मिल जाते है जो की आकार में और रंग में एक दूसरे से अलग अलग होते है और यह आपको पता होना चाहिए ।
मेढक अपने शरीर के तापमान के अनुसार ही देखने को मिलेगा । क्योकी अगर सर्दी का समय होता है तो मेंढक को कम देखा जाता है जिसके कारण से यह ठंडे वातावरण में छीप जाता है । दरसल इसका तापमान जो होता है वह वातावरण के अनुसार घटता बढता रहता है ।
और यही कारण है की इन्हे जीवित रहने के कारण से से कभी छीपना होता है तो कभी बहार निकलना होता है । दोस्तो आपको बता दे की यह जो मेंढक होता है वह गर्म के वातावरण में गर्म हो जाते है । जिसके कारण से यह न तो गर्म वातावरण में ज्यादा रह सकते है और न ही ठंडे वातावरण में ज्यादा रह सकते है ।
आपको बतादे की यह जो मेंढक होता है वह नर और मादा दोनो तरह का ही होता है । जो यह नर मेंढक होता है वह मादा मेंढक से छोटे होते है और मादा मेंढक नर से बड़े होते है हालाकी ऐसा क्यो हो रहा है इस बारे में सटिक तो जानकारी नही है मगर ऐसा कहा जाता है की भोजन और पानी की उपलब्धता जैसे पर्यावरणीय कारकों के कारण से ऐसा हो सकात है । और यही भी कहा जाता है की ऐसा आनुवंशिक कारकों के कारण से हो सकता है । हालाकी वैज्ञानिक इस बारे में अच्छी तरह से जानकारीर दे सकते है ।
यह भी ध्यान रखना दिलचस्प है कि नर और मादा मेंढकों के बीच हमेशा आकार का अंतर ही एकमात्र अंतर नहीं होता है। बल्की बहुत से ऐसे अंतर होते है जो की नर और मादा मेंढक को एक दूसरे से अलग बना कसते है । इसके पास जो उंगलिया होती है उनमे भी अंतर देखने को मिल जाता है और दूसरा सबसे बड़ा अंतर लिंग का होता है जो की नर और मादा होता है ।
इस तरह से मेंढक में कई अंतर हो सकते है । वैसे मेंढक जो होते है वे लगभग दुनिया के बहुत से इलाको में आसानी से देखे जा सकते है और यह देखने में भी काफी अधिक प्यारे होते है । दोस्तो आपकेा बातदे की यह मनुष्य के करीब रहते है इस कारण से कई बार इनकी मोत भी हो जाती है ।
अभी हाल ही के दिनो की बात है मैं रात को अंधेरे में कमरे से निकला तो मेंढक मेरे पैर के निचे आ गया था मगर मुझ पता चल गया जिसके कारण से उसकी जान नही गई और वह बच गया । तो इस तरह से कई बार अनजाने में मेंढक की मोत हो जाती है । हालाकी इनकी त्वचा में कुछ विष होता है जो की मनुष्य से तो नही मगर दूसरे जानवरो से इसकी सुरक्षा करने का काम करता है ।
मगर कहते है की इस धरती पर बहुत सारे जानवर होते है जो की एक दूसरे के दुश्मन बने हुए है इसी तरह से मेंढकों को शिकारी स्तनधारियों (जैसे बिल्लियों, कुत्तों), पक्षियों (जैसे बाज) या सांपों (जैसे वाइपर) भी मेंढक के दुश्मन होते है जो की इसे मार देते है और अपना भोजन बना लेते है ।
दुनिया में आपको कई प्रकार के मेंढक देखने को मिल जाते है दुनिया में मेंढक की कुल 4,700 प्रजातियां हैं बहुत से मेंढक जो होते है वह एक दूसरे से अलग अलग क्षेत्र पर रहते है । कुछ मेंढक का रंग अलग होता है । तो इस आधार पर मेंढक के अनेक प्रकार है जो कुछ इस तरह से है –
South American horned frogs एक मेंढक की प्रजाति होती है जो की सींग वाले मेंढक के नाम से भी जाना जाता है । मध्य और दक्षिण अमेरिका में आसानी से देखने को मिल जाते है । इनके पास एक सिर होता है और उस पर सींग के जैसा कुछ होता है । इनके पास पता नही ऐसा क्या होता है की यह अन्य मेंढक की तुलना में खतरे से जल्दी बच जाते है ।
यह देखेन में छोटा होता है जो की कुछ भूरे रंग का हो सकता है बाकी यह किस स्थान पर रहता है इस बात पर भी रंंग निर्भर करता है और यह आपको पता होना जरूरी है ।
American bullfrog के नाम से ही आप यह समझ सकते है की यह एक ऐसा मेंढक होता है जो की आकार में छोटा होता है और अमेरिका में रहता है । आपको बता दे की अमेरिका में इसा मेंढक को पालतु के रूप में भी रखा जाता है ।
अब भारत के लोगो को कहे की American bullfrog को पालतु बनाया जाता है तो उन्हे यह मजाक के जैसा लगता है क्योकी मेंढक को यहां पर कोई भी पालतू नही बनाता है । अगर इसकी लंबाई की बात करे तो यह दो फुट लंबे हो सकते है । यह जो मेंढक होता है वह ज्यादातर पानी के अंदर ही रहता है मगर यह जमीन पर भी आसानी से रह सकते है ।
glass frogs एक ऐसा मेंढक की प्रजाति होती है जो की देखने में कांच के जैसा लगता है और यही कारण है की इसे कांच मेंढक कहा जाता है । दोस्तो आपको बता दे की यह जो मेंढक होता हे वह आकार में छोटा होता ळै और शरीर की लंबाई ज्यादा नही होती है बल्की आठ सेमी के आस पास ही होती है इसकी त्वचा जो होती है वह कांच की तरह चिकनी होती है अगर रंग के बारे में बात करे तो यह भूरे रंग का न होकर हरे रंग का होता है जो की देखने में भी काफी अलग लगता है । आपको बता दे की इसके पास जो आंखे होती है वह इसे अलग बनाने का काम करती है क्योकी इसकी आंखे बड़ी होती है ।
Australian green tree frog एक ऐसी प्रजाति होती है जो की पहले तो यह पेड़ो पर रहते है और दूसरा की यह हरे रंग का होता है और तीसरा यसह ऑस्ट्रेलिया में ही मिलते है । इसके अंदर इस तरह की विशेषता होने के कारण से ही इस मेंढक को कुछ अलग माना जाता है । दोस्तो यह जो मेंएक होता है वह देखने में भी काफी अधिक अलग होता है क्योकी यह हरे रंग का होता है जो की आस पास के पेड़ पौधो के अंदर मिल कर रहता है ।
Desert rain frog यह भी एक ऐसा मेंढक है जो की भारत में नही पाया जाता है बल्की यह अमेरिका मे ही देखा जाता है । यह नम इलाको में आसानी से पाया जा सकता है वही पर यह आस पास के पानी के पास ही पाया जाता ।
मगर आज के समय मे इसे एक संकटग्रस्त प्रजाति के रूप में जाना जाता है । क्योकी इनकी आबादी लगातार कम हो रही है । Desert rain frog ऐसे स्थानो पर रहता है जहां पर पानी होता है क्योकी यह पानी के बाहर तो रहते है मगर ज्यादा समय तक नही रहते है ।
यह शुष्क और चटान वाले इलाको में नही रहते है । हां यह हो सकता है की अगर वहा पर अधिक पानी है तो यह आस पास देखे जा सकते है । अगर इसके शरीर की बात करे तो पैर छोटे होते है और मगर पीछे के पैर बड़े होते है वही पर चोड़ा शरीर होता है आंख जो होती है वह गोल और बड़ी बड़ी होती है । जो की इसे शिकारियो को देखने में मदद करती है और फिर यह उनसे बच जाते है ।
इस तरह से दोस्तो मेंढक के पर्यायवाची शब्द या मेंढक का समानार्थी शब्द होते है ।
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