mikacin injection uses in hindi or side effect in hindi

mikacin injection 500 uses in hindi ,mikacin injection एक प्रकार का इंजेक्सन होता है। जोकि बॉडी के अंदर इंजेक्ट किया जाता है। खैर यह दवा खास तौर पर यूरिन इन्फेक्सन के अंदर इस्तेमाल की जाती है। यदि किसी को यूरिन इन्फेक्सन की समस्या है तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए । लेकिन इसका प्रयोग बिना डॉक्टर की अनुमति के नहीं ‌‌‌ किया जा सकता है। यदि आप दवा का प्रयोग करते हैं तो पहले डॉक्टर इस इंजेक्सन के बारे मे लिखकर देता है।और उसके बाद ही इस इंजेक्सन का प्रयोग करना चाहिए । तभी यह काम करेगा । यदि आप डॉक्टर कि बिना अनुमति के इस इंजेक्सन का प्रयोग करते हैं तो यह आपके लिए काफी घातक साबित हो सकता है। आप इस ‌‌‌ बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

‌‌‌इसके अलावा इसका दुष्प्रभाव काफी लंबे समय तक बना नहीं रहता है। लेकिन यदि इसका दुष्प्रभाव काफी लंबे समय तक बना रहता है तो आपको इस दवा को लेना बंद कर देना चाहिए और एक बार डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए काफी फायदेमंद ‌‌‌ हो सकता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। ‌‌‌यदि आप पहले से ही किसी तरह की दवा का उपयोग कर रहे हैं तो उसके बारे मे भी अपने डॉक्टर को बताने की जरूरत होगी ताकि यदि रियेक्सन दवा आप ले रहे हैं तो उसके बारे मे आपका डॉक्टर आपको कुछ गाइड कर सके ।

mikacin injection uses in hindi

  • यूरिन इन्फेक्शन
  • बैक्टीरियल संक्रमण
  • मेनिनजाइटिस
  • अन्तर्हृद्शोथ
  • स्किन इन्फेक्शन
  • ब्लड इन्फेक्शन
  • निमोनिया
  • पेरिटोनाइटिस
  • सेप्टिक गठिया
  • हड्डी का संक्रमण

mikacin injection uses in hindi ‌‌‌यूरिन इन्फेक्सन के अंदर

मूत्र मार्ग संक्रमण  के अंदर भी इस इंजेक्सन का यूज किया जाता है। यह आमतौर पर बैक्टिरिया की वजह से होता है। या फिर कई बार यह फंगस और कवक की वजह से भी हो सकता है।यह इंसानों के अंदर होने वाला एक आम संक्रमण हो सकता है। यह मुत्राशय या फिर मूत्रमार्ग के अंदर हो सकता है।और आपको बतादें कि यह आमतौर पर ‌‌‌पुरूषों की तुलना मे महिलाओं के अंदर अधिक होता है। इसका कारण यह होता है कि महिलाओं के जननांगों की संरचना ही कुछ इसी प्रकार की होती है। कि यह उनके अंदर आसानी से फैल जाता है।

यूरिन इन्फेक्शन को समझने के लिए कई सारे प्रकार के अंदर बांटा गया है तो आपको इसके बारे मे भी पता होना चाहिए । आइए जानते हैं । यह संक्रमण कितने प्रकार का होता है ?

  • सिस्टाईटिस या मूत्राशय का संक्रमण (Cystitis or Bladder Infection)आमतौर पर मुत्राशय के भीतर होता है और यह जो संक्रमण होता है वह बैक्टिरिया की वजह से होता है। कई लोगों के अंदर यह संक्रमण देखने को मिलता है।
  • यूरेथ्राइटिस या मूत्रमार्ग संक्रमण एक प्रकार का संक्रमण होता है जोकि मूत्र मार्ग के अंदर ‌‌‌होने वाला संक्रमण होता है जिसकी वजह से मूत्र का त्याग करने मे दर्द महसूस होता है और सूजन आ जाता है।
  • पाइलोनेफ्राइटिस या गुर्दा संक्रमण आमतौर पर किडनी के अंदर इन्फेक्सन होने की वजह से होता है। और इसकी वजह से आमतौर पर मरीज को अस्पताल के अंदर भर्ति करवाने की आवश्यकता हो सकती है। इस तरह के संक्रमण की दशा मे खून आना और बुखार हो सकता है।

‌‌‌दोस्तों यदि हम यूरिन इन्फेक्सन के लक्षणेां की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जिनके बारे मे हमे विचार करने की आवश्यकता है। इन लक्षणों की मदद से हम यह पता लगा सकते हैं कि हमको यूरिन इन्फेक्सन हुआ है तो यह लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं ?

mikacin injection 500 uses in hindi
  • ‌‌‌मूत्राशय में संक्रमण होने से मूत्र मार्ग के अंदर सूजन आ जाता है और उसके बाद मूत्र त्याग करने मे दर्द होने लग जाता है।
  • पेशाब बार बार होता और इसके साथ ही जलन भी होने लगती है।
  • तत्काल पेशाब हो जाने का डर लगना।
  • बदबूदार, और खूनी पेशाब होना।
  • पेट के निचले हिस्से या पेल्विस में दर्द होना।
  • हल्का बुखार ‌‌‌ भी आ सकता है और ठंड लग सकता है।
  • ठंड से कंपकपी लगना।
  • जी मिचलाना।
  • उल्टी होना।
  • फ्लेंक दर्द  हो सकता है जोकि पेट के उपरी हिस्से और पीठ के अंदर होने वाला दर्द होता है।
  • छोटे बच्चों में बुखार, पीलिया, उलटी, दस्त और चिड़चिड़ापन आदि लक्षण नज़र आते हैं।
  • भूख ना लगना और सुस्ती आना इसके लक्षण हो सकते हैं।
  • यदि यह किसी महिला को समस्या है जो खासकर गर्भवति है तो महिला को इसकी जांच समय पर करवानी चाहिए क्योंकि यदि जांच नहीं होती है। और इसका उपचार नहीं करवाया जाता है तो ‌‌‌यह प्रसव के दौरान काफी गम्भीर समस्या का कारण बन सकता है इसलिए इसका समय पर उपचार करवाना जरूरी होता है।

यूटीआई (यूरिन इन्फेक्शन) के कारण की यदि हम बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। जिसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • इसका जो सबसे बड़ा कारण होता है वह यह होता है कि यदि कोई इंसान कई लोगों के साथ संभोग करता है तो यह समस्या देखने को मिल सकती है।
  • इसके अलावा अंदर की साफ सफाई समय समय पर जरूरी ‌‌‌ होती है। यदि साफ सफाई समय पर नहीं होती है तो उसके बाद यह संक्रमण फैल सकता है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।
  • शुगर लेवल जिन लोगों को अधिक हो जाता है। उनके लिए यह समस्या अधिक देखने को मिलती है तो शुगर लेवल यदि किसी का अधिक है तो उसे कम करने की आवश्यकता है।
  • मूत्राशय को पूरी तरह से खाली न करने की वजह से भी यह समस्या देखने को मिल सकती है। इसके बारे मे आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
  • पथरी।
  • गर्भनिरोधक का उपयोग।
  • गर्भावस्था।
  • रजोनिवृत्ति।
  • ‌‌‌इसके अलावा कुछ लोग गर्भनिरोधक गोलियां काफी अधिक इस्तेमाल करते हैं जिसकी वजह से भी यह समस्या देखने को मिलती है। आप इसके बारे मे जानते हैं।
  • इसके अलावा कुछ लोगों की कमजोर प्रतिरोधक क्षमता होती है जिसकी वजह से भी यह समस्या जल्दी ही असर कर देती है।
  • एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक उपयोग कुछ लोग अधिक करते हैं  जिसकी वजह से भी यह समस्या हो सकती है।
  • ‌‌‌यूरिन इन्फेक्सन के बचाव के उपाय
  • दोस्तों कुछ उपाय ऐसे हैं जिनकी मदद से आप यूरिन इन्फेक्सन से आसानी से बच सकते हैं तो आइए जानते हैं उन उपायों पर भी हम चर्चा कर लेते हैं ताकि समस्या होने की स्थिति के अंदर आप उससे बच सकें ।

मेनिनजाइटिस mikacin injection uses in hindi

मेनिनजाइटिस एक प्रकार की सूजन होती हैं। जोकि दिमाग की तीन झिल्ली को ढकर रखती हैं। और इसके आस पास तरल भरा होता है जोकि संक्रमित हो जाता है।यह समस्या बैक्टिरियल वायरल और फंगल संक्रमण की वजह से हो सकती है।और यह जो संक्रमण होता है वह एक दूसरे के ‌‌‌संपर्क के अंदर आने की वजह से भी फैल सकता है। आपको इस बात को समझना चाहिए ।सिर के अंदर दर्द होना अकड़न और बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

मेनिनजाइटिस की समस्या होने वाले मरीज कुछ ही हफतों के अंदर ठीक हो जाते हैं। या फिर कुछ के अंदर यह समस्या काफी गम्भीर रूप धारण कर सकती है।मेनिनजाइटिस ‌‌‌ की समस्या से यदि कोई पिड़ित है तो उसका तत्काल उपचार करवाया जाना चाहिए ।यदि सही समय पर ईलाज नहीं होता है तो उसके बाद समस्या काफी गम्भीर हो सकती है। इसलिए सही समय पर ईलाज करना जरूरी हो जाता है।1,00,000 से अधिक लोग इस रोग से 20 साल के अंदर मरते हैं।और यदि इसका समय पर उपचार नहीं किया जाता ‌‌‌ है तो 50 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है आपको इसके बारे मे भी पता होना चाहिए ।

मेनिनजाइटिस के प्रकार की बात करें तो इसके बारे मे भी हम आपको बताने वाले हैं ताकि आप इसको काफी अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस एक प्रकार की गम्भीर समस्या होती है और इसके लक्षण 24 से 48 घंटों के अंदर दिखने लग जाते हैं इसका ईलाज नहीं करवाने की दशा मे स्थाई असक्षमता और मौत तक हो ‌‌‌ सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

वायरल मेनिनजाइटसि  उतना अधिक गम्भीर नहीं होता है और यह वायरस की वजह से फैलता है। और यदि व्यक्ति समय पर दवा लेलेता है तो उसके बाद उसका ईलाज हो जाता है। और एक इंसान को ठीक होने मे कम से कम एक सप्ताह का समय लगता है।खांसने छींकने या मल संदूषण से फैलता है। इसके अंदर बुखार मांसपेशियों के अंदर दर्द ‌‌‌ और उल्टी जैसे लक्षण नजर आते हैं और यदि इसका समय पर उपचार किया जाता है तो फिर यह आसानी से ठीक हो जाता है। आपको इसके बारे मे भी पता होना चाहिए ।

फंगल मेनिनजाइटिस  रोग काफी कम ही देखने को मिलता है और उतना अधिक गम्भीर नहीं होता है। और संक्रमित भी नहीं होता है। यदि इसका समय पर उपचार करवाया जाता है तो फिर यह बहुत ही आसानी से ठीक हो जाता है।

मेनिनजाइटिस के लक्षण के बारे मे बात करें तो इसके कुछ लक्षण संक्रमण होने के 24 घंटे बाद ही विकसित हो जाते हैं और कई बार इनके विकसित होने मे काफी समय लग सकता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । यदि आप एंटिबॉएटिक दवाएं ले रहे हैं तो इनके लक्षणों को विकसित होने मे काफी समय लग सकता है।

फंगल मेनिनजाइटिस यदि किसी को हो गया है तो इसके लक्षणों का विकास होने मे काफी कम समय जैसे एक सप्ताह भी लग सकता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

  • मेनिनजाइटिस के मुख्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और गर्दन का अकड़ना शामिल हैं।
  • इस रोग से ग्रस्ति लोगों के अंदर अधिक सिरदर्द देखने को मिलता है।
  • मेनिनजाइटिस के रोगियों के अंदर गर्दन की अकड़न भी देखी जा सकती है।
  •  ठंड, गले में खराश
  • दिल का दौरा पड़ना
  • और भ्रम की स्थिति ।
  • ‌‌‌इसके अलावा शरीर के अंदर कमजोरी देखी जा सकती है। शरीर मे ताकत नहीं होती है।
  • जोड़ों के अंदर दर्द और सूजन होना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
  • शरीर के उपर चकते दिखाई दे सकते हैं।

‌‌‌यदि उपर दिये गए लक्षण किसी को नजर आते हैं तो आसानी से इसका उपचार किया जाना चाहिए । यदि उपचार नहीं किया जाता है तो फिर समस्या काफी गम्भीर हो सकती है। यही आपके लिए सही होगा ।

मैनिंजाइटिस के बचाव के उपाय के बारे मे भी हम आपको बता देते हैं जिससे कि आप इस तरह के रोगों से बहुत ही आसानी से बच सकते हैं तो आइए जानते हैं इनके बचाव के उपाय के बारे मे विस्तार से ।

‌‌‌इससे बचने का सबसे पहला तरीका यह है कि आपको अपने हाथों को अच्छे से धोना जरूरी होता है यदि आप अपने हाथों को अच्छे तरीके से नहीं धोते हैं तो फिर यह रोग फैल सकता है। किसी सर्वाजनिक स्थानों पर काम करने के बाद ,जानवरों के साथ रहने के बाद । बच्चों को भी सही तरीके से हाथ धोना सीखाएं ।

पेय, भोजन, स्ट्रॉ, खाने के बर्तन, होंठ पर लगाने वाली क्रीम या टूथब्रश  आदि को किसी दूसरे को ना दें। यदि आप किसी के साथ खाना भी खाते हैं तो यह समस्या आपको हो सकती है तो आपको खाना खाने से भी बचना होगा ।

‌‌‌इसके अलावा खांसते या छींकते समय आपको अपना मुंह रूमाल से ढकने की आवश्यकता है वरना समस्या हो सकती है।

इसके अलावा नियमित रूप से ताजे फल और सब्जी का सेवन करें। जोकि आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा ।

बिना उबले दूध से बने पनीर को खाने से बचें। पाश्चराइज्ड दूध से बनाया गया पनीर खाएं। और कच्चा मांस खाते हैं तो आपको उससे परहेज करना चाहिए ।

हीमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप बी  वैक्सीन बच्चों को दि जानी चाहिए । इस वैक्सीन की मदद से इस रोग को रोकने मे मदद मिलती है। इस तरह की वेक्सीन कुछ वयस्कों को भी दी जाती है। आपको इसको समझना होगा ।

नियूमोकोकल कोंजूगेट वैक्सीन का प्रयोग न्यूमोकोकल से बचने के लिए किया जाता है। यह दो से 5 वर्ष के उम्र के बच्चों को यह दी जाती है ताकि यह काफी फायदेमंद होता है। इस तरह से आप अपने बच्चों को यह वक्सीन लगा सकते हैं।

मेनिंगोकोकल संयुग्म वैक्सीन भी एक प्रकार की दवा होती है जोकि काफी अच्छे तरीके से काम करती है। यह बच्चों को दी जा सकती है। यह 11 से 12 वर्ष की आयु के अंदर जी जा सकती है। और 16 वर्ष की आयु के अंदर बूस्टर खुराक दी जाती  है।

फल और सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट, आवश्यक फैटी एसिड, विटामिन, खनिज  आदि चीजों का इसके अंदर सेवन किया जा सकता है यह रोगी को जल्दी ही ठीक करने मे काफी मदद करते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का काम करते हैं।

देसी मुर्गी भी इसके अंदर सेवन कर सकते हैं जोकि कई तरह के पोषक तत्वों से लेश होती है ओमेगा-3 वसा, कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व इसके अंदर होते हैं। ‌‌‌इसके अलावा आप अखरोट सूरज मूखी के बीज आदि का सेवन कर सकते हैं। यह काफी फायदेमंद होती हैं जोकि आपके लिए काफी अच्छे तरीके से काम करती हैं आप इस बात को समझ सकते हैं।

स्किन इन्फेक्शन

स्किन इन्फेक्शन के अंदर Mikacin 500 mg Injection का उपयोग किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । दोस्तों वैसे तो आपकी त्वचा आपको बीमारी से बचाने का काम करती है। लेकिन कई बार क्या होता है कि वह खुद ही बीमारी से संक्रमित हो जाती है। ‌‌‌यदि हम स्किन इन्फेक्सन की बात करें तो यह कई सारे कारणों की वजह से हो सकता है जैसे कि त्वचा पर कट लगना , चोट लगना नाक और कान खुद वाना  जानवर का काट लेना या फिर टेटू बनाने से भी यह हो सकता है।

जब आपकी त्वचा संक्रमित होती है, तब आपको त्वचा में जलन, लालिमा, खुजली या पस निकलना आदि जैसे लक्षण होने लग जाते हैं।और यदि आप सही तरीके से चीजों पर ध्यान देते हैं तो आसानी से स्किन इन्फेक्सन से बच सकते हैं तो आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए यही आपके लिए जरूरी है।

एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से इसका ईलाज किया जाता है। इसका जल्द से जल्द ईलाज किया जाना जरूरी होता है। यदि इसका जल्द से जल्दी ईलाज नहीं होता है तो फिर यह शरीर के किसी दूसरे हिस्से के अंदर फैल सकता है। और समय पर इसका ईलाज करवाना जरूरी होता है। आपको इसके बारे मे भी पता होना चाहिए ।

स्किन इन्फेक्शन मुख्य रूप से बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण होता है। और जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमजोर होती हैं उनको यह रोग होने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है। प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए जरूरी पोषक तत्वों का सेवन किया जाना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।

स्किन इन्फेक्शन के लक्षण की यदि हम बात करें तो इसके कई सारे लक्षण आपको नजर आ सकते हैं। सबसे पहले तो जिस स्थान पर इन्फेक्सन होता है वहां पर खुजली होनी शूरू हो जाती है। इसके अलावा दर्द हो सकता है।

 छूने पर यह दर्द बढ़ जाता है।यह शरीर के कई सारे हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। जैसे चेहरे ,आंख और ‌‌‌टांगों को यह प्रभावित कर सकता है।इसके अलावा शरीर के उन हिस्सों को यह अधिक प्रभावित कर सकता है जोकि काफी अधिक नम रहते हैं । कांख, गर्दन की त्वचा में पड़ने वाली सिलवटें और जननांग व जांघों के बीच की त्वचा आदि। तो आइए जानते हैं इसके लक्षणों के बारे मे जिससे देखकर आप आसानी से इसका उचित इलाज ‌‌‌ करवा सकते हैं।

  • त्वचा में लालिमा या रंग बिगड़ना
  • सूजन
  • त्वचा गर्म महसूस होना
  • त्वचा गलना या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होना
  •  छूने पर दर्द और बदतर हो जाना
  • त्वचा पर पपड़ी बनना और खुजली होना
  • और त्वचा मे पस निकल सकता है।

‌‌‌और इस स्थिति के अंदर घाव बन सकता है। और घाव के अंदर बुखार भी हो सकता है। आपको बतादें कि बुखार तब होता है जब इन्फेक्सन का असर खून के अंदर चला जाता है।

  • यदि कट के आस पास सूजन आ गई है या उसके अंदर दर्द हो रहा है और खुजली हो रही है।
  • ‌‌‌इसके अलावा प्रभावित हिस्से के अंदर लकीरे बन गई हैं।
  • यदि प्रभावित हिस्से के अंदर पस निकल रहा है तो आपको मरीज को डॉक्टर को दिखाने की आवश्यकता है।
  • यदि त्वचा में कोई खरोंच या कट एक हफ्ते से ज्यादा दिनों तक भी ठीक नहीं हुआ है।
  • यदि आप प्रभावित अंग को ठीक से नहीं हिला पा रहे हैं तो यह समस्या हो सकती है।
  • ‌‌‌आपको बुखार है और आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं।
  • बैक्टीरियल स्किन इन्फेक्शन का कारण तब होता है जब किसी चोट की वजह से बैक्टिरिया अंदर चला जाता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि हर किसी को त्वचा संक्रमण है जिनको चोट लगी हो ।यह आपको खासकर तब असर करता है जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी अधिक कमजोर होती है। लेकिन यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली ‌‌‌ कमजोर नहीं है तो फिर यह आपको किसी भी तरह का असर नहीं करता है। और प्रतिरक्षा प्रणाली जो होती है वह आमतौर पर किसी दवा के इफेक्ट या फिर खाने पीने की चीजों की वजह से कमजोर पड़ती है।
  • बैक्टीरिया  दो प्रकार के होते हैं जोकि वैसे तो आपकी त्वचा के संपर्क मे आते रहते हैं । अच्छे बैक्टिरिया वे होते हैं जोकि आपको किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और बुरे वे होते हैं जोकि आपको भयंकर नुकसान दे सकते हैं।
  • ‌‌‌और कई बार क्या होता है कि बच्चों को भी कट लग सकता है और उनको कोई कीड़ा काटने की वजह से त्वचा इन्फेक्सन हो जाता है। और यदि ऐसी स्थिति के अंदर घाव का ठीक तरह से उपचार किया जाता है तो वह ठीक हो सकता है। लेकिन यदि किसी वजह से बैक्टिरिया उस घाव के अंदर प्रवेश कर जाता है तो फिर समस्या ‌‌‌काफी भयंकर हो जाती है। और उस घाव को ठीक होने मे काफी वक्त लग सकता है।
  • बैक्टीरिया इन्फेक्सन कई तरीके से फैल सकते हैं जैसे कि किसी की खांसी और छींक से भी यह फैल सकता है। इसके अलावा तौलिया या टूथब्रश से भी यह फैल सकता है। और हवा के अंदर सांस लेने की वजह से भी यह फैल सकता है।
  • डायबिटीज के जो मरीज होते हैं उनको त्वचा संक्रमण होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है क्योंकि उनके शरीर के अंदर खून का बहाव काफी कम हो जाता है जिसकी वजह से उनको यह रोग असर कर सकता है। तो इस तरह के मरीजों को इसका ध्यान रखना चाहिए ।
  • एचआईवी एड्स या हेपेटाइटिस से ग्रस्त लोग या प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमजोर हो जाती है और इसकी वजह से स्किन इन्फेक्सन होना काफी आसान हो जाता है। क्योंकि इनकी प्रतिरक्षा प्रणाली बैक्टिरिया का मुकाबला नहीं कर पाती है तो यह आगे चलकर काफी भयंकर रूप धारण कर लेता है।
  • लकवा से ग्रस्त या बिस्तर पर पड़े लोग जो होते हैं। मतलब जो किसी दूसरी बीमारी का शिकार होते हैं उनको यह समस्या काफी अधिक देखने को मिलती है।

ब्लड इन्फेक्शन

ब्लड इंफेक्शन के अंदर भी इस दवा का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर ब्लड इंफेक्शन होने की दशा तब होती है। जब किसी भी तरह का संक्रमण की वजह से खून के अंदर कैमिकल मिलने लग जाते हैं। तो आपकी जानकारी के लिए बतादें कि इसकी वजह से पूरे शरीर के अंदर सूजन होने लग जाती है। यह रोग खास कर उन लोगों के अंदर ‌‌‌अधिक होता है जिसकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी अधिक कमजोर हो जाती है।यह शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं जिससे कि शरीर के अंग काम करना बंद कर सकते हैं।और यदि संक्रमण बहुत अधिक बढ़ जाता है तो इससे रक्तचाप गिर जाता है और इंसान की मौत हो जाती है।

सेप्सिस के शुरूआती उपचार में आमतौर पर मरीज को एंटीबायोटिक्स के साथ नसों में तरल पदार्थ दिए जाते हैं ताकि मरीज की मृत्यु की आशंका को टाला जा सके।यह आमतौर पर काफी तेजी से फैलता है। यदि आपको इसके संक्रमण का लक्षण है तो जल्दी से जल्दी आपको इसका उपचार करवाने की दिशा मे काम करना चाहिए । ‌‌‌क्योंकि यदि समय रहते इसका ईलाज नहीं किया जाता है तो उसके बाद यह घातक रूप धारण कर लेता है और उसके बाद समस्या पैदा करने लग जाता है आपको इस बात को अच्छी तरह से समझना होगा ।

ब्लड इन्फेक्शन के लक्षणों के बारे मे भी आपको पता होना चाहिए । यदि आपको इसके लक्षणों के बारे मे पता नहीं है तो आप इसका उपचार सही समय पर नहीं करवा पाएंगे तो आइए जानते हैं इसके लक्षणों के बारे मे विस्तार से ।

  • सांस लेने की दर एक मिनट में 20 से ज्यादा होना।
  • संक्रमण की संभावना होना या पुष्टि होना।
  • शरीर का तापमान अधिक होना ।
  • दिल की धड़कन एक मिनट मे 90 से अधिक होना ।
  • सांस लेने में कठिनाई
  • मानसिक स्थिति में अचानक बदलाव
  • प्लेटलेट की संख्या घटना
  • पेट मे दर्द होना
  • कम मूत्र आना आदि हो सकते हैं।

‌‌‌ब्लड इन्फेक्सन की समस्या से ग्रस्ति अधिकतर लोग तब अस्पताल के अंदर भर्ती होते हैं। जब उनको काफी अधिक समस्या हो जाती है। और उसके बाद उनको आईसीयू के अंदर भर्ती किया जाता है। यदि किसी को यह समस्या है तो उसे जल्दी से जल्दी उपचार की दिशा के अंदर काम करना चाहिए ।

प्रतिरक्षा कोशिकाएं शरीर पर आक्रमण करने वाले बाहरी रोगाणुओं/ विषाणुओं से बचाव करते हैं।  और कई बार प्रतिरक्षा प्रणाली की खराबी की वजह से यह समस्या पैदा हो जाती है। यदि प्रतिरक्षा प्रणाली खराब हो जाती है तो यह समस्या पैदा हो सकती है।बैक्टीरियल संक्रमण की वजह से यह सबसे अधिक इसकी संभावना होती है।

अपेंडिसाइटिस, निमोनिया, मेनिन्जाइटिस या मूत्र मार्ग में संक्रमण आदि जैसी गंभीर चिकित्सा समस्या से ग्रसित लोगों में भी सेप्सिस के जोखिम काफी बढ़ जाते हैं।

दोस्तों आइए जानते हैं कि किन लोगों को ब्लड इन्फेक्सन का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। तो आइए इसके बारे मे जानते हैं।

  • ‌‌‌बहुत छोटे बच्चों के अंदर यह समस्या काफी अधिक देखने को मिलती है।
  • यदि आप वृद्ध हैं तो फिर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी अधिक कमजोर होती है तो इसकी वजह से भी यह समस्या हो सकती है।
  • स्टेरॉयड जैसी दवाएं जो लोग लेते हैं उनको यह समस्या हो सकती है। आमतौर पर इन दवाओं से प्रतिरक्षा प्रणाली काफी अधिक दब जाती है जिसकी वजह से काफी अधिक समस्या होती है। तो इस तरह के लोगों को काफी अधिक खतरा होता है। इस रोग होने का ।
  • डायबिटीज के मरीज जो लोग हैं उनको ब्लड इन्फेक्सन होने के चांस काफी अधिक होते हैं तो सावधानी आपको बरतनी चाहिए ।
  • जिन लोगों को एचआईवी और कैंसर की समस्या है उनको यह रोग हो सकता है। क्योंकि उनका रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अधिक कम हो जाती है।
  • जिन लोगों की पहले सर्जरी हुई थी उनके लिए भी इस रोग ‌‌‌ होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है।

ब्लड इन्फेक्शन के यदि हम बचाव की बात करें तो कुछ ध्यान रखने योग्य बाते होते हैं जिनकी मदद से आप इस इन्फेक्सन से बच सकते हैं तो आइए जानते हैं उन बातों के बारे मे जिनकी मदद से आप इन्फेक्सन से बच सकते हैं।

  • ‌‌‌इसके लिए फलू और निमोनिया आदि का टिकाकरण आपको करवाना चाहिए । क्योंकि इससे आपको ब्लड इन्फेक्सन होने का खतरा काफी कम हो जाएगा ।
  • इसके अलावा आपको स्वच्छता बनाय रखना चाहिए । घाव आदि को समय समय पर आपको साफ करना चाहिए ताकि समस्या पैदा नहीं हो ।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को अधिक ध्यान देना चाहिए । दोस्तों जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमजोर होती है उनको यह रोग होने के चांस अधिक होते हैं। तो यदि किसी को यह महसूस हो रहा कि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमजोर है तो फिर उनको अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर बनाने का ‌‌‌ काम करना चाहिए ।
  • बुजुर्गों को आमतौर पर मूत्र मार्ग पर संक्रमण होने की समस्या काफी अधिक हो जाती है। तो दोस्तों आपको बतादें कि बुजुर्गों की इस मामले मे खास देखभाल की आवश्यकता होती है।बैक्टीरिया का मूत्राशय में प्रवेश करने की संभावनाओं को कम करना और जीवाणुरहित तकनीकों का प्रयोग  करना चाहिए ।

सेप्टिक गठिया या जोड़ों का इन्फेक्सन

  • सेप्टिक गठिया या जोड़ों का इन्फेक्सन Mikacin 500 mg Injection जोड़ों के अंदर होने वाले संक्रमण के लिए किया जाता है।यह मुख्य रूप से संक्रामक एजेंटों की वजह से होता है, जो चोट या रक्तप्रवाह के माध्यम से जोड़ों तक पहुंचते हैं।यह एक तरह से देखा जाए तो काफी ‌‌‌गम्भीर स्थिति है ।और किसी भी उम्र के इंसानों को यह हो सकता है तो आप समझ सकते हैं कि यह किस तरह का रोग है । और जिस को यह हो जाता है वह चलने मे पूरी तरह से असमर्थ हो जाता है।‌‌‌और शिशुओं के अंदर यह रोग सबसे अधिक होने के चांस होते हैं। क्योंकि उनका प्रतिरक्षा तंत्र काफी अधिक कमजोर होता है।
  • बड़े बच्चों और वयस्कों में सामान्य तौर पर घुटने और कूल्हे के जोड़ में यह समस्या हो सकती है। वैसे इसके आम लक्षणों की बात करें तो यह  दर्द, बुखार, सूजन, छूने पर दर्द, लालिमा जैसे हो सकते हैं।और आपकेा बता दें कि उम्र के साथ इस रोग के लक्षण अलग अलग हो सकते हैं ।‌‌‌कुछ दुर्लभ मामलों के अंदर जोड़ों के अंदर काफी तेज दर्द हो सकता है।

पेरिटोनाइटिस मे Mikacin 500 mg Injection

पेरिटोनाइटिस के अंदर भी इस दवा का यूज किया जाता है। और यह काफी उपयोगी दवा होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।पेरिटोनियम पेट के अंदर एक झिल्ली नुमा उत्तक होता है। पेरिटोनियम के अंदर सूजन आ जाने की वजह से यह रोग होता है।

पेरिटोनाइटिस आमतौर पर पेट के अंदर चोट लगने और संक्रमण की वजह से या फिर बैक्टिरिया या फिर कवक की वजह से पैदा हो सकता है। और इसका समय पर ईलाज करवाना काफी जरूरी होता है वरना यह काफी भयंकर रूप धारण कर सकता है।

पेरिटोनियल डायलिसिस थेरेपी यदि आप ले रहे हैं तो फिर आपको इसकी समस्या हो सकती है। और अपने डॉक्टर से संपर्क करनें। और इसके बारे मे अधिक से अधिक जानने का प्रयास आप कर सकते हैं। दोस्तों आपको बतादें कि यह जो समस्या होती है वह पेट दर्द के साथ शूरू होती है। यदि पेट के अंदर काफी गम्भीर दर्द हो रहा ‌‌‌ है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । क्योंकि यदि आप डॉक्टर से संपर्क नहीं करते हैं तो उस स्थिति के अंदर यह शरीर के अन्य हिस्सों के अंदर भी फैल सकता है और आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। व यदि गम्भीर स्थिति हो जाती है तो रोगी की मौत तक हो सकती है।

पेरिटोनाइटिस  के लक्षण के बारे मे भी आपको पता होना चाहिए । क्योंकि यदि लक्षण के बारे मे आपको पता नहीं होगा तो फिर आप इसको ठीक तरह से नहीं पहचान पाएंगे । और इसका ईलाज भी समय पर नहीं हो पाएगा आप समझ सकते हैं। इसके बारे मे अच्छी तरह से । ‌‌‌इसका जो सबसे बड़ा जो लक्षण होता है वह पेट दर्द ही होता है। आपको यह समस्या पेट दर्द से शूरू होती है। और पेट दर्द के साथ ही छूने पर दर्द हो सकता है। तो कुछ कॉमन लक्षण इस प्रकार से हैं।

  • पेट फूलना
  • मतली और उल्टी
  • दस्त
  • कब्ज
  • बहुत कम मात्रा में पेशाब होना
  • एनोरेक्सिया, या भूख न लगना
  • अत्यधिक प्यास लगना
  • थकान
  • बुखार और ठंड लगना

पेरिटोनाइटिस के कारणों की बात करें तो यह कई तरह से हो सकता है। जैसे कि किसी का किडनी या फिर लिवर फैल हो जाता है तो उसकी वजह से भी यह समस्या देखने को मिल सकती है। इसके अलावा दूसरा कारण यह होता है कि बैक्टिरियल संक्रमण की वजह से भी यह समस्या देखने को मिलती है। आप समझ सकते हैं।

पेरिटोनाइटिस एक प्रकार का गम्भीर रोग होता है और इसकी वजह से जो मौत का खतरा होता है वह 40 फीसदी तक होता है। इसलिए यदि किसी को यह रोग हो जाता है तो उसका समय पर उपचार करना जरूरी होता है।

  • पेट में घाव या चोट
  • पेट का अल्सर
  • अग्नाशयशोथ, या अग्नाशय की सूजन

लिवर सिरोसिस आदि समस्याओं की वजह से भी यह रोग काफी अधिक देखने को मिल जाता है। तो आप समझ सकते हैं कि यह किस तरह से फायदेमंद होता है।

एंडोकार्डिटिस

एंडोकार्डिटिस के अंदर भी इस दवा का प्रयोग किया जाता है। एंडोकार्डिटिस  आमतौर पर दिल की परत पर होने वाला एक प्रकार का संक्रमण होता है। बैक्टीरिया जब आपके रक्तप्रवाह या फिर मुंह की मदद से होते हुए दिल तक पहुंच जाता है तो फिर यह संक्रमण हो सकता है।और यदि आप इसका समय पर ईलाज नहीं ‌‌‌ करवाते हैं तो फिर यह दिल के वाल्वों तक पहुंच सकता है और उसके बाद खतरनाक जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है तो आपको समझ लेना चाहिए कि यदि किसी को यह बीमारी है तो जल्दी से जल्दी डॉक्टर के पास संपर्क करना जरूरी हो जाता है।

जिन लोगों के दिल के वॉल्व क्षतिग्रस्त हों, कृत्रिम वॉल्व हों या दिल से जुडी अन्य कोई समस्या हो उनके अंदर यह होने का खतरा बहुत ही अधिक होता है तो इस तरह  से आप समझ सकते हैं कि यह काफी डेंजर होता है।

एंडोकार्डिटिस के लक्षणों के बारे मे भी आपको पता होना चाहिए । यदि आपको इसके लक्षणों के बारे मे पता नहीं है तो आप इस रोग को पहचान नहीं सकते हैं। तो आपको इसके लक्षणों के बारे मे ठीक से पता होना जरूरी है।

  • ‌‌‌इसकी वजह से जोड़ों और मांसपेशियों के अंदर दर्द होना
  • सांस फूलना
  • रात को पसीना आना इसके लक्षण हैं।
  • दिल में खून के तेज़ रक्त प्रवाह की वजह से नई और बदली हुई आवाज़ का आना
  • यदि आप अधिक थकान महसूस करते हैं तो इसकी समस्या हो सकती है
  • आपको बुखार हो सकती है। इसके साथ ही आपको ठंड लग सकती है।
  • ‌‌‌पेशाब के अंदर आपको खून आ सकता है
  • और लगातार आपका वजन कम हो सकता है तो फिर आपको सावधान हो जाना चाहिए ।
  • त्वचा पर छोटे बैंगनी या लाल धब्बे होना, आंखों में और मुंह के अंदर सफेद धब्बे होना
  • लगातार खांसी होना
  • पीलापन दिखाई देना ।

एंडोकार्डिटिस के लक्षण यदि किसी को दिखाई देता है तो फिर आपको चाहिए कि आप जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर को संपर्क करें और आपके डॉक्टर जो निर्देष देते हैं आपको उनका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।

एंडोकार्डिटिस आमतौर पर उन लोगों के उपर हमला नहीं करता है जिनका दिल स्वस्थ होता है। यदि आपका दिल स्वस्थ नहीं है तो फिर आपके उपर संक्रमण का खतरा काफी अधिक हो जाता है खास कर यदि आपकी दिल की सर्जरी हुई है या फिर दिल के साथ कुछ समस्या हुई है। कृत्रिम वाल्व आदि मौजूद हैं तो फिर आपके अंदर ‌‌‌ संक्रमण का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है।

  • जन्मजात हृदय दोष कुछ लोगों के अंदर होता है इसकी वजह से भी कुछ लोगों के अंदर यह समस्या देखने को मिलती है। तो यदि आपको भी किसी तरह का जन्मजात दोष है तो फिर इससे आपको सावधानी बरतनी चाहिए ।
  • एंडोकार्डिटिस यदि किसी को एक बार हो जाता है तो उसके बाद उसके फिर से संक्रमण होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं तो उसे पूरी तरह से सावधानी बरतने की जरूरत होगी ।
  • इंजेक्शन लेकर अवैध दवाओं का उपयोग करते हैं उन्हें एंडोकार्डिटिस होने की संभावना अधिक होती है। और दवाओं को लगाने के लिए जो इंजेक्सन ‌‌‌ का प्रयोग होता है वह दूषित हो सकता है जोकि आपके लिए समस्या पैदा कर सकता है। आप समझ सकते हैं।

Mikacin 500 mg Injection क्या गर्भवति महिलाएं ले सकती हैं

Mikacin 500 mg Injection का प्रयोग गर्भवति महिलाओं को नहीं करना चाहिए । यह उनके लिए काफी डेंजर हो सकता है। और यदि उनको इसकी जरूरत भी है तो इसके बारे मे एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें आपके डॉक्टर आपको जो निर्देश देते हैं आपको ‌‌‌ उसका पालन करने की जरूरत है। यदि आप ठीक से पालन नहीं करेंगे तो फिर समस्या काफी गम्भीर हो सकती है। इसके बारे मे भी आपको समझने की जरूरत है।

Mikacin 500 mg Injection क्या स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए सही होगा

दोस्तों यदि कोई महिला स्तनपान करवाती है और वह Mikacin 500 mg Injection  का सेवन करती है। इसके प्रभाव के बारे मे जानकारी नहीं है। लेकिन बेहतर यही होगा कि बिना डॉक्टर की अनुमति के इसका सेवन नहीं करना चाहिए । यह आपके ‌‌‌ लिए काफी घातक हो सकता है। बेहतर यही होगा कि एक बर अपने डॉक्टर से संपर्क करें आपका डॉक्टर ही आपको यह बताएगा कि आपको इसकी जरूरत है या नहीं । यदि आपको इसकी जरूरत नहीं है तो फिर वह आपको इसे लिखकर नहीं देगा ।

Mikacin 500 mg Injection  का आपके गुर्दे पर क्या प्रभाव पड़ सकता है ?

Mikacin 500 mg Injection  का सेवन कर रहे हैं। और यदि पहले से आपको गुर्दे से जुड़ी कोई समस्या है तो इस इंजेक्सन का सेवन आपको नहीं करना चाहिए । या फिर सेवन करने के बारे मे अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए आपके डॉक्टर ‌‌‌ ही आपको यह बात बताएंगे कि आपको इसकी जरूरत है या नहीं है? और आप जो पहले से दवा ले रहे हैं उसके बारे मे भी अपने डॉक्टर को बताएं क्योंकि हो सकता है कि कुछ दवाएं इस इंजेक्सन के साथ काम नहीं करती हैं। तो पूरी तरह से समस्या के बारे मे अपने डॉक्टर से बात करें ।

Mikacin 500 mg Injection  आपके जिगर को किस तरह से नुकसान पहुंचाने का काम करता है ?

दोस्तों Mikacin 500 mg Injection   आपके जिगर को नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन यह बस हल्का और अस्थाई होता है तो इसके अंदर आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। और यदि आप पहले ही जिगर से जुड़ी किसी ‌‌‌समस्या से झूझ रहे हैं तो आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर को इसके बारे मे बताएं और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन आपको करना चाहिए । और उसके हिसाब से ही आपको काम करना चाहिए ।

Mikacin 500 mg Injection  हर्ट पर किस तरह का प्रभाव डालता है ?

वैसे तो Mikacin 500 mg Injection   हर्ट के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होता है। लेकिन उसके बाद भी यदि इसको लेने के बाद आपकेा किसी भी तरह की समस्या होती है तो आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें आपका डॉक्टर आपको जो ‌‌‌निर्देश देता है आपको उसका पालन किया जाना चाहिए । और फिर यदि आप पहले से किसी तरह की दवा का सेवन कर रहे हैं। तो इसके बारे मे भी अपने डॉक्टर को बताना होगा ताकि वह प्रभावी उपचार कर सके ।

Mikacin 500 mg Injection  के सेवन करने से लत लग सकती है ?

वैसे तो Mikacin 500 mg Injection   के लगाने के बाद किसी तरह की लत नहीं लगती है। यह इस प्रकार की दवा नहीं है जोकि नशा करती है। लेकिन समय समय के अंदर दवाओं मे बदलाव होते रहते हैं तो एक बार आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और वे जो निर्देश देते ‌‌‌ हैं आपको उन सभी निर्देशों का पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अच्छा तरीका होंगा । बाकि आप खुद समझदार हैं चीजों को अच्छी तरह से जानते हैं।

Mikacin 500 mg Injection   लेने के बाद क्या मशीन और गाड़ी चला सकते हैं ?

दोस्तों Mikacin 500 mg Injection   लेने के बाद आप किसी भारी मशीनरी और गाड़ी को चला सकते हैं। यह आपके दिमाग को प्रभावित नहीं करता है। लेकिन यदि आपको किसी तरह का दुष्प्रभाव कुछ समय बाद दिखाई देता है तो इसको लेने के बाद आपको एक बार आराम करना चाहिए ताकि सब कुछ ठीक हो जाए।

Mikacin 500 mg Injection   क्या दिमागी विकारों के अंदर काम करती है ?

नहीं Mikacin 500 mg Injection    दिमागी विकारों के अंदर काम नहीं करती है। यदि किसी को दिमागी विकार है तो उसके बाद उसे एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और जो निर्देश डॉक्टर देते हैं उनका पालन किया जाना चाहिए । Mikacin 500 mg Injection   किन किन चीजों के अंदर काम करता है इसके बारे मे हम आपको बता ही चुके हैं उन सब चीजों के अंदर यह इंजेक्सन काम करता है आपको पता ही होगा और इसके अलावा आप एक बार डॉक्टर से बात करें ।

‌‌‌क्या बिना डॉक्टर की अनुमति के Mikacin 500 mg Injection    को ले सकते हैं ?

दोस्तों Mikacin 500 mg Injection    को आपको बिना डॉक्टर की अनुमति के नहीं लेना चाहिए । क्योंकि यह इस स्थिति के अंदर जरा भी सुरक्षित नहीं है। तो आपको चाहिए कि आप बिना डॉक्टरी अनुमति के इसका प्रयोग ना ही ‌‌‌करें तो यह अधिक बेहतर होगा आपके लिए भी।

Mikacin 500 mg Injection    को कहां से खरीद सकते हैं ?

दोस्तों Mikacin 500 mg Injection     आपको आसानी से किसी भी  तरह के मेडिकल स्टोर पर मिल जाएगा । और यदि आपको मेडिकल स्टोर पर यह नहीं मिलता है तो आप किसी भी ऑनलाइन स्टोर से इसको खरीद सकते हैं। लेकिन प्रयोग करने से पहले एक बार तारिख ‌‌‌देख लेना चाहिए बिना तारिख देखे यदि आप प्रयोग करते हैं तो गम्भीर परीणाम हो सकते हैं।

Mikacin 500 mg Injection    लेने के बाद क्या शराब पी सकते हैं ?

Mikacin 500 mg Injection   यदि आप ले चुके हैं तो आपको शराब का सेवन नहीं करना चाहिए । हालांकि इसके बारे मे प्रभावों का पता नहीं है। लेकिन उसके बाद भी यदि आप शराब का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए घातक हो सकता ह। और आप इसके बारे मे ‌‌‌ एक बार आप अपने डॉक्टर से बात करके देख सकते हैं और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । और सबसे अच्छा यही होगा कि आप शराब ना पीयें इंजेक्सन लगाने के 2 घंटे बाद आप शराब ले सकते हैं।

Mikacin 500 mg Injection  कितनी मात्रा मे ले सकते हैं ?

Mikacin 500 mg Injection  की मात्रा आप निर्धारित नहीं कर सकते है। इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना होगा और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। उसका पालन आपको करना चाहिए ।और आपका डॉक्टर ही आपको बताएगा कि आप इसको कितनी मात्रा ‌‌‌के अंदर ले सकते हैं।ध्यान दें इस इंजेक्सन को डॉक्टर कि बिना अनुमति के ना लें ।वरना समस्या हो सकती है।

Mikacin 500 mg Injection  कंहा पर स्टोर कर सकते हैं ?

Mikacin 500 mg Injection  को आपको सही जगहों पर स्टोर करना जरूरी होता है। आपको चाहिए कि आप इसको धूप के अंदर ना रखें यदि आप इसको धूप के अंदर रखते हैं तो इससे यह इंजेक्सन खराब हो सकता है। ‌‌‌इसके अलावा यदि आप इसको फ्रीज के अंदर रखते हैं तो उससे भी आपको काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है तो इस इंजेक्सन को फ्रीज के अंदर रखने से भी आपको बचना होगा यही आपके लिए सही होगा । इसके अलावा आपको चाहिए कि आप इसको बच्चों की पहुंच से दूर रखें। आप इसको कमरे के ताप पर स्टोर कर सकते हैं।

Mikacin 500 mg Injection  को खाना खाने के बाद ले या पहले

दोस्तों इसके बारे मे आप अपने डॉक्टर से बात करें आपका डॉक्टर ही आपको बताएगा कि आप किस तरह से इस इंजेक्सन को ले सकते हैं ताकि आपको किसी भी तरह की समस्या ना हो ।

Mikacin 500 mg Injection  लेने के बाद क्या क्या नुकसान हो सकते हैं ?

Mikacin 500 mg Injection   को लेने के बाद कई तरह के दुष्प्रभाव आपकेा नजर आ सकते हैं। वैसे तो यह दुष्प्रभाव स्थाई नहीं होते हैं। यदि इस इंजेक्सन को लेने के बाद दुष्प्रभाव काफी लंबे समय तक बने रहते हैं तो आपको चाहिए कि आप ‌‌‌एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए बेहतर होगा । बिना डॉक्टर की अनुमति के इसको ना लें ।

  • दस्त,
  • सुनवाई हानि ,
  • कताई सनसनी ( चक्कर ),
  • सुन्न होना,
  • त्वचा में झुनझुनी,
  • मांसपेशियों में मरोड़ और ऐंठन,
  • चक्कर आना,
  • कानों में बजना या गर्जना,
  • एलर्जी,
  • क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल एसोसिएटेड डायरिया (सीडीएडी),
  • त्वचा लाल चकत्ते ,
  • दवा बुखार,
  • सरदर्द,
  • सुन्न होना और सिहरन,
  • कंपन ,
  • जी मिचलाना,
  • उल्टी ,
  • सफेद रक्त कोशिकाओं में वृद्धि ( ईोसिनोफिलिया ),
  • जोड़ों का दर्द ,
  • रक्ताल्पता ,
  • निम्न रक्तचाप , और
  • निम्न रक्त मैग्नीशियम।

Mikacin 500 mg Injection  क्या बच्चों को दिया जा सकता है ?

Mikacin 500 mg Injection   आप बच्चों को दे सकते हैं। लेकिन आपको कितनी मात्रा के अंदर इस इंजेक्सन को देना होगा ? इसके बारे मे आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना होगा । क्योंकि आपको डॉक्टर ही बताएंगे कि यह आपके बच्चे के लिए जरूरी है ‌‌‌या फिर जरूरी नहीं है तो आप इस बारे मे अपने डॉक्टर से बात करना ना भूलें ।

Mikacin 500 mg Injection  को लेते समय क्या सावधानियां  बरती जानी चाहिए

Mikacin 500 mg Injection   यदि आप रहे हैं तो आपको कुछ सावधानियां बरती जानी जरूरी होती हैं। कुछ रोग इस प्रकार के होते हैं कि यह इस इंजेक्सन के लिए सही नहीं होते हैं तो उसके बारे मे आपको डॉक्टर को बताना होगा । जैसे कि

  • निर्जलीकरण
  • पार्किंसन रोग
  • कैल्शियम की कमी
  • बहरापन
  • गुर्दे की बीमारी
  • ड्रग एलर्जी

‌‌‌यदि उपर दिये गए रोग किसी को हैं तो इस इंजेक्सन का सेवन नहीं किया जाना चाहिए । क्योंकि यह आपके लिए काफी अधिक घातक साबित हो सकता है। हम आपको सजेशन देंगे कि आप इसके बारे मे एक बार अपने डॉक्टर से बात करें तभी सही रहेगा ।

Mikacin 500 mg Injection  के ओवरडोज की दशा मे क्या करें ?

दोस्तों यदि Mikacin 500 mg Injection   के ओवर डोज होने का चांस नहीं होगा । यदि आपके डॉक्टर ने आपको जितने समय पर यह इंजेक्सन लगवाना बताया है उतने ही समय पर आपको इस इंजेक्सन को लगाना होगा । और यदि गलती से ओवर डोज हो जाता है तो एक बार ‌‌‌ अपने डॉक्टर को संपर्क करें आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए काफी जरूरी हो जाता है।

Mikacin 500 mg Injection  के एक्सपायरी होने के बाद क्या करें

दोस्तों यदि Mikacin 500 mg Injection   एक्सपायर हो जाता है तो आपको चाहिए कि इस इंजेक्सान का यूज ना करें। क्योंकि यदि आप एक्सपायरी इंजेक्सन का यूज करते हैं तो आपको घातक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं तो आपको इसका उपयोग नहीं करना ‌‌‌ चाहिए यही सही होगा कि आप इसको अपने घर से बाहर फेंक दें या फिर कहीं पर दफनादें ।

Mikacin 500 mg Injection  लेने के बाद भी कोई असर नहीं हो रहा है ?

दोस्तों यदि आप Mikacin 500 mg Injection   ले लिया है। लेकिन उसके बाद भी आपकी समस्या ठीक नहीं हो रही है तो आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से बात करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन ‌‌‌ करें हो सकता है कि वह आपकेा दवा को बदल कर दे सकता है जिससे कि आपको इसका असर दिखना शूरू हो जाएगा ।

Mikacin 500 mg Injection  लेनें के बाद एलर्जी के क्या लक्षण हो सकते हैं

दोस्तों यदि Mikacin 500 mg Injection   को लेने के बाद चेहरे पर खुजली और मुंह पर सूजन, या सांस लेने में कठिनाई हो,  तो इस इंजेक्सन का प्रयोग करना बंद कर देना चाहिए और एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । यही आपके ‌‌‌ लिए काफी अधिक सही होगा । हम इसके बारे मे विस्तार से बात कर चुके हैं।

Mikacin 500 mg Injection  लेना भूल गए हैं तो क्या करें

दोस्तों यदि आप Mikacin 500 mg Injection   को लेना भूल गए हैं तो आपको चाहिए कि आप इसके दो डोज एक साथ ही ना लें। यदि दूसरे डोज का समय हो चुका है तो दूसरा डोज ही लें और पहला डोज ना लें । ‌‌‌क्योंकि यदि आप दो डोज एक साथ लेते हैं तो फिर आपको काफी गम्भीर परीणाम भुगतने पड़ सकते हैं और अपने डॉक्टर से भी आप इसके बारे मे बात कर सकते हैं। और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन किया जाना चाहिए ।

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