मूक का विलोम शब्द, मूक शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, मूक का उल्टा Mook ka vilom shabd
शब्द (word) | विलोम (vilom) |
मूक | वाचाल |
Mook | Vachal |
Silent | talkative |
दोस्तों मूक का विलोम शब्द होता है वाचाल। मूक का मतलब है जिसके अंदर बोलने की शक्ति नहीं हो या जो बोल नहीं सकता है। वही मूक होता है। वैसे मूक एक राक्षस का नाम भी था। खैर आज के जमाने मे यदि आप मूक बने रहते हैं तो लोग आपको वहीं मार देंगे और आपके धन को लूट लैंगे । लोगों की मानसिकता काफी घटिया हो चुकी है।और इसके लिए वे कुछ भी करने को तैयार हो जाएंगे ।
तो आप समझ सकते हैं कि यदि आप मूक बने रहेंगे तो यहां पर आपको कोई भी जीने नहीं देगा । सन 2021 मे जब बंगाल के चुनाव हुए तो लोगों ने जमकर टीएमसी को वोट दिया । और जब वह जीत गई तो उसके बाद दूसरे हारे हुए पक्ष के अंदर आगजनी हो गई।और देखते देखते पूरा बंगाल जल गया । और बेचारे हारे हुए लोग मूक दर्शक बने मार खाते रहे । आपको यह पता होना चाहिए कि ऐसी स्थिति के अंदर यदि आपकी जान तो वैसे भी वे लोग बक्सने वाले नहीं होते हैं तो फिर आपको मूक दर्शन नहीं बने रहना चाहिए ।
बात सिर्फ एक जगह की नहीं है।कहीं पर भी यदि आपके उपर अत्याचार होता है और सामने ऐसे लोग हैं जो तलवार की भाषा समझते हैं तो आप उनके सामने गिड़गिड़ाकर अपना समय जाया ना करें । वरन तलवार उठाकर उनके सामने लड़ें । भले ही आप 1 या दो को मारें और उसके बाद मर जाएं लेकिन हर कमजोर और लाचार इंसान ऐसा करने लगेगा तो सोचो किसी की हिम्मत ही नहीं होगी आपकी तरफ आंख उठाने की लेकिन समस्या यही है कि हम मौत से डरते हैं। मरने के नाम से कांपते हैं। हम भूल गए हैं कि हम जंगली हुआ करते थे ।
जब तक आप मूक बने रहते हैं तब तक आपका हर कोई शोषण करता है हर कोई आपके उपर हावी होने की कोशिश करता है लेकिन जैसे ही आप अपनी मूकता को तोड़ देते हैं। वैसे ही लोग आपसे पीछे हटने लग जाते हैं।
इसलिए आज के जमाने मे मूकता का कोई भी मतलब नहीं है।यदि आप मूकता को बनाए रखते हैं तो फिर आप अपने परिवार और समाज को बस कायरता ही दे सकते हैं। इसके अलावा कुछ नहीं दे सकते हैं। सो आपको मूकता का परित्याग करना चाहिए ।
बकवादी वाचाल का मतलब होता है।इसका अर्थ जो अधिक बोलता है उसके लिए यह शब्द प्रयोग मे लिया जाता है। अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ इंसान ऐसे होते हैं जो बहुत अधिक बातूनी होते हैं या वो बहुत अधिक बोलते हैं।वैसे तो आपको पता ही है कि आजकल बातूनी लोगों का जमाना है। और यदि आप बातूनी हैं तो आसानी से कमाकर खा सकते हैं लेकिन यदि आप बातूनी नहीं हैं तो फिर आपको एक कमजोर इंसान माना जाएगा ।इसलिए जरूरत पड़ने पर आपको बातें भी करने की आवश्यकता है।ताकि आपको हर कोई दबा ना सके ।
दोस्तों प्राचीन काल की बात है। एक गांव के अंदर दो भाई रहा करते थे एक का नाम मूक था तो दूसरे का नाम बातूनी था। वे दोनों अपने नाम के अनुसार ही व्यवहार के अंदर भी अलग अलग ही थे ।
बातूनी जहां अधिक बोलता था वहीं मूक बस कुछ नहीं बोलता था। वे दोनों अपने गधों के उपर सामान बेचने के लिए दूसरे गांव जाते थे । सुबह गधों पर सामान को लाद कर ले जाते और शाम होते होते वापस आ जाते थे ।
एक दिन शाम को जब दोनों सामान बेचकर वापस घर आ रहे थे तो उन्होंने देखा कि कुछ लोग उनकी तरफ बढ़ रहे हैं । देखने मे वे डाकू जैसे लग रहे थे तो बातूनी ने अपने भाई से कहा …..देख सामने कुछ चोर आ रहे हैं। इसलिए अपने हाथ मे अपनी तलवार रखना । उसके बाद जैसे ही चोर उनके पास आए और बोले ………जितना भी सामान है। सब हमारे हवाले करदो ।यदि तुमने ऐसा नहीं किया तो फिर तुमको मरने के लिए तैयार हो जाना होगा ।
……..काट डालों । बातूनी जोर से चिल्लाया । चोर काफी परेशान हुए और डर गए ।बातूनी बोलने मे होशियार था तो वह तेजी से चिल्लाता हुआ चोरों की तरफ बढ़ा ।उसके बाद जैसे ही उसका रोद्ररूप चोरों ने देखा तो वे भी डर गए और एक चोर के बातूनी की तलकार लगी । बेचारे भाग गए ।उधर मूक काफी डर गया और बोल भी नहीं सका ।
उस दिन तो दोनों बच गए ।उन दोनों भाइयों के कुछ दिन इसी प्रकार से गुजरे फिर एक दिन बातूनी अपने भाई के साथ नहीं आया । चोरों ने उसको देख लिया कि बातूनी साथ नहीं है तो वह जैसे ही माल को बेचकर अपने गधे के साथ गांव से निकला तो चोरों ने उसको पकड़ लिया और उसका सारा माल लूट लिया । फिर क्या था उसकी पीटाई भी की गई बेचारा मूक कुछ कर भी नहीं पाया उसके पास सारे हथियार भी थे लेकिन वह चला नहीं पाया और चिल्ला भी नहीं पाया । चोरों ने उसको पीट कर वहीं पर डाल दिया । जब वह अधमरा हो गया तो वे उसे छोड़कर गधे सहित उसके सामान को लेगए ।जब लंबे समय तक मूक नहीं लौटा तो उसका भाई उसकी तलास करने के लिए निकल पड़ा रात हो गई । काफी तलास करने के बाद
बातूनी को उसका भाई रस्ते के अंदर पड़ा हुआ मिला था और चल भी नहीं पा रहा था। बातूनी ने अपने भाई से सारी बात पूछी तो सब उसको समझ आ चुका था। उसके बाद बातूनी ने अपने भाई को गधे पर बिठाया और खुद नीचे चलते हुए ।आ गया ।
दोस्तों इस कहानी से यही शिक्षा मिलती है कि यदि आप समय के साथ नहीं चलते हैं तो फिर काफी समस्या हो सकती है। आप यदि किसी से दब जाते हैं तो फिर वह आपको और अधिक दबाना आरंभ कर देता है। इसलिए कभी भी अन्याय के खिलाफ आपको झुकना नहीं चाहिए । यही आपके लिए उचित है।
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