मूर्ख का विलोम शब्द, मूर्ख शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, मूर्ख का उल्टा , Murkh ka vilom shabd,
शब्द (word) | विलोम (vilom) |
मूर्ख | चतुर, बुद्धिमान |
Murkh | Chatur, Buddhiman |
quality | Non quality |
मूर्ख के बारे मे तो आप जानते ही होगें। मूर्ख इंसान का मतलब है कि जो अनौचित्य पूर्ण कार्य करता है।लोग अज्ञान की वजह से मूर्ख होते हैं।मूर्खों की वैसे इस दुनिया के अंदर कोई कमी नहीं है। और वैसे तो हर इंसान के अंदर कुछ मूर्खता पूर्ण चीजें होती हैं।लेकिन कुछ इंसान ऐसे होते हैं जो कि काफी मूर्खतापूर्ण हरकते करते हैं।जैसे कुछ चोर ऐसे होते हैं जो सिर्फ महिलाओं के अंडरगार्मेंट चुराते हैं। और उसके बाद उनको अपने पास रख लेते हैं। भले ही यह एक बीमारी हो लेकिन कार्य तो मूर्खता का ही है। इसी प्रकार से कुछ इंसान ऐसे भी होते हैं जोकि अपने जीवन के अंदर कभी भी अच्छा नहीं करते हैं लेकिन उसके बाद भी वे दूसरों से अच्छा करने की उम्मीद करते हैं। तो इस प्रकार के लोगों को आप क्या कहेंगे ?
एक मूर्ख इंसान की सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि वह हटकर कार्य करता है। और उसको देखकर लोग उसे अपने आप ही मूर्ख समझते हैं। क्या आपने कभी एक ऐसा लकड़ी काटने वाला देखा है जो उसी डाली को काटता है जिसके उपर वह खड़ा है।
बुद्धिमान एक ऐसे इंसान को कहा जाता है ,जो समझदार, अक्लमंद हो । मूर्ख का विलोम शब्द बुद्धिमान ही होता है। एक समझदार इंसान वह होता है ,जोकि हर कार्य को समझदारी पूर्वक करता है। आपको एक समझदार इंसान अलग से ही दिख जाएगा ।
वैसे कौन इंसान समझदार है ? और कौन इंसान समझदार नहीं है। इसकी पहचान करना बहुत ही आसान है। अक्सर समझदार इंसान करने पर विश्वास करते हैं । वे चिल्लाने पर विश्वास नहीं करते हैं। अक्सर आपको जो चारों तरफ चिल्लाने वाले मिलेंगे ।वे मूर्ख ही होंगे। क्योंकि मूर्ख इंसान चिल्लाने पर अधिक विश्वास करते हैं।
और वैसे भी एक बुद्धिमान इंसान को परिभाषित करना भी बहुत कठिन हो चुका है।इस भौतिकवादी युग के अंदर बुद्धिमान की परिभाषा भी बदल चुकी है। आज एक बुद्धिमान और चतुर इंसान उसे समझा जाता है जोकि बहुत अधिक पैसे वाला हो और जिसके पास पैसों कि कोई कमी नहीं हो ?
लेकिन जिसके पास पैसा नहीं हो लेकिन वह एक अच्छा इंसान हो उसे आज के जमाने के अंदर मूर्ख माना जाता है। इस प्रकार की इंसान की कोई कद्र भी नहीं करता है।
दोस्तों प्राचीन काल की बात है ।एक मूर्खों का गांव था। और उसके अंदर एक से बढ़कर एक मूर्ख रहा करते थे । एक दिन उस गांव के अंदर एक संत का आना हुआ । जब चलते चलते रात हो गई तो संत ने उसी गांव के अंदर डेरा देदिया । और जब भूख लगी तो कटोरा लेकर निकल पड़े। एक घर के अंदर पहुंचकर संत ने कहा …….माई भिक्षा दे ।अंदर से कोई व्यक्ति आया और भिक्षा डालकर चला गया । उस भिक्षा को लेकर संत अपने डेरे पर गया और रोटियां खाने के लिए जैसे ही निकाली तो देखा दोनों रोटी नकली थी और प्लास्टिक की बनी हुई थी संत को कुछ भी समझ नहीं आया । उसने सोचा कि यह किस किस्म के लोग हैं यदि भीक्षा नहीं देनी थी तो मत देते । उसके बाद संत ने दुबारा अपना कटोरा लिया और किसी घर के अंदर जाकर बोले …….माई भिक्षा दो ।
…….अरे भाई तुम रात को काहें भिक्षा मांग रहे हो । दिन के अंदर आन चलो यहां से । और संत को भगा दिया गया ।
उसके बाद संत गई घरों के अंदर घूमा लेकिन किसी भी घर के अंदर से उसे खाना नहीं मिला यह उसके साथ पहली बार हो रहा था। संत को समझ आ चुका था कि आज उसे भूखा ही सोना पड़ेगा । संत उदास मन से बैठ गए । रात को 10 बजे उनके पास एक व्यक्ति आया और बोला ……..महाराज यह लो खाना ?
…….तुम कौन हो और मेरे लिए खाना क्यों लेकर आये हो ? संत ने पूछा
….महाराज मैं चोर हूं । लेकिन मैं साधु संतों का आदर करता हूं ।आप जिस गांव के अंदर बैठे हैं वह मूर्खों का गांव हैं यहां आपको खाना नहीं मिलेगा हो सके तो जल्दी यहां से आपको निकलना चाहिए । यह जगह आपके लिए ठीक नहीं है। और कहते हुए वह चोर वहां से चला गया ।
संत मन ही मन सोच रहे थे कि एक चोर का दिया हुआ खाना खाना पाप होगा लेकिन भूख बहुत थी तो उन्होंने सोचा भले ही वह चोर था लेकिन वह एक अच्छा इंसान था जो बेईमानों के पैसे लूटता हो । और उसके बाद संत ने खाना खाया वहीं पर लैट गये । सुबह जब संत की आंख खुली तो देखा कि वे चिता पर लैटे हुए हैं।यह काफी हैरान करने वाला था। संत काफी डर गए कि मैं कहां फंस गया । उनके हाथ पैर सारे बंधे हुए थे ।और आस पास कोई भी नहीं था। संत को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।
कुछ समय बाद गांव का एक व्यक्ति संत के पास आया और बोला ……..आप जिंदा हैं क्या ?
….हां मैं जिंदा हूं ? संत ने कहा ।
……..लेकिन आप तो मर गए थे । हम आपकी अतिमक्रिया करने की व्यवस्था कर चुके हैं। उसके बाद आपकी समाधी बनाई जाएगी और मंदिर बनाएंगे ।
…….लेकिन मैं जिंदा हूं । और उसके बाद संत ने किसी तरह से रस्सी को मूंह से काटा और वहां से भाग खड़े हुए । यह काफी हैरान करने वाला था। उसके बाद जब गांव वालों ने देखा कि संत तो भाग रहे हैं तो वे उनके पीछे दौड़े और बोले हम आपका मंदिर बनाएंगे । लेकिन हम चाहते हैं कि आप हमारे श्मसान के अंदर मर जाएं। ताकि हमारा श्मसान पवित्र हो जाए ।संत समझ चुके थे कि इन लोगों को कुछ भी समझाना बेकार होगा क्योंकि यह किसी की नहीं सुनने वाले हैं। यह पूरा मूर्खों का गांव है। और इस गांव के अंदर रहना बहुत ही मुश्किल है।
हजार मूर्खों के बीच एक विद्धान इंसान की नहीं चल सकती है।लेकिन हजार विद्धानों के बीच एक मूर्ख आसानी से रह सकता है।
मूर्ख विलोम शब्द Murkh ka vilom shabd kya hai लेख के अंदर हमने मूर्ख इंसानों के बारे मे विस्तार से जाना उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा यदि आपका कोई विचार है तो नीचे कमेंट करके हमें बताएं ।
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