मुसीबत का पर्यायवाची शब्द या मुसीबत का समानार्थी शब्द (musibat ka paryayvachi shabd / musibat ka samanarthi shabd) के बारे में आपको इस लेख में काफी विस्तार से जानने को मिलने वाला है । इसके साथ ही आपको यह भी जानने को मिलेगा की मुसीबत का मतलब क्या होता है । और यह मानव जीवन में किस तरह से आती है ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
मुसीबत | संकट, दुःख, आपत्ति, समस्या, मुश्किल, आपदा, वेदना, कठिनाई, आफत, विपत्ति, विपदा, परेशानी, बला, अवसाद, दर्द, शोक, अफ़सोस, दुर्भाग्य, पीड़ा, शूल, दुख, बियाधि, रंजोगम, खिन्नता, खेद, मातम, गम, दुखड़ा, कष्ट, व्यथा, रंज । |
मुसीबत in Hindi | sankat, duhkh, aapatti, samasya, mushkil, aapada, vedana, kathinaee, aaphat, vipatti, vipada, pareshaanee, bala, avasaad, dard, shok, afasos, durbhaagy, peeda, shool, dukh, biyaadhi, ranjogam, khinnata, khed, maatam, gam, dukhada, kasht, vyatha, ranj . |
मुसीबत in English | trouble, difficulty, disaster, hardship, misery, ill. |
दोस्तो मुसीबत का अर्थ होता है संकट या परेशानी । जैसे की आपके जीवन मे किसी तरह की परेशानी चल रही है । या फिर आपके जीवन पर किसी तरह का संकट आ जाता है तो उसे मुसीबत कहा जाता है । अक्सर मुसीबत में मानव को पीड़ा का सामना करना पड़ता है । और जीस किसी कारण से पीड़ा होती है तब मुसीबत कहा जा सकता है । क्योकी मुसीबत का एक अर्थ पीड़ा भी होता है । इसके अलावा मुसीबत को आफत के नाम से भी जाना जाता है और यही कारण है की मुसीबत का अर्थ आफत होता है । इसके अलावा भी मुसीबत शब्द के अनेक तरह के अर्थ हो सकते है जो है –
इस तरह से दोस्तो मुसीबत के अनेक तरह के मतलब होते है । जो की असल में मुसीबत के पर्यायवाची शब्द ही होते है । क्योकी मुसीबत के अर्थ का मतलब है जो मुसीबत शब्द के समान अर्थ वाला शब्द होता है । और पर्यायवाची शब्द समान अर्थ वाले ही होते है ।
दोस्तो मुसीबत का मतलब होता है संकट या परेशानी का होना । जैसे की कोई विद्यार्थी अध्ययन करने के लिए दूर स्कूल में पैदल जाता है । और जब वह एक दिन विद्यालय में जाता है तो रास्ते में बारीस होने लग जाती है । जिसके कारण से उस विद्यार्थी को काफी परेशानी होती है । तो यह एक तरह की मुसीबत हो सकती है ।
हालाकी अगर मानव के जीवन की बात करे तो मुसीबत अनेक तरह की हो सकती है।
जैसे की आप किसी तरह की जॉब करते हो और अचानक वह जॉब से निकाल दिए जाते हो । और आप फिर किसी अन्य तरह की जॉब की तलाश में लगते हो । मगर आपको जॉब नही मिलती है । तो इस तरह से आपको काफी परेशानी का समाना करना पड़ता है । तो हम कह साकते है की यह भी मुसीबत होती है।
हालाकी मुसीबत शब्द का प्रयोग किसी तरह के अटेक या समस्या से जुड़ा होता है । जैसे की किसी तरह की दुर्घटना होना जिसमें आपको पीड़ा का सामना करना पड़े तो वह मुसीबत होती है । जब भूकंप आता है तो यह भी एक मुसीबत के रूप में जाना जाता है ।जब किसी तरह की बाढ आती है तो यह भी मुसीबत है । आप बार बार बीमार हो जाते हो तो यह भी मुसीबत है । कहने का अर्थ है की मुसीबत वह है जिसमें परेशानी या संकट आता है ।
आज हम अनेक लोगो को अपना मित्रा बना लेते है । जब भी कही पर जाते है तो नए नए लोगो से मिलते है और उनसे बात करना अच्छा लगता है तो उन्हे अपना मित्र बना लेते है । मगर वे कुछ समय के लिए बने हुए मित्र होते है । मगर बहुत से मित्र ऐसे भी होते है जो की हमारे साथ पढते है । और काफी वर्षों से पढने के कारण से हम उन्हे अपना सच्चा मित्र मानते है ।
हम मानते है की यह मित्र हमारे लिए पूरी तरह से सही है । यह मित्र हमे कभी भी धोका नही देगा । और जब हम पर किसी तरह की मुसीबत आती है तो यही मित्र सबसे पहले हमारी मदद करेगा ।
मगर दोस्तो ऐसा नही होता है । क्योकी मुसीबत के आने पर बहुत मित्र हमारी मदद नही करते है बल्की वे ऐसा दिखाते है की वे मदद तो करना चहाते है मगर कर नही सकते है । तो ऐसे लोग कभी भी मित्र नही होते है ।
और यही कारण है की कहा गया है की मुसीबत आने पर ही मित्र की परख होती है ।
इसे इस तरह से समझा जा सकता है की जब आप किसी मुसीबत मे होते है ।तो उस मुसीबत से निकलने के लिए आपको किसी की मदद चाहिए होती है । और मदद के लिए अपने मित्रो के पास जाते हो । तो आपके मित्र कहते है की मै तुम्हारी मदद करना चाहता हूं मगर कर नही सकता । तो दोस्तो यही पर समझ जाना चाहिए की वह मित्र आपके लिए सही नही है।
क्योकी मित्र तो वही है जो की हमे मुसीबत मे देख कर हमारी मदद कर देता है । अगर आप कभी मुसीबत में हो और इस बारे में आप अपने मित्र को नही बताओ । मगर आपका मित्र जब इस बारे मे जानता है तो वह बिना कुछ सोचे समझे और आपके बुलाए बिना ही आपकी मदद करने के लिए आ जाता है तो वही मित्र आपके लिए सही है । इस तरह से जो मित्र हमारी मुसीबत में सहायता करते है वे ही मित्र है । क्योकी कहा गया है की मित्र वही है जो की मुसीबत या विपत्ति में हमारा साथ देता है ।
इस कारण से कहा जाता है की मुसीबत के आने से मानव अपने मित्र की परख कर सकता है ।
दोस्तो संसार के हर जीवन में मुसीबत आती है । केवल आप ही नही हो जिसके जीवन में मुसीबत आ रही है। बल्की छोटो से लेकर बड़े जीवन जंतुओ के जीवन में भी मुसीबत आती है । जैसे की एक चिंटी की बात करे तो उसके जीवन में जीतनी मुसीबत है शायद ही किसी अन्य जीवन में होगी । क्योकी कहा जाता है की चिंटी के जीवन में पल पल मुसीबत है । यानि वह हमेशा मुसीबत में रहती है ।
मगर उसी तरह से मनुष्य के जीवन में भी मुसीबत होती है । हालाकी यह चिंटी से अलग प्रकार की होगी । मगर दोस्तो मनुष्य जब मुसीबत में होता है वह अशांत हो जाता है और उसे यह समझ में नही आता है की उसे क्या करना चाहिए की वह जल्द से जल्द मुसीबत से निकल पाए ।
तो जो भी लोग मुसीबत में होते है उन्हे सबसे पहले शांत रहना होगा । इसके अलवा मुसीबत से निकलने के लिए सघर्ष तो करना ही होगा । जिसके मगर अंतिम समय तक सघर्ष करते रहना होगा तभी आप उस मुसीबत से निकल पाओगे ।
जब एक योद्धा यूद्ध लड़ता है तो वह अंतिम समय तक युद्ध लड़ता रहता है तभी वह जीवित रह सकता अगर वह पहले ही हार मान लेता है तो मारा जाता है । इस कारण से अंतिम समय तक सर्घष करना होगा । इसके अलावा चार्णक्य जी कहते है की मुसीबत के समय धन की आवशयक्त होती है जिसके कारण से पहले ही धन को महत्व देना चाहिए । और धन को इकट्ठा करते रहना चाहिए ।
किसी भी मुसीबत से बचने के लिए स्वयं को स्वस्थ रखना होता है । अगर आप भी मुसीबत में बीमार हो जाते हो तो मुसीबत से निकलना मुश्किल हो जाता है । जिसके कारण से मुसीबत के समय में स्वयं को स्वस्थ रखना काफी जरूरी होता है ।
इसके अलावा मुसीबत से निकलने के लिए अपने शांत दिमाग का उपयोग करे । क्योकी शांत दिमाग मुसीबत से निकलने के लिए अच्छी सलाह दे सकता है । अगर आप अशांत होते है तो आप अपनी बुद्धि का सही उपयोग नही कर पाते है और मुसीबत से नही निकल पाते है । जिसके कारण से बुद्धि का सही प्रयोग करने के लिए शांत रहना होगा ।
कभी भी अपने आप को कमजोर नही समझान चाहिए । अपने आप को सबसे अधिक ताक्तवर समझना चाहिए । तभी आप मुसीबत को अपने आप से दूर कर सकते हो । क्योकी अपने आप को कमजोर समझने पर मुसीबत का सामना नही किया जा सकता है । अगर ताक्तवर समझते हो तो पॉजिटीव उर्जा आपके पास होती है जो की मुसीबत को दूर कर सकती है ।
इसके अलावा किसी भी मुसीबत से निकलने के लिए कभी झूठ का सहारा नही लेना चाहिए । क्योकी झूठ बोलने पर आप कुछ समय के लिए मुसीबत से दूर हो सकते हो । मगर एक न एक दिन आप फिर से उसी तरह की मुसीबत में फस जाओगे जो की आपने झूठ बोल कर दूर की थी । मगर अब यह मुसीबत काफी बड़ी होगी ।
अत: किसी भी मुसीबत से निकलने के लिए शांति काफी अधिक जरूरी होती है ।
इस तरह से दोस्तो मुसीबत के पर्यायवाची शब्द या मुसीबत के सामनार्थी शब्द के बारे में आपको जानकारी हो गई होगी ।
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