नेत्र का पर्यायवाची शब्द या नेत्र का समानार्थी शब्द (netra ka paryayvachi shabd / netra ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में बडे ही विस्तार से जानने वाले है । इसके अलावा हम नेत्र से जुडी विभिन्न तरह की जानकारी के बारे में चर्चा करेगे जैसे नेत्र क्या है, इसके रोचक तथ्य क्या है आदी ।
नेत्र | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd // samanarthi shabd) |
नेत्र | आंख, लोचन, नज़र, नैन, चश्म, चख, अक्षि, दृष्टि, अम्बक, चक्षु, दृग, विलोचन, नयन, दृगेंद्रिय, निगाह आदी । |
नेत्र in Hindi | aankh, lochan, nazar, nain, chashm, chakh, akshi, drshti, ambak, chakshu, drg, vilochan, nayan, drgendriy, nigaah aadee . |
नेत्र संस्कृत में | अक्षि , नयनम् |
netra in English | eye, glimmers. |
जीवधारियो में किसी भी दृश्य को देखने के लिए एक विशेष अंग पाया जाता है जिसे नेत्र या आंख कहते है । इसका मुख्य कार्य किसी भी दृश्य को अच्छी तरह से देखना और फिर दिमाग को इसकी सुचना देना होता है । जिसे अनेक नामो से जाना जाता है जो की इसके अर्थ होते है –
इस तरह से कह सकते है की जो शब्द नेत्र के पर्यायवाची है वही इसके अर्थ होते है ।
दोस्तो मनुष्य में पाई जाने वाली नेत्र जिसे आंख भी कहा जाता है वह मानव के लिए काफी अधिक उपयोगी होती है । क्योकी मानव जीवन में दृश्य का होना आवश्यक है और यह आंख या नेत्र उसी कमी को दूर करता है ।
मगर क्या आपको मालूम है की मानव की यह आंख ज्यादा बडी नही होती है और इसी कारण से इसका वजन 7.5 ग्राम ही होती है । कितनी अजीब बात है की मानव में पाई जाने वाली 7.5 ग्राम की आंखे इतनी अधिक महत्वपूर्ण होती है की दिमाग का आधे से ज्यादा हिस्सा इसी को संभालने में लगा रहता है।
अगर दिमाग का यह हिस्सा इस आंख को संभालने का काम नही करता है तो आंख पूरी तरह से बेकार हो जाती है और मानव का पूरा का पूरा शरीर बडी कठिनाईयो से चलात है ।
अगर इसका अनुभव करना है तो आप अपने नेत्रो पर कुछ दिनो तक पट्टी बांध कर रखे और किसी भी वस्तु को बिना देखे ही ढूंढे ताकी आपको आसानी से समझ मे आ जाएगा की मानव की 7.5 ग्राम की आंख कितनी अधिक महत्वपूर्ण होती है ।
दोस्तो जीस तरह से मानव नेत्र 7.5 ग्राम के वजन की होती है तो जाहिर होगा की इसका साइज भी ज्यादा बडा नही होगा । और ऐसा ही होता है क्योकी साधारण व्यक्ति की आंखो का साइज 6.5 cm3 ही होता है । इस तरह से कुल 6.5 cm3 की दो आंखे हमारे शरीर में पाई जाती है । और इन्ही से हमने संसार भर का दृश्य देखने को मोका मिलता है ।
हमारी आंख बडी शक्तिशाली होती है क्योकी यह एक साथ बहुत से रंगो को देखने की ताकत रखती है । जो की कुल 6.5 cm3 के आकार में ही देख लेती है । अगर हमारी आंखे और अधिक बडी होती तो हम रात को भी आराम से देख सकते थे ।
दोस्तो मानव की आंखे इतनी अधिक बडी नही होती है क्योकी इससे बडी आंखे तो बहुत से जानवरो की देखने को मिल जाती है । और बताया जाता है की जीस किसी भी जीव की आंखे बडी होती है वह अंधेर में भी देखने की क्षमता रखता है ।
इस तरह से व्हेल, सील और शुतुरमुर्ग कुछ ऐसे जीव है जिनके नेत्र बडे होते है ।
आज मानव अपने जीवन में नेत्र को अधिक से अधिक उपयोग कर रहा है और हमारे दिमाग का आधे से ज्यादा हिस्सा इसी नेत्र को संभालने में लगा रहता है । क्योकी मानव में नेत्र का बहुत ही बडा योगदान होता है और इसी के कारण से बहुत कुछ होता है । मगर कभी कभार मानव के इसी नेत्र मे बिमारिया होने लग जाती है । जिन्हे नेत्र रोग या नेत्र की बीमारी कहा जाता है जो है –
यह एक नेत्र रोग होता है जिसे साधारण भाषा में आंख आना कहा जाता है । इसे अलावा वैज्ञानिक भाषा में इस रोग को एक अन्य नाम से ही जाना जाता है जो है conjunctivitis । इस बीमारी के होने के बाद में व्यक्ति स्वयं ही यह पता लगा सकता है की उसे आई फ्लू हुआ है क्योकी इसके लक्षण बहुत ही सरल होते है ।
जिनमें से नेत्रो में सूजन देखा जा सकता है । कुछ रोगियो में अलग तरह के लक्षण भी होते है जिनमें उन्हे ऐसा लगता है की मानो उनके नेत्र उन्हे चुभ रहे हो । इसके साथ ही हमारी नेत्रो से आंसू आना देखा जा सकता है । साधारण रूप में आंखो में से आसू आना आम बात होती है मगर इस बीमारी के समय आंखो से आसू बार बार आते रहते है और इनके साथ कुछ गाडा प्रदार्थ भी देखने को मिल सकता है ।
जिससे इसे किचड आना भी कहा जाता है । अगर यह किसी व्यकित में लक्षण दिखाई देते है तो उसे समझ जाना चाहिए की उसे आई फ्लू हो गया है ।
दोस्तो यह भी एक नेत्र रोग होता है जिसे आंखो का रोग भी कहा जाता है । इस रोग का साधारण लक्षण यही होता है की मरीज को ऐसा कुछ दिखाई नही देता है जो दूर हो । अक्सर बच्चो में इस रोग को देखा गया है और उनके आचरण के आधार पर ऐसा पता चला है की जीस बच्चे में यह रोग है उसे पढाई करने में काफी कठिनाईयो का सामना करना पडता है ।
क्योकी वह दुर क्या लिखा है यह देख नही सकता है । जिसके कारण से वह पास से पढने की कोशिश करता है । चाहे इसमें ब्लेक बोर्ड पर लिखा हुआ है या किताबो में सब कुछ पास से ही देखता है । इस तरह के बच्चो को देखने के बादमें उनके नेत्रो की जाच करवानी चाहिए ताकी सही समय पर इलाज किया जा सके ।
यह एक तरह का नेत्र रोग होता है । जो की आपके आस पास भी देखने को मिल सकता है । मगर यह उन ही लोगो में देखने को मिलता है जिनकी उम्र 50 वर्षो से अधिक हो गई है । इस बीमारी को पहचानने का केवल एक मात्र तरीका यही होता है की दूर जो भी होता है वह मरीज को दिखाई नही देता है और इसके साथ ही वह अपने नेत्रो की रोशनी को पूरा खत्म कर देती है । क्योकी इस बीमारी के लंबे समय से चलने के कारण से आंखे पूरी तरह से कमजोर हो जाती है और कुछ दिखाई नही देता है ।
यह एक नेत्र रोग होता है जिसे कांचियाबिंद के नाम से भी जाना जाता है । अगर किसी व्यक्ति को यह बीमारी होती है तो उसे समय पर इलात करवाना चाहिए क्योकी यह बीमारी पिढी दर पिढी आगे बढती रहती है ।
जैसे अगर किसी व्यक्ति को यह बीमारी है तो उसके बच्चो को भी यह बीमारी हो सकती है । इस बीमारी में रोगी को शाम के समय तेज सिर दर्द का सामना करना पडता है । दूसरा लक्षण यह भी होता है की रोगी की आंखो के दोनो तरफ रखी वस्तुओ को वह समय के साथ कम देखने लगता है क्योकी उसे दिखाई देना बंद होता रहता है ।
अगर रोगी को चश्मा लगा है तो इस बीमारी का आसानी से पता चल सकता है क्योकी चश्मे का नम्बर जल्दी जल्दी बदल जाता है । अगर यह सब लक्षण देखने को किसी व्यक्ति में मिलते है तो उसे तुरन्त डॉक्टर के पास जाना चाहिए ।
इस तरह का रोग नेत्रो में देखा जाता है। जिसे हिंदी में शुष्क आंख कहा जाता है। इसमें मरीज की आंखो में तेज जलन होते देखी जा सकती है । इसके अलावा आंखो में इस तरह से धूधलापन आती है की जैसे ही पलके झपकती है तो वह दूर हो जाता है । अगर यह लक्षण है तो तुरन्त डोक्टर से मिले ।
दोस्ते मधुमेह रोग वैसे तो नेत्रो का रोग नही होता है मगर यह नेत्रो पर इस तरह का प्रभाव डालता है की नेत्रो की देखने की छमता में धूंधलापन आ जाता है और काले रंग के धब्बे देखने को भी मिलने लग जाते है । जिसके कारण से इसे आंखो का रोग कह सकते है ।
इस तरह की बीमारी नेत्रो की बीमारी होती है और यह जानवर और मनुष्य दोनो के एक ही पानी में नहाने के कारण से होती है । विशेषकर कुछ स्थानो पर तालाब बने हुए है वही जानवर नहाते है और वही मनुष्य तो ऐसे स्थानो पर इस बीमारी को देखा जा सकता है । इसमें आंखो में एक मस्सा देखने को मिलता है । जिससे खुन निकलता रहता है ।
इस तरह से नेत्रो में होने वाले रोगो में से कुछ प्रमुख रोग थे । जिसका हर किसी को जानकारी होना चाहिए । ताकी स्वयं के अलावा अपने आस पास के लोगो को भी इस बारे में बताया जा सके और उनकी भी मदद की जा सके ।
नेत्र हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योकी यह अनेक तरह के दृश्य को हमे बताता रहता है और आज के समय में यह बहुत ही जरूरी हो गया है । इस कारण से अपने नेत्रो को सही सलामत रखना हमाना कर्तव्य है ।
अगर आज इनकी देखभाल नही की जाती है तो आने वाले समय में हमे घातक बीमारियो का सामना करना पड है । और हमे अंधेपन का सामना करना पड सकता है ।
इस तरह से हमने नेत्र का पर्यायवाची शब्द या नेत्र का समानार्थी शब्द के बारे में बडे ही विस्तार से जाना है ।
क्या आपने कभी नेत्रो की बीमारी को अपने आस पास देखा है? बतान न भूले ।
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