निर्मल का विलोम शब्द बताएं, निर्मल शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, निर्मल का उल्टा , nirmal ka vilom shabd
शब्द (word) | विलोम (vilom) |
निर्मल | मलिन |
nirmal | Malin |
Nirmal | Filthy |
निर्मल का विलोम शब्द मलिन होता है। और निर्मल का मतलब जिसके उपर कोई गंदगी नहीं लगी हो वह निर्मल होता है। या जिसमे गंदगी नहीं हो वही निर्मल है। वैसे निर्मल पदार्थ संदर्भ मे भी प्रयोग किया जाता है। जैसे सोना जब किसी खान से निकलता है तो पूरी तरह से शुद्ध नहीं होता है। इसके अंदर कई प्रकार की गंदगी होती हैं।उसके बाद इस सोने को कई प्रोसेस से गुजारा जाता है ताकि इसकी गंदगी निकल जाए ।और फिर ही इसका यूज किया जाता है। यह तो होती है पदार्थ की निर्मलता । अब इसी प्रकार से कपड़े भी पदार्थ के बने होते हैं। कपड़ों पर गंदगी लग जाती है तो उनकों निर्मल करने के लिए हम साबुन से धोते हैं।
इसी प्रकार से एक होती है विचारों की निर्मलता ।आजकल पदार्थ की निर्मलता पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाता है लेकिन मन की निर्मलता पर कोई खास ध्यान नहीं देता है। आप जैसे ही घर से बाहर निकल कर देंखेंगे आपको हर तरफ चमकते हुए कपड़े पहने लोग मिल जाएंगे । लेकिन यदि आपके अंदर दूसरों के मन को पढ़ने की काबिलियत है तो आप देखेंगे कि लोग रोज नहाते हैं लेकिन जैसे मन की गंदगी को साफ करना भूल जाते हैं क्योंकि वे मन का होना खुद का होना समझते हैं। और इसका परिणाम आपको नजर आता है। बढ़ते क्राइम कपड़ों की मलिनता की वजह से नहीं वरन बढ़ती मन की मलिनता से होते हैं।
अक्सर निर्मलता का मतलब है शुद्व और स्वच्छ होना लेकिन मन की शुद्धता इसके अंदर बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। और इसके लिए सरकार भी कोई कोर्स या शिक्षा कभी भी शूरू नहीं करेगी । क्योंकि सरकारों को भी तो हम ही चुनते हैं जैसे हम होंगे सरकारे भी हमारे जैसी ही होगी ।
वैसे मलिन का मतलब गंदगी होता है। पदार्थ की मलिनता का मतलब यह है कि किसी पदार्थ के अंदर अनुपयोगी तत्व का होना है। जैसे सोने के अंदर बेकार के तत्वों को निकाल कर उसको उपयोग के योग्य बनाना । पदार्थ जब मलिन होता है तो उसकी मलिनता को निकाला जाता है। इसी प्रकार से जैसा कि मन की मलिनता के बारे मे हम जानते ही हैं।मन की मलिनता का मतलब यह है कि मन के अंदर गंदे विचार जो समाज या परिवार को नुकसान पहुंचाते हैं। और आजकल सबसे अधिक मन की मलिनता ही लोगों पर हावी है। वैसे आपको बतादें कि बहुत से लोग मन की मन की मलिनता को दूर करने मे लगे हुए हैं और इसके लिए वे बहुत अधिक प्रयत्न कर भी रहे हैं। हालांकि इसमे अभी भी बहुत समय लगेगा ।
प्राचीन काल की बात है एक संत के 3 शिष्य थे । संत ने अपने शिष्यों को अपने पास बुलाया और कहा …….मैं तुम तीनों की परीक्षा लेना चाहता हूं कि तुम मेरे ज्ञान को कहां तक ग्रहण कर पाये हो ।
……….ठीक है गुरू देव आप बतायें की हमें क्या करना होगा ?
……..आप तीनों तीन दिशाओं के अंदर जाओ और एक निर्मल इंसान को लेकर मेरे पास लेकर आओ जो सबसे महत्वपूर्ण हो ।
गुरू की आज्ञा मानकर तीनों शिष्य तीनों दिशाओं के अंदर चल गए । सबसे पहले रामनिवास नामक एक शिष्य ने एक बहुत ही सुंदर इंसान को देखा और उसके पास गया …..जनाब आप मुझे सबसे सुंदर दिखे ? क्या आप बता सकते हैं कि आस पास के क्षेत्र के अंदर सबसे सुंदर इंसान कौन है ?
……जी आपको सुंदर स्त्री चाहिए या एक सुंदर पुरूष ?
……जी जो भी सुंदर दिखता हो पुरूष हो या स्त्री ?
……..यहां से कुछ दूरी पर पर राजकुमारी रमणा का महल है। वह सबसे सुंदर नारी है। आस पास मे उसकी सुंदरता की चर्चा होती है। रामनिवास वहां पर गया और सुंदर रमणा की फोटो ली । हालांकि रामनिवास ने रानी को गुरूदेव के आक्ष्रम मे आने का न्यौता दिया । उसके बाद रामनिवास ने आस पास के लोगों से सबसे सुंदर पुरूष के बारे मे पूछा तो लोगों ने एक राजकुमार का नाम बताया । रामनिवास ने उसका फोटा लिया और उसे भी न्योता दे आया । उसका काम बहुत ही जल्दी खत्म हो गया ।
दूसरे शिष्य का नाम नागराज था। वह भी एक गांव के व्यक्ति के पास पहुंचा और पूछा ……क्या आप बता सकते हैं कि यहां पर सबसे सुंदर पुरूष कौन सा है ?
……यहां पर एक राजा रहता है उससे सुंदर कोई नहीं है। वह व्यक्ति बोला ।
और उसके बाद नागराज उस राजा के पास गया और बोला ……..महाराज मैंने सुना आप बहुत सुंदर हो ।इसलिए अपनी सुंदरता को प्रमाणित करने के लिए अपने गुरू के सामने आपको उपस्थित करना चाहता हूं । मेरे गुरू मेरी परीक्षा ले रहे हैं।
………ठीक है हम आपको गुरू के सामने आएंगे। राजा ने कहा था।
इस प्रकार से नागराज काफी संतुष्ट हुआ और चला गया ।
अब अंतिम शिष्य जिसका नाम सोमनाथ था।उसे भी एक निर्मल इंसान की तलास थी।वह कई कई संत महात्माओं के पास गया लेकिन उसे कोई भी निर्मल इंसान नहीं मिला उसके बाद एक संत ने उसे एक ऐसे इंसान के बारे मे बताया जो सच मे निर्मल था। सोमनाथ जब उस इंसान के पास गया तो देखा कि वह एक भीखारी था और एक मंदिर के अंदर बैठा राम के भजन गा रहा था।सोमनाथ ने उसके चरण कमलों मे प्रणाम किया और अपनी समस्या बताई तो वह उसी वक्त सोमनाथ के साथ चलने को तैयार हो गया ।
तय समय पर आक्ष्रम के अंदर बहुत राजा और रानी आए । चारो और रौनक ही थी। सैनिक भी उनके साथ आए थे । गुरू ने सबसे पहले गुरू ने रामनिवास से पूछा …….हां बताओ नागराज तुम किसे लेकर आए हो ?
……जी गुरू देव वो राजा और रानी मेरी नजर मे सबसे अधिक निर्मल हैं। उन्होंने सुंदर कपड़े पहने हैं।
……हां तो नागराज तुम किसे लेकर आये हो ?
……गुरूदेव राजा हैं जिनको मैं लेकर आया हूं।
गुरूदेव काफी निराश हुए फिर बोले ……सोमनाथ तुम किसे लेकर आये हो ?
…….जी गुरूदेव वो एक भिखारी हैं ।
और इतने मे सब हंसने लगे लेकिन तभी गुरूदेव ने उस भिखारी को बुलाया और उसे बहुत अधिक भला बुरा कहा ।
… गुरूदेव आपको भला बुरा करना शोभा नहीं देता है । आप ऐसा ना करें । लेकिन वह भिखारी शांत था।
……..सोमनाथ तुम जीत गए हो । सचमुच तुम्हारी द्रष्टि बदल गई है। क्योंकि तुम जानते हो बाहर की निर्मलता उतनी महत्वपूर्ण नहीं है जितनी की अंदर की निर्मलता है भले ही यह भीख मांगता है लेकिन यह खुद निर्मल है।किसी का बुरा नहीं करता है। और नागराज और रामनिवास तुम्हारी द्रष्टि आज भी भौतिक चीजों को देखती है। तुम्हे और अधिक मेहनत करने की जरूरत है।
धैर्य का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , धैर्य का उल्टा क्या होता है…
भलाई का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , भलाई का उल्टा क्या होता है…
चोर का विलोम शब्द, चोर शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, चोर का उल्टा Chor vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)चोर पुलिसChor police …
सजीव का विलोम शब्द या सजीव का विलोम , सजीव का उल्टा क्या होता है…
सुगंध का विलोम शब्द, सुगंध शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, सुगंध का उल्टा Sugandh vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)सुगंध दुर्गन्धSugandh Durgandh …
रोगी का विलोम शब्द, रोगी शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, रोगी का उल्टा Rogi ka…