निशा का विलोम शब्द या निशा का विलोम , निशा का उल्टा क्या होता है ? Nisha ka vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
निशा | दिन |
Nisha | Day |
दोस्तों निशा का विलोम शब्द होता है दिन । दोस्तों निशा का अर्थ होता है रात । रात को हम निशा के नाम से जानते हैं। निशा वैसे एक लड़की का नाम भी होता है। रात को ठंडक के तौर पर देखा जाता है। और लडकियों का स्वाभाव भी नरम होता है। इसलिए उनको निशा के तौर पर कहा जाता है। दोस्तों निशा तब होती है जब सूरज डूब जाता है। दिन और रात धरती पर आते रहते हैं। दिन के अंदर हम काम करते हैं और रात के अंदर आराम करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी स्थान होते हैं जिनके अंदर निशा नहीं आती है। मतलब 6 महिने तक दिन रहता है और उसके बाद 6 महिने पर रात होती है।
निशा को अंधकार के तौर पर देखा जाता है। अंधकार दो तरह का होता है एक तो जहां पर प्रकाश नहीं होता है उस स्थिति को अंधकार के नाम से जाना जाता है। दूसरा अंधकार होता ज्ञान के बिना । जब किसी इंसान को सत्य का ज्ञान नहीं होता है तो उसे अंधकार के नाम से जाना जाता है।
जगत के अंदर अंधकार के उदाहरण आपको देखने को मिल सकते हैं। यहां पर दिन के अंदर भी अंधकार भरा पड़ा है। एक बार जन्म लेने के बाद इंसान को यह लगता है कि वह पूरी पृथ्वी पर ही फतह हाशिल कर लेगा । और उसके बाद वह फतह हाशिल करने के लिए निकल पड़ता है। लेकिन आपको तो यह पता ही है कि यहां पर कोई भी फतह हाशिल नहीं कर पाता है। प्राचीन काल के अंदर राजा सिकंदर ने यही सोचा और फतह हाशिल करने के लिए निकल पड़ा और उसने अनेक राज्य को जीता और खूब मारकाट मचाई लेकिन उसके बाद उसे लगा कि इसके अंदर कोई भी फायदा नहीं है। तो सब छोड़ दिया । कहा जाता है कि जब उसकी मौत हुई तो उसने अपने लोगों को कहा मरने के बाद उनके दोनों हाथ बाहर लटका दिये जाएं ।
और उसकी मौत के बाद हुआ भी ऐसा । उसके दोनो हाथ अर्थी से बाहर लटका दिये गए । और उसके बाद सबने देखा कि करोड़ों के धन दौलत के अंदर राजा सिकंदर तो कुछ भी नहीं ले जा सका । और यही सत्य है। भले ही आप इस धरती पर आकर कुछ भी करते हैं। लेकिन उनमे से अधिकतर काम ऐसे होते हैं जोकि आपके लिए किसी काम के नहीं होते हैं। वे एक तरह से व्यर्थ ही होते हैं। आप शादी करते हैं बच्चे पैदा करते है मकान बनाते हैं यह सब किसी काम के नहीं है। और इनमे से कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है। सबसे अधिक उपयोगी है वह यह है कि आप एक आत्मा हैं और आप अपनी यादों को सही करें । क्योंकि आपका शरीर एक हार्डवेयर है जिसकी मदद से आप ऐसा कर सकते हैं। और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका यह हार्डवेयर कब फैल हो जाए । तो आपको सबसे पहले यही काम करना चाहिए ।
लेकिन इस तरह का काम हर किसी के करना बस की बात नहीं है। वे संसार के अंदर पैदा होने के बाद फालतू चीजों के अंदर लग जाते हैं। और अंत समय आता है तो उसके बाद उनके पास पछताने के अलावा और कोई चारा नहीं होता है। तो आपको ऐसा नहीं करना चाहिए ।
अब आप समझ गए होंगे कि जीवन के अंदर निशा को बनाये रखना सही नहीं होगा आपको अपने अंदर दिन का उजाला करना होगा तभी आपके लिए सब कुछ सही होगा । वरना तो अंधकार के अंदर ही रह जाएंगे । उजाला आप देखेंगे लेकिन उसमे से कुछ भी असली नहीं है।
वैसे दिन के बारे मे हम आपको क्या बताएं । क्योंकि दिन के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। रात होती है और उसके बाद दिन आता है। इसी तरीके से यह सारा क्रम चलता रहता है। रात को हम आराम करते हैं और दिन मे काम करते हैं। दोस्तों दिन के अंदर उजाला होता है। और इंसान उजाले के अंदर ही सही तरीके से देख सकता है। क्योंकि उसकी आंखें इसी तरीके से बनी हैं। दोस्तों दिन सूर्य की वजह से होता है। एक दिन भी यदि सूर्य ना निकले तो कितनी समस्या होती है। खासकर जब ठंड का मौसम होता है तो सूर्य बहुत अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। क्योंकि ठंड लगने पर हम यही सोचते हैं कि काश सूर्य निकल जाए तो बात बन जाए । सूर्य वैसे धरती का चक्र नहीं लगाता है। यह एक आग का गोला है जिसकी भी उम्र होती है।
और यह अपनी आधी उम्र को पार कर चुका है। लेकिन एक समय ऐसा भी धरती पर आएगा जब सूर्य एकदम से ठंडा हो जाएगा और सब कुछ समाप्त हो जाएगा । लेकिन चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि निकट भविष्य के अंदर ऐसा नहीं होने वाला है तो आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। लेकिन भविष्य मे एक दिन ऐसा होगा ही है।
लेकिन यह भी हो सकता है कि सूर्य के खत्म होने से पहले ही हम इंसान खत्म हो जाएं क्योंकि जिस तरह के हथियार हम इंसानों ने बना रखें हैं उससे देखकर तो यही लगता है कि एक ना एक दिन हम सभी खत्म होने ही वाले हैं। परमाणु बम बहुत ही खतरनाक होते हैं। और जिस जगह पर यह एक बार गिर जाते हैं वह जगह ही
पूरी तरह से बेकार हो जाती है। वहां पर दिन जैसा बचता ही नहीं है और जो लोग इसके अंदर बच जाते हैं उनके बच्चे जब होते हैं तो वे अपाहिज पैदा होते हैं। जापान के हिरोशिमा और नागाशाकी का नाम तो आपने अच्छी तरह से सुनी ही होगा जिसके उपर परमाणु बम को गिराया गया था।
खैर जीवन कितनी कठिन है इसका पता तो आपको है ही । वैस पूर बह्रमांड के अंदर हम जैसे मनुष्य किस ग्रह पर हैं या नहीं है इसका पता भी आज तक किसी को नहीं चल पाया है। वैसे भी बह्रमांड इतना बड़ा है कि इसके बारे मे पता लगाना बहुत ही कठिन काम है।
लेकिन वैज्ञानिक यह मान कर चल रहे हैं कि हो सकता है एलियन हों। लेकिन एलियन का सामना किसी से अभी तक नहीं हो पाया है। अब कौन जानता है कि एलियन हैं या नहीं ? खैर जब धरती समाप्त होने वाली होगी तो इंसानों को किसी दूसरे ग्रह पर जाना होगा और वे किस तरह से जाएंगे ? लेकिन जो पैसे वाले लोग हैं वे जा भी सकते हैं लेकिन जो पैसे वाले लोग नहीं है वे नहीं जा पाएंगे। कुल मिलाकर आप इसके बारे मे क्या सोचते हैं हमें कमेंट करके बताएं ।
हँसना का विलोम शब्द या हँसना का विलोम , हँसना का उल्टा क्या होता है…
ईमान का विलोम शब्द या ईमान का विलोम , योग्यता का उल्टा क्या होता है…
साक्षर का विलोम शब्द या साक्षर का विलोम शब्द, साक्षर का उल्टा क्या होता है ? Sakshar ka vilom shabd Sakshar ka vilom shabd…
परिवार का विलोम शब्द या परिवार का विलोम , परिवार का उल्टा क्या होता है…
भूमि का विलोम शब्द या भूमि का विलोम , भूमि का क्या होता है ? bhoomi ka vilom shabd ,bhoomi ka vilom shabd…
बुद्धि का विलोम शब्द या बुद्धि का विलोम , बुद्धि का उल्टा क्या होता है…