नुकसान का विलोम शब्द या नुकसान का विलोम , नुकसान का उल्टा क्या होता है ? Nuksan ka vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
नुकसान | फायदा |
Nuksan | Fayda |
दोस्तों नुकसान का विलोम शब्द होता है फायदा । दोस्तों जब हम नुकसान के अंदर होते हैं तो हम काफी दुखी होते हैं। वैसे कोई भी इंसान अपना नुकसान नहीं करवाना चाहता है। और नुकसान से हर कोई डरता है। भले ही हम नुकसान से बचने की कितनी भी कोशिश करें । लेकिन उसके बाद भी जीवन के अंदर कई ऐसी चीजें घटित हो जाती हैं जिसकी वजह से नुकसान हो जाता है। हम चाह कर भी हर नुकसान को रोक नहीं सकते हैं। क्योंकि जीवन कुछ इसी तरीके से बना हुआ है कि इसके अंदर फायदे और नुकसान होते रहते हैं। हां यह सच है कि हम अपनी समझदारी से कुछ नुकसान को रोक सकते हैं लेकिन सभी तरह के नुकसान को नहीं रोक सकते हैं। नुकसान से बचने के लिए ही तो बीमा करवाया जाता है ताकि यदि नुकसान हो भी जाए तो उसका हर्जाना बीमा कंपनी भुगते और इस चक्कर मे बीमा कंपनी लाखों कमाती है। आप बाजार से किस तरह की नई बाइक को खरीद कर लाते हैं। और उसका बीमा भी आपसे करवाते हैं।
किसी भी वाहन का बीमा सबसे अधिक जरूरी चीज होती है। और यदि किसी वजह से आपके वाहन को नुकसान हो जाता है तो उसको सही करने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होती है। हालांकि हर कोई नहीं चाहता है कि उसके वाहन को नुकसान हो लेकिन कई बार ऐसा हो जाता है।
जैसे कि रोड़ पर कोई गाड़ी चल रही है और दूसरी गाड़ी उस पहली गाड़ी को टक्कर मार देती है। ऐसी स्थिति के अंदर क्या होगा दोनों गाड़ी का ही नुकसान होगा । लेकिन असल मे इन दोनों गाड़ी का कोई भी नुकसान नहीं होगा । नुकसान तो बीमा कंपनी का होगा ।
और सबसे बड़ी बात तो यह है कि भारत के अंदर नई गाड़ी लेने के साथ ही उसकी बीमा करवा दी जाती है लेकिन एक नया बच्चा के जन्म देने के बाद भी उसकी बीमा नहीं होती है। इसका मतलब तो यह है कि सरकार गाड़ी के लिए बीमा पर साफ तौर पर जोर दे रही है। लेकिन यदि बच्चा जन्मता है तो उसके उपर किसी तरह की बीमा करवाने पर जोर नहीं देती है। कुल मिलाकर यदि हम अपने नुकसान की भरपाई करना चाहते हैं तो हम खुद को बीमा करवानी होगी । और उसका पैसा भी हमे ही भरना होगा । और कई बार क्या होता है कि बीमा करवाने के बाद लोगों की मौत हो जाती है ऐसी स्थिति के अंदर बीमा कंपनी आपको पूरा पैसा देती है।
वैसे आर्थिक युग होने की वजह से हर तरह के नुकसान को पैसों से तोलने का प्रयास किया जाता है। लेकिन कुछ नुकसान ऐसे होते हैं जिनकी भरपाई पैसों से भी नहीं की जा सकती है। जैसे किसी घर के अंदर कोई जवान इंसान मर गया तो क्या उसकी भरपाई पैसों से की जा सकती है ? नहीं उसकी भरपाई किसी भी चीज से नहीं की जा सकती है। कारण यह है कि पैसा सिर्फ जरूरते पूरी कर सकता है लेकिन वह इंसान जो करता था उसके जैसा सब कुछ नहीं कर सकता है। लेकिन आर्थिक युग के अंदर एक तरह की मदद तो आसानी से मिल ही जाती है। आप समझ सकते हैं।
दोस्तों फायदा का विलोम शब्द होता है नुकसान । दोस्तों फायदा का मतलब होता है आपके लिए कुछ मिलना । जैसे कि आप काम करते हैं और उसके बदले मे आपको पैसा मिलता है तो हम उसके लिए यह कहेंगे कि इसके अंदर आपको फायदा होगा ।दोस्तों हम सभी लोग अपने फायदे के लिए काम करते हैं। जैसे कि हम किसी काम को करते हैं और उसके बदले हमें फायदा मिलता है। लेकिन यदि हम काम करें और हमें फायदा नहीं मिलता है तो हम काफी निराश हो जाते हैं। वैसे भी हम जो भी काम करते हैं उसे फायदे के लिए ही करते हैं।
लेकिन आपको तो पता ही है कि हर काम के अंदर फायदा नहीं होता है। कई बार हम काम तो फायदे के चक्कर मे करते हैं लेकिन उसके बाद भी हमे नुकसान हो जाता है। खैर फायदा और नुकसान तो एक ही चक्र के होते हैं जो जीवन के अंदर आते ही रहते हैं।
यदि जीवन के अंदर आपको नुकसान होता है तो निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि नुकसान और फायदा तो चलता ही रहता है। खैर आजकल हर इंसान हर काम के अंदर अपना फायदा पहले देखता है। और इसके लिए भले ही उसे दूसरों का नुकसान क्यों ना करना पड़े ।
खैर यदि आप किसी काम को कर रहे हैं और उस काम के अंदर फायदा पाना चाहते हैं तो उस काम को आपको ठीक तरीके से करना होगा । यदि आप उस काम को ठीक तरीके से नहीं करेंगे तो फिर फायदा नहीं होगा उल्टा नुकसान हो जाएगा । जैसे कि एक स्टूडेंट पढ़ाई कर रहा है। और यदि वह ठीक तरीके से पढ़ाई नहीं कर पाता है तो उसके बाद वह परीक्षा के अंदर फैल हो सकता है। और यह उसके लिए सबसे बड़ा नुकसान का कारण बन सकता है।
इसलिए हम जो भी काम करें उसे पूरे मन को लगाकर ही करना चाहिए ताकि किसी भी तरह का नुकसान ना हो । अपने काम की समिक्षा भी आपको करनी चाहिए । यदि उसके अंदर किसी भी तरह की गलती रह गई है तो उसको भी आपको पूरा करना चाहिए ।
वैसे नुकसान होना कोई बड़ी चीज नहीं है। यदि नुकसान हो भी गया है तो उस नुकसान से सीख हमे लेनी चाहिए । यदि हम नुकसान से सीख नहीं लेते हैं तो फिर हम कभी भी जीवन के अंदर आगे नहीं बढ़ सकते हैं।
जीवन के अंदर आगे बढ़ने के लिए फायदे को देखना जरूरी है और उस फायदे के हिसाब से ही काम करना चाहिए । लेकिन फायदे पर हद से अधिक ध्यान नहीं देना चाहिए । यदि आप फायदे पर अधिक ध्यान देते हैं तो उसके बाद आप कर्म से अलग हट सकते हैं।
और कर्म करने मे आपकी रूचि समाप्त हो जाएगी तो फिर आप कार्य के अंदर लंबे समय तक नहीं टिक पाएंगे जोकि आपके लिए काफी घातक साबित हो सकता है।
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