‌‌‌ न्याय का विलोम शब्द क्या है Nyay ka vilom shabd kya hai ?

न्याय का विलोम शब्द या न्याय का विलोम , न्याय का उल्टा क्या होता है ? Nyay ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
न्याय‌‌‌अन्याय
NyayAnyay

‌‌‌न्याय का विलोम शब्द और अर्थ

दोस्तों न्याय का विलोम शब्द होता है अन्याय । और इसका मतलब होता है इंसाफ करना । दोस्तों न्याय के बारे मे आपने सुना ही होगा । क्योंकि इस दुनिया के अंदर हर कोई न्याय चाहता है । मेरा कहने का मतलब यही है कि आज दुनिया के अंदर जितनी भी अदालते हैं वहां पर किसी ‌‌‌भी तरह से सही न्याय नहीं हो सकता है। इसका कारण यह है कि न्याय वहीं कर सकता है जो खुद अन्यायी नहीं है। यदि आप खुद अन्याय करते हैं तो फिर आप न्याय कैसे कर सकते हैं। इस दुनिया के अंदर जो सबसे बड़ा न्याय करता है वह बस नैचर ही है। उसके अंदर न्याय करने की अदभुत क्षमता होती है। आपको समझना ‌‌‌होगा कि नैचर जो न्याय करता है वह पूरी तरह से अटल होता है। उसके अंदर किसी भी तरह के शक की गुंजाइस नहीं होती है। जो लोग यह सोचते हैं कि वे कत्ल करने के बाद कोर्ट से बच जाएंगे तो वे भूल जाएंगे कि उनको अपने कर्मो की सजा तो भुगतनी ही होगी । कारण यह है कि यहां पर आपने जो कुछ भी किया होता है वह ‌‌‌सब कुछ रिकोर्ड होता है। और आप उसे किसी भी तर्क से झुंठला नहीं सकते हैं। इसलिए तो योगीजन अपने कर्मों के फल से बचने के लिए एक तरकीब का यूज करते हैं वे आमतौर पर खुद को कर्ता से अलग कर लेते हैं। जिसकी वजह से उनको अपने कर्मों की सजा नहीं मिल पाती है।

न्याय का विलोम शब्द

‌‌‌न्याय का सिस्टम ही आजकल पूरी तरह से पैसों पर निर्भर करने लगा है। यदि आपके पास पैसा है तो उसके बाद आप कोई भी इतनी आसानी से सजा नहीं दे सकता है। कारण यह है कि आप खुद को बचाने के लिए महंगा से महंगा वकील करते हैं और उसके बाद कोर्ट के अंदर तर्क वितर्क होते हैं और उसके बाद आप वहां से साफ बच ‌‌‌निकलते हैं आपको यह भी समझना होगा । लेकिन नैचर का जो न्याय होता है उससे बच निकलने की शक्ति हर इंसान के पास नहीं होती है। आपको भी इसके बारे मे अच्छी तरह से समझना होगा । बस कुछ लोगों को ही नैचर के न्याय से बचने की क्षमता विकसित होती है।

‌‌‌लेकिन आमतौर पर हम लोग अपने से कमजोर कीड़ी मकोड़ों को मसल देते हैं। वह भी एक तरह से अन्याय होता है जिस तरीके से हमे जीने का हक होता है। उसी प्रकार से दूसरे जानवरों को भी जीने का हक होता है। और यदि आप को कोई आपसे अधिक शक्तिशाली इंसान नुकसान पहुंचाता है तो उसके बाद आपको यह लगता है कि आपके ‌‌‌साथ गलत हो रहा है। लेकिन यह नैचर के नियमों के अनुसार ही हो रहा होता है। भले ही आप इस बात को समझें या फिर ना समझें। खैर दोस्तों जो इंसान बुरे कर्म करते हैं मरने के बाद उनको नीच योनियों के अंदर अपने कर्मों की सजा को भुगतने के लिए जन्म लेना पड़ता है। और वे वहां पर तब तक रहते हैं।

‌‌‌जब तक कि उनके कर्म संस्कार पूर्ण नहीं हो जाते हैं। वे सारी सजा भुगत नहीं लेते हैं। तो अगली बार जो भी कर्म आप करें तो आपको पूरी तरह से सोच समझ कर ही कर्म करना होगा । क्योंकि यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो फिर आप को सजा भुगतने के लिए भी तैयार रहना होगा ।

‌‌‌अन्याय का  अर्थ और मतलब

‌‌‌अन्याय के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं।अन्याय का मतलब होता है यदि आप किसी पर अत्याचार करते हैं तो हम उसको अन्याय की श्रेणी के अंदर रखते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । अब आपके दिमाग के अंदर यह भी आता होगा कि अन्याय होता क्या है ? तो इसके बारे मे भी हम आपको बतादें ‌‌‌। यदि आप बेवजह किसी को परेशान करते हैं तो उसके लिए हम अन्याय शब्द का प्रयोग करते हैं। जैसे कि आप किसी जानवर को मारते हैं तो वह भी अन्याय ही होता है। उसी प्रकार से यदि आप किसी इंसान का कुछ चुरा लेते हैं तो उसे भी हम अन्याय के नाम से जानते हैं।

‌‌‌इस दुनिया के अंदर जो शक्तिशाली होता है वह कमजोर पर अन्याय करता ही है। यदि हम जानवरों की बात करें तो इस दुनिया के अंदर शेर सबसे अधिक ताकतवर होता है। और यदि हम बात करें ।

शेर की तो उसके बारे मे हम सभी लोग  अच्छी तरह से जानते ही हैं। कारण यह है कि शेर जंगल का राजा होता है। क्योंकि वह काफी ‌‌‌अधिक ताकतवर होता है। और आपको तो पता ही है कि वह जंगल के अंदर किस तरह से जानवरों को मारता है ? वह इसलिए उन जानवरों को मारता है क्योंकि वह ताकतवर होता है। और वैसे देखा जाए तो यह उसके लिए अन्याय  और न्याय का सबक नहीं होता है। क्योंकि शेर को यह पता नहीं होता है कि न्याय क्या है और ‌‌‌ अन्याय क्या है ? इसके बारे मे वह कुछ नहीं जानता है। शेर को बस अपने पेट भरने की चिंता होती है।

और वह पेट को भरने के लिए कुछ भी कर सकता है। लेकिन इंसान को तो न्याय और अन्याय के बारे मे अच्छी तरह से पता होता है।खैर जो भी है । इंसान को ज्ञान होने के बाद भी अन्याय करता है। आप धरती पर हर जगह ‌‌‌यह देखते हैं कि पाप ही पा फैला हुआ है। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। जो हो रहा है उसके पीछे का जो असली कारण है वह नैचर खुद ही है। यह सब नैचर की माया ही है। इसके अलावा कुछ भी नहीं है। अन्याय को रोकने के लिए हर देश के अंदर अलग अलग कानून बनाए गए हैं। लेकिन ‌‌‌दुनिया के अंदर कोई भी कानून इस तरह का नहीं है जोकि अन्याय को रोक सकता है।और अन्याय रूकता क्यों नहीं है ? तो इसके पीछे भी नैचर का ही हाथ है। आप इसको कभी भी पूरी तरह से रोक नहीं सकते हैं। जिस तरह से धरती पर प्रकाश और अंधकार सदैव ही होता रहा है आप पूरी धरती का अंधकार दूर नहीं कर सकते हैं।

‌‌‌इसी प्रकार से अन्याय को पूरी तरह से दूर करना कभी भी संभव नहीं हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । खैर जो भी हो हमको अन्याय से लड़ना होता है। क्योंकि यदि हम अन्याय से नहीं लड़ेंगे तो दूसरे हमारा हक भी छीन लेंगे । इसलिए जितना हो सके अन्याय से आपको लडना होगा ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *