पहाड़ का पर्यायवाची शब्द या पहाड़ का समानार्थी शब्द (pahad ka paryayvachi shabd / pahad ka samanarthi shabd) के बारे में इस लेख में हम जानेगे । इसके साथ ही पहाड़ से जुडी विभिन्न तरह की जानकारी के बारे में चर्चा करेगे तो लेख को देखे ।
पहाड़ | पहाड़ का पर्यायवाची शब्द या पहाड़ का समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
पहाड़ | पर्वत, गिरि, भूधर, भूमृत्, अहार्य, नग, नाकु, भूमिधर, कुट्टार, जीमून, क्ष्माभृत्, शिखर, महीधर, कूट, मेरु, तुंग, अग, कुधर, धराधर, रजत, पयोधर, दरीभृत, श्रृंगी, हरि, महीभृत्, शैल, नगपति, अचल, महीघ्र, ग्रावा, पृथुशेखर, धरणी, कीलक, शिलोचय, अद्रि, गोत्र, ग्राव, स्थिर, कटकी, वृक्षयान् |
पहाड़ | parvat, giri, bhoodhar, bhoomrt, ahaary, nag, naaku, bhoomidhar, kuttaar, jeemoon, kshmaabhrt, shikhar, maheedhar, koot, meru, tung, ag, kudhar, dharaadhar, rajat, payodhar, dareebhrt, shrrngee, hari, maheebhrt, shail, nagapati, achal, maheeghr, graava, prthushekhar, dharanee, keelak, shilochay, adri, gotr, graav, sthir, katakee, vrkshayaan. |
पहाड़ | mountain, mount, hill, fell, nipple. |
धरती का वह भाग जो किसी कारण से उपर की और उभरा जाता है या ज्वालामुखी से नीकले लावे का वह भाग जो एक ढेर के रूप में रहता है पहाड कहलाता है ।
हिंदी भाषा में पहाड़ शब्द का अर्थ एक ही होता है मगर इसे अनेक रूपो में समझा जा सकते है जो है –
वह स्थान जहां पर पृथ्वी की दो प्लेट आपस में टकरा जाती है और एक उभार निकल आता है उसे पहाड कहा जाता है । इसे इस तरह से भी समझा जा सकता है की वह भाग जो पृथ्वी के अन्य भागो की तुलना में समतल न होकर उंचा उठा होता है जिसकी लंबाई कम से कम 600 मीटर होती है पहाड कहलाता है । अगर उचाई 600 से कम होती है तो उसे पठार कहा जाता है ।
इसे इस तरह से भी समझा जा सकता है की वह भाग जो धरती से उपर की तरफ उठा हो और चारो और ढलान वाला क्षेत्र दिखाई देता है पहाड कहलाता है । इस तरह के स्थान पर अधिक से अधिक पेड पौधे देखने को मिल सकते है पानी की कोई कमी नही होती साथ ही एक पहाड पर जीतना अधिक उंचा जाया जाता है वहां पर ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल सकती है ।
दोस्तो आज संसार में सभी प्रकार के जीव जन्तुओ को ऑक्सीजन की काफी अधिक जरूरत होती है । जिनमे से मनुष्य को ऑक्सजीन की इतनी अधिक जरूरत होती है की कुछ समय के लिए ऑक्सीजन न मिलने के कारण से वह मर जाता है । हालाकी यह ऑक्सीजन पृथ्वी की धरती पर निश्चित मात्रा में मिलती रहती है ।
मगर जैसे जैसे विशाल पर्वतो पर चढा जाता है ऑक्सीजन की कमी देखने को मिलती है । जिसके कारण से मनुष्य को चक्कर आने जैसी समस्या भी आ सकती है । साथ ही इस तरह से ऑक्सीजन के चलते बहुत से लोगो की जान तक चली जाती है । इस कारण से बहुत बडे पहाडो पर चढने से पहले ऑक्सीजन दी जाती है ताकी मुसीबत में ऑक्सीजन का उपयोग किया जा सके ।
पहाड़ पर जीव कैसे होते है
दोस्तो बताया जाता है की पहाड पर दुनिया की 18 प्रतिशत लोग रहते है और इनके अलावा विभिन्न तरह के जीव भी इस तरह के पहाड पर रहते है । जो की आसानी से इन पहाडो पर आ जा सकती है । मगर यहा पर रहने वाला हर एक तरह का जीवन धरती पर रहने वाले जीव से भिन्न होता है । क्योकी यहां पर अनेक तरह की क्रियाए ऐसी होती है जो की धरती पर समान नही होती है । पहाड पर अनेक तरह के जीव होते है जैसे –
दोस्तो बकरी एक दूध देने वाला पशु होता है । और ये बकरी पहाडो के बिच में अपना जीवन आसानी से चला लेती है । क्योकी इन्हे पहाडो पर चढने के लिए किसी चिज की आवश्यकता नही होती बल्की यह एक साधारण धरती पर चल रही है इस तरह से पहाडो पर चढ जाती है ओर चोटियो पर जाकर खडी हो जाती है ।
इस तरह के वातावरण के बिच में रहने के कारण से इनमें अनेक तरह के परिवर्तन होते है । जिस तरह से ये बकारी अंधिक गर्मी वाले स्थान में नही रह पाती है क्योकी पहाडो पर अधिक ठंड होती है तो यह ठंड के अनुकूल बन जाती है ।
दोस्तो बंदर का पहाड पर होना आम बात है क्योकी पहाड पर विभिन्न तरह के वनस्पती होते है जिनके बिच में ये बंदर रहते है । और अपना आसानी से जीवन चला लेते है । हालकी बंदर के बारे में यह सभी को मालूम है की इन्हे पहाडो पर चढने के लिए किसी प्रकार की समस्या का सामना नही करना पडता है।
दोस्तो पहाडो पर रहने वाले जीव अनेक तरह के होते है जैसे लाल लोमड़ी, जंगली बिल्लियाँ, बन्दर, तेंदुए और हिमालयी काले भालू, लाल पांडा आदि तरह के जीव जन्तु इन पहाडो पर रह कर अपना जीवन गुजारते है । जिसके कारण से इनका जीवन धरती से अलग तरह का होता है । इस कारण से हर तरह के जीव को हम एक जैसा नही मान सकते है की वह पहाड पर भी इसी तरह से रह रहा है ।
हालाकी सभी प्रकार के जीवो को आसानी से अपना पेट भरने के लिए भौजन प्राप्त हो जाता है ।
वैज्ञानिको ने अध्ययन करते हुए बताया की पहाड बनने के पिछे पृथ्वी के अंदर के भाग का महत्व रहता है और एक पहाड बनने में काफी अधिक समय लगता है जो की करोडो वर्षा का लग सकता है । इसके साथ ही हर तरह का पहाड एक अलग तरह का बनता है। जिसके लिए अलग तरह की प्रक्रिया लगती है ।
पृथ्वी कें अंदर टेक्टोनियक प्लेट रहती है और जब 2 प्लेट गति करती हुई एक दूसरे की और बढती है तो उनमें एक जोरदार टक्कर पैदा होती है। जिस तरह से अगर दो बडे वाहन एक दूसरे से टकराते है तो उनका आगे का हिस्सा टूट जाता है और छोटे व बडे वाहन के टकराने के कारण बडा वाहन छोटे वाहन के उपर चढ जाता है । इसी तरह से प्लेटो में होता है। जब अधिक बल वाली प्लटे के उपर कम बल वाली प्लेट चढ जाती है तो बल लगने के कारण से प्लेट उपर की और निकलने लग जाती है ।
यह प्रक्रिया धिरे धिरे होती है जिसमें करोडो वर्ष लग जाते है । और एक समय ऐसा आता है की यह प्लेट उपर वाली प्लेट को पूरी तरह से पृथ्वी से बहार निकालने लग जाती है । इस तरह से एक उभार देखने को मिल जाता है जो की कठोर होता है। इसे ही पहाड कहा जाता है । और इस तरह से पहाड का जन्म होता है ।
दोस्तो जैसा की आपको मालूम है की वर्तमान में अनेक तरह के पर्वत या पहाड है और इन पहाडो में से अनेक तरह की नदिया बह कर आती रहती है । जिसके कारण से पहाडो का कुछ अंश जैसे छोटे छोटे पत्थर भी पानी के बाहव के साथ आगे बढते रहते है । और इस तरह से आगे बढते रहते के कारण से एक स्थान ऐसा होता है जहां पर ये पत्थर रूकने लग जाते है ।
जब बहुत सारे पत्थर एक ही स्थान पर इस तरह से रूक जाते है । तो पानी का बहाव भी दूसरी और से जाने लग जाता है । और यह प्रक्रिया लगातार होती है । जिसके कारण से आने वाले समय में यहां पर काफी अधिक मात्रा में पत्थर जमा हो जाते है । और अधिक समय बित जाने पर ये एक दूसरे से जुडने भी लग जाते है । इस तरह से पानी के बाहव से पहाड बनता है ।
दोस्तो वायु के कारण से भी पहाड बन सकते है जो की रेतीले होते है ।क्योकी वायु रेत को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसनी से लेकर आ जा सकती है । और जब वायु बहुत अधिक मात्रा में एक स्थान से लेकर दूसरे स्थान पर इंकट्ठा करने लग जाती है तो एक समय ऐसा आ जाता है की वहां की जगह अन्य जगहो से उंची लगने लग जाती है । और यही रेतीला पहाड है । इस तरह के पहाड अधिकतर मरूस्थलो में देखने को मिलते है ।
पृथ्वी में तीन तरह की प्लेटे होती हे जो की अपने मूवमेंट करती हरती है । इसके साथ ही पृथ्वी के बिच में स्थानोमें काफी अधिक संख्या में लावा होता है । जो की इतना अधिक गर्म होता है की किसी भी वस्तु को डालने मात्र उसे नष्ट कर देता है । प्लेटो की तरह यह लावा भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता रहता है ।
जिसके कारण से प्लेटो के टक्कर होने की संभावना बढ जाती है और ऐसा ही होता है । जब किन्ही दो प्लेटो के मध्य टक्कर हो जाती है तो यह लावा बाहर निकल जाता है और बडी मात्रा में पृथ्वी पर फैलने लग जाता है । और अधिक मात्रा में लावा बाहर निकल जाने के कारण से जब यह करोडो वर्षा के बाद में ठंडा होता है तो एक कठोर चटान बन जाती है जिसे हम पहाड कहते है । इस तरह से पहाड की उत्पत्ति होती है । इसके बाद भी पहाड अपने समय में बढते रहते है और ऐसा बताया जाता है की प्रतिवर्ष कम से कम 5 इंच पहाड बढ जाता है ।
इस तरह से हमने पहाड के पर्यायवाची शब्दो के बारे में जान लिया है । अगर किसी प्रकार का प्रशन है तो पूछ सकते है
सांड को रोटी खिलाने से क्या होता है हिंदु धर्म के अंदर गाय को माता…
धैर्य का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , धैर्य का उल्टा क्या होता है…
भलाई का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , भलाई का उल्टा क्या होता है…
चोर का विलोम शब्द, चोर शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, चोर का उल्टा Chor vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)चोर पुलिसChor police …
सजीव का विलोम शब्द या सजीव का विलोम , सजीव का उल्टा क्या होता है…
सुगंध का विलोम शब्द, सुगंध शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, सुगंध का उल्टा Sugandh vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)सुगंध दुर्गन्धSugandh Durgandh …