दोस्तो इस लेख मे हम पल का पर्यायवाची शब्द pal ka paryayvachi shabd या पल का समानार्थी शब्द pad ka samanarthi shabd के बारे मे जानेगे । इसके अलावा पल से जुडी विभिन्न तरह की जानकारी के बारे में भी विश्तार से जानेगे तो लेख को देखे ।
शब्द {shabd} | पर्यायवाची शब्द / समानार्थी शब्द [pal ka paryayvachi shabd / pad ka samanarthi shabd] |
पल | क्षण, लम्हा, छण, निमिष, समय, मिनट, दम, छन, अल्प समय, विघटी, सेकंड. |
pal | kshan, lamha, chhan, nimish, samay, minat, dam, chhan, alp samay, sekand. |
moment | moment, minute, instant, second, time, point, jiffy, jiff, sec, jiff, hour. |
हिंदी भाषा में पल शब्द का उपयोग मुख्य रूप से समय की इकाई के रूप में किया जाता है । इसके अलावा प्राचीन समय में चार कर्ष की एक तौल होती थी जिसे पल के नाम से जाना जाता था । संक्षिप्त शब्द में कहे तो पल शब्द के अर्थ होगे –
अत पल को मुख्य रूप से समय की इकाई बताई जाती है जिसमें कुल 24 सेकंड होते है और एक पल मे कुल 60 विपल होते है ।
प्राचीन समय मे तेल को निकालने के लिए एक लोहे का डंडीदार पात्र का उपयोग किया जाता था उसे पल शब्द के नाम से जानते थे । इस पात्र मे से कुल चार तोले तेल ही बाहर आता था । इस तेल के पात्र का उपयोग कर कर दान पून्य के लिए किया जाता था ।
क्योकी तेल को निकालने के लिए अति कम समय का प्रयोग होता है और यह समय इतना कम होता है की अगर मनुष्य अपनी पलाको को बंद कर कर वापस खोल ले तो यह समय पूरा होता जाता है । इसी समय का उपयोग पल शब्द के रूप में हुआ । जिससे इसका प्रयोग समय के साथ भी हुआ ।
दोस्तो पल शब्द का प्रयोग एक छोटे से समय के लिए किया जाता है और बताया जाता है की प्राचीन काल मे जब समय को विभाजित किया जाता था तो उसमे से ही एक समय पल था । क्योकी आज भी इसे समय की एक इकाई के रूप मे जाना जाता है । और बताया जाता है की एक पल कुल 24 सेकंड का ही होता है । अगर इससे अधिक समय का प्रयोग हो रहा है ता उसे पल नही कहा जा सकता है । वही अगर एक घडी की बात करे तो उसमे कुल 60 पल होते है ।
दोस्तो मानव जीवन कें अंदर अनेक ऐसे पल होते है जो वह अपने जीवन के अंदर घटित करता है । जिनमे से कुछ पल दुखो के होते है तो कुछ खुशी के होते है और खुशी के पलो मे मानव अपने दूखो को भूल जाता है और अंदर से आनन्दित होता है । इन पलो को वह अपने जीवन में अहम भूमिका देता है और जब कभी दूखो का साया आता है तो इन पलो को याद करता हुआ अपने दूखो को कम करने की आसा करता है ।
इसके अलावा जब कभी कोई अपना दूर चला जाता है तो उसके साथ बिताए गए खुशी के पलो को याद करते हुए बडा ही खुश होता होता है । इस तरह के पल कोनसे होते है आइए जानते है –
दोस्तो मनुष्य अपने परिवार के साथ समय गुजारता हुआ बडा ही खुश रहता है क्योकी वहां पर उसे अपनो और पराए मे भेद करने की जरूरत नही होती क्योकी सभी अपने ही होते है । क्योकी अपनो के साथ रहने के कारण से उसका मन उन लोगो के साथ एक गाठ बाध कर जुडा होता है जो आसानी से दूर नही होती है ।
कभी कभार ऐसा कुछ आ जाता है की उस व्यक्ति को अपनो से दूर जाना पडता है । तब वह अपनो को याद करता हुआ बडा ही दूखी होता है और खुशी का अनुभव करना चाहता है । इस तरह से फिर वह अपने लोगो के साथ बिताए गए अनेक पलो को याद करता हुआ खुश होता रहता है ।
स्कुल मे विधार्थि अध्ययन करते समय अनेक बच्चो के साथ प्रेम भाव मे बंध जाता है । और उन बच्चो को अपना मित्र मानता है । जिसके कारण से वह उनके साथ रहता तक नही बल्की उन्हे अपना सुख और दूखो के बारे मे भी बात देता है । जिसके कारण से वे उसकी मदद भी करते है ।
मगर विशेष रूप से उनके साथ रहकर खेलकूद कर बडा ही खुश होता है जिसके कारण से वह खुशी स्कूली दूनिया से अगल होने पर याद आती है और उन दिनो के अहम पलो को याद करते हुए वह खुश होता रहात है । क्योकी ये पल उस बच्चे या विधार्थि के जीवन के अहम पल बन जाते है जो वह अपने जीवन में कभी भुलता तक नही है । और जब अपने मित्रो को देखता है तो बडा ही खुश होता है और आपस में बैठ कर उन पल को याद करते हुए बडे ही खुश होते है ।
दोस्तो बेटी के पल बहुत ही अहम होते है क्योकी वह अपनी मां बाप से लेकर अपनी भाई बहन के साथ जो पल बिताती है वह एक समय के बाद मे उनसे दूर हो जाती है जिसके कारण से वे पल उसे बहुत ही याद आते है । क्योकी जब बेटी का विवाह होने के बाद मे वह अपने मायके से ससुराल जाती है तो अपने मां बाप के साथ बिताए गए उन पलो को याद करती रहती है और इसी तरह से अपने भाई बहन के साथ जो पल गुजारे थे ।
उन्हे याद करती हुए खुश होती है क्योकी वे पल उसके जीवन के अहम पल बन जाते है । और जिसे वह उनसे दूर होने के बाद मे अपने मन मे छिपा लेती है । इस तरह से बेटी के पलो को बडा अहम महत्व दिया जाता है ।
दोस्तो बेटा भी बेटी से कम नही होता क्योकी वह भी अपने मा बाप और भाई बहनो के साथ जो पल गुजारता है उनसे एक समय के बाद मे दूर हो जाता है । क्योकी जब बेटे पर अपने घर की जीमेदारी पड जाती है तो वह अपने घर से दूर चला जाता है और घर को संभालने के लिए उसे अपनो से दूर होना पडता है इस बिच मे वह अपनो के साथ बिताए गए पलो को याद करता रहता है और खुश होता है ।
दोस्तो मनुष्य के जीवन मे अनेक तरह के पल घटित होते है जिनमे से कुछ पल ऐसे होते है जो उसके मन के साथ जुड जाते है और उन्हे वह अपने जीवन मे कभी भी भुलता नही है । इस तरह के पलो को मनुष्य के अहम पल कहा जाता है । जैसे
विधार्थी के जीवन मे सबसे अहम पल उसके विधालय मे बिताया हुआ समय होता है जिसमे वह खुश होता रहता है । क्योकी दूखो को भूल जाना चाहिए जिसके कारण से यहां पर अहम पल खुशी के ही माने जाते है । और जब विधार्थी अपने मित्रो के साथ खेलकूद करता है और अपने अध्यापको के साथ बिताए गए समय को अहम पल माना जाता है ।
दोस्तो एक पिता को बेटी या बेटे के जन्म के समय जो खुशी होती है उतनी खुशी उसे कभी भी नही होती है । जिसके कारण से एक पिता के लिए सबसे अहम पल की बात करे तो उसके घर मे बेटे या बेटी के जन्म होने के पल को अहम पल माना जाता है ।
दोस्तो मां के जीवन के सबसे अहम पल की बात करे तो बेटे या बेटी के जन्म की ही होती है और इसके बाद मे उसके बुढापे मे एकमात्र साहरा बन कर उसकी सेवा करते रहना सबसे अधिक अहम पल माने जाते है । क्योकी मां की सेवा में जो खुशी है वह एक बेटे को भी कही नही मिल सकती और एक मां को भी कही नही मिल पाती है ।
दोस्तो बेटे के जीवन के सबसे अहम पलो की बात करे तो माता पिता का साथ होकर उसकी हर प्रकार से ख्वाहिश को पूरा करना अहम पल मानता है । क्योकी बेटे के जीवन में मां बाप से बढ कर कुछ नही होता है और वह अपने माता पिता को भगवान की तरह पुजता है जिसके कारण से जो कुछ वह मागता है वह अपने माता पिता से ही मागता है और इन ख्वाहिशों को तुरन्त पूरा होने पर वे पल बेटे के जीवन के साथ जुड जाते है और इन पलो को याद करते हुए वह अपने जीवन मे खुशी का अनुभव करता है ।
बेटे की तरह बेटी के जीवन के अहम पल होते है और इन पलो को वह विदाई के समय खुब याद करती है क्योकी जो पल उसने अपने माता पिता के साथ बिताए थे और अब उन से दूर जा रही है तो उन पलो को याद करती हुई दुखी होती है और माता पिता के साथ बिताए गए इन पलो को अहम पल मानती है ।
दोस्तो पति के खुशी के पल पत्नी के हमेशा साथ देने वाले होते है । यानि जो कार्य पति करता है उसमे पत्नी का साथ होना यह पल पति के अहम पल होते है । क्योकी पति और पत्नी का साथ वाहन के दो पहियो के समान होते है जो साथ रहने पर अपना रास्ता बना लेते है और दूर होने पर कोई भी अपनी मंजील तक नही पहुंच पाता है । इस कारण से पति के अहम पल किसी कार्य में अपनी पत्नी के साथ देने वाले होते है ।
दोस्तो पत्नी के जीवन के अहम पल अपने पति का साथ ही होता है मगर इसके अलवा भी जो पत्नी की इच्छा है वह पूरी करना पत्नी के लिए अहम पल होते है जैसे किसी कार्य के लिए कुछ आभुषण की जरूरत को पूरा करना और इसके अलावा हमेशा ही अपनी पत्नी को खुश रखने वाले कार्य पत्नी के लिए अहम पल बन जाते है ।
दोस्तो अभी तक आपने जो लेख को पढा है उसमें हमने पल के बारे में इतनी अधिक बात कर ली है की आप स्वयं ही समझ सकते है की मानव के लिए यह जरूरी है की नही ।
वैसे आपको बता दे की पल जो होता है वह कुछ समय को कहा जाता है और जीवन में बिते ओर आने वाले पल जो होते है वे मानव के लिए जरूरी है और उपयोगी माना जाता है ।
इस तरह से हमने इस लेख मे पल शब्द के पर्यायवाची शब्द के बारे मे जान लिया है अगर आपको लेख अच्छा लगा तो कमेंट मे बताए ।
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