पंडित का पर्यायवाची शब्द या पंडित का समानार्थी शब्द (pandit ka paryayvachi shabd ya pandit ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में जानने वाले है । तो अगर आप भी यह जानना चाहते है की पंडित का पर्यायवाची क्या है तो आपको बता दे की आपके लिए यह लेख काफी अधिक उपयोगी होगा ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd ya samanarthi shabd) |
पंडित | साधु, मुनि, विचक्षण, सुधी, मनीषी, बुध, विद्वान, प्राज्ञ, कोविद, धीर, ज्ञानी, मर्मज्ञ, आचार्य, शास्त्रवेत्ता, गुरु, ब्राह्मण, सुज्ञ, विज्ञ, शास्त्रज्ञ, द्विज, निपुण, कथावाचक, कुशल। |
पंडित in Hindi | saadhu, muni, vichakshan, sudhee, maanushee, budh, vidvaan, praagy, sanhita, dheer, gyaanee, marmagy, aachaary, shaastravetta, guru, braahman, sugy, vigy, shaastragy, dvij, nipunata, kathaavaachak, kushal. |
पंडित in English | pandit, scholar, man of letters. |
दोस्तो पंडित का अर्थ होता है निपुण, कुशल। यानि एक ऐसा व्यक्ति जो की अपने ज्ञान में कुशल और निपुण होता है पंडित है । यानि वह व्यक्ति जो की हमारे धर्म के शास्त्रो का अच्छा विद्वान या ज्ञाता होता है वह पंडित होता है ।
इस तरह से दोस्तो आपको पता होना चाहिए की पंडित के पास शास्त्रो का अच्छा ज्ञान होता है और यही कारण है की उन्हे शास्त्रज्ञ विद्वान। कहा जाता है । और जो विद्वान होता है वह पंडित होता है । अगर बात करे पंडित शब्द के अर्थ की तो हम इसे और भी बेहतर तरीके से कुछ इस तरह से समझा सकते है –
तो इस तरह से पंडित का मतलब होता है एक ऐसा व्यक्ति जो की अच्छा ज्ञान रखता हो । और जो आचार्य, साधु, मुनी, ब्रहामण जो होते है वे भी पंडित के अर्थ होते है ।
दोस्तो पंडित का मतलब होता है निपुण, कुशल। यानि पंडित उसे कहा जाता है जो की एक अच्छे ज्ञान को अपने पास रखता है । जैसे की आप जो काम कर रहे हो और आप उस काम में काफी कुशल हो तो आप एक पंडित हो ।
हालाकी सही मायने में पडित वह होता है जो की हिन्दू नियम,धर्म और संगीत में दक्ष होता है, ऐसा जो भी व्यक्ति होता है उसे पंडित कहा जाता है । और इस बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए ।
पंडित को हिंदू धर्म में काफी अधिक महत्व दिया जाता है और आपको पता होगा की इन्हे निजी और सार्वजनिक रूप से मंत्रो का जाप करने के लिए बुलाया जाता है । कहते है की पंडित के पास एक अलग ही शक्ति होती है और इसका उपयोग कर कर यह मनुष्य के जीवन के दुखो को दूर करने का काम करते है ।
कहते है की पंडित जो होता है वह धार्मिक मामलो में एक को नही बल्की कई लोगो को जीवन में मार्गदर्शन देने का काम करता रहता है । और इस काम के लिए पंडित को घर पर भी बुलाया जाता है और यह बात आपको पता होगी ।
पंडित आध्यात्मिक कारणों से शाकाहारी हैं मगर हम सभी पंडित की बात नही कर रहे है क्योकी कुछ ऐसे पंडित होते है जो की दिखावटी होते है और ऐसे शाकाहारी नही होते है । कुछ लोगो का तो यह मानना है की पंडित को मांस खाना तक नही चाहिए क्योकी यह उनकी मान्यताओ को पूरी तरह से खिलाफ होता है और यह बात आपको पता होना जरूरी है ।
पंडित हमेशा शाकाहारी रहते है क्योकी वे अपने पेट को भरने के लिए दूसरे जीव को मारना पसंद नही करते है और कहते है की पंडित के लिए यह पूरी तरह से गलत काम होता है । पंडित ईश्वर का एक भक्त होता है और ईश्वर दूसरो की हत्या करने के बारे में नही बताते है ।
बल्की ईश्वर तो हमेशा अपने पेट को भरने के लिए ऐसे भोजन के बारे मे बताते है जो की पूरी तरह से शाकाहारी होता है । क्योकी ऐसे भोजन को खाने से किसी दूसरे जीवन का अंत नही करना होता है ।
शास्त्रों और वेदों की जहां पर भी बात आती है तो पंडित का नाम सबसे पहले आता है । क्योकी पंडित असल में शास्त्रों और वेदों के बारे में काफी अधिक अच्छी तरह से जानते ही नही है बल्की अपने दिलो और दिमाग के अंदर पूरी तरह से उन्हे बैठाए हुए होते है । कुछ ज्ञानी लोगो का कहना है की पंडित ने ग्रंथों को व्यापक रूप से पढ़ा और अध्ययन किया किया है और यही कारण है की वे ज्ञान से भरी बातो के बारे में अक्षर बात करते रहते है । तो इस तरह से पंडित हुआ करते है ।
और यही कारण होता है की कुछ पंडित ऐसी बाते करते है जो की पूरी तरह से धार्मिक होती है और वह आसानी से किसी के समझ में नही आती है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की जीस पंडित को शास्त्रो का ज्ञान होता है वह एक सच्चा पंडित होता है । ओर वह आपसे और हमसे बहुत अधिक जानता है ।
पंडितों को अक्सर शास्त्रों के गहन ज्ञान होता है और अपने इसी ज्ञान को वेबाटने का काम करते है इस कारण से पंडित को शिक्षक भी कहा जाता है । पंडित जो होते है वे धार्मिक रूप से लोगो का मार्गदर्शन करने का काम करते है और यह एक शिक्षक ही कर पाता है । पंडित को मुख्य रूप से आज के युग में एक शिक्षक कम माना जाता है क्योकी आज पंडित के शिक्षक होने के स्थान पर अन्य शिक्षक आ चुके है और पंडित के शिक्षक होने केा दबा दिया गया है ।
हालाकी ऐसा नही है की जो पंडित होते है वे अब शिक्षक नही है बल्की वह आज भी एक शिक्षक है हालाकी मानने वाले लोगो की सख्या कम होती है । शिक्षक होने के लिए जबरदस्त ज्ञान का होना जरूरी होता है और आज के हमारे शिक्षको के पास जो ज्ञान होता है वह किताबी ज्ञान है । मगर पंडित जो होते है उनके पास ऐसा ऐसा ज्ञान है जो की हमारे धर्म से पुरी तरह से जुड़ा हुआ है । पंडित पहले के समय के रिसर्च करने वाले भी थे ।
पंडित के ज्ञान के कारण से ही आज उन्हे बहुत से लो शिक्षक कहते है और ज्ञान लेने के लिए उनके पास भी जाते है । मगर आज पंडित ज्ञान देने से पहले कई बार सोचते है क्योकी वे चाहते है की ज्ञान का उपयोग सही के लिए हो ।
ब्राह्मण समुदाय के बारे में आपने कई बार पढा और सुना हागा । आपको बता दे की यह जो ब्राह्मण समुदाय होता है उनको एक उपनाम दिया जाता है जो की पंडित होता है । अगर हम पंडित की बात कर रहे है तो कुछ लोग ब्राह्मण समुदाय को ही समझते है । और आप इस बात से ही समझ ले की यह एक उपनाम भी होता है । अगर पंडित के अथ अर्थ की बात की जाए तो ज्ञानी होता है । और असल में पडित जो होते है वे ज्ञानी होते है ।
पंडितों को भारतीय समाज के सबसे शिक्षित और विद्वान आज से नही बल्की काफी समय पहले से माना जाता आ रहा है । हिंदू शास्त्रों, दर्शन और संगीत में काफी अधिक कौशल होने के लिए भी पंडित को ज्ञानी माना जाता है ।
उत्तर प्रदेश जो है वह एक भारत का एक राज्य के रूप में जाना जाता है । अगर पंडित उपनाम की बात करे तो यह उत्तर प्रदेश में काफी अधिक उपयोग होता है और इसे वहां पर आम माना जाता है । कहते है की उत्तर प्रदेश में रहने वाले ब्राह्मण अपने आप को पंडित ही कहते है ।
बुद्धिजीवी और धार्मिक नेता की अगर हम बात करे तो वह और कोई नही बल्की पंडित ही होता है । क्योकी पंडित के पास ज्ञान होता है और वह ज्ञान धर्म से जुड़ा होता है और ऐसे व्यक्ति को धर्म में नेता के रूप में जाना जाता है ।
वैज्ञानिकों, संगीतकारों की यह भारत हमेशा धरती रही है और आपको यहां पर अनेक तरह के ऐसे पंडित भी देखने को मिलेगे जो की वैज्ञानिकों, संगीतकारों की लिस्ट में सामिल है । इसका मतलब हुआ की पंडित किसी से कम नही है ।
कश्मीर, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार कुछ ऐसे स्थान है जाहां पर रहने वाले ब्राह्मण लोगो के लिए आज भी पंडित नाम का उपयोग उपनाम के रूप में किया जा रहा है । हालाकी यह गलत नही है क्योकी ऐसा करना चाहिए और यह जो नाम होता है वह काफी अच्छा है ।
इस कारण से दोस्तो यह कहा जाता है की पंडित एक उपनाम भी होता है जो की ब्रहामणो के द्वारा प्रयोग में लाया जाता है ।
साधु वह होता है जिसे वेदों और संस्कृत के ज्ञानहोता है और ऐसा कोई जो होता है वह पंडित के रूप में भी जाना जाता है। कहते है की इस तरह के जो साधू होते है वे शिक्षक, विद्वान और व्याख्याकार के रूप में भी काम कर चुके होते है । मगर आज के मतलब में शिक्षक का मतलब यह नही है की स्कुल में जाकर पढा दिया जाए
बल्की शिक्षक का मतलब होता है की ज्ञान देने वाला और आपको पता है की पंडित हमेशा ज्ञान देने का काम करता है ।
साधु के पास अच्छा ज्ञान होता है और इसके बारे में आप ही नही बल्की सभी को पता है । हालाकी यह जो ज्ञान होता है वह धार्मिक होता है और यह ऐसा ज्ञान होता है जिसके बारे में हमे पता नही है । क्योकी हम कभी भी इस तरह के ज्ञान को ग्रहण करना नही चाहते है ।
बुद्धिमान होने की जब बात आती है तो इस तरह के साधू को भी सामिल कर लिया जाता है क्योकी यह एक तरह से बुद्धिमान ही होते है । साधू को जो कुछ होने वाला होता है उसके बारे में भी पता चल जाता है अत यह एक बुद्धिमान होने की निशानी है। आपको बता दे की यह जो साधू होता है वही पंडित के रूप में भी जाना जाता है
और आपको यह पता है की जो बुव्दि्धमान होता है वह पंडित होता है । और अगर असल में आपको बताए तो साधु को ही पंडित कहा जाता है ।
इस तरह से दोस्तो पंडित एक व्यक्ति ही होता है । मगर उसके पास एक अच्छा ज्ञान होता है । मगर पंडित जो होता है वह विद्वान होता है और जो भी विद्वार होता है वह पंडित होता है । अब आपको बता दे की मैं तो विद्वान नही हूं तो बात साफ हो जाती है मैं पंडित नही हूं । अब आप बता देना की आप पंडित हो की नही ।
खैर छोड़ो इस बात को । अब तक हमने इस लेख में यह जान लिया है की पंडित का पर्यायवाची शब्द या पंडित के समानार्थी शब्द क्या होते है । अगर लेख पसंद आया तो कमेंट में बताना ।
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