‌‌‌ पंडित का विलोम क्या है pandit ka vilom shabd kya hai ?

पंडित का विलोम शब्द या पंडित का विलोम , पंडित का उल्टा क्या होता है ? pandit ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
पंडितमूर्ख,अपंडित
panditmurkh,apandit

‌‌‌पंडित का विलोम शब्द और अर्थ

पंडित का विलोम शब्द

‌‌‌दोस्तों आपने पंडित के बारे मे ठीक से सुना ही होगा और पंडित के बारे मे जाना भी होगा । आपके आस पास भी कई सारे लोग मिल जाएंगे जिनको कि हम पंडित के नाम से जानते हैं। पंड़ित का विलोम होता है मूर्ख। और इस हिसाब से देखा जाए तो सारे लोग ही पंडित होते हैं क्योंकि मूर्ख और पंडित के बीच तो कुछ ‌‌‌आता नहीं है। खैर यदि हम पंडित के मतलब की बात करें तों इसका मतलब होता है विद्धान । या जो शास्त्रों का जानकार होता है। उसके लिए पंडित वर्ड का प्रयोग किया जाता है। यदि आप शास्त्रों के जानकार होते हैं तो इसका मतलब आप भी पंडित होते हैं। हालांकि इस तरह की पहले व्यवस्था थी । कि इंसान को ‌‌‌गुणों के आधार पर सम्मान दिया जाता था। जैसे कि कोई शास्त्रों का जानकार होता था तो उसके लिए पंडित वर्ड का प्रयेाग किया जाता था लेकिन आमतौर पर आज यह सब कुछ बदल चुका है। आज पंडित एक जाति हो चुकी है। और इसका मतलब यह है कि पंडित के घर पर जन्म लेने वाला पंडित होता है।भले ही वह ज्ञानी हो या ‌‌‌ना हो । इस तरह से दोस्तों लेकिन यदि हम अपनी नजर की बात करें तो आजकल शादी विवाह के अंदर हम पंडित का प्रयोग करते हैं। जोकि शादी करवाने के लिए आता है। वहां पर आजकल दूसरी जाति के लोग भी इस तरह का काम कर रहे हैं। जिनको कि शादी विवाह के नियमों के बारे मे पता है।

‌‌‌ऐसे कई पंडित देखे गए हैं जोकि शादी विवाह करते हैं। इसके अलावा पंडित का एक अर्थ ज्ञान से भी होता है या जो इंसान विद्धान होता है उसके लिए भी पंडित वर्ड का प्रयोग किया जाता है। पंडित का मतलब यदि आप किसी चीज के जानकार हैं तो इसका मतलब यह है कि आप उस चीज के पंडित कहें जाएगें ।

‌‌‌इस तरह से पंडित का मतलब बहुत अधिक व्यापक होता है। यदि आप किसी चीज के जानकार हैं तो इसका मतलब यही होता है कि आप उस चीज के पंडित ही हैं। दोस्तों पंडित एक तरह से आज के जमाने मे हर कोई बनना चाहता है। हर इंसान विद्धान बनने की कोशिश करता है। और ज्ञान को हाशिल करने के लिए वह हाथ पांव इधर उधर ‌‌‌मारता है। लेकिन बहुत सारे लोगों को यही लगता है कि वे पंडित नहीं हैं। या वे किसी चीज के जानकार नहीं हैं। लेकिन असल मे हर इंसान के पास कुछ खास प्रकार का टैलेंट होता है। कुछ टेलैंट इस तरह के होते हैं कि उनको विकास करना होता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जोकि अपने टैलेंट का विकास कर ‌‌‌चुके होते हैं। तो इस तरह के लोग अपने क्षेत्र के पंडित हो चुके हैं। दोस्तों आजकल ज्ञान की बहुत अधिक कीमत होती है। यदि आपके अंदर टैलेंट है तो आप कुछ भी कर सकते हैं। और आप अच्छा पैसा ही नहीं कमा सकते हैं। वरन आप बहुत कुछ कर सकते हैं।

‌‌‌लेकिन आपको किसी एक क्षेत्र के अंदर विशेषज्ञता हाशिल करने का प्रयास करना चाहिए । यदि आप यह नहीं करते हैं तो आप दूसरों से पीछे रह सकते हैं। तो यदि आप दूसरों से आगे बढ़ना चाहते हैं तो आपको ज्ञान को बढ़ाना होगा ।

‌‌‌मूर्ख का मतलब और अर्थ

दोस्तों पंडित का उल्टा होता है। मूर्ख । वैसे मूर्ख शब्द के बारे मे आपको कोई अधिक बताने की जरूरत नहीं है। क्योंकि मूर्ख शब्द है काफी अधिक इस्तेमाल करते हैं। और हम अपनी नजरों के अंदर कुछ लोगों को मूर्ख भी समझते हैं। और सबसे बड़ी बात यह है कि हम अपने जीवन के अंदर ‌‌‌अनेक काम ऐसे करते हैं जोकि मूर्खता पूर्ण होते हैं। हालांकि हम इन कामों के बारे मे कुछ अधिक सोचते नहीं है। और कई बार तो यह मूर्खता पूर्ण काम ठीक ढंग से याद नहीं रहने की वजह से हो जाते हैं। जैसे कि एक बार मैं नहाने के लिए जा रहा था तो फिर गलती से गेटके बाहर चला गया ।

‌‌‌दोस्तों ऐसा नहीं है कि जो पंडित होता है वह मूर्खतापूर्ण काम नहीं करता है। असल मे विद्धान इंसानों से भी मूर्खतापूर्ण काम हो जाते हैं हालांकि यदि कोई इंसान हर काम को मूर्खतापूर्ण तरीके से करता है तो इस तरह के इंसान को ही मूर्ख कहा जाता है।

‌‌‌दोस्तों आपको यह बतादें कि मूर्खता पूर्ण जो काम होते हैं वे भी हमारे दिमाग की उपज ही होते हैं। हालांकि जो लोग इस तरह के गलत काम करते हैं। उनको या तो इनके बारे मे पता होता है लेकिन उसके बाद भी वे करते हैं। हालांकि इस तरह के लोगों को कभी भी गलत कामों की परवाह नहीं होती है।

‌‌‌खैर दोस्तों एक मूर्ख इंसान अलग तरह से काम कर सकता है। वह कई बार ऐसा काम कर सकता है जोकि आपको काफी अजीब लग सकता है। लेकिन वह उसके लिए सही होता है। इस संबंध मे मैं आपको एक दिलचस्प बात बताता हूं । एक ऐसा इंसान था जोकि भगवान कृष्णा का भगत था तो वह उनकी फोटो को सीने से लगाकर यहीं कहीं पर पड़ा ‌‌‌ रहता था और काफी लोग उसे देखते थे और उसे यही समझते थे कि वह पागल है। या वह इंसान काफी मूर्ख है लेकिन वह कोई मूर्ख इंसान नहीं था। खाना मिलने पर खा लेता नहीं मिलने पर ऐसे ही बैठा रहता और सारे दिन मस्त ही रहता । उसे किसी भी बात की कोई भी चिंता नहीं थी।

‌‌‌इस तरह के इंसान काफी दुर्लभ होते हैं। आप इस बात को अच्छी तरह से समझें। क्योंकि उनको फर्क नहीं पड़ता है वे जानते हैं कि जो कुछ भी दिख रहा है सब कुछ झूठ ही है। यहां पर सच नहीं है। खैर दोस्तों उस इंसान को हर कोई नहीं समझ सकता है। उसको समझने के लिए आपको उसके जैसे ही सोचना होगा ।

‌‌‌खैर दोस्तों मूर्ख की पहचान करना भी हर किसी के बस की बात नहीं होती है। आपको उपर दी गई कहानी से अच्छी तरह से समझ मे आ ही गया होगा । क्योंकि कुछ लोग पागल होकर भी पागल नहीं होते हैं। वह जो साधु था उसे बस भगवान के नाम से और उनके लिए पागल था लेकिन रियल मे वह एक ज्ञानी था। ‌‌‌इस तरह से दोस्तों हर किसी को मूर्ख ना समझें । पहले अपनी द्रष्टि उसके प्रति दौड़ाएं और उसके बाद यदि आपके अंदर उसके प्रति ज्ञान है तो ही उसका विश्लेषण यदि मोटे दिमाग के अंदर यह घुस नहीं रहा है तो उसके बाद आपको किसी इंसान के बारे मे कुछ भी निर्णय नहीं करना चाहिए ।

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