pashupati vrat ke fayde ,पशुपति व्रत के फायदे के बारे मे हम आपको बताएंगे । “पशुपति” एक हिंदू धर्म का देवता है जिसे शिव भी कहा जाता है। वह भगवान शिव के अनेक नामों में से एक है। इस नाम का अर्थ होता है “पशुओं का स्वामी” या “पशुओं का रक्षक”। यदि आप पशुपति का व्रत करते हैं तो इसके अनेक फायदे होते हैं जिसके बारे मे हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं।
वैसे आपने कई बार पशुपति व्रत के बारे मे सुना ही होगा । यदि आपके जीवन के अंदर किसी तरह की परेशानी हो रही है तो फिर आपको पशु पति का व्रत करना चाहिए ।यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं और यही आपके लिए सही होगा ।
आपको बतादें कि महीने के कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष में यह व्रत किया जा सकता है।लेकिन आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आपको 5 सोमवार जरूर ही पूरे करने चाहिए । तभी आपको पशुपति व्रत को करने का फायदा प्राप्त होता है।
यदि आप पशुपति व्रत को करते हैं तो इसका एक फायदा यह होगा कि आपकी जो मनोकामना है वह पूर्ण हो जाएगी । असल मे हर इंसान के मन मे किसी ना किसी चीज को पाने की कामना होती है। तो पशुपति व्रत को इसलिए भी किया जाता है कि ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होने के चांस काफी बढ़ जाते हैं। यह इसका एक बहुत ही बड़ा फायदा है।
यदि आपका वैवाहिक जीवन सही नहीं चल रहा है तो फिर आपको एक बार पशुपति व्रत को करना चाहिए । यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं ऐसा करने से आपके वैवाहिक जीवन के अंदर जो लड़ाई झगड़ा हो रहा है वह दूर हो जाएगा । यदि आपकी अपने पति के साथ बनती नहीं है तो आप इस पशुपति व्रत को कर सकते हैं।यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं और यही आपके लिए सही होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
यदि आपके उपर किसी तरह की बीमारी आ गई है या पति के उपर किसी तरह की बीमारी आ गई है जोकि उनका पीछा नहीं छोड़ रही है तो पशुपति व्रत करना चाहिए । माना जाता है कि पशुपति व्रत करने से यह सारी बीमारी दूर हो जाती है। यह एक अच्छा उपाय है और इसको कोई भी कर सकता है।
यदि आपके उपर काफी अधिक कर्ज हो गया है और आपको कर्ज से छूटकारा नहीं मिल रहा है तो फिर आपको पशुपति व्रत को करना चाहिए । यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा ।यदि आप यह व्रत करते हैं तो फिर आपको धीरे धीरे कर्ज से छूटकारा मिल जाएगा और आपके घर के हालात काफी अच्छे हो जाएंगे ।
बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जिनको कर्ज से छूटकारा नहीं मिल पाता है और उम्र भर उनका कर्ज बढ़ता जाता है तो ऐसे लोगों को चाहिए कि पशुपति का व्रत करें । इससे काफी अधिक फायदा होगा ।
दोस्तों यदि आप पशुपति व्रत करते हैं तो ऐसा करने से आपके मन को शांति मिलती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।असल मे हमारे मन मे जब काफी उथल पुथल मची होती है तो व्रत के बहाने हम भगवान आदि की पूजा करते हैं ऐसा करने से मन के अंदर मौजूद अशांति दूर होती है और शांति मिलती है।
यदि आप मन की शांति चाहते हैं तो फिर आपको एक बार 5 सोमवार पशुपति का व्रत करके देखना चाहिए । ऐसा करने से आपको काफी अधिक फायदा मिलेगा आप इस बात को समझ सकते हैं।
यदि आप पशुपति व्रत करते हैं तो इसका एक फायदा यह भी होता है कि इसकी वजह से बिजनेस अच्छा चलता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । मतलब बिजनेस यदि आप अच्छा नहीं चल रहा है तो फिर आपको एक बार पशुपति व्रत को करके देखना चाहिए ।
यदि आप पशुपति व्रत करते हैं या फिर कोई और व्रत करते हैं तो घर मे देवताओं का वास होता है। इसका अर्थ यह है कि आप जब भाव से देवता की पूजा पाठ करते हैं तो घर मे अपने आप देवताओं का वास होने लग जाता है। और जिस घर के अंदर देवताओं का वास होता है वहां पर सब कुछ अच्छा ही अच्छा होता है।
यदि आपके घर के अंदर सुख और शांति नहीं है। सब कुछ गड़बड़ चल रहा है तो फिर आपको पशुपति का व्रत करना चाहिए । यदि आप ऐसा करते हैं तो फिर अपने आप ही आपके घर के अंदर सुख शांति आने लग जाएगी । यह एक अच्छा व्रत साबित हो सकता है।
वैसे भी हम जो कुछ भी कर रहे हैं वह सब सुख और शांति के लिए ही तो कर रहे हैं। तो इस व्रत को करने मे भी कोई बुराई नहीं है।
यदि आप भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो फिर आपको पशुपति का व्रत करना चाहिए । यह आपके लिए काफी फायदेमंद होगा । यदि आप भगवान शिव के भगत हैं तो फिर पशुपति का व्रत आप कर सकते है। और जो लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तरह तरह के कार्य करते हैं उनके लिए यह व्रत भी काफी फायदेमंद होगा ।
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित पबमेड सेंट्रल के अंदर प्रकाशित एक रिसर्च पेपर के अनुसार यदि आप व्रत करते हैं तो यह आपकी पेट की बीमारी को कम करने का काम करता है। यदि आपको पेट की बीमारी है तो व्रत करना आपके लिए उपयोगी हो सकता है।
और पाचन की जैसी समस्या को दूर करने मे भी व्रत काफी उपयोगी होता है । इसलिए डॉक्टर भी व्रत करने की सलाह देते हैं।
यदि आपका वजन काफी अधिक हो चुका है तो फिर आपको व्रत करना चाहिए । वैज्ञानिक रिसर्च से यह पता चला है कि वजन को कम करने मे व्रत काफी अधिक फायदेमंद होता है। जब आप व्रत करते हैं तो ऐसा करने से आप अपने शरीर के अंदर की अतिरिक्त कैलोरी को जला देते हैं और इस तरह से आप अपने वजन को धीरे धीरे कम कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
दोस्तों आपको बतादें कि उपावास करना आपकी त्वचा के लिए काफी अधिक फायदेमंद होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।जब आप अधिक तेल मसालों का सेवन करते हैं तो आपको कील और मुंहासों की समस्या हो सकती है। लेकिन यदि आप उपवास करते हैं तो ऐसा करने से आपके शरीर के अंदर किसी भी तरह के विषैले पदार्थ हैं वे बाहर निकल जाते हैं। इस तरह से आपकी त्वचा को साफ करने मे भी उपवास काफी अधिक मदद करता है।
यदि आपको किसी तरह की ब्लड प्रेसर की समस्या है तो भी आप उपवास कर सकते हैं। वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर यह पता चला है कि ब्लड प्रेसर को कम करने मे भी उपवास करना काफी अधिक मदद करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। यदि आपका ब्लड प्रेसर अक्सर अधिक रहता है तो आपको भी उपवास के बारे मे सोचना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं।
यदि आपका भी ब्लड प्रेसर हाई रहता है तो उसके बाद आपको एक बार व्रत करके देखना चाहिए । आपको अपने आप ही पता चल जाएगा कि यह किस तरह से आपके रोग को दूरकरने मे मदद करेगा ।
यदि आपका कोलेस्ट्रॉल काफी अधिक रहता है तो भी आपको व्रत करना चाहिए । जरूरी नहीं है कि आप सिर्फ पशुपति का ही व्रत करें । आप किसी भी प्रकार का व्रत कर सकते हैं। आपको हर प्रकार के व्रत के अंदर यह फायदा मिलेगा । कोलेस्ट्रॉल यदि शरीर के अंदर बढ़ता है तो फिर यह हर्ट रोग के जोखिम को बढ़ा देता है। और यदि आप हर्ट रोगी हैं तो फिर आपको कोलेस्ट्रॉल के स्तर के बारे मे ध्यान रखना जरूरी होता है।
दोस्तों यदि आपको ब्लड शुगर की समस्या है तो फिर आपको व्रत करना चाहिए । यह काफी अधिक जरूरी हो जाता है। ब्लड शुगर को कम करने मे व्रत काफी अधिक उपयोगी होता है।एक शोध के मुताबिक, ब्लड शुगर से पीड़ित लोगों के लिए उपवास काफी कारगर साबित हो सकता है
बाकि आप यदि व्रत कर रहे हैं तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन करें ।
दोस्तों आपको बतादें कि शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी व्रत बढ़ाने का काम करता है। यदि आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होगी तो उसके बाद आप बार बार बीमार पड़ेंगे । एक शोध के मुताबिक, उपवास रखने से ऑटोफेगी यानी शरीर के सेल्स को साफ करने की क्षमता बेहतर हो सकती है । इस तरह से यदि आप अपने शरीर कीद रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं तो फिर आपको जरूर ही व्रत करना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।
दोस्तों यदि आपको किसी भी तरह की खाने की लत है तो इसके अंदर भी व्रत काफी उपयोगी होता है। कुछ लोग इस प्रकार के होते हैं जिनको बार बार खाने की आदत होती है। और वैसे भी पूरे दिन खाने की आदत सही नहीं होती है। ऐसी स्थिति के अंदर यदि आप बार बार व्रत करते हैं तो फिर आपकी जो खाने की आदत है वह कम हो जाएगी ।
और आप पूरे दिन नहीं खा पाएंगे । जोकि एक अच्छी चीज है। वैसे भी मरने के बाद आपके खाने पीने की इच्छा तो रहेगी ही । यदि आप आज इसको कंट्रोल नहीं करते हैं तो आने वाले दिनों मे कैसे खा सकते हैं जब आपके पास शरीर ही नहीं होगा ।
यदि आप व्रत करते हैं तो ऐसा करने से आपके दिमाग को काफी फायदा होता है। जैसे कि आप भावनात्मक रूप से और मानसिक रूप से सुधार महसूस कर सकते हैं ।जिन लोगों का मन एकाग्र नहीं होता है उनको व्रत करना चाहिए । उनके लिए व्रत करना काफी अधिक फायदेमंद हो सकता है ।
यदि हम पशुपति व्रत की बात करें तो आपको बतादें कि आप इस व्रत के अंदर अनाज नहीं खा सकते हैं। लेकिन कुछ चीजें हैं जोकि आप इस व्रत के दौरान खा सकते हैं
इस तरह से हमने इस लेख के अंदर यह जानने का प्रयास किया की पशुपति व्रत करने से क्या क्या फायदा हो सकता है ? और इसके अलावा हम आपको यहां पर यह भी बताने का प्रयास करने वाले हैं कि पशु पति व्रत करने की सही विधि क्या होगी ताकि आपको सब जानकारी आसानी से पता चल सके ।
दोस्तों अब हम आपको पशुपति के व्रत करने के नियम के बारे मे बताने वाले हैं तो आइए जानते हैं इसके बारे मे । पशुपति व्रत करने के लिए पांच दिये जलाने चाहिए । यह सबसे अधिक जरूरी होता है।पशुपतिनाथ व्रत को 5 सोमवार तक किया जाना जरूरी होता है। और सोमवार के दिन भगतों को शिवमंदिर के अंदर जाना चाहिए और वहां पर पूर्जा अर्चना करनी चाहिए ।मंदिर में ले जाने वाली थाली में आप रोली, चावल, फूल, फल, बिल्वपत्र, प्रसाद रख के ले जा सकते है और उनका अभिषेक कर सकते हैं।
यदि आप पशुपति नाथ का व्रत कर रहे हैं तो आपको इनकी पूजा विधि के बारे मे सही से पता होना चाहिए । इस व्रत की पूजा विधि अधिक कठिन नहीं है। इसलिए कोई भी इसको कर सकता है। तो सबसे पहले आपको सुबह नहा धो लेना है और अच्छे वस्त्रों को पहन लेना होगा ।उसके बाद आपको मंदिर जाना होगा । थाली में आप चावल, लाल चंदन, फूल, प्रसाद, बिल्वपत्र, पंचामृत आदि आपको लेना होगा ।उसके बाद आपको पूजा करनी चाहिए । पूजा करने के बाद आप मीठा आहार ले सकते हैं।
इस तरह से आपको यह प्रत रोजाना 6 दिन तक करना होगा । और इसी प्रकार से आपको मंदिर मे जाना होगा । और वहां पर भगवान शिव की पूजा करनी होगी । और मंदिर के अंदर दीपक जलाना होगा । इस तरह से आप कर सकते हैं। मंदिर के अंदर जो आप भोग चढ़ा रहे हैं वह घर मे बना होना चाहिए । और और उस भोग का कुछ हिस्सा आपको अपने घर ले आना है। इसके साथ ही एक दीपक भी आप लेकर आ सकते हैं।
जैसा कि आपको पता ही होगा कि हम हर वक्त के अंदर कुछ चीजें खा सकते हैं। इसके नियमों के बारे मे आपको पता होना चाहिए । तभी व्रत सफल होता है। नहीं तो आपका व्रत सफल नहीं होगा ।आप शाम के अंदर मंदिर मे चढ़ाकर जो हिस्सा लेकर आते हैं उसको खा सकते हैं और दूसरों को प्रसाद्ध के रूप मे बांट सकते हैं।
रूद्र पुराण के अंदर इस प्रकार की कथा आती है और कहा जाता है कि यदि कोई इस कथा को सुनता है तो उसके सभी दुखों का नाश हो जाता है और उसको असीम आनन्द की प्रप्ति होती है। तो आइए जानते हैं कथा के बारे मे ।
एक समय की बात है कि शिव चिंकारा का रूप धारण करके वन के अंदर तपस्या कर रही थे । उसके बाद देवताओं के उपर भारी आपत्ती आप पड़ी । और दानाओं ने तीनों लोकों पर आक्रमण कर दिया और चारों तरफ त्राही त्राही मच गई और देवता भी कुछ नहीं कर पा रहे थे । बस क्या था उसके बाद सब देवताओं को यह पता चल गया कि इस समस्या का समाधान बस शंकर ही कर सकते हैं।
उसके बाद जब शिव ने सभी देवतओं को अपनी और आते हुए देखा तो उसके बाद शिव ने नदी के उपर से छलांग लगा दी और यह छलांग इतनी तेज थी कि उनके सींग के 4 टुकड़े हो गए । उसके बाद से ही पशुपति की पूजा की जाने लगी । इस तरह से पशुपति नाथ की यह कहानी होती है। और इसका उल्लेख मिलता है।
दोस्तों हम आपको यहां पर पशुपति नाथ की आरती के बारे मे बता रहे हैं तो पशुपति नाथ की आरती को आप कर सकते हैं। या तो आप इसको बोल सकते हैं। या फिर आप गाने के रूप मे भी आरती कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं इसके बारे मे ।
ॐ जय गंगाधर जय हर जय गिरिजाधीशा ।
त्वं मां पालय नित्यं कृपया जगदीशा ॥ ॐ जय गंगाधर …
कैलासे गिरिशिखरे कल्पद्रमविपिने ।
गुंजति मधुकरपुंजे कुंजवने गहने ॥ ॐ जय गंगाधर …
कोकिलकूजित खेलत हंसावन ललिता ।
रचयति कलाकलापं नृत्यति मुदसहिता ॥ ॐ जय गंगाधर …
तस्मिंल्ललितसुदेशे शाला मणिरचिता ।
तन्मध्ये हरनिकटे गौरी मुदसहिता ॥ ॐ जय गंगाधर …
क्रीडा रचयति भूषारंचित निजमीशम् ।
इंद्रादिक सुर सेवत नामयते शीशम् ॥ ॐ जय गंगाधर …
बिबुधबधू बहु नृत्यत नामयते मुदसहिता ।
किन्नर गायन कुरुते सप्त स्वर सहिता ॥ ॐ जय गंगाधर
धिनकत थै थै धिनकत मृदंग वादयते ।
क्वण क्वण ललिता वेणुं मधुरं नाटयते॥ ॐ जय गंगाधर …
रुण रुण चरणे रचयति नूपुरमुज्ज्वलिता ।
चक्रावर्ते भ्रमयति कुरुते तां धिक तां ॥ ॐ जय गंगाधर …
तां तां लुप चुप तां तां डमरू वादयते ।
अंगुष्ठांगुलिनादं लासकतां कुरुते ॥ ॐ जय गंगाधर …
कपूर्रद्युतिगौरं पंचाननसहितम् ।
त्रिनयनशशिधरमौलिं विषधरकण्ठयुतम् ॥ ॐ जय गंगाधर …
सुन्दरजटायकलापं पावकयुतभालम् ।
डमरुत्रिशूलपिनाकं करधृतनृकपालम् ॥ ॐ जय गंगाधर …
मुण्डै रचयति माला पन्नगमुपवीतम् ।
वामविभागे गिरिजारूपं अतिललितम् ॥ ॐ जय गंगाधर …
सुन्दरसकलशरीरे कृतभस्माभरणम् ।
इति वृषभध्वजरूपं तापत्रयहरणं ॥ ॐ जय गंगाधर …
शंखनिनादं कृत्वा झल्लरि नादयते ।
नीराजयते ब्रह्मा वेदऋचां पठते ॥ ॐ जय गंगाधर …
अतिमृदुचरणसरोजं हृत्कमले धृत्वा ।
अवलोकयति महेशं ईशं अभिनत्वा ॥ ॐ जय गंगाधर …
ध्यानं आरति समये हृदये अति कृत्वा ।
रामस्त्रिजटानाथं ईशं अभिनत्वा ॥ ॐ जय गंगाधर …
संगतिमेवं प्रतिदिन पठनं यः कुरुते ।
शिवसायुज्यं गच्छति भक्त्या यः श्रृणुते ॥ ॐ जय गंगाधर
इस तरह से पशुपति व्रत के बारे मे चीजें आपको अच्छी तरह से समझ आ गई होगी । यदि आपका कोई सवाल है तो आप हमें बता सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे ।
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