पति के पैर छूने से क्या होता है? के बारे मे जाने विस्तार ।दोस्तों पति और पत्नी गाड़ी एक दो पहिये की तरह होते है। जिसके अंदर क्या होता है कि यदि कोई भी एक पहिया गड़बड़ा जाता है , तो इसका असर दूसरे पहिये पर पड़े बिना नहीं रहता है। इसलिए दोनों को ही एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए । ऐसा नहीं है कि पत्नी सिर्फ पति का ही सम्मान करें । वरन पति को भी सम्मान करना चाहिए । यह बहुत ही जरूरी है। हमारी प्राचीन संस्कृति काफी महान है। सम्मान का मतलब यह नहीं है कि पत्नी पति की गुलाम होती है। मगर इसका मतलब यह है कि पति और पत्नी दोनों को ही अपनी मर्यादा नहीं भूलनी चाहिए । अंग्रेजों की तरह बिना कपड़ों के नाच करना कोई अधुनिकता नहीं है। वरन यह वहशीपन है।
कहा जाता है , कि पति और पत्नी का रिश्ता उपर से आता है। मतलब जोड़ियां भगवान बनाकर भेजता है। और जोड़ी तो जन्म जन्म का साथ होती है। इसलिए तो कहा जाता है , कि रिश्ते अमर होते हैं। और पति और पत्नी का रिश्ता तो 7 जन्म का बताया जाता है। बहुत से लोगों को यह बातें झूठी लगती होंगी । लेकिन यह झूठी नहीं हैं। असल मे इनका अपना महत्व होता है।
और रही बात पति के पैर छूने की तो पति के पैर छूने से कई तरह के फायदे होते हैं। हम आज के शराब खोर पतियों की बात नहीं कर रहे हैं। हम पहले के संत और महान पतियों की बात कर रहे हैं , जोकि सचमुच देवताओं के समान थे । उनके अंदर अनेक तरह के महान गुण मौजूद थे । यदि माता सीता भगवान राम के पैर छूती है , तो इसमे कोई बुराई नहीं है। क्योंकि भगवान राम एक महान इंसान हैं।
कोई पत्नी यदि किसी का पैर छूती है , तो इसका मतलब यह नहीं है , कि वह पत्नी छोटी हो गई है। वरन इसके कई फायदे होते हैं , तो आइए जानते हैं।
एक पत्नी जब एक पति के पैर छूती है , तो यह समर्पण के बारे मे बताता है। या हम कह सकते हैं कि ऐसा करने से पत्नी अपने पति के प्रति समर्पण को बढ़ाने का काम करती है। एक तरह से पत्नी यह दर्शाने का प्रयास करती है कि वह अपने पति के प्रति पूरी तरह से समर्पित है और उनके हर काम के अंदर दिल से मदद करेगी । असल मे इस तरह के रिश्तों के अंदर बहुत अधिक महानता होती है। यूं ही कोई पत्नी अपने पति के पैर नहीं छूती है। उसको भी अपने पति मे कुछ ना कुछ दिखाई देता है। और रिश्ता भी समर्पण से चलता है। आजकल की तरह नहीं कि शादी किसी और से की और मजे किसी और के संग लुट रही है। यह समर्पण नहीं व्यभीचारिता है राक्षसीपन इसको कहते हैं। यदि आपको एक पति के साथ नहीं रहना है , तो पहले उससे अलग हो जाएं । उसके बाद आप जो चाहें कर सकती हैं। और समर्पण एक चरीत्रहीन औरत मे कभी भी नहीं आ सकता है।
दोस्तों क्या आपको लगता है कि जिस पति की पत्नी ही उसका सम्मान नहीं करती है। तो बाहर भला उसका कौन सम्मान करेगा । यदि आपकी पत्नी आपके गुणों की वजह से आपका सम्मान करती है , तो वह डर से नहीं वरन प्यार से आपके पैर को छूएगी । इसके अंदर कोई शक नहीं है। और यदि आपके अंदर अच्छे गुण हैं , तो वह अपने आपको रोक नहीं सकती है। क्योंकि उसको आपके अंदर देवता जैसे गुण दिखेंगे । यदि आप खुद दारू पीते हैं सट्टा खेलते हैं , तो फिर भला कौन आपके पैर छुऐगा । प्राचीन काल के अंदर पति काफी योगी हुआ करते थे । और पत्नी अपने पति को हमेशा सम्मान की नजर से देखती थी । यही कारण था कि पत्नी ऐसा करती थी । याद रखें एक पति का सम्मान घर से ही शूरू होता है। और जब एक पत्नी जो अपने पति के पास रहती है , वह सम्मान देती है , तो बाहर उसके पति का सम्मान और अधिक बढ़ जाता है।
यूं ही कोई स्त्री पतिव्रता नहीं बन जाती है। असल मे पतिव्रता वही स्त्री बन पाती है , जोकि अपने पति को सब कुछ मानती है। और यही कारण है कि वह अपने पति के पैर छूती है। आजकल कई औरतों को लगता है कि ऐसा करने से वे छोटी हो जाएंगी । मगर ऐसा नहीं है। क्योंकि जीवन उर्जा सब एक ही होती है। एक पतिव्रता स्त्री अपने पतिव्रता धर्म को और अधिक बेहतर करने के लिए अपने पति का सम्मान करने के लिए यह करती है।
यदि पत्नी अपने पति के पैर को छूती है, तो इसका फायदा यह होता है , कि पति और पत्नी के बीच प्यार के अंदर बढ़ोतरी होती है। कारण यह है कि पति को भी यह एहसास हो जाता है कि उसकी पत्नी उसकी बहुत अधिक इज्जत करती है , इसलिए वह अपनी पत्नी को हर संभव खुशी देने का प्रयास करता है। तो एक तरह से देखा जाए तो ऐसा करने से दोनों के बीच काफी कुछ चीजें अच्छी होती हैं। यह भी एक फायदा है।
दोस्तों कुछ जगहों पर यह माना जाता है कि यदि कोई पत्नी अपने पति के पैर छूती है , तो ऐसा करने से पति की आयु लंबी होती है। आज भले ही महिलाएं खुद कमाती हैं , लेकिन यह सब लोकतंत्र के अंदर होता है। अधिकतर राजाशारी शासन के अंदर ऐसा कुछ नहीं है। अधिकतर महिलाएं अपने पति पर ही निर्भर हैं। तो उनको लगता है कि यदि उनका पति मर गया , तो उनके लिए काफी बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।
हालांकि भारत के अंदर भी एक विधवा महिला के लिए जीना इतना आसान काम नहीं होता है। क्योंकि बिना पति के उसको काफी अधिक परेशान किया जाता है। हालांकि यह बस एक मान्यता है। और कुछ लोग इसको मानते हैं , तो कुछ लोग नहीं भी मानते हैं।
असल मे पति और पत्नी मे कोई बड़ा छोटा नहीं होता है। और यह बात हर पति और पत्नी को पता होना चाहिए । जब पत्नी अपने पति के पैर छूती है , तो पत्नी का अहंकार नष्ट हो जाता है। वहीं एक अच्छा पति हमेशा पत्नी को इन सब चीजों के लिए मना करता है। और उसके मन मे किसी तरह का अहंकार नहीं होता है। और आपको यह पता होना चाहिए कि पति और पत्नी के रिश्ते के अंदर किसी भी तरह का अहंकार होना घातक होता है। क्योंकि अहंकार हो जाने की दशा मे रिश्ते को खराब होने के चांस बढ़ जाते हैं।
यदि पत्नी अपने पति के पैर छूती है , तो इसका फायदा यह होता है कि पति के मन मे अपनी पत्नी के प्रति सम्मान की भावना के अंदर बढ़ोतरी होती है। हालांकि जो लोग अच्छे होते हैं। वे इस बात को समझते हैं। मगर जो लोग अच्छे नहीं होते हैं। और बुरे किस्म के होते हैं , उनके मन मे किसी तरह की कोई सम्मान की भावना नहीं होती है।
दोस्तों आपको बतादें कि प्राचीन काल से ही पति के पैर को छूने की परम्परा चली आ रही है। मतलब यही है कि हिंदु भगवान को देखेंगे तो हिंदु देवी भगवान के चरणों के अंदर बैठे हुई है। और इसकी वजह से यह एक तरह से पम्परा चल रही है। हालांकि आप ऐसा करके प्राचीन परम्परा का पालन कर रहे हैं। हालांकि वर्तमान मे यह पैर छूने का सिस्टम काफी कम ही हो चुका है।
दोस्तों पत्नी यदि अपने पति के पैर छूती है , तो इसकी वजह से रिश्ते काफी अधिक मजबूत होते हैं। क्योंकि ऐसा करने से दोनों के बीच प्यार बढ़ता है। क्योंकि पति और पत्नी दोनों को रिश्ते को बेहतर तरीके से निभाने के लिए झुकना ही पड़ता है। और तभी रिश्ता काफी अच्छे से चल पाता है। नहीं तो दोनों के बीच काफी अधिक तकरार होने के चांस हो जाते हैं।
वैसे तो आप आजकल देख ही रहे हैं , कि रिश्ते हवा के झोंकों से ही उड़ जाते हैं , इसकी एक वजह यह भी है कि पति और पत्नी अपने अहंकार के अंदर रहते हैं। और झुकना नहीं चाहते हैं। जिससे रिश्ता जल्दी ही टूट जाता है।
पति के पैर छूने से क्या होता है ? तो लेख के अंदर हमने पति के पैर छूने से क्या होता है ? के बारे मे हमने विस्तार से जाना । यदि आपके मन मे कोई सवाल है , तो आप हमें बता सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे ।
वैसे पति का पैर छूना कोई अनिवार्य नहीं है। लेकिन कुछ पत्नी अपने पति को बहुत अधिक प्रेम करती हैं। और पति भी उनका बहुत अधिक ध्यान रखते हैं। तो वे दिल से अपने पति का पैर छू लेती हैं। उनको इसके अंदर कोई बुराई नजर नहीं आती है।
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