पत्थर का पर्यायवाची शब्द या पत्थर का समानार्थी शब्द (patthar ka paryayvachi shabd / patthar ka samanarthi shabd) के बारे में इस लेख में हम बडी ही विस्तार तरीके से जानेगे ता लेख देखे ।
पत्थर | पत्थर का पर्यायवाची शब्द या पत्थर का समानार्थी शब्द (patthar ka paryayvachi shabd / patthar ka samanarthi shabd) |
पत्थर | पाषाण, पाहन, प्रस्थर, पाथर, उपल, ग्राव, दृषत्, अश्म, शिला, पखान, मार, सिल, गुरु, शैल,चटटान | |
पत्थर | pashan, pahan, prasthar, pathar, upal, grav, drshat, ashm, shila, pakhan, maar, sil, guru, shail,chatatan, |
पत्थर | Stone, rock. |
हिंदी भाषा में पत्थर शब्द का अर्थ पर्वत के एक भाग से होता है जो की पर्वत से अलग हो गया है और उसका उपयोग विशेषकर मकानो में किया जाता है । इस शब्द को संस्कृत में पाषण कहा जाता है । पत्थर शब्द का अर्थ अनेक रूपो में हो सकता है जैसे –
आज संसार भर में विभिन्न तरह के पर्वत है और इन पर्वतो से एक ऐसा भाग प्राप्त होता है जो कठोर होता है और उसका आकार ज्यादा अधिक नही होता है। जिसे पहाडो या पर्वतो को तोड कर बनाया जाता है पत्थर कहलाता है । पत्थर अनेक तरह के होते है जिनका उपयोग भी अलग अलग होता है । मगर अधिकतर पत्थरो को मकान बनाने के लिए काम में आने वाले ही समझा जाता है । मगर इसके अलावा भी इन पत्थरो का उपयोग बहुत सी जगहो पर होता है ।
पहाड से पत्थरो को बनाने की प्रक्रिया आसान नही होती है क्योकी इसके लिए विषाल पहाडो मे विसफोट करना पडता है काफी अधिक मजदूर लगते है तब जाकर पत्थर बन पाता है । पत्थर का विशाल रूप पहाड ही होता है ।
दोस्तो यह तो सभी को पता है की पत्थर भी एक विशाल पर्वत का ही भाग होता है क्योकी वह देखने में ऐसा ही लगता है मगर आकार मे छोटा होने के कारण से यह नही कहा जा सकता की यह पत्थर उसी पर्वत का है । मगर पर्वत को पत्थर के रूप में बनाने के लिए काफी अधिक मेहनत लग लती है । मगर पत्थरो का उपयोग अधिक होने के कारण से पहाडो को तोड कर पत्थर बनाना ही पडता है । एक पहाड से पत्थर अनेक तरीको से बन सकता है
दोस्तो प्राचीन समय में आधुनिक मशीने नही थी जिसके कारण से किसी पहाड को फोडने के लिए बहुत ही कठीन कार्य लगता था और एक पर्वत को थोडा बहुत ही नष्ट करने में बहुत अधिक समय लग जाता था । उस समय पहाडो या पर्वतो से पत्थर बनाने के लिए छीनी हथोडे का उपयोग होता था और हथोडे को छीने पर मारते रहने के कारण से कुछ भाग में पत्थर बन पाते थे ।
इसी तरह की एक कहानी भी है जिसमें एक व्यक्ति ने पर्वत को फोड कर रास्ता निकाला था । और उसे भी यह कार्य करने में बहुत अधिक समय लग गया था । क्योकी इस तरीके से पर्वत को फोडना बहुत ही कठीन होता है ।
दोस्तो आपने यह सुना होगा की जब चने को पानी में भिगोया जाता है तो वह फुल जाता है और इस तरह से फुलने के कारण से वह कठोर वस्तु को भी नष्ट कर सकता है । कुछ इस तरह का उपयोग प्राचीन समय में विशाल पर्वतो को नष्ट करने के लिए किया जाता था क्योकी उस समय इसी तरह के तरीके थे ।
जिसके कारण से बडी मात्रा में पर्वत की एक चीर में बहुत सारे चने डाले जाते थे और फिर उन्हे पानी में भिगोने पर वे एक पत्थर को तोड सकते थे । मगर इस कार्य में विशाल पर्वतो को नही तोडा जा सकता था ।
दोस्तो आज के समय मे विकाश इतना अधिक हो गया है की मानव ने ऐसे मशीने तैयार की है जो की बडी से बडी चटानो को पल भर में तोड सकती है । इसी तरह की मसीनो का उपयोग जब पर्वत या बडी चटानो पर किया जाता है तो उनके छोटे छोटे भाग बन जाते है । जिन्हे पत्थर कहा जाता है ।
इस तरह की मशीनो के अनेक तरह के रूप है जो की अनेक तरह से कार्य करती है । और यही कारण होता है की आज किसी मशीन का उपयोग करते हुए विशाल चटान को तोड कर पत्थर बनाता है ।
यह सबसे अच्छा तरकी होता है क्योकी इससे विशाल से विशाल पर्वतो को नष्ट किया जा सकता है । जिस तरह से आपने अनेक फिल्मो में देखा होगा की पहाडो पर धमाके होते रहते है । यही प्रक्रिया पत्थरो के निर्माण की होती है ।
क्योकी बारूद का उपयोग करने के कारण से विशाल से विशाल पर्वत नष्ट हो जाता है और उसके छोटे भाग बन जाते है । उन्हे पत्थर कहा जाता है । मगर एक पर्वत को पल भर में पत्थरो में नही बदला जा सकता है । बल्की छोटे छोटे भागो को नष्ट करना होता है ।
इस तरह से बारूद का उपयोग करना सही नही होता है क्योकी इससे कई तरह की समस्या भी सामने आती है । जिसके कारण से इसके उपयोग से पहले परमिशन लेनी होती है ।
पत्थर एक पर्वत का ही प्रकार होता है और इसी के आधार पर पत्थरो को तीन प्रकारो में बाटा जाता है जो है –
1.आग्रेय पत्थर
2.अवसादी पत्थर
3.कायान्तरित पत्थर
1.आग्रेय पत्थर
दोस्तो आपने इस तरह के पत्थरो के बारे में पहले भी सुना होगा क्योकी ये पत्थर एक ऐसी प्रक्रिया के द्वारा बनते है जिसे लगभग सभी लोग जाते है यानि वह पत्थर जो ज्वालामुखी से निकलने वाले विशाल लावा के ठंडे होने से बनते है । आग्रेय पत्थर कहलाते है ।
जब लावा ठंड हो जाता है तो पत्थर का आकार एक विशाल चटान के रूप में हो सकता है या एक पत्थर के रूप में हो सकता है । जिसका रंग लाल, काल, सफेद आदी रंगो का होता है । इस तरह के पत्थर को ग्रेनाइट पत्थर भी कहा जाता है ।
अक्सर आपने देखा होगा की रोड बनाने के लिए जिस पत्थर का उपयोग होता है उसका रंग न तो लाल होता है और न ही सफेद । बल्की वह काले रंग का होता है । और इसी तरह से रेल की पटरियों मे भी काले पत्थर होते है । ये पत्थर भी आग्रेय पत्थर होते है जिन्हे बेसाल्ट के नाम से जाना जाता है ।
किसी विशाल पर्वत को श्रय के बारे में आपने सुना होगा कुछ इस तरह का ही आग्रेय पत्थरो में होता है जिसके कारण से इसके छोटे छोटे भाग बन जाते है और ये सभी अनेक कारणो में निचे गिरते जाते है । जैसे हवा का उपयोग करते हुए छोटे पत्थर हवा मे उड़कर दूसरे इलाको में चले जाते है साथ ही गुडकते हुए निचे जाते रहते है ।
इसी तरह से वर्षा और अनेक कारणो से होता है । इस तरह से जब बहुत सारे पत्थर एक साथ एक ही स्थान पर इकट्ठा हो जाते है तो काफी समय के बाद में ये जुडने लग जाते है । जैसे आपने समुंद के किनारो पर पत्थरो को देखा होगा ये असल मे अवसादी पत्थर ही होते है । उदाहरण के लिए रेतीया पत्थर और चुना पत्थर ।
ये वे पत्थर होते है जो ज्वालामुखी से निकले लावा के बाद बनने वाला पत्थर जिसे हम आग्रेय पत्थर कहते है और अवसादी पत्थर दोनो का जब रूपान्तर हो जाता है तो यह एक अलग ही तरह का पत्थर दिखने लग जाता है जिसे कायान्तरित पत्थर कहा जाता। उदाहरण – संगमरमर,नाईस और स्लेट ।
इस तरह के पत्थरो का उपयोग बिल्डिंग्स और घरो की फर्स बनाने के रूप में उपयोग होता है । जिसके कारण से इन पत्थरो की किमत अधिक होती है और माग भी अधिक रहती है । क्योकी देखने में भी ये पत्थर बहुत ही सुंदर लगते है ।
इस तरह से पत्थर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है ।
दोस्तो आज मनुष्य अपने जीवन में जीस किसी वस्तु का थोडा बहुत भी उपयोग करता है वह उसके जीवन में महत्वपूर्ण होती है । और इसी तरह से पत्थरो का उपयोग मानव बहुत अधिक करता है । क्योकी मानव को सबसे पहले पेट भरने की जरूरत होती है और इसके बाद में उसे रहने के लिए एक अच्छा आश्रय चाहिए है । जिसे बनाने के लिए आज विभिन्न तरह के पत्थरो का उपयोग होता है ।
यानि मकान बनाने से लेकर पूरा करने तक पत्थर लगते है । और इसके अलावा आज एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए जिस सडक का उपयोग करता है वह भी पत्थरो से बनी होती है । और रेलगाडी की पटरीयो में बिछाए जाने वाले पत्थर । इस तरह से विभिन्न तहर से पत्थरो का उपयोग तो होता है और फिर मानव अगर उनका उपयोग कर रहा है तो मानव पत्थरो से जुडा हुआ है । इस तरह से पत्थरो से जुडे होने का अर्थ होता है की मानव जीवन में पत्थरो का महत्व है ।
पत्थर का यहां पर अर्थ यह नही है की विशाल पर्वत है बल्की पत्थर का अर्थ विशाल पर्वत के कुछ भागो से है । क्योकी आज छोटे छोटे कंकरीट का उपयोग हो रहा है जैसे सडक बनाने के लिए, तो यह भी किसी विशाल पर्वत का ही भाग होता है । और इन्हे साधारण भाषा में पत्थर ही कहा जाता है । जीसके कारण से पत्थर का उपयोग मानव के उपयोगी के रूप में होता है ।
अत: मानव के जीवन में विभिन्न तरह से पत्थर उपयोगी होती है जिसके कारण से पत्थरो का होना भी जरूरी होता है । हालाकी इनके बगेर भी जीवन चल सकता है मगर वर्तमान की तरह आरामदायक नही हो सकता ।
दोस्तो इस तरह से हमने पत्थर के पर्यायवाची या समानार्थी शब्द के बारे में जान लिया है । अगर आपका कोई प्रशन है तो पूछ सकते है ।
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