पवन का पर्यायवाची शब्द या पवन का समानार्थी शब्द (pawan ka paryayvachi shabd ya pawan ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में जानने वाले है । तो अगर आपको भी यह जानकारी चाहिए तो आप भीलेख देख सकते है –
शब्द | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
पवन | हवा, मारुत, समीर, पवमान, समीरण, अनिल, मंद, बयार, वात, समीरण, प्रभंजन, अनिल, वायु , मातरिश्वा, पवमान, प्रवात, स्पर्शन । |
पवन in Hindi | Hawa, Marut, Sameer, Vayuman, Sameeran, Anil, Mand, Bayar, Vata, Samiran, Prabhanjan, Anil, Vayu, Matarishva, Pawan, Pravat, Tangana. |
पवन in English | air, wind, atmosphere, land wind, land breeze. |
दोस्तो पवन का अर्थ होता है हवा, वायु। यानि वह जो अदृश्य होती है और गतिशिल रहती है । जिसके कारण से पेड़ पौधो के पत्ते हिलते रहते है । और किसी भी तरह की हल्की वस्तु अपने आप उड़ती रहती है पवन होती है । पवन को वायु के नाम से भी जाना जाता है । दोस्तो अगर बात करे पवन शब्द के अर्थ की तो इसके अर्थ को निम्न तरह से समझाया जा सकता है –
वह अदृश्य और गतिशिल जिसे हवा के नाम से जाना जाता है पवन होती है ।
वह जिसे वायु के नाम से जाना जाता है पवन होती है ।
वह जिसे मारूत कहा जाता है पवन होती है ।
मंद मंद चलने वाली हवा भी एक तरह की पवन होती है ।
हिंदू धर्म में पवन का अर्थ पवन देव या वायु देव से भी होता है ।
वह जिसे देखा नही जाता है मगर महसुस किया जाता है ऐसी वायु को पवन कहते है ।
इस तरह से दोस्तो पवन का मतलब एक तरह की वायु या हवा से होता है ।
आजकल काफी तेज पवन चल रही है ।
एक तो आज शर्दी है और तेज पवन चल रही है जिसके कारण से घर से निकला तक नही जा रहा है ।
वर्षा होने के बाद में तेज पवन चलने के कारण से काफ शर्दी हो चुकी है ।
आज तो इतनी तेज पवन चलने लगी की मिट्टी उड़ने लगी और आंधी का रूप ले लेती है ।
मकर संक्रांति के समय तेज हवा चलने के कारण से सभी बच्चे परेशान हो गए ।
आज खेत में फसल निकाल रहे थे मगर वायु चलने का नाम ही नही ले रही है ।
रात को सही तरह से प्रवात नही चलने के कारण से काफी गर्मी लगने लगी ।
समीरण के न चलने के कारण से काफी गर्मी लगने लगी है ।
दोस्तो पवन को वायु के नाम से जाना जाता है । आपको बता दे की पवन को परिभाषित करना आसान नही है । फिर भी आपको बता देते है की पवन वह क्रिया होती है जो की अदृश्य रहती है औरगतिशिल होती है । और पवन के गतिशिल होने के कारण से पेड़ पौधो के पत्ते हिलते रहते है । ऐसी क्रिया पवन होती है ।
पवन को कभी देखा नही जा सकता है ।जिसके कारण से ही पवन के बारे में समझना आसान नही होता है । वैसे दोस्तो पवन एक तरह से गतिशिल नही होती है । बल्की वह कभी तेज गति से गतिशिल होती है तो कभी मंद गति से गतिशिल होती है ।
कहने का अर्थ है की पवन अलग अलग तरह से गतिशिल होती है । जब पवन एक साथ अधिक गति से किसी स्थान की और आती है तो तेज गति होने के कारण से आस पास जो भी हल्का होता है वह पवन के साथ उड़ कर दूसरे स्थान पर चला जाता है ओर इस पवन का एक अलग ही नाम बन जाता है और इसे आंधी कहा जाता है । वैसे दोस्तो जब पवन मंद मंद चलती है तो यह सभी को पसंद आती है ।
अक्सर पवन पवन के चलने के बारे में मकर संक्रांति पर ध्यान दिया जाता है । क्योकी इस समय मकर संक्रांति के अवसर पर बच्चे पंतग उड़ाते है और उनके उड़ने या न उड़ना पूरी तरह से पवन पर निर्भर करता है । अरग वातावरण में मंद मंद पवन चलती है तो सही तरह से पंतग उड सकते है और जब तेज पवन चलती है तो उन्हे उड़ाना आसान नही होता है ।
दोस्तो आपको बता दे की हिंदू धर्म में पवन को पवन देव या वायु देव के रूप में जाना जाता है । एक कथा के अनुसार बताया जाता है की पवन देव भगवान हनुमान जी के पिता है । और पवन देव का पवन पर पुरी तरह से वश होता है । जब पवन देव चाहते है तब पवन की गति को बढा सकते है और जब चाहते है तब कम कर सकते है ।
यह भी कहा जाता है की हनुमानजी के हवा में तेज गति से उड़ने का कारण पवन देवी ही होती है । क्योकी पवन देव की पवन हनुमान जी को गति प्रदान करती है । आपको मालूम होना चाहिए की पवन कितनी मुल्यवान होती है ।
एक बार जब हनुमान जी सूर्य को फल सफझ कर खा रहे थे तो इंद्र देव ने उन पर वज्र प्रहार कर दिया जिसके कारण से हनुमान जी मुर्झित हो गए और जमीन पर गिरने लगे । और पवन देव को इस बारे में मालूम चला तो उन्होने अपने बेटे यानि हनुमान जी को अपनी गोद में लेकर निवास स्थान पर चले गए । और क्रोध में सारी की सारी पवन को वापस ले लिया था । यानि पवन का संचार बंद कर दिया था ।
जिसके कारण से जो भी जव जंतु श्वास लेते है वे सभी मरने लगे थे । क्योकी सभी पवन से ही चलते है । मगर सभी देवो के प्राथना करने और हनुमान को ठिक रने के कारण से पवन देव ने वापस पवन का संचार कर दिया था । तो इस तरह से पवन को हिंदू धर्म में देव के रूप में बताया गया है ।
हिंदू धर्म में अनेक पुराणो और ग्रंथो में इस बात का पुरी तरह से वर्णन किया हुआ है की पवन एक देव होते है। इसका मतलब यह हुआ की हिंदू धर्म में पवन को पूजा जाता है ।
अगर पवन की बात करे की मानव इसका किस तरह से उपयोग करता है तो आपको इस बारे में बताने की आवश्यक्ता नही होनी चाहिए । क्योकी आपको मालूम है । आपको मालूम है की आप पवन का उपयोग श्वास लेने में करते हो । मगर मित्र इसके अलावा भी पवन का उपयोग मानव जीवन में अलग अलग तरह से होता है तो आइए जान लेते है पवन के उपयोग के बारे में –
यह तो सभी को मालूम है की अगर पवन नही होती है तो हम श्वास नही ले पाते है । और ऐसा एक बार हुआ भी था । क्योकी पवन देव ने सारी की सारी पवन का संचार बंद कर दिया था । और इस बारे में हमने उपर बात की है ।
आपको बता दे की पवन में अनेक तरह की गैसे होती है और हम श्वास के लिए उपयोगी ऑक्सीजन को ले लेते है । इसी पवन के कारण से पेड़ पौधे श्वास ले पाते है । कहने का मतलब है की पनव का उपयोग श्वास लेने में किया जाता है । अगर पवन नही होती है तो हम भी जीवित नही रह पाते है ।
दोसतो आपको पता होना चाहिए की आज हम जब आसमान में किसी पैराशूट की सहायता से आसमान में उड़ते है या फिर किसी प्लेन में बैठ कार आसमान में उड़ते है । तो इसमें पवन का भी योगदान होता है । अगर पवन नही होती है तो आसमान मे नही उड़ा जाता है ।
जब पैराशुट से आसमान से या किसी उंचाई से निचे की और छलाग लगाई जाती है तो पैराशुट में पवन इकट्ठी हो जती है जो की धरती की और तेजी से न गिरने में मदद करती है । और यही कारण है की हम आसमान में उड़ पाते है ।
इस तरह से दोस्तो कहा जा सकता है की पवन ही वह है जिसके कारण से हम आसमान का सफर कर लेते है । और एक देश से दूसरे देश में आसानी से पहुंच जाते है । हालाकी केवल पवन की वजह से भी हम आसमान में नही उड़ सकते है और यह बात आपको मालूम है ।
आपको पता होना चाहिए की अग्नि केवल वही पर पैदा की जा सकती है जहां पर पवन होती है । अगर आप एक ऐसे बंद कमरे में अंग्नि पैदा करने की कोशिश करते हो जहां पर पवन बिल्कुल नही होती है तो आप देखोगे की अग्नि पैदा नही हो रही है । मगर जैसे ही आप उस कमरे में पवन को प्रवेश कराते है तो आप देखते हो की अग्नि पैदा हो जाती है ।
तो इस कारण से कहा जाता है की पवन जो होती है वह अग्नि पैदा करने में भी उपयोगी होती है ।
हालाकी इसके पिछे एक वैज्ञानिक कारण होता है ।
अगर आपको नही मालूम है तो बता दे की पवन भी वह एक कारण होता है जब आसमान के बादल से वर्षा होती है। क्योकी बादल में भारी पानी होने के साथ ही साथ वह पवन की मदद से गतिमान होते है और कभी कभार तेज पवन चलने के कारण से बादल का पानी निचे गिरने लग जाता है । जिसका मतलब यह है की पवन का उपयोग वर्षा के लिए भी होता है ।
वैसे दोस्तो ऐसे बहुत से कारण होते है जिनमें पवन का उपयोग एक अच्छी तरह से किया जाता है ।
इस तरह से मित्रो हमने इस लेख में पवन के पर्यायवाची शब्द या पवन के समानार्थी शब्द के बारे में जान लिया है । अगर लेख पसंद आया तो कमेंट करे ।
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