प्रधानाध्यापक का पर्यायवाची शब्द या प्रधानाध्यापक का समानार्थी शब्द (pradhanadhyapak ka paryayvachi shabd ya pradhanadhyapak ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में जानने वाले है । अगर आप भी यह जानना चाहते है की प्रधानाध्यापक के पर्यायवाची क्या है तो आपको बता दे की इतनी अधिक जानकारी आपको कही नही देखने को मिलेगी । और इस यहां पर प्रधानाध्यापक के पर्यायवाची के बारे में जानने पर आपको प्रधानाध्यापक के बारे में अच्छी जानकारी हासिल हो जाएगी ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd ya samanarthi shabd) |
प्रधानाध्यापक | मुख्याध्यापक, प्राचार्या, प्रधान अध्यापक, हेडमास्टर, प्राचार्य, प्रधान आचार्या, प्रधान । |
प्रधानाध्यापक in Hindi | mukhyaadhyaapak, praachaary, pradhaan shikshak, pradhaanaadhyaapak, aachaary, pradhaan aachaary, pradhaan. |
प्रधानाध्यापक in English | Principal. |
दोस्तो प्रधानाध्यापक का अर्थ होता है मुख्याध्यापक या हेडमास्टर । यानि किसी विद्यालय का वह शिक्षक या अध्यापक जो की सबसे श्रेष्ठ हो । यानि विद्यल का पद में सबसे श्रेष्ठ अध्यापक ही प्रधानाध्यापक होता है और इन्हे कई हेडमास्टर कहा जाता है ।
वैसे आपको बता दे की प्रधानाध्यापक के अर्थ को आप अनेक तरह से समझ सकते है जो कुछ इस तरह से है –
पहले आचार्य जो होते थे वे अध्ययन करवाते थे तो उन्हे ही अध्यापक कहा जाता है जिसके कारण से प्रधानाध्यापक का एक अर्थ सबसे आचार्या भी होता है ।
इस तरह से दोस्तो प्रधानाध्यापक का एक अलग ही अर्थ होता है । और इसके बारे में हमने जाना है ।
दोस्तो प्रधानाध्यापक वह होता है जो की स्कुल का मुखिया होता है । यानि जब हमारे आस पास एक स्कुल होती है तो उस स्कुल को चलाने के लिए प्रधानाध्यापक होता है जो की स्कुल के प्रमुख के रूप में जाने जाते है ओर स्कुल के अंदर जो भी फैसला लेना होता है वह प्रधानाध्यापक ही लेता है । और आपको इस बारे में पता होना चाएिह ।
आपको बता दे की स्कूल में एक हेडमास्टर होता है और वही असल में प्रधानाध्यापक के रूप में जाना जाता है । एक प्रधानाध्यापक के पास कई तरह की जिम्मेदारियां होती है और वह स्कुल को चलाने और छात्रो को सही तरह से और उचित शिक्षा का मिलना होता है ।
क्योकी इन सब की देखरेख काकम प्रधानाध्यापक का ही होता है और यह आपको पता होना चाहिए । दोस्तो आपको बता दे की प्रधानाध्यापक जो होते है वे काफी अधिक सरल और कठोर स्वभाव के हो सकते है क्योकी उन्हे ऐसा होना पड़ता है ।
स्कूल का नेतृत्व और प्रबंधन करने के लिए कई लोग होते है जो की कोशिश कर सकते है मगर आपको बता दे की इसकी अधिकारिक रूप से जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक के पास ही होती है और वे ही स्कूल को काफी बेहतर रूप में चालू कर सकते है और उसे आगे बढा सके है । और यह बात आपको भी पता है ।
आपको बता दे की जब शिक्षण की बात आती है तो स्कुल में सभी अध्यापको का योगदान होता है मगर आपको बता दे की सही तरह से शिक्षा मिलती रहे और अध्यापक सही तरह से काम करते रहे इसे लिए प्रधानाध्यापक का काफी बड़ा योगदान होता है । वही पर आपको बता दे की स्कुल से जुड़ी किसी भी तरह के कार्य की बात हो चाहे उसे करने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक के पास ही होती है ।
अगर स्कुल में शिक्षा सही तरह से बच्चो को नही दी जा रही होती है तो इसका जिम्मेदार शिक्षक न होकर प्रधानाध्यापक को ठहराया जाता है और यह बात आपको पता होना जरूरी है ।
स्कूल एक ऐसा स्थान है जहां पर बच्चे ज्ञान ग्रहण करने के लिए जाते है और अपने ज्ञान का विकाश करते रहते है और ज्ञान का विकाश करते हुए आगे बढते रहते है । ओर स्कुल में शिक्षको से अध्ययन लेते है और ज्ञान को बढावा देते है । और इन सब का सचालन की बात की जाए तो वह प्रधानाध्यापक ही होता है ।
आपको बता दे की स्कुल का सबसे अच्छा शिक्षक प्रधानाध्यापक ही होता है क्योकी जो कुछ स्कुल में अच्छा और सही तरह से हो रहा है उसका जिम्मेदार प्रधानाध्यापक ही होता है । मगर आपको बता दे की स्कुल में शिक्षक के योगदान के बिना यह सब नही हो सकता है और आप इसे समझ सकते है ।
वही पर अगर स्कुल में किसी तरह का कुछ गलत होता है तो उसका जिम्मेदार सभी प्रधानाध्यापक को ही ठहराते है क्योकी वे ही स्कुल को चलाने का काम करते है और सही और गलत में भेदभाव कर कर उसे स्कूल में लागू करते है । आपको यह बात पता होगी । हालाकी कई बार क्या होता है की स्कूल का नाम उंचा होता है क्योकी कुछ विद्यार्थी स्कूल के लिए कुछ ऐसा कर देते है जिसके कारण से स्कूल को देश में एक अलग पहचान मिलती है तो ऐसे में प्रधानाध्यापक को काफी सम्मान मिलता है ।
एक सही प्रधानाध्यापक वह होता है जो की न केवल शिक्षण विधी को सही तरह से पूरा करता हो बल्की बच्चो का मार्गदर्शशनभी करता हो की जीवन में सफल होने के लिए क्या किया जा सकताहै । आपको बता दे की एक शिक्षक जो होता है उसे केवल किताबी ज्ञान देता है मगर कुछ ऐसे शिक्षक ऐसे होते है जो की किताबी ज्ञान के अलावा भी अन्य तरह का ज्ञान देता है की जीवन में सफल किस तरह से बना जाता है ।
प्रधानाध्यापक का कर्तव्य के बारे में बात करे तो आपको बता दे की इनके अनेक तरह के कर्तव्य होते है । कुल मिलकार यह है की जो कुछ स्कूल में होता है और उसे सीह तरह से पूरा किया जाए और इसके लिए प्रधानाध्यापक का कर्तव्य काफी अधिक जरूरी होता है ।मगर यह कर्तव्य क्या है यह कुछ इस तरह से है
बच्चों को अच्छी शिक्षा देना आज काफी अधिक जरूरी हो गया है क्योकी आपको पता होगा की बच्चे जो होते है वे ही आगे जारक हमारे देश का नाम रोशन करने की ताक्त रखते है । तो भला बच्चो को कैसे बुरा ज्ञान दिया जा सकता है ।
बल्की बच्चो को एक अच्छी शिक्षा देनी चाहिए और इस तरह की अच्छी शिक्षा देने का प्रधानाध्यापक का कर्तव्य है। आपको बता दे की बहुत से ऐसे प्रधानाध्यापक होते है जो की अपने इस कर्तव्य को अच्छी तरह से पूरा कर लेते है और जीवन में आगे बढते जा रहे है । तो आप इस बात से समझ सकते है की प्रधानाध्यापक अपने कर्तव्य को पूरा करते है।
अनुशासन की अगर बात करे तो यह सभी के लिए जरूरी होता है । चाहे बच्चे हो या फिर बड़े सभी के बिच में अनुशासन का होना जरूरी होता है । म
गर आपको बता दे की एक शिक्षक और प्रधानाध्यापक में यही अंतर होता है की प्रधानाध्यापक हमेशा बच्चो और शिक्षक के साथ साथ पूरे स्कूल में अनुशासन लागू कर कर रख सकता है ।
क्योकी उनकी बात सभी मानते है चाहे कोई अध्यापक हो या फिर बच्चे हो सभी प्रधानाध्यापक की बात मान कर अनुशासन रखते है ।
आपको बता दे की छात्रो के साथ सम्पर्क होने से छात्र जो होते है वे शिक्षक से डरते नही है और उनकी बातो को आसानी से मानते ही नही है बल्की उन्हे समझते भी है । और आपको बता दे की छात्रो के साथ इसी तरह से सम्पर्क बनाने काम प्रधानाध्यापक करता है ।
मतलब यह है की प्रधानाध्यापक जो होता है वह बच्चो के साथ हमेशा सम्पर्क बना कर रखने का प्रयास करते है । ताकी उनकी बातो को बच्चे आसानी से समझ जाए और अगर उनको किसी तरह की परेशानी होती है तो वे इसके बारे मे प्रधानाध्यापक को बता सकते है ।
आपको पता होगा की एक स्कूल जो होती है उसमें कई तरह की जिम्मेदारिया होती है। स्कूल में ऐसे बहुत से काम होते है जिन्हे पूरा करने के लिए और किसी की नही बल्की प्रधानाध्यापक का होना जरूरी होता है । और आपको बता दे की प्रधानाध्यापक की यह जिम्मेदारी होती होती है की वे स्कूल के अंदर होने वाले सभी तरह के काम को पूरी तरह से करे और अपनी जिम्मेदारी निभाने का काम करे ।
आज के समय में बच्चो के पास ज्ञान तो बढ जाता है मगर शारीरिक विकास नही हो पाता है और ऐस में प्रधानाध्यापक का यह एक कर्तव्य होता है की वह बच्चो के शारीरिक विकास पर भी ध्यान दे क्योकी दिन में आधे समय तक तो बच्चे प्रधानाध्यापक के पास उनके विद्यालय में रहते है ।
ऐसे में प्रधानाध्यापक का यह कर्तव्य बनता है की वह बच्चो के लिए शारीरिक विकास के लिए भी कुछ करे और इसके बारे मे सभी को करने के लिए भी कह सकते है। और ऐसा केवल बताने के लिए नही होता है बल्की बहुत से प्रधानाध्यापक ऐसे होते है जो की इस काम को भी अपनी जिम्मेदारी मान कर पूरा करते है।
आज के समय में सफल बनने क लिए पता नही क्या क्या करना होता है मगर तब आखिर में जाने के बाद में ऐसा होता है की कुछ ही लोग सफल हो पाते है ।
मगर आपको बता दे की मेरे अनुसार यह प्रधानाध्यापक का कर्तव्य होता है की जीवन में सफल बनने के लिए बच्चो को अलग अलग तरह के तरीके के बारे में बताए । क्योकी बच्चे जो होते है वे तो यही समझते है की पढने से सब कुछ होगा हालाकी यह सत्य भी होता है ।
मगर जॉब लगना ही सफलता नही है बल्की अपने जीवन में वह मुकाम हासिल करना सफलता होती है जिसमें उनकी रूची होती है । और आप इस बात को समझ सकते है की सफला किस तरह से जरूरी होती है । आपको बता दे की सफल होने के लिए लोग पता नही क्या क्या करते है मगर मेरे अनुसार बच्चो को इस बारे में बताने की प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी होती है ।
इस तरह से हमने इस लेख में प्रधानाध्यापक के पर्यायवाची शब्द या प्रधानाध्यापक के समानार्थी शब्द के बारे में जान लिया है । अगर लेख पसंद आया तो कमेंट में बता सकते है ।
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