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प्रकृति का विलोम शब्द Prakratik ka vilom shabd kya hai ?

प्रकृति का विलोम शब्द या प्रकृति का विलोम , प्रकृति का उल्टा क्या होता है ? Prakratik ka vilom shabd

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PrakratikKratrim

प्रकृति का विलोम शब्द Prakratik ka vilom shabd kya hai

‌‌‌दोस्तों प्रकृति शब्द के बारे मे तो आपने सुना ही होगा ।दोस्तों प्रकृति का मतलब जो कुछ भी हमको दिया गया है। इस दुनिया मे अपने आप ही बना है वह सब कुछ प्रकृति ही है। वैसे तो यहां पर जो कुछ भी दिखाई देता है वह सब प्रकृति का ही अंश है। लेकिन इस प्रकृति से परे बस आत्मा को ही माना गया है।

‌‌‌यदि बात करें प्रकृति की तो हम और आप भी इसी प्रकृति के ही अंश हैं। इसमे कोई शक नहीं है। यहां पर हर बुरी से बुरी चीज और हर अच्छी से अच्छी चीज तो प्रकृति का ही अंश है। बुराई भी प्रकृति ने पैदा की है तो हर अच्छी से अच्छी चीज को भी इसी प्रकृति ने पैदा किया है।

‌‌‌यहां पर जो कुछ भी आप देख रहे हैं वह सब कुछ पैदा हुआ है और उसको एक दिन इसी मिट्टी मे मिल जाना है। हर चीज मिट्टी से बनी है और अंत मे उसको उसी के अंदर मिल जाना है। यही सचाई है भले ही आप इसको माने या ना मानें ।

‌‌‌इंसान एक बार जब इस धरती पर पैदा होता है तो उसे यह लगता है कि वह बहुत ही सुंदर है और वह कुछ भी कर सकता है लेकिन यह एक महाझूठ है। ऐसा सोचना ही मूर्खता है। हर चीज की सीमा आपको दी गई है। बिना सीमा के कुछ भी नहीं है। आप जिनको भगवान मानते हैं वे भी सब कुछ नहीं कर सकते हैं उनकी भी अपनी एक सीमाएं हैं।

‌‌‌तभी तो एक जगह पर कृष्ण ने अर्जुन से कहा है कि अर्जुन सब कुछ मेरे अधीन नहीं है या मेरी इच्छा से सब कुछ नहीं होता है। यह जो जन्म मरण का चक्र चल रहा है वह अपने आप ही चल रहा है।

‌‌‌किसी के जन्म लेने या मरने का कारण मैं नहीं हूं । हर इंसान का अपना कार्मिंक ढांचा होता है सब कुछ उसी के हिसाब से पहले से तय होता है। दोस्तों असल मे बहुत से लोगों को यह लगता है कि यह व्यवस्था बिना ईश्वर के प्रकृति कैसे कर सकती है? इस प्रश्न का उत्तर तो नहीं है लेकिन महान योगी यही बताते ‌‌‌ आए हैं कि सब कुछ प्रकृति का खेल है।वैसे भी आज जिस प्रकार से इंसानों ने प्रकृति का मजाक बनाकर रखा है उससे तो यही लगता है कि आने वाले दिनों मे इंसानों का अस्तित्व खतरे के अंदर पड़ने वाला है।

‌‌‌आजकल आप जो नेचर के अंदर उथल पुथल देख रहे हैं।उससे यह साफ पता चलता है कि आने वाला समय कितना भयंकर होगा । इंसान रूपी जानवर आपस मे कुत्तों की तरह लड़ेंगे । और एक इंसान दूसरे का गला काट डालेगा जो कि कर रहा है। और सबसे बड़ी बात यही है कि जो दूसरों का गला काटेगा वह एक दिन खुद भी किसी के द्धारा ‌‌‌ काट दिया जाएगा ।आप समझ सकते हैं कि नेचर के अंदर कुछ भी स्थिर नहीं है। चारो ओर उथल पुथल मची हुई है। अब इस उथल पुथल मे क्या बचेगा और क्या रहेगा कुछ कह नहीं सकते हैं। ‌‌‌और जब तीसरा विश्व युद्ध होगा तो फिर इसका परिणाम क्या हो सकता है आप समझ सकते हैं। पूरी मानव जाति के लिए यह एक बड़ा खतरा बन जाएगा ।

कृत्रिम का अर्थ और मतलब

दोस्तों कृत्रिम शब्द के बारे मे तो आपने बहुत बार सुना होगा । कृत्रिम का मतलब होगा इंसान ने जो बनाया है वह सब कृत्रिम है।आप जिस बाइक या कार मे सफर करते हैं वह नेचर ने नहीं बनाई वरन इंसान ने बनाई है इसलिए कृत्रिम है। कृत्रिम मतलब सीधा ही है जो नेचर ने नहीं बनाया है वह कृत्रिम ही होगा ।जब आप अपने घर को कोठी बनाते हैं तो वह भी कृत्रिम है रहने के लिए मकान पहनने के लिए कपड़े आप खुद बनाते हैं तो यह सब कृत्रिम होता है। आ जो कुछ भी गदंगी हमारे चारों ओर देख रहे हैं वह भी लालची इंसान का अपशिष्ट ही तो है। कुछ गदंगी ‌‌‌इसी तरीके से इंसानों के दिमाग मे घुस गई है। और उसी गंदी सोच के चलते इंसान अनेक प्रकार के गंदे कांड करता है इसमे कोई शक नहीं है। कुछ समय पहले एक घटना हुई जिसके अंदर भीड़ ने दो साधुओं को पीट पीट कर मार डाला और पुलिस कुछ नहीं करती है। यह कोई फिल्मी नहीं रियल घटना थी जिसका संबंध पालघर से था। ‌‌‌नेचुरल द्रष्टि से यह बुरा नहीं था। लेकिन ऐसा करने वाले लोगों को अपने कर्मों की सजा तो भुगतनी ही होगी । यदि आप बिना काम किसी जीव को मार देते हैं तो आपके अंदर की हिंसा भड़कती है और जब आप हिंसक होते हैं तो आप असहज हो जाते हैं जिससे कि आपके अंदर की अशांति बढ़ जाती है।

कृत्रिम रूप से इंसान बहुत कुछ बनाता है। उनमे से कुछ चीजें ऐसी होती हैं जोकि काफी फायदेमंद होती हैं तो कुछ चीजें ऐसी होती हैं जोकि किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं होती हैं। परमाणु बम को भी आप ले सकते हैं। लड़ाइयां तो बिना परमाणु बम के भी लड़ी जा सकती हैं लेकिन यही हथियार एक दिन आतंकवादियों के  ‌‌‌ हाथ लगेंगे तो पूरी दुनिया के अंदर तबाही शूरू हो जाएगी । और दुनिया के विकाशील देश जहां लड़ रहे हैं वही जो देश विकास कर चुके हैं वे जमीनी स्तर पर लड़ने मे उतने सक्षम नहीं रह जाएंगे । वे बस टैक्नोलोजी के सहारे ही लड़ जाएंगे । बिना टेक्नोलोजी के वे कुछ भी नहीं कर पाएंगे ।

‌‌‌यदि इंसान की बनाई टेक्नोलॉजी को खत्म कर दिया जाता है तो उसके बाद क्या होगा ।तालिबान का अफगानिस्तान पर जो कब्जा हो गया है वह खुद नेचर ने नहीं करवाया है। वह कृत्रिम रूप से इंसानों ने किया है।

‌‌‌यही दशा भारत की भी होगी भारत के अंदर भी तालिबान जैसे किसी संगठन का कब्जा हो जाएगा । और यहां पर वही सारा इस्लामिका कानून चलेगा । हर इंसान को इस्लामिक ढंग से रहना होगा । हालांकि हम सब को चिंता करने की जरूरत नहीं है। इस प्रकार के संगठन बेहद ही खूंखार होते हैं और यहां पर शरिया कानून चलता ‌‌‌ है उसी के अनुसार सबको सजा देनी पड़ती है। जिस प्रकार से अफगानिस्तान मे महिलाओं और पुरूषों को अलग अलग पढ़ाया जा रहा है उसी प्रकार से भारत के अंदर भी ऐसा ही होगा ।

‌‌‌तो इस लेख के अंदर आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे कि कृत्रिम क्या है ? और नेचुरल क्या है ? कृत्रिम और नेचुरल का फर्क आपको समझ आ गया हो ।

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