‌‌‌  प्रलय  का विलोम क्या है pralay  ka vilom shabd kya hai ?

प्रलय  का विलोम शब्द या प्रलय  का विलोम, प्रलय  का उल्टा क्या होता है ? pralay ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
प्रलय सृष्टि
pralaysrsti

‌‌‌  प्रलय  का विलोम क्या है pralay  ka vilom shabd kya hai ?

‌‌‌दोस्तों यदि हम प्रलय के विलोम शब्द की बात करें तो इसका विलोम शब्द होता है सृष्टि । दोस्तों आपको यह पता होना चाहिए कि इस दुनिया के अंदर प्रलय और उत्पति का खेल तो हमेशा ही चलता ही रहता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।‌‌‌दोस्तों वैसे देखा जाए तो यह सब एक खेल ही होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इस दुनिया के अंदर रोजाना अरबों जीव पैदा होते हैं और इतने ही मर जाते हैं। मतलब यही है कि यहां पर जन्म और मरण का प्रयल का चक्कर तो हमेशा ही चलता ही रहता है। यह कोई आज की कहानी नहीं है।

प्रलय  का विलोम शब्द

‌‌‌यह सब सदा से होता आ रहा है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । दोस्तों आप यह ना समझें कि यहां पर जो कुछ भी पैदा हुआ है वह सदा ही अमर होगा । आपको बतादें कि यहां पर कुछ भी अमर नहीं है। सब कुछ एक ना एक दिन नष्ट होने वाला है। हर ‌‌‌ चीज का एक समय होता है। और यदि हम हमारी बात करें तो हम खुद हर क्षण मर रहे हैं। मतलब यही है कि हम खुद हर समय मरते जा रहे हैं। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । रोजाना हमारी जिदंगी के कुछ दिन कम होते ही जा रहे हैं।

‌‌‌अक्सर हम अपने जन्म दिन को मनाते हैं लेकिन हमारा हर जन्म दिन हमारी मौत को नजदिग करने का काम करता है। जन्मदिन का मतलब ही यही है कि हमारी मौत काफी नजदीग आती जा रही है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌इसलिए आप अपने जन्म दिन को मनाकर आपको अधिक खुश नहीं होना चाहिए । वरन आप नष्ट होने के और अधिक करीब होते जा रहे हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों आप यदि इंटरनेट पर सर्च करेंगे तो आपको पता चलेगा कि आज तक धरती पर असंख्य जीवों की उत्पति हो चुकी है और बहुत सारे मर चुके हैं। मतलब उनकी प्रजातियां अब यहां पर नहीं है। हम इंसानों की भी धरती पर कई सारी प्रजातियां हो चुकी हैं। आप इस बात को समझ सकते हैं। बस हम होमोसिपियंस ही बचे हैं।‌‌‌बाकि सारे दुनिया को छोड़कर जा चुके हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए यही आपके लिए सही होगा । दोस्तों इस दुनिया के अंदर सब कुछ सही होता है लेकिन हम सत्य को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं।‌‌‌यदि हम सत्य को स्वीकार कर लेते हैं तो उसके बाद हम पहले से काफी बेहतर ढंग से जी सकते हैं। लेकिन असल मे हम भ्रम के अंदर जीना चाहते हैं। हम सभी को भ्रम के अंदर जीने की आदत जो हो चुकी है। आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌तो यदि आपको भी भम्र के अंदर जीने की आदत हो चुकी है तो आपको यह सब आदत को बंद कर देना चाहिए । नहीं तो आपको नुकसान हो सकता है क्योंकि कभी ना कभी तो आपको सत्य से टकराना ही होगा । और जब सत्य से टकराना होगा तो फिर काफी नुकसान होगा ।

‌‌‌और उसके बाद आप सत्य को सहन नहीं कर पाएंगे । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा । तो दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह पसंद आया होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌उत्पति का अर्थ और मतलब

दोस्तों यदि हम उत्पति की बात करें तो उत्पति का मतलब होता है पैदा होना । जैसा कि हमने आपको बताया कि इस दुनिया के अंदर उत्पति का होना तय होता है आप इस बात को समझ सकते हैं। यदि इस दुनिया के अंदर उत्पति हो रही है तो उसके बाद विनाश भी होना तय होता है।

‌‌‌मतलब यही है कि उत्पति और विनाश का क्रम तो चलता ही रहता है। आप इस बात को समझ सकते हैं। और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । उत्पति और विनाश कोई नई चीज नहीं है। यह हमेशा की ही कहानी है। असल मे उत्पति होती है तो हम काफी अधिक खुश हो जाते हैं लेकिन जब विनाश हो जाता है तो उसके बाद ‌‌‌हम काफी अधिक दुखी हो जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । लेकिन यह बस एक क्रम है। इंसान का जो शरीर होता है वह तो कभी भी नाश हो सकता है। लेकिन उसकी जो आत्मा होती है उसका कभी भी विनाश नहीं होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌और हम दुखी क्यों होते हैं ? क्या आपने इसके कारण सोचा है ? यदि आपने इसका कारण नहीं सोचा तो इसका कारण शरीर होता है। हम खुद को शरीर समझने की गलती करते हैं। और यही कारण होता है कि हमको बार बाद दुख होता है।

‌‌‌लेकिन हकीकत यह है कि शरीर के होने या फिर ना होने के बाद भी हमें किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। इसका कारण यह है कि शरीर आमतौर पर मरने वाला है। या हम कह सकते हैं कि शरीर नासवान होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌शरीर तो नासवान होता है लेकिन यदि हम बात करें आत्मा की तो आत्मा नाशवान नहीं होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। इसलिए आपको चाहिए कि आप आत्मा को अपना समझें और आत्मा ही आपकी हमारी होती है।

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